मेरा नाम स्वप्निल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है. में पिछले कई सालों से क्रेजी सेक्स स्टोरी पर सेक्सी कहानियाँ लिखता हूँ. दोस्तों मेरी कहानी पढ़कर एक भाई का मुझे एक मेल मिला और जिनका नाम अपूर्वा का था. जो दिल्ली में ही रहती है और उन्होंने उस मेल में लिखा था कि वो एक बार मुझसे मिलना चाहती है. पति संतुष्ट नहीं कर पाया तो भाभी ने मुझे मौका दिया चोदने का.
फिर मैंने अपूर्वा भाभी के उस मेल का जवाब दिया और फिर मैंने उनसे पूछा कि आप मुझसे मिलना चाहती है तो आप अपना फोन नंबर भी मुझे मेल करे. और फिर उसके दो दिन बाद मुझे भाभी की तरफ से एक मेल और आया जिसमे उनका फोन नंबर भी उन्होंने मुझे दे दिया.
जिसको देखकर में बहुत खुश था और मैंने उसी शाम को उस नंबर पर अपूर्वा को कॉल किया तो उधर से एक बहुत ही मीठी सी आवाज़ आकर मेरे कानों पर पड़ी. फिर अपूर्वा को मैंने हाए, हैल्लो अपना परिचय दे दिया और अपूर्वा भाभी ने तब मुझे बताया कि वो एक शादीशुदा औरत है और उनकी शादी के बहुत साल बीत जाने के बाद भी उनके कोई बच्चा नहीं है. उसके पति से वो पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पाती और में इसलिए आपसे मिलना चाहती हूँ.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी आपको जब भी ठीक समय मौका मिले आप मुझे फोन करके बता देना में आपसे मिलने जरुर आ जाऊंगा. और उनसे इतनी बात करने के बाद मैंने अपनी बात को खत्म किया उसके बाद में अब उनकी चुदाई उनसे मिलने के सपने देखने लगा. जिसकी वजह से में बहुत खुश था और मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था, क्योंकि अपूर्वा भाभी ने मुझसे मिलने का अगले दिन का प्रोग्राम बनाया और फिर उन्होंने कहा कि में आपको कहाँ मिलूंगी वो में सही समय पर बता दूंगी.
फिर में बहुत खुश होकर ठीक समय पर उसकी बताई जगह पर पहुंच गया और मैंने देखा कि वो वहां पर पहले से ही पहुंचकर मेरा इंतजार कर रही थी. लेकिन में उन्हे पहचान नहीं सका और मैंने उन्हें फोन लगाया तब उन्होंने मुझे बताया कि वो कहाँ पर है और मैंने देखा कि सड़क के दूसरी तरफ वो खड़ी हुई है. मैंने अपना एक हाथ ऊपर करके हिलाकर उन्हे बताया कि में उनके सामने की तरफ खड़ा हूँ और फिर वो मेरा इशारा समझकर मेरे पास आ गई.
दोस्तों सच कहूँ तो में उन्हे देखकर बिल्कुल दंग रह गया, क्योंकि वो क्या मस्त सुंदर औरत थी? में तो उसको देखकर पागल सा हुआ जा रहा था और वो इतनी सुंदर थी कि देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई परी आसमान से ज़मीन पर उतार आई हो.
उसने नीले कलर के साड़ी और खुले गले का ब्लाउज पहना हुआ था. उसने मेरे पास आकर अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर मुझसे अपना हाथ मिलाया और फिर उसने मुझसे कहा कि चलो हम घर पर बैठकर बातें करेंगे.
फिर हम दोनों तुरंत एक ऑटो को हाथ देकर उसे रुकवाकर उसमे में बैठ गए और कुछ दूर चलने के बाद भाभी ने उस ऑटो वाले को उनके घर का पता बताया और फिर हम उस दिशा में चल पड़े. चलते समय रास्ते में हमारी कोई बात नहीं हुई और करीब आधे घंटे के बाद हम उनके घर पर पहुंच गये. मैंने ऑटो वाले को किराया दे दिया और भाभी नीचे उतरकर आगे बढ़कर घर का दरवाजा खोल रही थी.
उसके खुलते ही हम दोनों घर के अंदर चले गये. फिर अंदर पहुंचते ही भाभी ने मुझसे कहा कि तुम बैठो में हमारे लिए चाय बनाकर लाती हूँ और में वहीं पर उस सोफे पर बैठ गया और भाभी चाय बनाने चली गई.
