हैल्लो दोस्तों, में आपको अपना परिचय करवा देता हूँ. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 24 साल है, लम्बाई 5.11 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 8.5 इंच, मेरा कलर साफ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों जब मेरी पड़ोसन शिखा शादी के बाद वापस चली गयी तो मेरा सेक्स गेम जैसे बंद ही हो गया और फिर एक दिन मैंने सोचा कि ऐसे तो काम नहीं चलेगा और मैंने सोचा कि क्यों ना कोई लड़की पटाए और फिर किस्मत से बहुत जल्द ही एक लड़की फंस गयी, वो ठीक ठाक थी, लेकिन मुझे इतनी पसंद नहीं थी और वो धीरे धीरे मुझसे प्यार करने लगी थी और कभी भी सेक्स के लिए नाटक भी नहीं करती और मेरा भी काम चल रहा था.
फिर में भी इस रिश्ते को नहीं तोड़ रहा था, लेकिन अब तो उसके बाप को भी मेरे बारे में पता चल गया और मेरा उससे मिलना भी कम ही होता. फिर एक दिन हमको मौका मिल गया, लेकिन जिस जगह पर में उसके साथ सेक्स करता तो वहां पर कुछ लफड़ा था और मेरा दिमाग़ खराब हो गया, क्योंकि पहले ही मुझे इतने दिनों में मौका मिला और फिर यह सब. फिर में जुगाड़ में लगा रहा, तभी मुझे याद आया कि मेरे दोस्त के मम्मी, पापा बाहर गये है और घर पर केवल भाभी मेरे फ्रेंड की वाईफ ही है.
फिर मैंने मेरे दोस्त अनुज को फोन किया और बोला कि यार मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से मिलना है, क्या में तेरे घर पर मिल सकता हूँ? तो अनुज बोला कि यार अभी तो में नौकरी पर हूँ और तेरी भाभी घर पर होगी. फिर मैंने बोला कि यार तू भाभी से पूछ ले, अगर कोई दिक्कत ना हो तो अनुज बोला कि यार क्या बोलता है, त्रप्ति को क्या दिक्कत होगी? लेकिन फिर भी में उसको बता देता हूँ कि तू अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ घर पर आ रहा है. दोस्तों में बड़ा खुश हुआ कि अब कोई दिक्कत नहीं और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल करके बता दिया कि तीन बजे अनुज के घर आ जाना.
सॉरी दोस्तों में बताना ही भूल गया कि मेरी गर्लफ्रेंड का नाम माधुरी है और जब हम दोनों अनुज के घर गये तो भाभी ने दरवाजा खोला. हम दोनों को अंदर बुलाकर पानी पिलाया और माधुरी से थोड़ी देर बात की और बोली कि राहुल भैया आप मेरे रूम में चले जाओ और हल्की से स्माईल दी. फिर माधुरी और हम दोनों चल पड़े और रूम में जाते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गये और अपने काम पर लग गए और हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया, हम पूरे मज़े से सेक्स कर रहे थे और एक बार फिर से मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया और तभी माधुरी का फोन बजा, वो उसके बाप का था और उसने उसे जल्दी से घर पर बुला लिया.
अब मेरे मूड की तो माँ चुद गई और माधुरी भी सॉरी बोलकर निकल गयी. फिर में बेड पर बैठा बैठा सोच रहा था, साला यह दिन कितना खराब है और ऊपर से काम भी पूरा नहीं हो सका और अब में तैयार होकर नीचे आया और भाभी से बोला कि में जा रहा हूँ तो भाभी बोली कि रूको में चाय बना रही हूँ पीकर जाना. मेरा तो वैसे भी दिमाग़ खराब था और मेरी जगह कोई भी होता तो उसका भी मेरे जैसा ही हाल होता. मेरा लंड अभी तक खड़ा हुआ था और में जाकर सोफे पर बैठ गया.
