हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और मेरी उम्र 25 साल और में नई दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.8 और मेरे लंड का साईज 6 है और में दिखने में एकदम ठीकठाक हूँ. दोस्तों में आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों को जरुर पसंद आएगी.
दोस्तों में बहुत समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आता है और बहुत अच्छा भी लगता है. मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी और एक दिन बहुत विचार करके अपनी भी आप बीती आप सभी लोगों को बताने की बात मन में ठान ली, प्लीज आप लोग इसे पढ़कर मुझे अपनी राय मैल करके जरुर बताए और अब में ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह मेरी कहानी पिछले साल मेरे साथ घटित हुई और अब में उसको सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों तब मेरे पड़ोस में एक बहुत ही सेक्सी भाभी रहती थी, उसकी शादी को चार साल बीत गए थे, लेकिन उनको अभी तक कोई औलाद नहीं थी. उसका पति घर से ज़्यादातर बाहर ही रहता था और घर में उन दोनों के अलावा कोई नहीं रहता था.
दोस्तों वो भाभी दिखने में बहुत ही मस्त हॉट माल थी, भाभी का फिगर करीब 34-28-36 होगा और भाभी के कपड़े पहनने के तरीके की वजह से भाभी और भी सेक्सी लगती थी और उसका जालीदार ब्लाउज उस ब्लाउज के अंदर स्टाइलिश ब्रा और साड़ी पहनने का तरीका हमे हमेशा भाभी के और ज़्यादा करीब आकर्षित करता था, दिखने में वो बिल्कुल ज़रिन ख़ान के जैसी थी और हमारी सोसाईटी के सभी लड़के भाभी के नाम की माला और मुठ मारते थे और भगवान से प्राथना करते थे कि कब उनको भाभी के साथ चुदाई करने का मौका मिलेगा?
दोस्तों शुरू शुरू में भाभी ने मुझे अपने सेक्सी बदन को दिखाकर भी बहुत सताया और सोसाईटी के सभी लड़के भी कई बार मुझसे कहते थे कि साले इसको पटाना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन में फिर भी भाभी से बात करने का मौका ढूंढता रहता था, उनके उस हॉट सेक्सी बदन को घूरता था और भाभी को देखते ही मानो मुझे 440 का करंट लगने लगता था और में जब तक भाभी को ना देख लूँ मेरी आँखों को सुकून नहीं मिलता और भाभी को देखने के बाद मेरे लंड को सुकून नहीं मिलता था.
एक दिन में बस स्टॉप पर बस की राह देख रहा था, मुझे कहीं बाहर जाना था तो में बस का इंतजार करता रहा और फिर थोड़ी देर में वहां भाभी भी आ गई और अब मैंने देखा कि वो एक बस में चड़ गई थी तो मैंने तुरंत अपनी बस को छोड़ दिया और जिस बस में भाभी चड़ी थी में भी उसी बस में चड़ गया.
फिर में क्या बताऊँ यारो उस बस में बहुत भीड़ थी और मेरे आगे भाभी और उनके पीछे में अगर बस किसी गड्डे में से जाती तो उसके ब्रेक लगते और मुझे मज़ा बहुत आता और अगर कोई स्पीडब्रेकर आ जाता तो और भी बहुत मज़ा आता और जब कभी ड्राइवर ब्रेक मारता तो में जानबूझ कर सीधा ज़ोर से भाभी के पीछे अपना लंड ठोक देता और अब में तो बस इस फिराक़ में रहता कि कब ब्रेक लगे और कब में भाभी को ठोक दूँ? भाभी मुझे गुस्से से देख रही थी.
फिर में कुछ देर बाद बस से उतरा और तुरंत नीचे भाग गया और उसके बाद में भाभी के सामने करीब एक सप्ताह तक नहीं गया, मुझे उनसे अब थोड़ा डर सा लगने लगा था. एक दिन में उसके घर के सामने से जा रहा था तो मैंने देखा कि भाभी अकेली कपड़े सुखा रही थी तो में उसके पास चला गया और मैंने मन ही मन में भगवाव से कहा कि प्लीज आप मेरी मदद करो और मैंने उसको सीधा बोल दिया कि सरिता में तुमसे प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो अगर तुम्हारी तरफ से हाँ है तो ठीक है और अगर ना है तो प्लीज तुम किसी को मत बताना, में वापस कभी भी तुम्हें तंग नहीं करूँगा.
फिर उसने बहुत ज्यादा क्रोध में मेरी तरफ देखा और वो घर के अंदर चली गयी. दोस्तों में अब मन ही मन में यही बात सोचता रहा कि साला में थोड़े दिन और रुक जाता तो मेरी बात बन जाती, लेकिन अब तो मेरा सारा खेल खत्म. एक दिन बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी. में अपने ऑफिस जाने के लिए अपने घर से निकला और उस समय नीचे बिल्डिंग के पास कोई नहीं था, सिर्फ़ में और सरिता थे और उस समय बहुत जोरदार बारिश हो रही थी और हम दोनों ने एक दूसरे को देखा, में नीचे देखकर चुपचाप जा रहा था कि अचानक से उसने मुझे अपने पास बुला लिया.
