पार्टी का टिकट पाने के लिए मुझे नेताजी से अपनी बीवी को चुदवाना पड़ा

सभी दोस्तों को अभिमन्यू चौधरी का बहुत बहुत नमस्कार. मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ. विगत कई वर्षों से मैं इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ. मैंने अपने सभी दोस्तों को इसके बारे में बताया है. अब मेरे दोस्त भी हर रोज नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर मस्त सेक्सी कहानियाँ पढते है. आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मैं पीछे कई सालों से राजनीत में सक्रिय हूँ. सबसे पहले मैं कांग्रेसी था, पर जब मुझे वहां पैसा कमाने का कोई मौका नहीं मिला तो मैंने पार्टी छोड़ दी. मैं भाजपा में आ गया. पर वहां पर बड़े बड़े स्टार नेताओं की जादा सुनी जाती है. मुझे मेरे छेत्र रामपुर से विधायकी का टिकट नही मिला तो मैं आग बबूला हो गया.

मैंने तुरंत भाजपा पार्टी छोड़ दी और अपना दल नामक नई पार्टी में आ गया. ये पार्टी किसानों के हितों के लिए काम करती थी. पर मुझे इससे कोई लेना देना नही था. मुझे तो बस जल्द से जल्द करोड़पति बनना था. सच्चाई यही है की हर नेता समाजसेवा बाद में करता है, पहले तो अपना पेट भरता है. मैं भी राजनीति में सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने आया था. अपनी बीवी सपना के साथ मैं पार्टी के मुखिया के पास टिकट मांगने पंहुचा. मेरी पत्नी भी राजनीति में सक्रीय थी. हम दोनों मियां बीवी ने अपना दल ज्वाइन कर लिया था. मेरी बीबी बहुत ही खूबसूरत थी. बिलकुल हीरोइन थी. मैं उसको लेकर पार्टी के मुखिया मनमोहन मौर्या के पास टिकट मांगने पंहुचा. मौर्या जी ने ८ साल पहले पार्टी बनायीं थी.

तत्कालिक पार्टी किसानो के विकास के लिए कुछ नही कर रही थी. मौर्या जी से इसको ही अपना अजेंडा बनाया और पार्टी बना ली. अपना दल से यू पी की ५१२ सीटों में १०० सीटे जीत ली और वर्तमान में धीरे धीरे एक मजबूत पार्टी बन रही थी. मैंने इस बात को ताड़ लिया था की अपना दल का भविष्य बड़ा उज्जवल है. यू पी में कुछ महीनो में विधानसभा चुनाव होने वाले थे, इसलिए मैं रामपुर से अपना दल के प्रत्यासी के रूप में टिकट मांगने मंत्रीजी के पास गया था.

मनमोहन मौर्या अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. वो ही आला कमान थे. किसको टिकट दिया जाएगा किसको नही, वो ही तय करते थे. अपनी बीवी को लेकर मैं उनके बंगले पर पंहुचा.

नेताजी को नमस्कार !! मैंने मनमोहन जी के पैर छुए. मेरी बीवी भी नेताजी के पैर छूने झुकी. सपना ने आज बहुत ही सुंदर पीली रंग की बनारसी साडी पहन रखी थी. सपना बिलकुल मस्त माल लग रही थी. वो बिलकुल कुमोदिनी जैसी सुंदर लग रही थी. मौर्या जी जादा किसी को भाव नही देते थे. क्यूंकि सुबह से लेकर शाम तक लोग उनके पास आते रहते थे और उनके पैर छुआ करते थे. इसलिए वो जादा किसी को भाव नही देते थे. पर आज मेरी बीवी सपना को उन्होंने सिर से पाँव तक देखा. थोडा हाल चाल हुआ. और मैंने अपनी मंशा प्रकट की की मुझे विधान सभा का चुनाव लड़ने का मौका दे.

अभिमन्यु जी ! आप तो अभी ही कुछ महीनो पहले पार्टी में आये है. अभी काम करिये. गांव गांव शहर शहर में जाकर पार्टी से लोगों को जोड़ने का काम करिये. अभी आपको टिकट नहीं मिल सकता’ उन्होंने साफ साफ मना कर दिया. मुझे थोडा बुरा लगा. क्यूंकि मैं चूनाव लड़के का सपना देख लिया था. हम मियां बीवी मुह लटकाकर घर लौट आये. जितनी खुसी से हम दोनों मनमोहन जी से मिलने गए थे, उतना ही दुखी होकर हम लौट आये. मेरी बीवी सपना भी बड़ी उदास थी. कबसे वो स्विट्जरलैंड घुमना चाहती थी. अब वहां टहलने के लिए कुछ लाख तो होने की चाहिए. मेरी भी तमन्ना मर्सिडीज में चलने की थी. एक बड़ा सा बंगला भी मैं बनाना चाहता था. ये सब मजे तब ही हो पाते जब मैं चुनाव लड़ता और जीतता और करोड़ों डकार जाता. पर यहाँ तो सब उल्टा हो गया था.