तभी भाभी चाय के साथ अंदर आई और जब मैंने भाभी को देखा, वो क्या मस्त लग रही थी और उसने अपनी साड़ी चेंज कर ली थी, वो पूरी हल्के लाल कलर की थी और उस पर बड़े बड़े काले गुलाब और एक काले कलर का बड़ा सा ब्लाउज जो उनके बूब्स में नहीं आ रहा था और ऊपर से नाभि के नीचे साड़ी पहनी हुई थी, थोड़ा सा पेट निकला हुआ था. दोस्तों में सच बोलूं तो वो क्या माल लग रही थी. उसे कोई भी पकड़ ले और ऊपर से मेरे साथ जो हुआ था, उसके बाद तो भाभी को देखकर बलात्कार कर दे. भाभी साफ कलर की लंबे बाल अच्छा सा फिगर और सबसे हॉट उनके होंठ है, जो किसी को भी पागल कर दे तो में उनको बस घूर रहा था, तभी भाभी बोली कि लो ना चाय, वो शायद दो तीन बार पहले भी बोली होगी, लेकिन मुझे नहीं सुनाई दिया. फिर मैंने चाय उठा ली, तभी भाभी बोली कि राहुल भैया माधुरी इतनी जल्दी से क्यों चली गयी? क्या आपकी कोई लड़ाई हो गयी? तो मैंने कहा कि नहीं भाभी वो उसके पापा का कॉल आ गया था.
फिर भाभी बोली कि ओह. फिर तो आपका मूड ऑफ हो गया होगा? तो में बोला कि हाँ भाभी, लेकिन क्या कर सकते है? वैसे आप कहीं जा रही हो? तो बोली कि हाँ वो इनके कज़िन को कुछ शॉपिंग करनी है, लेकिन अभी देर है और इतने में चाय खत्म हो गई और में बोला कि भाभी में अब चलता हूँ तो त्रप्ति बोली कि अरे राहुल भैया रुको ना क्या में इतनी बोर हूँ.
फिर मैंने कहा कि ऐसा नहीं है भाभी तो वो बोली कि में दिन भर बोर होती हूँ, थोड़ी देर आपसे बात हो जाएगी और इतने में रिंकी भी आ जाएगी, तब में क्या करता और वैसे भी में रुकना इसलिए नहीं चाहता था, क्योंकि त्रप्ति भाभी को देखकर मेरा मन और डोल रहा था, लेकिन में रुक गया और मेरी नज़र बार बार बात करते वक्त उनके पेट पर जा रही थी, जिसको भाभी ने भी गौर किया और अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था. फिर मैंने भी कुछ करने की सोची और भाभी से बोला कि भाभी आप इस साड़ी में बहुत अच्छी दिख रही हो.
फिर भाभी ने धन्यवाद बोला और बोला कि राहुल भैया एक बात पूंछू बुरा मत मानना. फिर में बोला कि भाभी आप तो बस बोलो, तो वो बोली कि आपकी पसंद कुछ अच्छी नहीं लगती. फिर में बोला कि किस बारे में? तो वो बोली कि आपकी गर्लफ्रेंड तो में बोला कि अच्छा तो आप माधुरी की बात कर रहे हो, क्यों ऐसा क्या हुआ? तो वो बोली कि आप इतने फिट और स्मार्ट हो, आप दोनों की जोड़ी मुझे कुछ जमी नहीं.
फिर में बोला कि भाभी वैसे हमारे बीच कुछ ऐसा वैसा नहीं है, में बस ऐसे ही टाईम पास कर रहा हूँ. फिर भाभी बोली तो फिर आपको कैसी लड़की पसंद है? तो मैंने थोड़ा उन्हे छेड़ने की सोची और बोला कि छोड़ो भाभी आप बुरा मान जाओगे. फिर वो बोली कि में क्यों मानूं भला, तो वो मुझे चिड़ाकर बोली कि बताते हो या नहीं.
