हेलो दोस्तों मैं आशीष रायपुर छत्तीसगढ़ से अपनी दूसरी रियल लाइफ चुदाई की कहानी आप सब को बताने जा रहा हूं. यह मेरी इस साइट पर मेरी पहली कहानी का आगे का भाग है.
जिन लोगो ने मेरी पहली कहानी नहीं पढ़ी(बगल वाली आंटी चुदाई अपने घर में) वह मेरी आयडी के द्वारा उसे पढ़ सकते हैं. अब में आगे का इंसिडेंट आपको बताता हूं
तो उस शाम को आंटी को दो घंटे तक बेड रूम और बाथ रूम में चोदने के बाद में अपने घर चला गया और घर जाने से पहले आंटी को लास्ट टाइम किस किया और उसके बूब्स भी दबाए.
मैं रात को बिल्कुल बेहोश जेसे सोया था क्योंकि की पहली टाइम की ऐसी चुदाई ने बुरी तरह से थका दिया था. बस इसके बाद तो हमारी चुदाई का सिलसिला बड़े जोरो शोरो से चलने लगा और आंटी की मैंने गांड भी मारी. क्या मस्त मोटी थुलथुली सी गांड थी आंटी कि? वह मेरे सामने कुतिया बनकर अपनी गांड मरवा रही थी.
जैसा कि मैंने आप लोगों को बताया था कि आंटी दिनभर अकेली ही रहती थी इसलिए मैं और आंटी रोज चुदाई करते थे और आंटी तो मुझे वियाग्रा, कंडोम और प्रेग्नेंन्सी रोकने वाली पिल्स लेन के लिए पैसे दे देती थी और हिसाब भी नहीं मांगती थी, बचे हुए पैसे मैं अपने पास रख लेता था.
तो दोस्तों के साथ बाहर खाने पीने का जुगाड़ हो जाता था. तो दोस्तों मुज में पोर्न मूवी देखने के अलावा और कोई भी बुरी आदत नहीं है. में सिर्फ सेक्स एडिक्टेड हूं.
में ऐसी ही एक दोपहर को आंटी को चोद रहा था उनसे बोला कि मैं स्नेहा दीदी को भी चोदना चाहता हूं तो आंटी भी तुरंत मान गई वह बोली कि स्नेहा भी जवान हो चुकी हे और उसकी भी चूत में खुजली होती है.
वह मेरे साथ सब कुछ शेयर करती थी. उसके पीरियड अभी एक हफ्ते पहले ही खत्म हुए हैं. मैं कोई ना कोई प्लान बनाती हूं कि तुझे मेरी बेटी को जमकर चोदने का मौका मिले. तेरे जैसा चूत का पुजारी उसे और कहां मिलेगा. मैं आंटी को ताबड़तोड़ चोद रहा था उनकी इस बात पर मेंने एक जोरदार धक्का मारा और आंटी बुरी तरह दर्द से चिल्ला उठी.
वह बोली साले हवस के पुजारी आराम से चोद, मैं कहीं नहीं जा रही हूं आह्ह ओह्ह अह्ह्ह ओह्ह अयाह्ह या ह्य्स्स हाह उःह आम्म्म ओह्ह अहह एस अह्ह्ह ओह्ह अम्म्म और जोर से चोद साले, बना दी इस भोसड़े का झोपड़ा. चोद मुझे मेरी गांड फटने तक.. जोर से चोद और मैं लगातार पूरे एक घंटे तक आंटी को बिस्तर पर घोड़ी बनाकर कभी उनकी चूत को चोदता तो कभी गांड में लंड घुसा कर गांड की बैंड बजा रहा था.
एक तो वियाग्रा का असर उपर से दो बार पहले ही मुठ मार चुका था. टू एंड हाफ घंटे से ज्यादा टाइम तक चुदाई चल रही थी आंटी की चूत तो पूरी खुल कर फैल गई थी. ईतनी की कोई अपने हाथ को अंदर तक डाल सकता था. ओरतो की चूत कितनी ज्यादा ओपन हो सकती है यह मुझे उस दिन पता चला था.
आंटी को चोदते हुए मुझे 3 हफ्ते से ज्यादा हो चुके थे. फिर आंटी ने मुझे अपना प्लान बताया स्नेहा दीदी को चोदने का. इसीलिए उन्होंने दीदी को एक दिन घर पर मदद करने के बहाने रोक लिया और मुझे इशारों से घर आने के लिए बोल दिया आंटी ने मेरे आने से पहले दीदी के पास घर के जनरल स्टोर में कुछ सामान लाने के लिए भेज दिया. यहां दीदी गई मैं वहां उनके घर में घुस गया था.
