बड़ी गांड के बड़े जलवे।
हेलो दोस्तों क्या इधर बीच किसी बड़ी गांड की सवारी गांठी की नहीं। अगर नहीं गांठी तो तैयारी कर लीजिए चोदने की कोई दमदार हसीन मस्त और नाजनीन गांड क्योंकि जो मजा गांड मारने में है वो शाय्द ही चूत मारने में हो। चूत मारने से ज्यादा मजा आता है किसी बड़ी गांड के टाईट छेद को चोदने में क्योंकि पहाड़ सी गांड का मानमर्दन करना एक अलग मजेदार विषय है और इसलिए सच ओत ये है कि इस प्रकार से गांड को चोदने में जिस तरह की आनंद की अनुभूति होती है वो दुर्लभ होती है।
कहानी है रानू की जो हमारे कोचिंग इंस्टीट्यूट में साथ पढती है और मेरे साथ इंजिनीयरिंग की कोचीन्ग कर रही है। इतनी मस्त बदन और मस्त जवानी के साथ उसके शरीन्र का सबसे अच्छा फीहर है जो वो है उसकी बड़ी गाँड। और इसलिए वो जानी जाती है अपने हसीन चाल के साथ हिलाती हुई मटकाती हुई उस मस्त मस्त मशीन को जो बड़े से बड़े लौंडों के रस पल भर में निकाल कर के फेक द्दे। बस चाहिए उसको एक हजार रुपये और फिर वो खोल देती है अपने गांड का दरवाजा। सच कहूं तो गरीब घर की बेटी रानू अपने पार्ट टाइम इन्कम के लिए पैसे के लिए कुछ चुनिंदा लोगों के पास सोने जाया करती है और इसलिए, उसको चाहिए कि कोई उसका राज न खोले भले ही उसकी स्कर्ट खोल के उसकी बड़ी गांड मार ले।
खैर दोस्तों इस काम में उसका ब्वायफ्रेंड उसकी मदद करता है और इस पैसे से दोनों ही ऐश करते हैं। सच कहें तो वो अपने जीएफ के लिए नये नये और विश्वसनीय ग्राहक खोजता है जो कि उसको बदनाम न करें और पेल कर साईड हो जाएं। और इस काम मेंउसकी मदद करते हैं होटल वाले। सच कहूं तो मेरे बाप का भी एक होटल है जहां कि नये नये पूंजिपति और पैसे वाले लोग आया जाया करते हैं। इस बार उसने मुझसे कहा कि तू अपने होटल में नये नये बाहरी लोगों से इसकी सेटिंग करा दे और मैं भी तेरे को एक बार इसको चोदने का मौका दूंगा।
सच कहूं तो रानू की मस्त गांड मेरे दिमाग में पहले से चढी हुई थी। छत्तीस की गोरी गांड और मस्त चूत की मालकन रानू को कौन न चोदना चाहे। इसलिए रानू अपनी जवानी को छुपाने के लिए हमेशा बड़ी बड़ी और ढीली सलवार पहनती थी, पर जब ग्राहकों के पास जाती थी तो टाईट जींस और छोटी टाप पहन करके अपना उभार कर के जाती थी।
और फिर मिली मुझे रानू की पिछली सीट
आखिर में, कि मैने उसकी सेटिंग करा दी, और फिर, देखते ही देखते, एक दिन उसने मुझे फोन किया कि भाई तेरा इन्सेंटिव रेडी है कहो तो भेज दूं। मैने अपने होटल में ही बुला लिया और फिर रानू उस दिन एक दम परियों की तरह सज धज के आई थी। उसकी बड़ी मस्त चूंचियां और पतली कमर, उस पर से गोरी गोरी चमड़ी और फिर कातिल अदाएं, किसी बुड्ढे के ढीले लंड में भी जान फूंक सकती थीं।