में बोला कि आपकी जैसी तो भाभी शरमा गई और थोड़ी देर चुप होकर बोली कि मुझमें ऐसा क्या है? तब में समझ गया कि भाभी भी थोड़ा मज़ा ले रही है और अब में भाभी से बोला कि यह तो आप अपने साथ ग़लत कर रही हो, भाभी आप जैसी गर्लफ्रेंड तो हर कोई चाहता है और में थोड़ा अपना मुहं बिगाड़कर बोला कि मेरी ऐसी किस्मत कहाँ? अनुज तो बहुत किस्मत वाला है और मेरी यह बातें सुनकर वो लाल हो गयी.
फिर भाभी बोली कि राहुल भैया इतना भी मत चड़ा दो. फिर में फट से उनके पास जाकर बैठकर बोला कि भाभी यह सब सच है और में झूठ नहीं बोल रहा. तब भाभी बोली कि यह तो आप है वरना उनको तो अपने काम से फ़ुर्सत ही नहीं जो कभी मुझसे बात करें और अभी तो हमारी शादी को एक साल हुआ है. फिर में बोला कि अनुज तो पागल है, भाभी अगर आप मेरी वाईफ होती तो में बस पूछो मत.
भाभी समझ गई और शरमाते हुए बोली कि एक बात तो है, आपकी पत्नी आपसे बहुत खुश रहेगी और हमारी ऐसी किस्मत कहाँ तो अब वो मेरे ही बोल बोल रही थी और में समझ गया था कि अब मेरा काम बन सकता है तो में बोला कि क्यों भाभी यार अनुज भी तो मेरे जैसा ही है. फिर वो बोली कि कहाँ है, मेरे लिए तो उनको टाईम ही नहीं है. फिर मैंने सोचा कि यार यह मौका ठीक है और मैंने भाभी से बोला कि अगर आप नाराज़ ना हो तो मुझे एक बात बोलना है? तो वो बोली कि बोलो? तो मैंने फटाफट कहा कि में आपसे प्यार करता हूँ और फिर भाभी के मुहं से तोते उड़ गये और वो मुझे घूरने लगी.
में बोला कि यह बात आपसे कब से बोलनी थी, लेकिन आज बोल रहा हूँ प्लीज बुरा मत मानना दिल में था जो बोल दिया तो त्रप्ति कुछ नहीं बोली और फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में ले लिया और बोला कि जवाब का इंतजार है. फिर वो रुकी रही और कुछ नहीं बोली, लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपना दूसरा हाथ भी मेरे हाथों में रख दिया तो में समझ गया कि अब मेरा काम बन गया. अब में स्माईल देता हुआ बोला धन्यवाद तो उसने स्माईल देते हुए मुहं फेर लिया.
फिर में बोला कि जानू अब क्यों उधर देख रही हो और मैंने त्रप्ति से बिल्कुल चिपककर उसके गालों को किस किया तो वो मुझे घूरने लगी. फिर में बोला कि ऐसे मत देखो यार तो वो बोली कि तुम भी ना वो इतना ही बोल पाई और मैंने उसके सेक्सी से होंठो पर होंठ रख दिए. त्रप्ति इस अचानक हुए काम को समझ ना सकी, लेकिन एक ही मिनट में समझकर मेरा साथ देने लगी और में किस करते वक़्त सोच रहा था कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है और दोनों मस्त होकर किस कर रहे थे. तभी डोर बेल बज गयी और हम दोनों फट से अलग हुए और त्रप्ति अपने को ठीक करते हुए दरवाजा खोलने गई और वापस आते समय उसके साथ अनुज की कज़िन थी, तब मेरा मूड फिर से ऑफ हो गया. साली को भी अभी आना था और में वहां से निकल गया और मन में सोचा कि साला आज दिन ही खराब है. फिर रात को जब में सोने जा रहा था, तब किसी के नंबर से मैसेज आया तो में समझ गया कि वो त्रप्ति का नंबर ही होगा. फिर मैंने भी मैसेज किया कि यार अभी से गुड नाईट तो जवाब आया कि हाँ यह टी.वी. देख रहे है. फिर मैंने कहा कि ठीक है फोन करो तो जवाब आया कि में कल करती हूँ.