मैं और आंटी अंदर वाले रुम में चले गए और सामने का डोर थोड़ा लूज बंद कर दिया ताकि धक्का देते ही खुल जाए. दीदी को थोड़ा ज्यादा सामान लाने के लिए भेजा था जिस से उन्हें एक घंटे से ज्यादा लगना ही था. और यहा ने और आंटी चुदाई करने में चालू हो गए. में दीदी के आने तक फोरप्ले ही कर रहा था आंटी की चूत का रसपान कर रहा था.
तभी दीदी दरवाजा खोल कर अंदर आई और आंटी को आवाज लगाई. तब आंटी ने जोर से मोन किया तो दीदी अंदर रूम में आ गई और हम दोनों को नंगा देख कर बहुत जोर से चिल्लाई और एकदम से रूम से बाहर चली गई.
तब हम दोनों ने कपड़े पहने और एज पर प्लान आंटी दीदी के पास गई और उन्हें अंदर लेकर आई. मैं वही चेयर पर बैठ गया और आंटी ने दीदी को बिस्तर पर बैठाया और उनसे बोली कि देख स्नेहा मुझे देव के साथ यह सब अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए किया. मेरी मजबूरी थी, तेरे पापा मेरे साथ लास्ट टाइम फिजिकल कब हुए थे यह मुझे भी याद नहीं है. तेरे पैदा होने के बाद उन्होंने सेक्स करना काफी कम कर दिया था.
और जैसे जैसे तू बड़ी होती गई चुदाई करना भी कब पूरी तरह से बंद हो गया पता ही नहीं चला. मुझे अपनी चुदाई की इच्छा कैसे भी करके पूरी करनी ही थी और जब मैंने देव को अपने बूब्स घुरते हुए देखा तो मैंने सोच लिया था की देव से ही अपनी चुदाई करवाउंगी और देव ने सच में मुझे बहुत सेटिसफाइड किया है.
स्नेह मेरी जरुरत को समझने की कोशिश कर, जब से देव के साथ सेक्स कर रही हूं ना तभी से बहुत खुश रहने लगी यह बहुत अच्छे से चुदाई करता है. और स्नेहा तेरी चूत में भी तो अब चुदाई वाली खुजली होती है. जब तेरी मां को कोई प्रॉब्लम नहीं है और वह इतनी खुश है तो तू क्यों दुखी रहे…
तेरी मां होने के कारण मेरा यह फर्ज बनता है कि मैं अपनी बेटी की हर इच्छा और जरूरत को पूरा करू. देव को एक बार आजमा कर तो देख तुझे अपनी मम्मी की चॉइस बहुत पसंद आएगी. यह कितना मस्त चोदता है यह तुझे जानना चाहिए. मैं आंटी का इशारा समझ गया और पहले तो आंटी के बूब्स उनके गाउन के अंदर हाथ डाल कर दबाना शुरू कर दीया.
फिर आंटी को गले पर किस किया और अपनी जीभ फेरी दीदी सामने ही बैठी थी और मैं उनके सामने उनकी मां के साथ यह सब कर रहा था. फिर मैंने आंटी के दूध से बाहर निकाल लिए और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा..
दीदी ने अपनी नजरे शर्म से अपने हाथो से बंद कर ली तो में फिर उनके पास जा के खड़ा हुआ और उनके हाथ हटा कर उनके बूब्स सलवार सूट के ऊपर से दबाने लगा और अपने हाथो से उपर निचे करने लगा और हिलाने लगा था.
तो दीदी ने मेरे हाथ हटाने की कोशिश की तो आंटी दीदी को रोकते हुए बोली, स्नेहा करने दे ना उसे मैं बैठी हूं ना यहां, डर मत सब ठीक होगा. एक बार इसके साथ मजे ले कर तो देख. फिर आंटी ने दीदी की सलवार का नाडा खोल कर दीदी को नीचे से नंगा कर दिया था.
और मेने उनके हाथ ऊपर उठाकर उन के सूट को भी उतार दिया. दीदी ने व्हाइट इलास्टिक वाली ब्रा और टाइट पेंटी पहनी थी वह भी इलास्टिक वाली थी. कीतनी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही थी. मेरा एक्सप्लेन करना मुश्किल है एकदम गोरे गोरे मक्खन जैसे चिकने बदन की मालकिन थी वह.
स्नेह दीदी बहुत ही खूबसूरत और कच्ची कमसिन कलि थी. वह फ्रेंड्स में तो उनकी गोरी चिकनी शाइनिंग जांघे देख कर पागल ही हो गया. २२ साल की जवान लड़की इतनी हॉट और जबरदस्त माल होती है पता ही नहीं था. मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था की कहा से और कैसे शुरू करूं. फिर मेने और आंटी ने अपने कपड़े उतारे…
में दीदी को बिस्तर पर लेटा कर उनके बूब्स ब्रा से निकाल कर जोर जोर से पूरी ताकत के साथ मसलने लग गया दबाने लगा. और निपल को चूसने लगा. अपनी जीभ को साइड से गोल मोड कर निपल पर फैराया. दीदी पूरी तरह से गर्म और होर्नी हो चुकी थी. उनके निपल्स का कलर हल्का भूरा था. वह बहुत सिसकियां ले रही थी क्योंकि कोई लड़का फर्स्ट टाइम उसकी जिंदगी में उसके बूब्स के साथ यह सब कर रहा था.
