दोस्त की बीवी को दोनों तरफ से चोदा

हैल्लो दोस्तों, में हैदराबाद का रहने वाला हूँ और मैंने भी अपनी एक सच्ची कहानी को आप सभी तक पहुँचाने का विचार बनाया, जो मेरे एक दोस्त की पत्नी की है और जिसमें मैंने उसको बहुत जमकर चोदा और उस चुदाई के बाद अब वो भी मुझसे बहुत जमकर चुदाई करवाती है, क्योंकि मैंने उसको चुदाई का वो सुख दिया जिसके लिए वो बहुत सालों से तरस रही थी और हम दोनों की चुदाई उसके पति के कहने पर हर कभी वैसे ही चलती रही और अब आप उसके बारे में पूरी तरह विस्तार से सुनिए और मज़े लीजिए.

दोस्तों मेरा एक बहुत पक्का दोस्त है जिसका नाम अनिल है और मेरे उस दोस्त की शादी कुछ सालों पहले हो चुकी है और उसकी पत्नी का नाम स्नेहा है, वो बहुत ही हॉट और सेक्सी है और उसको सेक्स करने का बहुत शौक है, उसकी चूत में चुदाई की खुजली हमेशा उसको परेशान करती है, इसलिए वो लंड लेकर उसको मिटाने का मौका देखती रहती है और इसलिए वो हर वक़्त सेक्स के मूड में रहती है

उसकी उम्र करीब 26 साल है और उसका फिगर का आकार तो आप पूछो मत, उसके वो गोल गोल गोरे बूब्स, गोल गोल मोटी गांड और उसकी चूत के बारे में तो आप पूछो ही मत वो क्या मस्त ग़ज़ब की है जो हमेशा बिना बालों की बिल्कुल चिकनी साफ रहती है और उसका पूरा जिस्म जोश से भरा हुआ बड़ा ही आकर्षक लगता है, जिसको देखकर किसी बूढ़े का भी लंड तनकर खड़ा हो जाए ठीक वैसा ही हाल पहली बार उसके कामुक जिस्म को देखकर मेरे भी लंड का था, लेकिन वो मेरे दोस्त की पत्नी थी और यह बात सोचकर में पीछे हट गया वरना में तो उसको पहली बार में ही उसके साथ उसकी चुदाई के सपने देखने लगा था.

दोस्तों अनिल और स्नेहा ने अपनी मर्जी से शादी की थी और उनके अब दो बेटे भी थे जो उनकी शादी के करीब दो साल बाद ही हो गए थे, मेरी उम्र 29 साल है और मेरे दोस्त की उम्र 32 साल है. में अक्सर उनके घर चला जाता था और वो भी मेरा बहुत ध्यान रखते थे. में और मेरा दोस्त कभी कभी मौका मिलने पर सेक्सी फिल्म भी एक साथ में बैठकर देखते थे और उसकी पत्नी दूसरे रूम से हम दोनों को देखा करती थी और में कभी कभी तो उसके साथ सेक्स करने के लिए बड़ा ही जोश से भरा रहता था.

एक दिन में हर दिन की तरह अपने दोस्त के घर पर चला गया और फिर हम दोनों ने हमेशा की तरह उस दिन भी साथ में बैठकर सेक्सी फिल्म देखी. फिर रात को खाने के समय मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि आज हम दोनों कहीं बाहर किसी होटल में चलकर आज का खाना वहीं पर खाएगें और हम दोनों वहां पर चले गये और जाते समय रास्ते में उसने मुझसे कहा कि मेरी एक समस्या है अगर तू उसको हल कर दे तो उससे तेरी भी समस्या अपने आप हल हो जाएगी.

मैंने उससे पूछा कि हाँ तुम मुझे बताओ कि वो क्या बात है? तुम्हारी ऐसी क्या परेशानी है जिसकी वजह से मेरी भी समस्या हल हो सकती है? अब उसने मुझसे कहा कि उसकी पत्नी उसके साथ सेक्स करके कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होती और वो हर समय मुझसे सेक्स चाहती है. में कब तक उसकी वो प्यास बुझाऊँ और उसकी उस इच्छा को पूरा करूं?