फिर अगले दिन 10 बजे मैसेज आया तो मैंने भी जवाब दिया और बोला कि क्या में घर पर आ सकता हूँ? तो वो बोली कि नहीं बाबा, आज मम्मी पापा आ रहे है तो उसकी यह बात सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. मेरी किस्मत ही साली खराब है कि वो दोनों भी दो दिन पहले ही आ गये और फिर उनको मैंने कोई मैसेज नहीं किया. फिर कुछ देर में उसका फोन आ गया और त्रप्ति बोली कि क्या हुआ इतनी देर हो गई, तुमने कोई मैसेज नहीं किया?
मैंने झूठ बोला कि मुझे कोई जरूरी काम था और मैंने उससे इधर उधर की बातें की, लेकिन मेरा मन उसको चोदने का था, लेकिन में क्या करता? मुझे वो मौका मिल भी नहीं रहा था, लेकिन मेरे सेक्स की इच्छा तो माधुरी पूरी कर दे, लेकिन उस वक़्त भी में माधुरी को भी त्रप्ति समझकर ही चोद रहा था. मुझे उसका तो जैसे नशा हो गया था, लेकिन हम दोनों का अफेयर चलता रहा और बस हुआ कुछ नहीं था. उस किस के अलावा यह सब 7 महीने तक चलता रहा.
फिर एक दिन मुझे अपनी पार्टी से मिलने बाहर जाना पड़ा. मैंने ऐसे ही त्रप्ति से पूछा कि यार तू चल रही है क्या तो उसने मना कर दिया. वैसे यह बात में भी जानता था कि वो मना ही करेगी, लेकिन जिस दिन मुझे निकलना था, उस दिन अनुज का कॉल आया कि मेरे साथ बाहर कौन चल रहा है? तो मैंने कहा कि में अकेला कार से जा रहा हूँ और फिर मैंने पूछा कि क्यों क्या हुआ कोई काम है क्या? (हम दोस्त लोग रोज रात को मिलते है तो उसे भी पता था कि में बाहर जा रहा हूँ) तो अनुज बोला कि हाँ तेरी भाभी को भी उसके कज़िन के घर जाना है.
में एकदम बहुत खुश भी हुआ और मन ही मन सोचने भी लगा कि यार उसने मुझे तो बताया ही नहीं और मैंने अनुज से बोला कि ठीक है, में 30 मिनट के बाद निकलने वाला हूँ तू भाभी को लेकर मेरे घर पर आ जा और जब अनुज त्रप्ति को लेकर आया तो में क्या बोलूं? मेरी तो जान अटक गई. वो क्या हॉट लग रही थी? अब हम कार से निकल गये और थोड़ी दूर जाकर मैंने गाड़ी रोकी और बोला कि जान यह सब क्या है? तो वो हंसते हुए बोली कि अब में भी तेरे साथ ही घूम लूंगी, में बड़ा खुश हुआ और बोला कि सच?
वो बोली कि हाँ और मैंने उसे हग किया और पूछा कि यह कैसे किया तो वो बोली कि वो मेरे फ्रेंड से उनकी बात करवा दी और सारा प्लान सेट कर दिया और अब मैंने उसको कुछ बोलने नहीं दिया और किस करने लगा तो उसने मुझे हटा दिया और बोली कि अब में तेरे साथ ही हूँ, पहले हम वहां पर चलते है. फिर में भी खुश था और ऐसे कार चली कि हम जल्दी ही अपनी मंजिल पर पहुंच गये, लेकिन मुझे अभी भी इंतजार करना पड़ा, क्योंकि जैसे ही हमने होटल में चेक इन किया तो मेरे बॉस रोहन कपल थे और वो आ गये.