एक के बाद एक दिन बीतने लगे. हम दोनों मिया बीवी थोड़े उदास रहने लगे. अगले दिन रात में मनमोहन मौर्या जी का फोन आ गया. मुझे तो उम्मीद नही थी. मैंने उनको चरण स्पर्श किया. उन्होंने कुछ देर बाद की. फिर अपने मुद्दे पर आ गए.

अभिमन्यु जो मैं आपको टिकट दे दूँगा पर एक चीज चाहिए आपकी. असल में मुझे आपकी बीवी सपना चौधरी कुछ जादा ही जम गयी है. जबसे उसको देखा है और कुछ सोच ही नही पा रहा हूँ’

‘अब इस दिल का क्या करूँ अभिमन्यू जी?? क्या अपनी बीवी को आप मुझे एक रात के लिए चोदने के लिए दे देंगे?? वो बोले. मेरे तो मुह से गाली निकलने वाली थी. कैसा अध्यक्ष है ?? मैंने सोचा. सीधे सीधे मेरी बीवी को चोदने खाने के लिए मांग रहा है. मैंने सोचा. मुझे बहुत गुस्सा आ गया. सोचा की अभी ही पार्टी से इस्तीफा दे दूँ और सपना को भी इस्तीफा दिला दूँ.

‘अभिमन्यु जी मुझे कोई जल्दी नही है. आप आराम से सोच ले. पर ये तो पक्का है की अगर आपने मेरी फरमाइश पूरी कर दी तो इसी चुनाव में मैं आपको टिकट दे दूँगा. आप चुनाव लड़िए मजे से’ मुखिया जी बोले और फोन काट दिया. ये सब सुंनकर तो मेरा सिर भनभना गया. दोस्तों, उस रात ना तो मैं सो सका और ना  ही मेरी बीवी सपना सो सकी. कई दिन बीत गए. मेरी बीवी सपना बड़ी चालू आइटम है, ये मुझको बाद में पता चला. वो पैसा कमाने के लिए किसी की स्तर पर जाने को तैयार थी.

सुनिए जी! मैं अगर एक रात मनमोहन जी के साथ बिता दूँ तो कौन सी मेरी चूत घिस जाएगी. वैसे भी आप तो मुझे हर रात चोदते ही है. आप उनको फोन करके हाँ बोल दीजिए सपना ने कहा. मेरा तो दिमाग घूम गया.

सपना! ये कैसी बात कर रही हो तुम?? मैंने पूछा

सुनिए, मैं कुछ नही जानती हूँ. आप मनमोहन जी को फोन करके मेरी हाँ कर दिजिए और चुनाव लड़िए  मेरी बीवी सपना ने कहा.

मुझे उसकी बात का दुःख भी हुआ. कुछ दिनों बाद मुझे उसकी एक एल्बम उसकी साड़ियों वाली अलामारी में मिली. मुझे उसके ५० ६० लव लेटर्स और दूसरे लड़कों के साथ हाथ में हाथ डाले कई फोटो मिले. मुझे पता चला की मेरी बीवी एक नंबर इश्कबाज थी. वो एक नंबर चुदक्कड भी थी. जब मेरी शादी उससे हुई थी तो उसने घर वालों से मुझे उसकी सच्चाई के बारे में कुछ नही बताया. वरना मैं कभी जिंदगी में ऐसी चुदक्कड लड़की से शादी ना करता. मैं उसके सारे लव लेटर्स अपने ऑफिस ले गया. वहां एकांत में अकेले में बैठकर मैंने सब प्रेम पत्र लिखे. मेरी आँख में आशुं आ गए. जब मेरी बीवी शादी से पहले कई मर्दों से चुद ही चुकी है तो मनमोहन जी से उसे चुदवाने में क्या हर्ज है. मैंने अपने आशू पोछ लिए. अब तो मैं अपनी बीवी को चुदवाकर अपना टिकट जरुर पकका करूँगा! मैंने सोचा. मैंने अपनी बीवी के सब प्रेम पत्र वहीँ रख दिए जहाँ से मैंने उठाये थे. उससे बिलकुल भी खबर नही हो पायी की मुझे उस्सी सच्चाई और उनके नाजायज रिश्ते के बारे में पता चल गया है. मैं खुसी खुसी शाम को ऑफिस से लौट आया.