में हर दिन लगातार उसके साथ ऐसा नहीं कर सकता, लेकिन उसको तो हर दिन मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े चाहिए और वो अब में उसको नहीं दे सकता और वैसे सेक्स करने के लिए तू भी हमेशा परेशान है, तू मुझे पहले भी यह बात बता चुका है तो तू मेरी पत्नी के साथ सेक्स कर ले, उसकी वजह से तेरी भी समस्या खत्म हो जाएगी और मेरी भी परेशानी बहुत दूर चली जाएगी.

अब मैंने उससे पूछा कि क्या तेरी पत्नी मेरे साथ यह सब करने के लिए तैयार हो जाएगी? तब उसने कहा कि हाँ वो उसको कैसे भी समझाकर इस काम के लिए मना लेगा और फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है में उसके साथ यह सब करने के लिए तैयार हूँ अगर वो भी तैयार हो जाए तो मुझे इस काम को करने में किसी भी तरह की कोई भी आपत्ति नहीं होगी.

फिर हम दोनों कुछ देर और बातें करके खाना खाकर उसके घर पर आ गए और फिर घर पर पहुंचकर देखा कि स्नेहा ने भी हमारे आने से पहले खाना खा लिया था. दोस्तों में आज उसको अपनी बदली बदली नज़र से देख रहा था तो मुझे लगा कि हाँ वो सही में बड़ी हॉट सेक्सी है जैसा मेरे दोस्त ने उसके बारे में मुझे बताया था, उसका क्या मस्त फिगर था.

अब हम दोनों ने फिर से सेक्सी फिल्म देखना शुरू किया, लेकिन इस बार अनिल ने अपनी पत्नी स्नेहा को भी हमारे साथ ही बैठने को कहा तो उसने कुछ आना कानी करने के बाद वो हमारे साथ वो फिल्म देखने के लिए तैयार हो गई, लेकिन वो एक तरफ बैठी हुई थी और मेरा दोस्त अनिल हम दोनों के बीच में और में भी एक तरफ बैठा हुआ था.

दोस्तों वो फिल्म बहुत ही सेक्सी और जोश से भरी हुई थी और उसको कुछ देर देखकर ही मेरा तो लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था, जिसको में बार बार अपने कपड़ो में छुपा रहा था और स्नेहा भी उस फिल्म को हमारे साथ बैठकर देखकर बहुत शरमा रही थी, लेकिन वो फिल्म को देख रही थी. दोस्तों उसने उस समय बड़े आकार की जालीदार मेक्सी पहनी हुई थी जिसके अंदर से मुझे उसकी काले रंग की ब्रा और पेंटी साफ साफ नजर आ रही थी इसलिए में अब उस फिल्म को कम और स्नेहा को ज्यादा देख रहा था.

मेरी नजर बार बार उसके गोरे सेक्सी जिस्म पर जाकर अटक रही थी और में उसको अपनी खा जाने वाली नजरों से लगातार घूरकर देख रहा था, तभी इस बीच अनिल ने समझकर मुझे अपने और उसकी पत्नी के बीच में बैठा लिया और उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि तुम दोनों बिल्कुल फ्री होकर यह फिल्म देख ना.

दोस्तों अब मुझे लगने लगा था कि स्नेहा भी शायद मेरे साथ वो सब करने के लिए तैयार थी और अब मैंने खुद को तैयार किया और मैंने अपना एक हाथ स्नेहा के कंधे के ऊपर रख दिया, लेकिन स्नेहा ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और उसकी तरफ से मुझे बिल्कुल भी विरोध जैसी कोई भी बात नहीं लगी और वो मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराने लगी थी.

तो में उसका वो इशारा तुरंत समझ गया और अब में हिम्मत करके धीरे धीरे उसकी मेक्सी में अपने हाथ को डालकर उसके गरम जिस्म को छूकर महसूस करने लगा था. उसका वाह क्या मस्त बदन था उउफ़फ्फ़ वो बिल्कुल गरम बड़ा ही चिकना था और उसको छूकर मेरी हिम्मत अब पहले से ज्यादा बढ़ गई और कुछ देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद मुझसे अब बिल्कुल भी रहा नहीं गया और स्नेहा भी सेक्स की भूख की वजह से पहले से ज्यादा गरम हो गई थी.