फिर मैंने त्रप्ति को उनकी वाईफ से मिलवाया. फिर रोहन बोला कि क्या हम अभी काम निपटा ले, खाने के साथ यह दोनों शॉपिंग कर लेगी और फिर हम लोग भी फ्री हो जाएगें और हम अपनी सारी काम की बातें कर रहे थे और तब तक हम दोनों को 12 बज चुके थे और हम दोनों को वाईफ के कॉल आने लगे थे, लेकिन वो तो मेरी गर्लफ्रेंड थी. तभी रोहन बोला कि आपकी शादी को कितना टाईम हुआ है? तो मैंने 1 साल कहा. फिर वो बोला कि तब तो ठीक है यार. मेरी शादी को तो 4 महीने ही हुए है.
फिर मैंने पूछा कि आपने शादी बहुत लेट की? तो वो बोले कि हाँ यार वो बस कुछ ऐसे ही, चलो बाकी बात कल करते है, नहीं तो मेरी वाईफ नाराज़ हो जाएगी. अब में रूम की और चल दिया और जब त्रप्ति ने दरवाजा खोला तो वो बस छोटी सी मेक्सी में थी, मेरा तो मूड वहीं फ्रेश हो गया और में सोचने लगा कि लगता है कि यह चुदने ही आई है और अब मैंने अंदर जाते ही त्रप्ति को उठा लिया और बेड पर गिराकर उसके ऊपर आ गया और किस चालू कर दिए, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर धीरे धीरे उसकी मेक्सी को ऊपर करके उसकी कोमल जांघो को सहला रहा था और हमारा किस तो ऐसा चल रहा था कि बस हम एक दूसरे में खा जाएगें, उसके किस करने से मुझे लगा कि उसने भी मेरी तरह बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया है.
अब में थोड़ा नीचे आया और उसकी जांघ पर किस करने लगा और मेरा एक हाथ त्रप्ति की चूत को पेंटी के ऊपर से घिस रहा था. वो आखें बंद करके मेरी हर एक हरकतो का मज़ा ले रही थी. फिर में उसके ऊपर से हटा और उठ गया और में केवल अंडरवियर में आ गया. मेरा लंड इस हाल में था कि बस अब माल बाहर निकाल ही देगा तो त्रप्ति ने मुझे अंडरवियर में ऊपर से नीचे तक देखा और उसने भी खड़ी होकर अपनी मेक्सी को निकाल दिया. वाह क्या मस्त बूब्स थे और उसके खड़े हुए निप्पल आआआआअहह मेरी तो बस जान निकल रही थी और वो केवल पेंटी में थी और त्रप्ति पास आकर मुझसे चिपक गयी, तब मैंने उसके बाल खोल दिए और जो हम दोनों के अंदर गर्मी थी, उसके कारण हम दोनों ज़्यादा देर चिपक ना सके, अब वो मुझसे बोलती है कि राहुल क्या बॉडी है तेरी? तो में बोला कि तुम भी कोई कम नहीं हो, यह देखो मेरे इसकी हालत को, अब इसको सम्भालो.
फिर उसने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और हल्के से हिलाने लगी और मेरी छाती को किस कर रही थी, क्या लग रहा था? अब वो धीरे से नीचे बैठी और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि मुझे एकदम सही अंदाज था कि यह ऐसा ही निकलेगा एकदम मोटा, लंबा और उसने मेरे लंड को किस किया तो मेरे लंड ने भी झटका देकर उसकी चूत को सलामी दे दी, लेकिन अब त्रप्ति रुकी नहीं और उसको अपने होंठो से बहुत प्यार किया. गजब की तड़प थी यार उसमे, वो उसे कभी धीरे तो कभी तेज़ी से चूसने लगी. मेरी तो बस जान ही नहीं निकली और अब मुझसे तो नहीं रुका गया और मैंने त्रप्ति को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पैर चूमते हुए चूत तक पहुंच गया और उसकी पेंटी को निकाल दिया. उसकी छोटी सी कम चुदी हुई चूत थी, बिल्कुल गुलाबी सी.
