सोनिया आंटी की चूत में लंड में फच फच की आवाज से मेरा लंड अंदर बहार हो रहा था. शीतल आंटी की चूत को चाटी जा रही थी इसलिए उसे भी बड़ा मजा आने लगा था. अब मैंने सोचा की क्यूँ ना सभी गरम चूत को लिया जाएँ. मैंने अपना लंड सोनिया आंटी की गरम चूत से बहार निकला. आरती आंटी तैयार ही थी अपनी चूत को चुदवाने के लिए. लेकिन मैंने कहा, चलो आप तीनो उलटी लेट जाओ और मैं एक एक को चोदुंगा बारी बारी. यह सुनकर यह तीनो को बड़ा मजा आ गया. और वो तीनो फट से अपनी बड़ी बड़ी गांड दिखाती हुई उलटी लेट गई मेरे सामने. सब से पहले आरती लेती उसके बाद शीतल और सोनिया आंटी. मैंने आरती की गांड को फाड़ा और उसके चूत के छेद के ऊपर ढेर सारा थूंक दिया. आरती आंटी की आह निकल गई. मैंने फिर अपने लंड के सुपाड़ें ओ थूंक से गिला किया और उसे चूत के ऊपर रख दिया. गरम चूत के ऊपर खड़ा लंड रखने का मजा ही कुछ और था. आरती आंटी ने अपने हाथ से अपनी गांड चौड़ी कर दी और मैंने एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में घुसेड दिया. आंटी आह आह करने लगी और मैं उसकी गांड को पकड के अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा.
मेरा लंड इस गरम चूत को जोर जोर से चोदने लगा. सोनिया और शीतल आंटी मुझे देख रही थी जब मैं आरती को ठोक रहा था. मैंने आरती को 5 मिनिट चोदा और देखा की शीतल और सोनिया अब बेताबी से अपनी चूत मरवाने की राह देख रही हैं. शीतल आंटी ने तो अपने बूब्स पकड के उन्हें मसलना और निप्पल्स को चूसने का प्रयास भी चालु कर दिया था. तीनो ही बड़ी चुदासी थी जिन्हें मैं अपने लंड का मजा दे रहा था पिछले पौने घंटे से. आरती आंटी की गरम चूत को कुछ देर और चोदने के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया. अब बारी थी दूसरी आंटी जी की. सोनिया, आरती के बाद अब बारी थी शीतल आंटी की चूत की प्यास बुझाने की. मैंने शीतल आंटी की गांड के ऊपर थूंक के उसकी चूत को चिकना किया, गांड पे गिरा हुआ थूंक निचे उसके चूत के छेद पर ही जा रहा था. फिर मैंने अपने लंड को चूत पर रख दिया और उसके मुहं से आह निकल पड़ी. लंड की गरमी से आंटी जी को बड़ा मजा आ गया था.
आंटियों की गांड मारी
आह आह करती हुई सोनिया आंटी अपनी गांड मरवाती गई और अपनी गरम चूत को ऊँगली से हिला के चूत को भी मजे देती गई. मैं झड़ने वाला था लेकिन मैंने फट से अपना लंड निकाल लिया. भला मैं बाकी की दोनों आंटी की गांड ना मार के उन्हें अन्याय नहीं करना चाहता था. सोनिया आंटी के बाद मैंने आरती और शीतल दोनों की गांड बजाई. जब मेरी छुट हुई तो मैं लंड हिला रहा था और तीनों आंटियां मुह खोल के खड़ी थी. सभी ने मेरे लंड को चूस के एक एक बूंद वीर्य को पी डाला. तीनो आंटी की गरम चूत और गांड को संतृप्त करने के बाद मैं बहुत ही थक चूका था….! सच में एक बड़ा ही सुखद अनुभव था इन आंटियों के साथ ग्रुपसेक्स का मजा ले के. मित्रो आप को यह कहानी कैसी लगी वो मुझे कमेन्ट कर के जरुर बताना…!
शीतल आंटी ने पीछे हाथ कर के मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे रगड़ने लगी चूत के ऊपर ही. मैंने देखा की उसकी चूत से बहुत सारी चिकनाहट निकल के मेरे लंड के सुपाड़ें पर लग रही थी. आंटी ने फिर लंड को गाइड किया चूत के छेद के ऊपर और मैंने एक ही झटके में लंड पूरा के पूरा उसकी चूत में पेल दिया. आंटी ने आह की आवाज निकाली और वो थोड़ी ऊपर हो गई. अब वो अपनी गांड हिला रही थी और मैं अपनी कमर. मेरा लंड आंटी की गरम चूत के अंदर बहार हो रहा था और हम चारों के चारों उत्तेजना के पुर में बहने लगे थे. शीतल आंटी की चूत बाकी दोनों आंटी के मुकाबले में टाईट थी जिसे मुझे चोदने में बड़ा मजा आ रहा था. वैसे भी टाईट चूत में चोदना एक लहावा ही होता हैं किसी के लिए भी. आंटी अपनी गांड और भी जोर जोर से उठा के लंड पर मारने लगी और मैं फच फच कर के उसकी चूत को और भी जोर से चोदने लगा. आह आह की आवाज से पूरा कमरा गूंज चूका था और हम दोनों ही पसीने से भीग रहे थे. मैंने शीतल आंटी को पांच मिनिट और चोदा और फिर सोनिया आंटी की गरम चूत का ख्याल कर के मैंने अपना लंड निकाल लिया.
सोनिया आंटी तैयार ही बैठी थी. मेरे थूंक निकालने से पहले ही उसने अपनी ऊँगली पर थूंक निकाल लिया था. वो थूंक से अपनी चूत को मलने लगी. उसको घुटनों के ऊपर सेट कर के मैंने पूरा कुतिया बना दिया. मेरी नजर तभी उसकी गांड के ऊपर पड़ी. गरम चूत की जगह मैं गांड में देने का मन बना बैठा था. मैंने धीरे से पूछा, आंटी पिछवाडा बड़ा सही हैं आप का. कहो तो पीछे पेल दूँ.
सोनिया आंटी: बहुत दर्द होता हैं पीछे तो, गांड फट जाती हैं जैसे. और तेरा लंड तो काफी मोटा हैं ऊपर से.
मैंने कहा, अरे आंटी धीरे से करूँगा.
यह सुन के शीतल और आरती दोनों ही हंस पड़े. सोनिया आंटी ने फिर थूंक निकाल के अपनी गांड को चिकनी बनाई. गरम चूत को छोड़ के अब मैंने अपने लंड को गांड पर रख दिया. आंटी ने कुल्हें फाड़े और मैंने धीरे से लंड को अंदर पेला. आह आह बहुत दर्द हो रहा हैं की आवाज से सोनिया आंटी झुक गई. मेरे लंड पर भी गांड की सख्ती का मजा आने लगा था. मैंने मुश्किल से लंड को गांड में पेल दिया. सोनिया आंटी अपनी गरम चूत को ऊँगली से सहलाने लगी और मैंने पूरा लंड उसकी गांड में ठोक दिया. बाप रे आंटी की गांड तो बड़ी गरम थी.