फिर १५ मिनट तक बूब्स के साथ खेलने के बाद मैंने उनकी ब्रा कंधों से खींच कर नीचे उनकी पेंटी तक कर दिया और ब्रा को पेंट सहीत नीचे घुटनों तक कर दिया. और अपने खड़े मोटे लंबे लंड को दीदी की चूत के दाने यानी क्लिटरिस पर रगड़ने लगा और दीदी को अपने बदन से बिल्कुल ऐसे चिपका लिया जैसे दो सांप सेक्स के टाइम एक दूसरे से लिपट हुए होते हैं. मेने दीदी को किस करना शुरु कर दिया और वह भी पूरा साथ ले रही थी.
नेहा दीदी के लिप्स कितने नर्म मुलायम और ज्युसी थे की बस में तो स्वर्ग पहुंच जाने जैसी फीलिंग ले रहा था. दोस्तों एक्सप्लेन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं मिल रहे है. क्या बताऊं उसके ओठ कितने टेस्टी और ज्युसी थे. उसके होंठ किसी फूल की कली जैसे थे. हमारी किस १५ मिनट तक चली. इस किस में टंग लिकिंग भी हम ने की थी. हमने एक दूसरे के मुंह में जीभ डाल कर किस किया और एक दूसरे के थूक को भी एक्सचेंज किया. मेरे मुंह में आज भी उसका टेस्ट है.
फिर किस खत्म कर के मैं दीदी के टाइट चिकनी चूत के पास अपना मुंह लेकर गया लेकिन एकदम धीरे से दीदी के पेट को किस करते हुए उनके नवल पॉइंट को अपनी नाक से छेड़ते हुए जिस से जुड़ी दीदी को गुदगुदी हुई और वह बिस्तर पर तड़पने लगी, हाथ पैर मारने लगी. अमम्म अम्म्म अह्ह्ह्हह अम्म म्म ऐसी अपना मुंह बंद करके आवाज करने लगी, उसे बहुत मजा आ रहा था.
अब आंटी दीदी के मुंह के ऊपर अपनी एक टांग जमीन पर और दूसरी टांग दीदी के दाहिने कंधे के पास रख कर अपनी चूत को पूरा खोल कर उनके लिप्स के ऊपर एडजस्ट करके खड़ी हो गई और दीदी को अपनी चूत चाटने को बोली, दीदी ने आंटी की राइट जांघ अपने राइट हैंड से पकड़कर उसे मसलते हुए और अपने लेफ्ट हैंड से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाते हुए आंटी की चूत को चाटने लगी. में दीदी की चूत के दाने को अपनी जीभ से छेड़ रहा था और मैं बड़ी तेजी से अपनी जीभ को उनकी चूत पर हिला रहा था.
दीदी बूरी तरह से तड़प रही थी और उनका ओर्गेज्म अपने चरम पर पहुंच गया था और उन्होंने चार तेज पानी की धार मेरे मुंह पर फेंक दी और थक कर ढीली बिस्तर पर पड़ गई. यह उनका पहला इजेक्युलेशन था. फिर मैं बेड पर सीधा लेट गया और दीदी और आंटी मेरे कड़े लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी आंटी ने लंड अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी.
आंटी को वैसे भी कितने दिन से मेरा लंड का रसपान कर रही थी तो ५ मिनट तक लंड चूसने के बाद आंटी ने दीदी को मेरा लंड चूसने दिया. दीदी ने अच्छे से अपनी मां को मेरा लंड चूसते हुए देखा था तो वह बड़े अच्छे से और इतने प्यार से मेरे लंड के सुपारे पर अपनी नर्म जीभ फीरा रही थी मैं तो पागल होता जा रहा था.
अब दीदी ने लंड को अपने मुंह में डाल दिया और सर्प सर्प सर्प सर्प आवाज़ करके चूसने लगी. आह्ह्ह अम्म्म ओम्म्म्म अम्म्म क्या मजा दे रही थी. दीदी की ऐसी लंड चुसाई मुझे तो अपने लंड को और भी ज्यादा मोटे होने की फीलिंग आ रही थी. दीदी ने मस्त १५ मिनट तक मेरा लंड चूस कर उसे एकदम चिकना कर दिया था.