सपना! तुम सही कहती हो. मैं अभी मनमोहन जी को फोन करता हूँ मैंने कहा. मैंने मनमोहन जी को फोन कर दिया.

मनमोहन जी! मैं अपनी बीवी आपको एक रात को देने को तैयार हूँ. पर दो शर्तें है. पहला आप वादा खिलाफी नहीं करेंगे. मुझे आप टिकट जरुर देंगे. दूसरी बात की मैं वहीँ आपके घर में छिपा रहूँगा और अपनी बीवी को आपसे चुदते हुए देखूंगा मैंने कहा.

जियो राजा!! अभिमन्यू बेटा, तुम तो मुझसे भी धुरंधर नेता निकल गए. तुम एक दिन एक बड़े नेता जरुर बनोगे. मुझे अपनी मारी माँ की कसम. मैं अगर तुम्हारी बीवी का रात भार भोग लगाऊंगा तो टिकट तुम्हारा पक्का है. आज रात ही आ जाओ बेटा! अपना दल के अध्यक्ष मनमोहन मौर्या जी बोले. कहाँ कुछ दिन पहले तक वो मेरे पैर छूने का जवाब तक नहीं देते थे और कहाँ उनकी फरमाइस पुरी करने के बाद उन्होंने मुझे अपना बेटा बना लिया.

शाम के ७ बजे तो मेरी चुदक्कड इश्कबाज बीवी बाथरूम में नहाने चली गयी. कुछ देर बाद वो परी की तरह बाहर निकली. सपना ने आज अपनी पार्टी वेअर जोर्जेट साड़ी पहनी. वो गजब की माल लग रही थी. मन हुआ की कह दूँ की तेरे खूबसूरत चेहरे के पीछे कितनी बड़ी छिनाल औरत छिपी है मैं जान गया हूँ. पर इससे तो मेरा सब प्लान बिगड जाता. रात ९ बजे मैं सपना को अपनी कार में लेकर नेताजी के बंगले पर पहुच गया. मैंने एक बार फिर से उनके पैर छुए.

अरे जीते रहो बेटा  मनमोहन जी बोले.

सपना उनको देखकर मुस्कुरा दी. वो भी पैर छूने झुकी और मनमोहन जी के पैर छू लिए. नेताजी ने मुझको एक कमरे की तरह आँख मारी. मैंने उधर चला गया. नेता जी [मनमोहन  जी] मेरी बीवी को अपने आलिशान बेडरूम में ले गए. मैं ठीक उसी कमरे के बगल वाले कमरे में था. नेताजी ने अपने बेडरूम में कमरे लगा रखे थे. जिस कमरे में मैं छिप गया था वहां टीवी में कैमरे में हो रही हलचल देख सकते थे. मेरी चुदक्कड बीवी कितनी बड़ी अल्टर है ये बात मुझको आज पता चली. मनमोहन जी साथ अंडर जाते ही वो शुरू हो गयी. मेरी चालू बीवी ने अपना पल्लू अपने सीने से हटा दिया. उसने गहरे गले का ब्लौस पहना था. मौर्या जी मेरी मस्त माल बीवी को देख मचल गए. सपना को उन्होंने अपने आलिशान बेड पर लिटा लिया, उसका ब्लौस खोल दिया और उसकी मस्त कसी ब्रा उतारकर मेरे चुदक्कड बीवी के मम्मे पीने लगे.

सपना के चेहरे पर एक बार भी शर्म, संकोच जैसे भाव नहीं आये. मनमोहन मौर्या जी को ऐसे दूध पिलाने लगी जैसे उनको ज़माने से जानती हो. मनमोहन जी नेताजी भी थे और अपना दल के मुखिया भी थे. इसलिए पाठकconfuse ना हो अगर मैं उनको नेताजी या मनमोहन जी कहकर सम्बोधित करूँ. नेताजी आँख बंद करके मेरी बीवी के मामे पीने लगे. मेरे दोस्त हमेशा से कहते थे की सुंदर लड़कियाँ जादातर अल्टर होती है, पर आज अपनी सुंदर और चुदक्कड बीवी को देखकर मैं ये साक्षात् देख लिया. सपना ने खुद अपनी साड़ी निकाल दी. अपना पेटीकोट का नारा उसने खींच दिया. वो सम्पूर्ण रूप से नंगी हो गयी. मैं नेताजी के उस कमरे के बगल वाले कमरे में बैठा टीवी पर अपनी बीवी की रंगरेलियां देख रहा था. एक बार फिर से मेरी आँखों में आसु आ गए थे. मेरे तो ये समझ में नहीं आ रहा था की ऐसी छिनाल के झासे में मैं कैसे फस गया.