अब अनिल ने स्नेहा को भी अपनी तरफ से कुछ इशारा दिया और उससे फ्री होने के लिए कहा तब अनिल हम दोनों को देख रहा था और वो दोनों पति पत्नी ना जाने किस सोच विचार में थे, लेकिन तभी अचानक से अनिल ने मेरा एक हाथ पकड़कर स्नेहा के गोलमटोल मुलायम बूब्स पर और स्नेहा का एक हाथ पकड़कर मेरे तनकर खड़े लंड पर रख दिया ऊऊफ्फफ्फ़ दोस्तों वो क्या अहसास था. में आप सभी को अपने किसी भी शब्द में लिखकर नहीं बता सकता कि में उस समय का महसूस कर रहा था?

अब मैंने टीवी पर से अपनी आखों को हटा दिया और हिम्मत करके स्नेहा के होंठो पर किस करने लगा था वो भी अब तक बहुत गरम हो चुकी थी और इसलिए उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया था. में उसको किस करते करते उसके बूब्स पर आ गया और में उसके कंधो और गले पर किस करने लगा था और जब मैंने उसके बूब्स को दबाया तो मानो दोस्तों मुझे ऐसा लगा जैसे कि में बूब्स को नहीं बल्कि किसी रुई के मुलायम और नरम बिस्तर को दबा रहा हूँ.

मेरे ऐसा करने से स्नेहा के मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी और वो अब एकदम बेचैन हो गई. फिर मैंने अब उसकी मेक्सी को तुरंत उतार दिया था और वो अब मेरे सामने सिर्फ़ काले रंग की पेंटी और ब्रा में थी और उसके वो उभरे हुए बूब्स भी अब बाहर आने को बड़े बेचैन थे. मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और मैंने उसको वहीं फर्श पर लेटा दिया और अब में पागलों की तरह लगातार स्नेहा को किस कर रहा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.

अब मैंने उसकी ब्रा को उतारना चाहा, लेकिन उसने मुझे ऐसा करने से रोक दिया और वो मेरी पेंट को उतारने लगी थी. फिर मैंने अपनी पेंट और टी-शर्ट को उतार दिया था, जिसकी वजह से में सिर्फ़ अंडरवियर, बनियान में था.

अब उसने खुद मेरे लंड के ऊपर अपने हाथ को फेरना शुरू कर दिया था दोस्तों मेरा लंड लम्बाई में पांच इंच का है उसको तनकर खड़ा हुआ देखकर वो बिल्कुल हैरान चकित रह गई और वो डर भी गयी थी. फिर मैंने अब उसकी ब्रा को उतार दिया ऊऊफफफ्फ़ वाह वो क्या मज़ेदार द्रश्य था? उसके गोल गोल बड़े बड़े आकार के और गोरे बूब्स जिनकी निप्पल भूरे रंग की थी, वो बहुत ही सुंदर आकर्षक थे में दीवानो की तरह उन पर टूट पड़ा और में उसके एक बूब्स को चूस रहा था और अपने दूसरे हाथ से एक बूब्स को दबा भी रहा था.

मेरे ऐसा करने से स्नेहा गरम होकर पूरी तरह से जोश में आकर ऊऊफफफ्फ़ आह्ह्ह कर रही थी और उसके आहे भरने से मुझे भी बड़ा मज़ा आ रह था. अब मैंने अपनी अंडरवियर और उसकी पेंटी को भी उतार दिया वाह उफ्फ्फ्फ़ उसकी चूत एकदम गुलाबी और चिकनी बिना बालों की थी. में उसको अपनी चकित नजरो से देखता ही रह गया, जिसकी वजह से स्नेहा थोड़ा सा शरमा गयी और वो अपने हाथ से चूत को छुपाने लगी. मैंने फिर स्नेहा के बूब्स को किस करना शुरू कर दिया और में धीरे धीरे नीचे आता चला गया.

