मैंने अपने पति को बोली थी की यह आदमी कभी कभी मुझे टच करता हैं. तो पति बोले की उसको मजाक करने की आदत हैं डार्लिंग. मैंने भी सोचा की चलो मैंने अपनी तरफ से बता दिया पति को.
एक दिन हम दोनों होटल में खाने के लिए गए थे की राजेश वहाँ आ गया. वो मेरे पति के बगल इ बैठ गया. मेरे पति के बगल में बैठे हुए भी उसने अपनी हरकतें चालू रखी. उसका लेग मेरे लेग को टच कर रहा था. वो मुझे सहला रहा था पाँव की साइड में. मैं क्या करती अब इसका. और फिर इस हरामी ने हिम्मत कर के मेरी जांघ के ऊपर अपना हाथ रख दिया. मेरे पति बगल में ही थे उसके और वो बिना कोई डर रखे मेरी जांघ को सहला रहा था. मैंने उसका हाथ पकड के हटा दिया. लेकिन उसने तो मेरा हाथ पकड के अपने लंड पर ही धर दिया. राजेश का लंड टाईट हुआ था जो मेरे हाथ से टच होते ही मुझे पता चल गया. साले ने मेरी मुठ्ठी में लंड पकडवा दिया. साले का लंड कितना तगड़ा, मोटा और गरम था. मेरे पति का लंड तो इस से आधा भी नहीं था.
सच कहूँ तो मुझे भी गुदगुदी हो रही थी. उसके हाथ वापस मेरी जांघ पर थे. मैंने इशारे कर के उसे यह सब करने से मना कर रही थी, जबकि उसका लोडा अभी भी मेरे हाथ में ही था. उसने मेरे पति को बातों में उलझाया हुआ था, उन्हें तो पता ही नहीं की टेबल के निचे क्या हो रहा हैं. अब राजेश ने मेरी साड़ी को ऊपर किया और हाथ अन्दर डाला. साले ने मेरी चूत के ऊपर हाथ रख दिया और अपनी पेंट की ज़िप खोल के लंड को सीधे मेरे हाथ में पकडवा दिया. मैं उसके लंड को दबा रही थी और उसने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी थी. मेरे बदन में कम्पन हो रहे थे और वो चूत को गरम करता जा रहा था.
जब खड़े होने का वक्ता आया तो उसने अपनी ज़िप बंध की और मैंने भी किसी की नजर ना पड़े वैसे साडी को ठीक किया.
जब हम उठे तो राजेश ने मेरे पति से कहा, अरे यार तुमने बॉस के पास से वो फ़ाइल ले ली थी?
मेरे पति ने कहा, कौन सी?
राजेश ने कहा, वर्मा बिल्डर वाली?
मेरे पति ने कहा, नहीं यार, बॉस ने कहा था क्या?
राजेश ने कहा, हाँ यार, वैसे वो फ़ाइल अभी सिंह के पास हैं. वहाँ से ले लेना, कल शायद बॉस मांगे.
मेरे पति ने कहा, लेकिन फ़ाइल एक दिन में थोड़ी हो जायेगी.
राजेश ने कहा, तू एक काम कर फ़ाइल ले के आजा सिंह से. मैं भाभी जी को घर छोड़ देता हूँ.
मेरे पति ने कहा, साला सिंह तो दिल्ली के दुसरे कौने में रहता हैं मुझे वापस आने में देर हो जाएगी.
राजेश ने कहा, तू घबरा मत मैं भाभी के पास बैठता हूँ.
मेरे पति ने अपनी बाइक चालू की और मुझे कहा मैं थोड़ी देर में आता हूँ. राजेश ने अपनी बाइक निकाली और बोला, आ जाओ भाभी.
मैंने उसके पीछे बैठी और उसने बाइक मेरे घर की और भगाई. रस्ते में उसने मेरा हाथ ले के अपने लंड पर रखवा दिया और बोला, हिलाओ मेरा लंड भाभी जी. इतना कह के वो हंसा और मैं उसके लंड को दबाने लगी थी. उसका मोटा लंड दबाते हुए मुझे कोई देख नहीं सकता था क्यूंकि मैंने स्वेटर के अन्दर से हाथ लंड पर रखा था. और वैसे भी अँधेरा ही था रस्ते पर.