मेरी चुदकक्ड बीवी नेताज़ी के बेड पर अठखेलिया लेने लगी. वो इधर से उधर कुलाचे भरने लगी. अपने हाथ के इसारे से नेताजी को पास आने के लिए बुलाने लगी. नेताजी अपने कमरे उतरने लगे. फिर वो नंगे गो गए. और मेरी जवान चुदक्कड बीवी के पास चले गए. सपना को उन्होंने दबोच लिया और उसके मस्त तिकोने छातियों का स्तनपान करने लगे. अपनी बीवी का असली चेहरा देखकर जी हुआ की रिवोल्वर लेकर जाऊं और उसके सीने में सारी गोलियाँ उतार दूँ. पर मैंने खुद को कण्ट्रोल किया. वैसे मेरी बीवी थी की भोगने लायक सामान. उसका फिगर कमाल का था. गोरा भरा हुआ बदन नीचे से उपर तक. नेताजी मेरी बीवी के दोनों बूब्स पीने लगे. फिर उसके दोनों टांगों को फैलाकर उसको चोदने लगे.

सपना को जरा भी शर्म नही आई. हंस हंसकर मनमोहन मौर्या जी से चुदने लगी. उनका लंड काफी मोटा था, वो जैसे जैसे मेरी बीवी की चूत फाड़ने लगे, वैसे वैसे उसकी बुर और चौड़ी होने लगी, और गहरी हो गयी. दोस्तों, मैं तो शर्म से गडा जा रहा था. मनमोहन मौर्या जी ५० ५५ साल के थे, इस तरह एक बुड्ढा मेरी जवान बीवी का भोग लगा रहा था. कुछ देर तक ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद वो मेरी बीवी की चूत में स्खलित हो गए. अब वो अपने मुलायम गुल गुल बेड पर कई मोटी तकिया सिर पर लगाकर लेट गए.

सपना बेटी !! आओ मेरा लंड चूस्सव्वल करो! वो बोले.

सपना उनके पास चली गयी. नेताजी का लंड चूसने लगी. मेरी बीवी के काली घटाओ से काले लम्बे बाल खुल गए और नीचे झूलने लगे. खुले बालों में कामुकता और चोदन की देवी लग रही थी. नेताजी के लंड पर झुककर हाथ से उनके लंड को फेट फेटकर किसी प्रोफेसनल रंडी की तरह उनका लंड चूस रही थी. नेताजी ने अपना हाथ सपना के सिर पर रख दिया था जैसे उसे चुनाव जितने के आशीर्वाद दे रहें हो. मुझे ये देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा था की मेरी बीवी सपना उनका मोटा १० इंची लंड पूरा का पूरा अपने मुह में अंदर तक ले रही थी. जितना मैं समझ रहा था वो उससे बड़ी छिनाल निकल गयी थी. अपना दल के अध्यक्ष मनोमहन जी उसकी सेवा से बहुत खुश थे. उनको तो स्वर्ग मिल रहा था.

घूम जाओ बेटी ! वे बोले.

उन्होंने मेरी बीवी को कुतिया बना दिया. सपना किसी मूर्ति की तरह उलटी होकर बेड पर बैठ गयी. उसने अपना पिछवाडा उपर उठा लिया. अपने दोनों कंधे बेड पर टिका दिया. उसकी गांड पीछे से उभर कर उपर आ गयी. मनमोहन जी से अपनी जीभ उसके गांड के छेद पर फेर दिया और मेरी बीवी की गांड चाटने लगे. सपना सिसकने लगी. कुछ देर बाद वो मेरी बीवी की गांड चोदने लगे. मैं बगल वाले कमरे में सारी रंगरलियाँ देख रहा था. २ घंटे तक उन्होंने मेरी बीवी की गांड चोदी, फिर लंड निकाल के उसके चिकने गोल मटोल चूतडों पर अपनी पिचकारी छोड़ दी.  उन्होंने २ हफ्ते बाद मुझे विधायाकी का टिकट दे दिया. मैं चुनाव लड़ा और जीत भी गया. मुझे विकास कार्यों के लिए २०० करोड़ मिले, जिसने से मैं १५० करोड़ खुद दबा लिए. फिर मैं अपनी बीवी की स्विट्जरलैंड घुमाने ले गया. अगर मेरी बीवी उस दिन मनमोहन जी से ना चुदती तो आज मैं इतना सफल नही होता. आज भी नेताजी का फोन कभी कभी आ जाता है, तो मैं बिना संकोच अपनी चुदक्कड बीवी को उनसे चुदने उनके बंग्ले पर भेज देता हूँ. ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें थे.

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