फिर मैंने अपना मुहं चूत पर रखा और चूसने लगा. वो सिसकियाँ लेने लगी और अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चुसवाने लगी, लेकिन मैंने कुछ ही देर तक चूसा और इतने में वो झड़ गई और अब में ऊपर आया और उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर वो बोली कि जान और दबाओ हाँ और ज़ोर से, इनका सारा रस पी लो और फिर मैंने वैसा ही किया और फिर से त्रप्ति को तैयार किया, त्रप्ति के बूब्स ऐसे थे कि किसी को भी जोश में ला दे. फिर मैंने त्रप्ति की कमर के नीचे एक तकिया लगाया और लंड को चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो त्रप्ति बोली कि थोड़ा प्यार से जान, लंड मेरी चूत में बहुत कम अंदर गया है.
फिर मैंने एक झटका दिया और 4 इंच तक लंड को अंदर घुसा दिया, त्रप्ति उईईईईइ माँ अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ धीरे बोला ना, लेकिन में नहीं रुका और एक तेज झटका दिया और पूरा लंड फिट हो गया. फिर वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, आउुुुऊकचह माँ मर गई राहुल आह्ह्ह्हहहह उसके थोड़े आंसू भी निकल आए, लेकिन वो कुछ देर में ठीक हुई और मैंने नीचे से तकिया निकाल दिया और उसके ऊपर आकर किस करते हुए चुदाई करने लगा, वो भी मज़े से मेरे लंड को अंदर ले रही थी.
दोस्तों वाकई में उसकी चूत बहुत टाईट थी और अब में पूरे ज़ोर से, तेज तो कभी धीरे धीरे चुदाई करता रहा और अब वो झड़ने वाली थी तो उसने मेरी कमर पर अपने दोनों पैरों से कैंची मारी और बोली कि जान और तेज करो. फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और तेज धक्के मारने लगा और कुछ ही पल में वो बोली कि अब बस में जाने वाली हूँ तो में रुका और लंड को बाहर खींचकर तेज झटका दिया और उसका आआहहहहहह के साथ गरम पानी मेरे लंड को महसूस हुआ और जब मैंने त्रप्ति के चेहरे को देखा तो वो बहुत ठीक लग रही थी, लेकिन में झड़ा नहीं था. फिर मैंने त्रप्ति को किस करना चालू किया और धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से गरम किया. अब हमारी चुदाई बहुत धीरे चल रही थी और मज़ा ज़्यादा आ रहा था.
फिर वो बस उसी में मुझे किस करने लगी और त्रप्ति मेरे ऊपर आ गयी, अब वो स्माईल देती हुई मेरे लंड पर कूदने लगी. आआहह क्या पूरा लंड जड़ तक घुस रहा था और थोड़ी देर कूदने के बाद वो रुककर मुझे किस करने लगी, लेकिन में नहीं रुका नीचे से झटके देने लगा, बस अब मेरा भी झड़ने का टाईम था. फिर मैंने त्रप्ति से बोला कि जान में झड़ने वाला हूँ तो वो बोली कि मेरे ऊपर आ जाओ और पूरा वीर्य चूत के अंदर ही डालना और अब मैंने फिर ऊपर होकर एक साथ ही लंड अंदर उतारकर ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा, मुझे उस वक़्त ना जाने क्या हो गया था? कुछ नहीं पता, लेकिन उस आखरी चुदाई के टाईम मुझे त्रप्ति की हल्की हल्की चीख सुनाई दे रही थी और में उसकी चूत में लगातार 40 मिनट की चुदाई का माल छोड़कर गिरा रहा और अब हम ऐसे ही रहे और लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद त्रप्ति बोली कि राहुल तुमको क्या हो गया था? मुझे बाद में कितना दर्द हुआ? तो मैंने बोला कि यार सॉरी, तो वो बोली सॉरी किस लिए? मुझे उसमे भी मज़ा आ रहा था और तुमने तो आज मेरी ऐसी प्यास बुझाई है कि में कभी भी नहीं भूल सकती. फिर में बोला कि जानेमन अभी तो और भी बाकी है. फिर हम एक बार और चुदाई में लग गये.