फिर जब में उसकी चूत पर किस करने लगा तो वो बिल्कुल पागल हो गयी और उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह की आवाज करने लगी, वो कहने लगी उह्ह्हह्ह तुम यह क्या कर रहे हो. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर मैंने उसकी चूत में जब अपनी जीभ को डाला तो वो एकदम से उछल गयी और वो मुझसे कहने लगी उह्ह्ह हाँ प्लीज तुम ऐसे ही करो प्लीज ज़ोर से और ज़ोर से चाटो.

फिर मैंने अब अपनी जीभ को उसकी चूत से बाहर निकालकर उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डाल दिया और अब में उसको धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा था और वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मज़ा ले रही थी, क्योंकि में बड़ी तेज़ी के साथ अपनी ऊँगली से उसकी चूत को चोद रहा था और वो करीब पांच मिनट में ही झड़ गई थी. अब वो एकदम बेहोश जैसी होकर लेट गई और में भी उसके पास में लेट गया और फिर धीरे से मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया.

अब वो मेरे लंबे मोटे लंड से खेलने लगी थी और वो अभी तक थोड़ा सा शरमा भी रही थी. फिर धीरे धीरे मेरा लंड इतना टाइट हो गया था मानो वो किसी फौलाद का बना हो और करीब दस मिनट के बाद में एक बार फिर से उस पर टूट पड़ा और उसको किस करने लगा.

उसके बाद में दोबारा से उसकी चूत को चाटने चूसने लगा था और में बहुत तेजी से उसकी चूत को चाट रहा था और वो उछल रही थी और में धीरे धीरे उसकी चूत में अपनी उंगली को भी डाल रहा था, लेकिन कुछ देर बाद अब उसने मुझे रोक दिया और कहा कि उंगली से नहीं.

फिर मैंने उससे पूछा कि फिर तुम्हे क्या चाहिए? वो शरमा गयी और मैंने दोबारा उससे पूछा तब उसने सेक्स के नशे में बिल्कुल चूर होने की वजह से बहुत धीरे से कहा कि मुझे अब तुम्हारा लंड चाहिए. अब में उसके मुहं से वो शब्द सुनकर जोश में आ गया और में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया.

मैंने जब अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो महसूस किया कि वो आग की तरह जल रही थी और वो मचल गयी और कहने लगी प्लीज थोड़ा सा जल्दी करो, मुझसे अब ज्यादा देर रुका नहीं जाता और तुम अब जल्दी से इसको मेरे अंदर डालकर मुझे तेज धक्के देकर चोदना शुरू करो. दोस्तों उसकी चूत पहले ही बहुत जोश में आकर गीली हो चुकी थी और मैंने एक ही झटके में अपना पूरा पांच इंच का लंबा और मोटा लंड उसकी चूत में डाल दिया, वो दर्द की वजह से चीख पड़ी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल लो, यह बहुत लंबा और मोटा है, इससे मेरी आज फट ही गयी है और मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

फिर मैंने उससे कहा कि वो तो पहले से ही फटी हुई है, आज मेरे थोड़ा बहुत करने से उसका कुछ भी नहीं बिगड़ेगा और अब में उसकी किसी भी बात को बिना सुने धनाधन धक्के मारने लगा था, लेकिन करीब पांच मिनट में ही उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा था और अब उसने अपने दोनों पैर मेरे पेट पर बाँध लिए और वो एक बार फिर से झड़ गयी थी और मोन करने लगी थी.

अब मेरा लंड भी बहुत तेज़ी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. फिर तभी में रुक गया और वो अब मुझे देखने लगी. मैंने उससे कहा कि तुम अब घोड़ी बन जाओ. तो वो डरने लगी, लेकिन मैंने उसको समझाकर घोड़ी बना ही दिया और उसकी चूत में पीछे से खड़ा होकर अपना लंड डाल दिया और अब में उसकी गांड को भी सहला रहा था और चूत में अपने लंड को डालकर लगातार धक्के मारकर उसको चोद भी रहा था. अब वो एक बार फिर से जोश में आने लगी और अब वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, जिसकी वजह से में बहुत खुश होकर उसकी चुदाई करता रहा.