तब मैंने देखा की भाभी एक मध्यम परिवार से है और उन्होंने अपने उस घर को बहुत अच्छे तरीके से सजाया हुआ है. फिर थोड़ी देर में भाभी हमारे लिए चाय लेकर आ गई और उन्होंने एक कप मुझे दे दिया और एक कप वो खुद लेकर मेरे पास सोफे पर बैठ गई. हम दोनों एक साथ में उस सोफे पर बैठकर चाय पी रहे थे.
तभी मैंने भाभी से पूछा कि आपके पति क्या काम करते है? तब उन्होंने मुझे बताया कि वो हैदराबाद में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते है और वो तीन चार महीने में एक बार घर आते है और वो दो दिन के बाद वापस चले जाते है, जिसकी वजह से में उनके साथ सेक्स करने के लिए बहुत ज्यादा तड़पती रहती हूँ, लेकिन उनको मेरी कोई भी परवाह नहीं है और उनको बस अपना काम नजर आता है, मेरी बिल्कुल भी चिंता नहीं है.
दोस्तों में अब तक चाय पी चुका था मैंने धीरे से भाभी का दुखी उदास चेहरा देखकर उन पर दया करते हुए मैंने उनके बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और में उन्हे दबाने सहलाने लगा तब मैंने महसूस किया कि उनके वाह क्या मस्त मुलायम, गोल गोल बूब्स थे भाभी के बूब्स का 36 साइज़ था.
और अब वो मेरे ऐसा करने से सिसकियाँ लेने लगी और उन्होंने मुझसे कहा कि में अभी आती हूँ यह बात कहकर वो तुरंत उठकर वहां से चली गई, मेरा लंड अब तक बिल्कुल सख्त हो चुका था वो एकदम तनकर खड़ा हुआ था कुछ देर के बाद भाभी वापस आ गई.
तो में भाभी को देखा ही रह गया भाभी ने उस समयी काले कलर के मेक्सी पहनी हुई थी. और उनके गोरे बदन पर वो काले रंग की मेक्सी उन पर कहर बरसा रही थी में उनको देखकर पागल हुआ जा रहा था. मैंने तुरंत ही लपककर भाभी को अपने आगोश में ले लिया और में भाभी को लीप किस करने लगा और कुछ देर बाद भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
उस समय भाभी की जीभ मेरे मुहं में थी और में उसको लोलीपोप के तरह चूस रहा था. लेकिन मेरा एक हाथ भाभी के बूब्स पर था और में भाभी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था, में उनकी निप्पल को निचोड़ रहा था. उस वजह से मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि आज मेरे साथ ग़ज़ब की हसीना थी वो भी मेरी बाहों में मैंने भाभी को अपनी बाहों में उठाया गोद में लेकर में उनको बेड पर ले गया.
अब मैंने बिना देर किए भाभी की मेक्सी को उतार दिया तब मैंने देखा कि भाभी ने उस समय लाल कलर की ब्रा और काले रंग की पेंटी पहन रखी थी जो उनके ऊपर बहुत अच्छी लग रही थी, में भाभी के बूब्स को दबा रहा था और चूस भी रहा था मेरे साथ साथ भाभी भी बहुत गरम हो रही थी इसलिए वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
अब वो मुझसे लिपटकर कह रही थी कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ तुम बहुत अच्छे हो तुम मुझे आज इतना जमकर चोदो कि में पागल हो जाऊ. तुम आज मेरी प्यास को बुझा दो में पिछले कई दिनों से बड़ी प्यासी हूँ.
तो मैंने भाभी के बूब्स को दबाते हुए कहा कि भाभी आपके बूब्स बड़े ही शानदार और रसीले है आपकी निप्पल तो बड़ी ही सख़्त, मजेदार और मीठी है. ऐसे बूब्स आपके जैसा गोरा, सेक्सी, गदराया हुआ बदन आज से पहले कभी नहीं देखा में आज आपको चुदाई के बहुत मज़े दूंगा जमकर आपकी चुदाई करूंगा जिससे आप खुश हो जाओगी.
भाभी ने मेरी बात को सुनकर मुझे अपनी भूरी, बड़े आकार की आखों से बड़ी सेक्सी स्टाइल से अपनी शरारत भरी नजर से मुस्कुराते देखा. और फिर उन्होंने अपनी आंखे बंद कर ली भाभी उस वक़्त बहुत गरम और कामुक हो रही थी वो पूरे जोश में थी.
