दुखयारी साली
मैं शाम छः बजे दफ्तर से छूटा अपनी साइकिल ली और अपने निवास स्थान की ओर चल पड़ा / बस स्टेंड के पास पहुंचा तो देखा मेरी साली कामिनी बस से उतर रही है / मैंने उसे साथ में लिया और अपने रूम की ओर चल पड़ा / मेरा रूम दूसरी मंजिल में था / साइकिल नीचे रखी और साली के साथ ऊपर चला गया / रूम में ताला लगा था / मैंने ताला खोला और कामिनी सहित अन्दर चला गया / कामिनी ने पूछा जीजा जीजी कहाँ है ? मैंने कहा वह दो तीन दिन के लिए गाँव गई है , जल्द आ जाएगी / कामिनी ने अपना झोला रखा और मेरे कंधे पर अपना सिर रख कर सिसकने लगी / असल में दो महीने पहले कामिनी के बच्चा पैदा हुआ था किन्तु वह पैदा होते ही मर गया था / मैंने उसकी पीठ पर अपना हाथ फिराते हुए उसे समझाया कि अभी जिन्दगी बहुत पड़ी है / तू और तेरा पति बना रहे तो बच्चे आ ही जायेंगे / मैं उसकी पीठ पर हाथ फिराते फिराते उसके दोनों पोंदों पर भी हाथ फिराता रहा और फिर गोद में सीधे बैठाकर उसके स्तनों पर भी हाथ फिराने लगा / उसकी गांड मेरे लंड के ऊपर थी / उसने कोई एतराज नहीं किया / बोली जीजा मेरा बेटा बिलकुल स्वस्थ पैदा हुआ था , न जाने क्यों मर गया / मैंने उसे ढाढस बंधाया / मैंने कहा कामिनी मैं मेडिकल स्टोर से तुम्हारे लिए टॉनिक आदि ले आता हूँ / कुछ नाश्ता भी लेता आऊंगा / घर में फिर थोडा भोजन बना लेंगे / ऐसा कहकर मैं रूम से चला गया और कामिनी के लिए कुछ टॉनिक की शीशियाँ , टेबलेट और नाश्ता लेकर वापस आ गया / तब तक कामिनी ने रोटियां सेंक ली और सब्जी बनाने लगी /
भोजन आदि से निवृत होकर कामिनी ने पुनः बच्चे के विषय में अपना दुखड़ा बताया / रात्रि के दस बज चुके थे / ऊपरी मंजिल में केवल मेरा ही कमरा था / अन्दर से दरवाजा बंद कर हम पलंग पर बैठ कर एक दूसरे से सुख दुःख की बातें करते रहे / उसको मैंने अपनी गोद में बैठा लिया / वह मेरी गोद में बैठी थी और मेरा लंड उसकी गांड से सटा हुआ था / मैंने उसके स्तनों को सहलाते हुए कहा –कामिनी ये जो टोनिक मैं लाया हूँ तुम नियमित रूप से लेते रहना / और हाँ तीन चार दिन जब तक मेरे पास हो और जब तक तुम्हारी जीजी नहीं आ जाती तुम मेरे लंड को चूस लिया करो और जो वीर्य तुम्हारे मुंह में गिरे उसे निगल लिया करो , पी लिया करो / वीर्य बहुत उपयोगी टॉनिक होता है ,इससे तुम्हारी कमजोरी जल्द ठीक होगी / उसने पूछा जीजा क्या वीर्य पी लेने से सही में कमजोरी दूर हो जाएगी / मैंने कहा हाँ जब मैं तुम्हारी जीजी के मुंह में लंड डाल कर मुख मैथुन करता हूँ और तुम्हारी जीजी के मुंह पर अपना पूरा वीर्य छोड़ता हूँ तब वह पूरा वीर्य गटक लेती है , इसीलिए तुम्हारी जीजी स्वस्थ , भली चंगी है / इतना सुनने के बाद कामिनी ने कहा ठीक है और वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी / मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया / मैंने कहा कामिनी तुम सीधी चित्त लेट जाओ / मैं तुम्हारे मुंह में लंड डाल कर तुम्हारे मुंह को चोदूंगा / इससे मुझे आनन्द भी आएगा और मेरा लंड तुम्हारे मुंह में पूरा वीर्य भी छोड़ देगा जिसे तुम आसानी से गटक सकोगी /