आखिर कार मेरे रुम में आते ही रानू ने दरवाजा अंदर से लाक कर दिया और फिर अपनी टाप उतारकर अपने मस्त चूंचों को अपने हाथों से पकड़ती हुई बोली, लोगे। बहुत दिनों से देख रही हू कि कोचिंग में इनको छूनेकी कोशिश करते रहते हो। तो लो आज तुम्हारी बारी आ ही गयी। और उसने अपने चूंचो को मसलते हुए इस अदा से मेरे सामने सेक्सी सेक्सी बातें करनी शुरु कर दीं कि बस मेरा लंड फनफनाने लगा। मैने अपना पैंट खोल कर के लंड बाहर निकाल कर फट्कारा और कहा कि आ जाओ साली, लो चूस लो मेरे लंड को। वो अपने दोनों चूंचे लेकर के आई और उनके बीच में मेरे लंड को जकड़ के बोली, अब बोलो कैसा लग रहा है। इस बात पर मैने कहा, अबे कुतिया, चल अपनी बड़ी गांड दिखा, इससे काम न चलने वाला
हंसके बोली, मेरी बड़ी गांड तो सिर्फ प्रीमियम रेट्स् पर एबेलेबल है बाबू, फिर भी चलो मेरे दोस्त हो इसलिए फुल मस्ती करा दूंगी। और उसने अपनी टाईट जींस उतार दी। साली ने जींस के नीचे कुछ भी न पहना था।
अपनी मस्त बड़ी गांड मेरे मुह के सामने लाकर मेरे नाक में सटाती हुई बोली ‘ सूंघो तो खुश्बुदार है ना। मैने कहा हां बे साली खुश्बुदार तो है पर अब चुदने के लिए तैयार होजा। और उसने अपनी गांड खड़े खड़े दोनों हाथों की उंगलियों से खींचते हुए खोल दी और बोली ‘ लो चोदो मेरे गांड को’ मैं खड़ा हुआ और पीछे से उसके चूंचो को पकड़ कर के और उसके गर्दन और कान को चूसते हुए उसकी गांड में लंड घुसेड़ दिया।
खेली खायी गांड थी साली की, आराम से लंड अंदर घुसा और घुसता ही चला गया। मैने उसकी कमर एक हाथ से पकड़ के बड़ी गांड के टाईट छेद में धक्के मारने शुरु किये और वो मस्ताती हुई कमर हिलाते हुए खुद भी सहयोग करने लगी। गाँड मारना तो सहयोग का ही विषय है। सच है और उसने अपनी बड़ी गांड के दोनों फांकों को कुछ इस तरह से सिकोड़ कर इतना कठोर ग्रिप बनाया कि जल्द ही लगा कि मैं झड़ जाउंगा। मैने फिर अपना लंड उसकी बड़ी गांड से बाहर खींचा और उसके मुह में डाल दिया।
गांड से निकले बड़े लंड को जो कि खुश्बूदार हो रहा था, रानू ने बड़े ही चाव से चाटा और फिर अपनी जीभ उसके सुपाड़े पर रगड़ रगड़ कर लंड को फिर से रिलैक्क्स कर दिया। मैं तो सिर्फ उसकी गांड मारने के चक्कर में ही था इसलिए मैने फिर दुबारा से उसके बड़ी गांड में लंड कोंच दिया। आह्ह और उफ्ह करती हुई रानू ने मुझे फिर उत्साहित किया कि मैं उसकी गांड की बखिया उधेड़ दूं। देखते ही देखते मैने उसकी गांड की गहराई को पूरा ही नाप दिया और वो एक दम से मस्त होकर अपनी बड़ी गांड नचा नचा कर के लंड को अंदर लेने लग गयी। इस बार गांड मरौव्वल का संगीत फचाफच और खचाखच जोरों शोरों से सुनाई दे रहा था। जल्द ही उसकी बड़ी गांड मेरे वीर्य से लबालब भर चुकी थी।