अब में अपनी जीभ को भाभी की छाती पर से हटाकर उनके गोरे, नरम और मुलायम पेट पर फेरने लगा. और फिर कुछ देर बाद में धीरे धीरे नीचे बड़ते हुए भाभी की गोरी गरम भरी हुई जांघो तक में पहुँच चुका था. उनको चूमने के बाद मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाकर अब उनकी चूत में अपनी एक ऊँगली को डाल दिया. तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत बहुत गरम और गीली हो चुकी थी में उसमे अपनी ऊँगली को लगातार अंदर बाहर करता रहा और वो सिसकियाँ लेने लगी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे अपनी चूत को चाटने के लिए कहा वो मुझसे कहने लगी. कि आज तक किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी है प्लीज तुम मेरी चूत को चाट दो मुझे वो मज़ा भी दे दो. तुम्हारे भैया मुझसे हर कभी अपना लंड तो चुसवा लेते है, लेकिन आज तक उन्होंने कभी भी मेरी चूत नहीं चाटी है प्लीज अब मुझे ज्यादा मत तरसाओ तुम मेरी चूत को चाटो ना.
तो मैंने उनसे कहा कि क्यों नहीं मेरी प्यारी भाभी में आज आपकी ऐसी जमकर चूत चुसुंगा कि आप सारी ज़िंदगी मुझे याद रखोगी. और फिर मैंने उनकी गुलाबी चूत के होंठ खोलकर उन पर में अपनी जीभ को फेरने लगा और जब भी मेरी गरम, खुरदरी जीभ उनकी चूत के दाने से टकराती तो उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी. में उनकी चूत में अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा भाभी की चूत से लस्सेदार, गरम नमकीन शहद बहने लगा. मैंने उनका वो सारा नमकीन शहद पी लिया और में अपनी जीभ को अंदर बाहर करके भाभी को लगातार चोदता रहा.
भाभी मदहोशी में आकर अपना सर तकिए पर इधर उधर पटक रही थी. और वो प्लीज उूउउफफफ्फ़ अहहऊओह और करो तेज़ी से प्लीज आहह उउउफफ्ईईईईई जान यह तुमने मुझ पर कैसा जादू कर दिया है? आईईईईई तुम्हारे यह सब करने से मेरी चूत में आग सी लग गयी है ऊऊऊहह आअहह में मर गई, ऊफ्फ्फ्फ़ माँ मेरी आज जान ही निकल जाएगी प्लीज जल्दी से तेज़ तेज़ करो. “पति संतुष्ट नहीं कर”
आख़िर में भाभी बिल्कुल खल्लास हो गई मतलब वो झड़ चुकी थी. और उनकी चूत ने बहुत सारा नमकीन रस छोड़ दिया जो मैंने सारा पी लिया और जब भाभी कुछ होश में आई तो वो उठी. और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और वो मुझे किस करके कहने लगी जान तुमने तो अपना काम पूरा कर दिया है अब तुम देखो कि में क्या करती हूँ?
फिर भाभी ने मुझसे यह शब्द कहकर तुंरत नीचे बैठकर उन्होंने मेरे लंड के टोपे पर अपनी जीभ को फेरना शुरू कर दिया. कुछ देर चूसने के बाद उन्होंने धीरे धीरे मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि भाभी बहुत अच्छा लंड चूस रही थी वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड को अपने मुहं में पूरा अंदर और फिर धीरे धीरे बाहर कर रही थी. जिसकी वजह से में तो उस वक़्त मज़े और जोश की पूरी ऊंचाई पर था.
भाभी ने पहले तो धीरे से और फिर तेज़ी से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और आख़िर जब में झड़ने वाला था. तो मैंने उस समय अपना लंड उनके मुहं से बाहर निकालना चाहा, लेकिन उसी समय चाहा उन्होंने इशारे से मुझसे कहा कि तुम यह वीर्य मेरे मुहं में ही निकाल दो. और फिर मैंने अपना पूरा वीर्य उनके हलक़ में डाल दिया वो भी एक बूँद बेकार किए बगैर मेरा सारा वीर्य पी गई. और एक बार फिर से उन्होंने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में मेरा लंड दोबारा तनकर खड़ा हो गया. “पति संतुष्ट नहीं कर”
अब भाभी ने मुझसे कहा कि चलो शुरू हो जाओ, असली मज़ा तो अब शुरू होगा और फिर वो मुझसे इतना कहकर बेड पर सीधा लेट गयी. और उन्होंने अपने दोनों पैरों को उठा दिया जिसकी वजह से उनकी चूत ऊपर की तरफ उठ गई. और में बिना देर किए उनके ऊपर लेट गया और भाभी ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर ठीक निशाने पर रख लिया.
अब मैंने एक धीरे से धक्के के साथ अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया. दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पहले से ही बहुत गीली हो रही थी इसलिए मेरा पूरा लंड बड़ी आसानी से उनकी चूत में अंदर चला गया.