कामिनी पलंग पर चित्त लेट गई / मैंने अपने दोनों घुटने उसकी दोनों बाँहों के बीच कंखरी के पास रख कर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसके मुंह को चोदने लगा / मैंने लंड बाहर निकाल कर पूछा – कामिनी मैं तुम्हारा मुंह चोद रहा हूँ , तुम्हें ठीक लग रहा है की नहीं / कामिनी ने कहा –ठीक लग रहा है किन्तु मेरी बुर भी चाह रही है कि लंड उसे चोदे ,लेकिन कोई बात नहीं मुझे तो आपका वीर्य रुपी टानिक पीना है / मैंने फिर से अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और उसके मुंह की चुदाई करने लगा / मैंने उसका सिर उठाकर पूरी तरह अपने लंड से सटा लिया / मेरा लंड उसकी गर्दन में स्थित कौवे में जाकर लगने लगा / वह कुछ अकबकाई किन्तु पूरी तरह अपना मुंह खोले रखा / अंत में जब मुंह चुदाई की यह प्रक्रिया अपने चरम पर पहुंची तब मेरे लंड ने अपना पूरा वीर्य उसके मुंह में उगल दिया / कामिनी उस वीर्य को गटक गई, और मेरे लंड में जो वीर्य लगा हुआ था उसे भी बड़े चाव से अपनी जीभ से चाट कर मेरे लंड को साफ़ कर दिया /
मैं और कामिनी पलंग में एक दूसरे से लिपट गए / मैंने पूछा –कामिनी मैंने तुम्हारे मुंह को चोदा , तो तुम्हारी बुर चुदने को जरूर ललक रही होगी / कामिनी ने कहा –हाँ जीजा अब मेरी चूत भी चाहती है कि उसे चोदा जाये / मैंने कहा –सही बात है जब मैं तुम्हारी जीजी के मुंह को चोदता हूँ तो उसकी बुर भी चुदाई को तैयार हो जाती है / ठीक है एक घंटा आराम कर लें फिर मैं तुम्हारे भोसड़ा को भी चकनाचूर करता हूँ / कामिनी ने करवट लिया /अपनी साडी को अपने पोंदों से ऊपर सरका लिया और अपनी गांड को मेरे लंड से टिका दिया और कहा –जीजा तब तक मेरे स्तनों को मसलो / उसके स्तनों को दबाते दबाते हम दोनों की नींद लग गई / नींद खुली तो रात्रि के तीन बज चुके थे / मैंने कामिनी को कहा की अब तू पट्ट होकर लेट जा अभी मैं तेरी गांड चोदूंगा / कामिनी पट्ट लेट गई / मैंने अपने लंड में तेल लगाया और उसकी गांड में भी तेल लगाया / उसने कहा जीजा ऐसे लेटे लेटे चुदाई मत करो / मैं कुतिया की पोजीशन में हो जाती हूँ और आप कुत्ते की पोजीशन में होकर मेरी गांड चोदो / वह अपने दोनों घुटने और दोनों हाथों के बल होकर अपनी गांड उंघार कर तैयार हो गई और मैं कुत्ते के समान होकर उसकी गांड में अपना लंड घुसेड दिया / मैं उसकी गांड में अपना लंड सटासट भीतर बाहर करता रहा / अंत में उसकी गांड में मैंने अपने लौड़े का पूरा वीर्य गिरा दिया / फिर हम दोनों बिस्तर में लेट गए / उसने कहा जीजा जैसी चुदाई आप करते हैं ऐसी चुदाई मेरा पति कभी नहीं करता / वह तो मेरी बुर में लंड डाल कर धक्के लगाता है और वीर्य गिराकर निढाल होकर सो जाता है / आप तो कई प्रकार से चुदाई करते हैं / मैंने कहा कामिनी मैं दोपहर में लंच में रूम में आऊंगा तब तुम्हारी चूत की मुलाकात अपने लंड से कराऊँगा / कामिनी ने कहा जीजा जैसी आपकी मर्जी / जब तक जीजी नहीं आती या मेरा भोंदू पति मेरे को लेने नहीं आता तब तक आप जैसा चाहें वैसी मेरी चुदाई करें / मैंने कहा –कामिनी मैं दोपहर में ढाई बजे , रात में ग्यारह बजे और रात्रि में ही साढ़े तीन चार बजे तेरी बुर की चुदाई किया करूंगा / मैं तुझे और टॉनिक ला दूंगा और मैं भी शक्ति वर्धक टॉनिक लेता रहूँगा ताकि हम लोगों का शरीर कमजोर न हो / कामिनी ने कहा –ठीक है जीजा / दस बजे मैं ड्यूटी चला गया /