और इस चुसाई के दौरान में आंटी की चूत को चाट पड़ा था और उनकी फेली हुई बड़ी सी जोपड़े नुमा चूत में अपने पांचों उंगलियां घुसा कर अंदर बाहर कर रहा था. आंटी को दर्द के कारण बुरा हाल हो रहा था, फिर भी मजे ले रही थी साली छिनाल. फिर आंटी मेरे ऊपर से उठी और दीदी मेरी तरफ अपनी गांड कर के घोड़ी बन गई.
मेने स्नेहा को उसकी कमर से टाइट पकड़ा और एकदम धीरे से अपना लंड दीदी की चूत के अंदर घुसा दिया लेकिन फिर भी दीदी दर्द से बुरी तरह से चीख पड़ी, क्योंकि की कितना भी धीरे से लंड को अंदर डालो. एक वर्जिन चूत की सील टूटने से लड़की को बहुत दर्द होता है वही दर्द दीदी को मेह्सुस हो रहा था. में रुका रहा और फिर लंड हल्का सा बाहर निकाला लेकिन लंड का सुपाड़ा अंदर ही था. दीदी की चूत बहुत टाइट थी..
तो मेने लंड को एक बार और धक्का दे कर अंदर डाल दिया. इस बार थोड़ा ताकत लगा कर जोर से धक्का मारा. फिर धीरे धीरे हल्के हल्के धक्के लगाने चालू किया कमरे में पच पच की आवाज आने लगी. अभी भी दीदी दर्द से तड़प रही थी. उन को रोना आने लगा था तो आंटी बोली कि तेरी सील टूटी है तो थोड़ी देर तक दर्द होगा. फिर मजा आने लगेगा और यह देव ने तो काफी आराम से लंड तेरी चूत में डाला है नहीं तो यह चुदाई के मामले में जानवर से भी बदतर है. बहुत ही बेरहमी से सोचता है कमीना कही का, लेकिन मजा भी बहुत आता है. मेरी चूत देख तिन हफ्तों में तो इसने इसका क्या हाल कर दिया है?
तो दीदी यह सुनकर हल्का सा मुस्कुरा दी, मैंने अपना काम चालू रखा और अपने धक्को की स्पीड थोड़ी तेज कर दी. अब मस्त दीदी सील टूटी चूत की चुदाई और ठुकाई करनी शुरू कर दी. अब दीदी को भी मजा आने लगा और गांड हिला हिला कर आगे पीछे होकर वह खुद को चुदवाने लगी थी.
ऐसी ही दीदी को घोड़ी बनाकर मैंने २० मिनट तक चोदा. फिर हमने पोजीशन चेंज की तो मुझे लंड चूत में से बाहर निकालना पड़ा. तब एक पच की आवाज हुई तो देखा की चूत में से खून बाहर निकल रहा था और मेरे लंड पर भी खून लगा था.
जो कि नेचुरल था पर दीदी डर गई. तो आंटी बोलि की यह नेचुरल है पहली चुदाई में खून निकलता ही है, तू टेंशन मत ले.
और आंटी एक कपड़ा गीला करके ले कर आई और मेरा लंड और दीदी की चूत को अच्छे से साफ कर दिया. और अपने मुंह से थूक लगाकर हम दोनों के लंड और चूत को मस्त चिकना कर दिया. फिर मैं सीधा लेट गया और दीदी मेरे को ऊपर अपनी चूत को सेट कर के बैठ गई और मेरे लंड को चूत में घुसाने का काम आंटी ने कर दीया.
अब दीदी मैंरे लंड के ऊपर कूदने लगी और खुद को चुदवाने लगी. बहुत जोर जोर से उछल रही थी. पूरा बिस्तर हिलने लग गया. फिर १० मिनट तक कूदने के बाद वह मेरी छाती पर सर रख कर लेट गई और मैं अपनी कमर ऊपर नीचे उठाकर तेजी से दीदी को चोदने लगा. मेरा पूरा लंड एक बार में जड तक अंदर जाता और बाहर निकलता. मैं दीदी को इसी पोज में आधे घंटे तक चोदता रहा, इसी बीच दीदी तीन बार अपना पानी छोड़ चुकी थी.
मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने आंटी को पूछा कि पानी चूत में डालूं या नहीं तो वह बोली कि डाल दो स्नेहा को में प्रेग्नेंसी रोकने वाली मेडिसिन खिला दूंगी.
तो मैंने अपनी धक्कों की स्पीड और तेज करके एक बार में ढेर सारा सफेद थक मलाई जैसा पानी दीदी की चूत में जड दिया और जब लंड बाहर निकाला तो मलाई भी बाहर निकल आई. फिर मैंने आंटी और दीदी को किस किया थैंक यू बोला और अपने घर आ गया. हम तीनों ने फिर आगे थ्रीसम भी किया जिसमे आंटी और दीदी तो एक दूसरे की चूत की दीवानी हो गई. मैंने दोनों को एक एक करके ३ घंटे तक चोदता था.