पहले तो में भाभी को धीरे धीरे धक्के देकर चोदता रहा और फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड को तेज़ कर दिया. और अब में भाभी को जोरदार धक्के देकर चोदने लगा भाभी भी मेरे लंड से अपनी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. और वो आआअहह ऊओहउउउफफफ्फ़ हाँ और तेज़ जल्दी प्लीज तेज़ उफफफ्फ़ऊऊहह की आवाजे निकाल रही थी. उनके बूब्स भी मेरे हर एक धक्के के साथ झटके से हिल रहे थे जो एक हसीन और दिलकश नज़ारा था.
थोड़ी देर उस पोज़िशन में चुदाई करने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी (डॉगी स्टाइल) बनाया तो उनकी सुंदर और चौड़ी गांड ऊपर की तरफ उठ आई. और उनके बूब्स किसी आम की तरह हिलने लटकने लगे मैंने भाभी की चिकनी, गोरी गांड पर हाथ फेरते हुए मैंने अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया. “पति संतुष्ट नहीं कर”
और में उनके बूब्स को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगा में भाभी को जी जान से मन लगाकर धक्के देकर चोद रहा था. और भाभी भी उस चुदाई में मेरा भरपूर साथ दे रही थी उनको भी बहुत मज़ा आ रहा था. और बहुत देर तक चुदने के बाद भाभी ठंडी पड़ गई में भी अपने आखरी दौर में था.
उसी समय मैंने भाभी को कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ अब आप मुझे बताए में अपना वीर्य कहाँ निकालूं? तो उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं तुम इस वीर्य को मेरे अंदर ही निकाल दो. और फिर उनका जवाब सुनते ही मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और भाभी की चूत अब मेरे गरम वीर्य से भर गयी.
में भी इतनी देर तक लगातार जमकर चुदाई करने की वजह से बहुत ज्यादा थककर भाभी के ऊपर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने लंड भाभी की चूत से बाहर निकाला, तो मैंने देखा कि वो मेरे वीर्य और भाभी के जूस से भरा हुआ था.
फिर भाभी ने एक बार फिर से मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसको बिल्कुल साफ करके चमका दिया. फिर हम दोनों उठकर बाथरूम में चले गये और फिर हम दोनों साथ में नहाने लगे एक दूसरे को पानी डालकर नहलाने लगे.
उसी समय मैंने बाथरूम में भी भाभी को एक बार बहुत मस्त मज़े से चोदा हम दोनों ने नहाते हुए भी चुदाई के मज़े लिए. फिर मैंने ऊपर से हमारे नंगे गरम बदन पर गिरते हुए पानी में भी भाभी को खड़े खड़े अपना लंड उसकी चूत में डालकर अपना काम किया, जिसमें उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया. दोस्तों नहाना और चुदाई को खत्म करके हमने बाहर आकर कपड़े पहन लिए और फिर मैंने भाभी से पूछा कि तुम्हे और किस किस ने चोदा है? “पति संतुष्ट नहीं कर”
भाभी ने बताया कि वो अपनी शादी के वक़्त तक अनचुदी थी और भैया से शादी होने के बाद ही उनकी किसी ने चुदाई की, लेकिन भैया ने कभी भी उनको चुदाई का वो मज़ा नहीं दिया. उनकी चुदाई कुछ मिनट तक चलती और उसके बाद वो थककर सो जाते.
जिसके बाद में अकेली प्यासी तरसती रहती थी और शादी से पहले सिर्फ़ उनकी एक सहेली है, जिसके साथ साथ वो मज़े करती रहती है. लेकिन जितना मज़ा मुझे आज तुम्हारे साथ यह सब मज़े मस्ती करने में आया है. उतना मुझे आज तक कभी किसी के साथ नहीं आया. आज तुमने मुझे चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है, तुम बहुत अच्छी मस्त चुदाई करते हो.
दोस्तों अब मेरा भी समय हो चुका था, इसलिए मैंने भाभी की पूरी बात अपनी तारीफ को सुनकर उनसे जाने की इजाज़त माँगी. तो मैंने देखा कि उस समय भाभी के आँखो में आंसू आ गये और वो कहने लगी कि तुमने मुझे आज वो मज़ा दिया है कि में तुम्हे जिंदगी भर नहीं भूल सकती और वो यह बात कहकर मुझसे लिपट गई. फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे अलग होकर अपने कपड़े पहने और उसके बाद मैंने भाभी को किस किया. और में उनके घर से बाहर निकलकर अपने घर आ गया और में आते समय पूरे रास्ते उनकी चुदाई के बारे में ही सोचता रहा.