लंच पीरियड में जब मैं कमरे लौटा तो वह मेरी प्रतीक्षा कर रही थी / मैंने कमरे का दरवाजा और खिडकिया बंद कर दी / मैंने कहा अब तुम पलंग पर लेट जाओं / मैं तुम्हारी चूत का मुआवना करना चाहता हूँ वह पलंग पर लेट गई अपनी साडी ऊपर को सरका दी / और बोली ध्यान से देख लीजिये मेरी चूत , और हाँ इतने से काम नहीं चलेगा मैं भी आपके लम्बे मोटे लंड का मुआवना करूगी आप अपना लंड दिखाइए / मैं उसकी चूत में हाथ फिराने लगा और वह मेरे लंड को चूमने लगी / उसने कहा – जीजा रात को आपने मेरे मुंह को चोदा और भूनसारे मेरी गांड फाड़ी अब मेरी चूत की बारी है / अभी दो महीने पहले डिलेवरी हुई थी / आप मेरी बुर में लंड डाल कर चेक कर लो ,बुर में कडापन आया है की नहीं / मैंने फ़ौरन उसकी दोनों टाँगे अपने कंधे पर रखी ,अपनी दोनों अंगुलियाँ लगा कर उसकी चूत को फैलाया और अपना लंड सटाक से उसकी चूत में घुसेड दिया / उसने अपने सिरहाने रखे तकिये पर एक तकिया और रख लिया और नजर गड़ाकर अपनी बुर में घुसते हुए मेरे लंड को देखने लगी / लंड का बार बार बुर में घुसना और बाहर निकलना उसे बहुत अच्छा लग रहा था / चोदते चोदते मेरी रफ़्तार बढ़ गई और वह भी कहने लगी जीजा जल्दी जल्दी चोदिये ,आपकी साली हरामिन कुतिया जी भर कर चुद जाना चाहती है / थोड़ी देर बाद उसकी बुर मेरे वीर्य से भर गई / मैं भी शांत हो गया और वह भी शांत हो गई / चूंकि पहले भी कई बार उसको चोद चूका था अतएव अब चोदने चुदवाने या किसी प्रकार की बात करने में कोई शर्म नहीं रह गई थी / कुछ मिनटों बाद मैं आफिस चला गया /
शाम को दस ग्यारह बजे मैंने उसे पलंग पर लिटाया और उसके दोनों स्तनों के बीच अपना लंड रख कर , उन स्तनों से अपने लंड पर दबाव बनाकर उसके सीने में घर्षण करता रहा / जब मेरा वीर्य गिरने को हुआ तो मैंने कहा कामिनी अपना मुंह जल्दी खोलो / उसने मुंह खोला / मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और पूरा वीर्य उसके मुंह में गिरा दिया / वह पूरा वीर्य टानिक के चक्कर में गटक गई / यह सब तीन चार दिन तक चलता रहा / जैसा मन चाहां वैसे उसे चोदता रहा और वह चुदती रही / एक दिन आफिस जाने के पहले श्रीमती जी गाँव से आ गई उसी शाम मेरी साली का पति भी उसे लेने आ गया / साली के पति को कोई शक नहीं हुआ की जीजा साली दो चार दिन से ऐश कर रहे थे / वह समझ रहा था कि उसकी पत्नि की बड़ी बहिन यहाँ थी अतः उसकी पत्नि साफ़ पाक रही होगी / दूसरे दिन वह साली को लेकर चला गया /
शाम को जब मैं और मेरी श्रीमती साथ में बिस्तर पर लेटे तो उसने मुझसे कहा कि आपने तीन चार दिन तो बहुत गुलछर्रे उडाये होगे / मैंने कहा कि हाँ / पत्नि ने कहा क्या आपने कामिनी की बुर चोदी , मैंने कहा –हाँ / क्या आपने कामिनी की गांड मारी , मैंने कहा हाँ / क्या आपने उसके मुंह में लंड डाला , मैंने कहा हाँ / क्या उसके मुंह में वीर्य गिराकर उसे वीर्य निगलवाया मैंने कहा हाँ / क्या उसकी छाती पर अपना लंड रखकर स्तन मसलते हुए चुदाई की / मैंने कहा हाँ / क्या आपने उसे घोड़ी बनाकर और घोड़े की पोजीशन लेकर सेक्स किया / मैंने कहा हाँ भाई हाँ / कम से कम तीन बार उसकी चुदाई करते रहे होगे / मैंने कहा श्रीमती जी आप तो सब जानती हैं / कई बार तो आपके ही सामने उसकी चूत में लंड डाला है और उसने कहा है कि जीजी देखो जीजा मेरी बुर में जबरन लंड डाल रहे हैं जबकि वह स्वयं चाहती थी की मैं उसको चोदूं / अब तुम बताओ जब वह स्वयं मुझसे चुदना चाहती है तो मैं क्या करूं मुझे तो उसे चोदना ही पड़ेगा / श्रीमती ने कहा –तुम महा बेशरम हो जी , आपकी बातें सुनकर मेरी चूत भी पसीज गई / चलो अब मुझे चोदो / और मैं श्रीमती जी की बुर में अपना लंड पेलने लगा /