दोस्तों मैंने उसको बेड और ज़मीन पर एक एक पैर को अलग रखकर खड़ा करके भी चोदा और में उसको करीब 25 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा और इस बीच वो तीन बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब वो और ज्यादा चुदने की हालत में नहीं थी, लेकिन में अभी तक झड़ा नहीं था. में इसलिए उसको धक्के देता रहा और वो मुझसे रुकने के लिए कहने लगी थी.

फिर मैंने उससे कहा कि में अभी तक झड़ा नहीं हूँ और मेरा लंड जब झड़कर ठंडा होगा तभी मेरे यह धक्के बंद होंगे, तब उसने मुझसे कहा कि रुको में तुम्हारे इस लंड को अभी ठंडा करती हूँ इतना कहकर वो उठी और उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में भर लिया और वो उसको चूसने लगी थी. वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को एक लोलीपोप समझकर चूस रही थी, कभी अंदर तो कभी उसको अपने मुहं से बाहर निकालकर लंड के टोपे पर अपनी जीभ को भी घुमा रही थी और साथ ही में उसकी गांड और बूब्स को भी सहला रहा था.

दोस्तों उसके करीब दस मिनट तक चूसने के बाद में अब झड़ने लगा था. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ और तब उसने मुझसे उसके मुहं में ही झड़ने के लिए कहा और मैंने उसके मुहं में धक्के देते हुए अपना सारा गरम लावा पूरा वीर्य उसके मुहं में निकाल दिया और उसने वो सारा वीर्य पी लिया और फिर वो अचानक मुझसे बिल्कुल टाइट लिपट गयी.

हम दोनों के जिस्म उस समय पसीने से पूरे भीगे हुए थे और एक अलग ही सुगंध आ रही थी. अब उसने मुझसे कहा कि वो आज पहली बार जी भरकर चुदी है और उसको आज ऐसे चुदाई का मज़ा इतने सालों में पहली बार आया है वरना चुदाई तो वो अपने पति से हर दिन अपनी चूत की करवाती है, लेकिन इतनी लंबी दमदार चुदाई का मज़ा मुझे आज पहली बार आया है.

फिर हम दोनों कुछ देर बातें करने के बाद उठकर बाथरूम में चले गये और वैसे ही पूरे नंगे ही नहाने के बाद हम दोनों वापस बाहर आ गए. तब बाथरूम में भी हम दोनों ने बहुत देर तक एक दूसरे को किस किया और मैंने उसके बूब्स दबाए और दोनों बूब्स को पानी डालकर साफ किया.

फिर उसके बाद उसकी चूत में भी पानी डालकर अपने हाथ से और अपनी ऊँगली को अंदर डालकर अच्छे से साफ किया और उसने मेरे लंड को पकड़कर हिलाया. उसके बाद उसने भी मेरे लंड को पूरा अच्छी तरह पानी डालकर उसको नहला दिया. फिर मैंने उससे उसी समय कहा कि में एक बार तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ और तब उसने कहा कि हाँ ठीक है, वो भी गांड में मेरा लंड लेने के लिए तैयार है, लेकिन आज नहीं क्योंकि आज वो इस चुदाई की वजह से बहुत थक गयी है.

अब हम दोनों ने बाथरूम से बाहर आकर देखा तो तक अनिल गहरी नींद में सो चुका था और में और स्नेहा अनिल के बेड पर वैसे ही पूरे नंगे ही सो गए, दोस्तों उसके बाद हम दोनों दूसरे दिन सुबह जल्दी उठ गए थे.

उस समय हम दोनों के अलावा घर में कोई भी नहीं उठा था और मैंने एक बार फिर से वो सही मौका देखकर पहले उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसकी चूत को शांत किया और उसके बाद मैंने उसकी गांड में भी अपने लंड को डालकर धक्के मारने शुरू किए, जिसमें उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और उससे हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आया. दोस्तों वो अब एक सप्ताह में करीब पांच बार कम से कम मुझसे अपनी चुदाई करवाती है और वो हर रात को मेरे साथ फोन सेक्स भी करती है.

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