घर पहुँचते ही राजेश ने मुझे दरवाजे के पास में ही ले दबोचा. वो मुझे किस करने लगा था. उसके मुहं से भी पति के मुहं जैसी तम्बाकू की स्मेल आ रही थी. उसके हाथ मेरे मम्मो पर थे और उसका लंड मेरे हाथ में ही था. फिर उसने मुझे दिवार के साथ सटा के खड़ा किया और साडी के ऊपर से ही गांड के ऊपर लोडे को रगड़ने लगा. उसका लंड बहुत ही गरम था और मोटा भी. मेरी तो हालत ख़राब हो रही थी. उसने अब मेरी साडी को खोला और मुझे एक मिनिट में पूरा नंगा कर दिया. फिर वो खुद भी पतलून खोल के खड़ा हुआ और बोला, भाभी जी लंड नहीं चुसोगी मेरा?
मैं उसके सामने अपने घुटनों पर बैठी और लोडे को मुहं में भर के चूसने लगी. उसका लंड आधा भी नहीं लिया जा रहा था मेरे से मुहं में. ऊपर से उसने मेरे बाल पकडे हुए थे और वो मुझे लंड पूरा चुस्वाने के फिराक में ही था. उसके लंड से बदबू भी आ रही थी, शायद वो पेंट में ही मुठ मरता था.
२ मिनिट्स और लंड चूसने के बाद मैंने कहा, अब नहीं चूसा जा रहा मेरे से.
राजेश ने मुझे खड़ा किया और मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. मुझे मम्मो में दर्द होने लगा था क्यूंकि वो बड़े ही प्रेशर से दबा रहा था उन्हें. इधर उसका लंड पूरा खड़ा था और उसके अन्दर कम्पन भी हो रहे थे. अब उसके मुझे वही दिवार के साथ घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत पर थूंक लगाने लगा. उसने अपने सुपाडे पर भी थोडा थूंक लगाया और बोला, चलो आज तुम्हे लोडे की असली गर्मी दिखाता हूँ.
और फिर उसने मेरी चूत के अन्दर एक ही झटके में अपना आधा लंड पेल दिया. मैं तो रोने ही वाली थी. उसके मेरे बूब्स पर थे जिन्हें वो पके आम की तरह गुंद रहा था जैसे की उनका ज्यूस निकालना हो. फिर उसने एक और झटका दिया और मेरे मुहं से आह निकल पड़ी. लेकिन राजेश को उस से कोई फर्क नहीं पड़ा. वो अपनी गांड को हिला रहा था और उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को दर्द दे रहा था. साले का लंड इतना लम्बा था की मुझे लगता था की पेट तक पहुँचता हैं वो. और वो जोर जोर से झटके मार मार के मेरी चूत को ठोक रहा था. मैं सिसकियाँ ले रही थी और अपनी गांड को हिला रही थी. इतने बड़े लोडे से चुदवाने में मुझे भी मजा आ रहा था.
अब उसने मेरे बूब्स को छोड़ दिया और मेरी गांड पर दोनों हाथ रख दिए. वो मेरी गांड को पकड के आगे पीछे कर रहा था और लंड का सारा आक्रोश मेरी चूत को दे रहा था.
राजेश बोला, तेरा पति सच कहता हैं की तेरी चूत में बहुत गर्मी हैं….!
मैंने चौंक के कहा, क्या?
राजेश हंस के बोला, हाँ उस हरामी ने ही मुझे कहा था की मेरी बीवी को चोदना हैं तो मैं सेटिंग करवाता हूँ. मुझे पता हैं की तुमने मेरी शिकायत की थी उस से. तुम्हे उस दिन ही समझ लेना चाहिए था जब उसने मुझे कुछ नहीं कहा था. आज भी जो कुछ हुआ उसके प्लान से ही हुआ हैं.
मैं कुछ नहीं बोली और वो बोला, उसे पता है की उसके छोटे लंड से तुम खुश नहीं हो पाती हो इसलिए यह सब उसने तुम्हारे लिए ही किया है.
मैं समझ नहीं पा रही थी की खुश होऊं या दुखी!
इधर राजेश के झटके तीव्र होते गए और वो मेरी चूत में ही अपने कामरस को छोड़ बैठा. साले ने बहुत ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में छोड़ा था. वीर्य निकालने के बाद भी २ मिनिट्स तक वो मुझे चोदता रहा.
मैं भी थक चुकी थी और वो भी हांफने लगा था. फिर उसने लंड निकाल के मेरी साडी से ही उसे साफ किया. हम दोनों कपडे पहन के सोफे पर बैठे की मेरे पति आ गये.
उन्होंने घर में घुसते ही राजेश की और देखा, उनकी आँखों में बहुत सारे सवाल थे. राजेश बोला, भैया आप का काम हो गया हैं.
अब मेरे पति ने मेरी और देख के कहा, तुम खुश हो डार्लिंग.
मैं दौड़ के उनके पास गई और उन्हें चिपक के होंठो पर किस दे दिया