मैंने उस समय रेनकोट पहना हुआ था तो वो मुझसे बोली कि मेरे पास आओ, तो वो मुझे अब कसकर थप्पड़ मारने वाली है, यह बात सोचकर में उसके डरता हुआ चला गया गया, लेकिन उसने तो अचानक से मुझे मेरे होठों पर किस करना चालू किया, वो बारिश का पानी बहुत ठंडा था और यहाँ हम दोनों में आग लग रही थी और में उसी ऐसी हरकत से बहुत हैरान था और एक मिनट तक लगातार किस करने के बाद उसने मुझसे बोला कि अभी कोई आ जाएगा, हम बाद में मिलते है और तुम मुझे तुम्हारा फोन नंबर दे दो, में तुम्हे कॉल करूँगी, लेकिन तुम मुझे फोन मत करना.
फिर मैंने उसको तुरंत अपना मोबाईल नंबर दे दिया और में वहां से निकल गया. उसके बाद हमारी फ़ोन पर बातें चालू होने लगी और उसके बाद में हमारे बीच फोन सेक्स होने लगा था.
उसके करीब दस दिन बाद रविवार की शाम को उसने मुझे फोन करके बताया कि उसके पति की सुबह 5 बजे से शिफ्ट चालू हो रही है, इसलिए उसका पति सुबह जल्दी अपने ऑफिस के लिए निकलेगा, क्या तुम मेरे घर पर आ सकते हो? दोस्तों उसकी पूरी बात सुनकर मेरे मन में अब खुशी के लड्डू फूटने लगे, में तुरंत मेडिकल पर गया और एक कंडोम का पेकेट ले आया.
फिर मैंने रात को सोने से पहले सुबह 5 बजे का अलार्म लगाया और सो गया, लेकिन अब नींद किसे आनी थी? में हर 15 मिनट में उठकर घड़ी में टाईम देख रहा था. फिर में सुबह 4.55 को जल्दी से उठा. मैंने अपना मुहं धोया और अपनी अंडरवियर को उतार दिया और अब मैंने सिर्फ़ शॉर्ट पहन लिया, में अंधेरे में अपने घर से बाहर निकला और ठीक उसके घर के पास जाकर रुक गया और एक कोने में खड़ा होकर देखने लगा.
तभी थोड़ी देर बाद उसका पति बाहर निकाला और वो अपने काम पर चला गया. में तुरंत दरवाजे के पास चला गया और जल्दी से दरवाजे पर लगी घंटी को बजा दिया, उसने दरवाज़ा खोल दिया और में अंदर चला गया और दरवाजा बंद किया. फिर मैंने उसे ज़ोर से हग किया. फिर वो मुझसे बोली कि पहले तुम कमरे के अंदर तो चलो, तुम यहीं सब कुछ करोगे क्या? मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेड पर लाकर पटक दिया. मैंने उसके होंठो पर ज़ोर से किस किया और अब हम दोनों की साँसे जोरदार स्पीड से चलने लगी थी और में उसकी गर्दन पर ज़ोर से चूम रहा था.
दोस्तों अब उसे किस करते करते मेरे हाथ उसकी कमर और छाती और ना जाने कहाँ कहाँ घूम रहे थे, उसकी चूत को मैंने धीरे धीरे इतना सहलाया कि अब उससे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, इसलिए वो मुझसे बोली कि प्लीज राज मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज अब मुझे तुम चोद दो उफ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह दोस्तों उसकी इस्स्सस्स उफफफफ़फ़ की आवाज़ से मैंने जोश में आकर उसका लाल कलर का जालीदार नाईट गाउन एक ही झटके में पूरा नीचे उतार दिया.
दोस्तों सच पूछो तो अब मुझसे भी ज्यादा नहीं रुका जा रहा था तो मैंने तुरंत उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे किस करते हुए में अपनी एक ऊँगली को उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, जिसकी वजह से वो अब कुछ ज्यादा ही जोश में आकर मेरी जीभ को चूसने लगी और हल्की हल्की सी आवाजे करने लगी. फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत अंदर से बहुत गरम गीली थी. फिर कुछ देर यह सब करने के बाद मैंने उसे बिल्कुल सीधा लेटा दिया और अब में उसकी प्यासी चुदाई के लिए बैचेन चूत को देखने लगा.
अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब तो कुछ करो, में और नहीं सह सकती, प्लीज अब चोद दो मुझे, मेरी प्यास को बुझा दो प्लीज. दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मैंने अपने लंड का टोपा उस गुलाबी चूत की पंखुड़ियों पर रख दिया और एक ही जोरदार धक्का देकर टोपे के साथ साथ अपना आधा लंड चूत के अंदर डाल दिया और वो उस दर्द से चीख पड़ी तो में उसी जगह पर रुक गया, लेकिन उसके हाथों की मजबूत पकड़ अब मेरे शरीर पर अपने निशान करने लगी थी और तभी मैंने सही मौका देखकर अपना दूसरा धक्का देकर लंड को उसकी चूत की गहराईयों में उतार दिया और उसके नाख़ून मेरी जांघ कमर पर नोचने लगे.
फिर थोड़ी देर रुकने के बाद जब वो ठीक होने लगी तो मैंने अपने लंड को हल्के हल्के धक्के देकर अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो भी बिल्कुल चुपचाप पड़ी रही और में लगातार धक्के देता रहा और उसकी चुदाई को मैंने लगातार जारी रखा और वो अब मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और ज़ोर से उफ्फ्फ्फ़ हाँ पूरा अंदर जाने दो आफ्फफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया आईईईई हाँ तुम आज मेरी चूत को फाड़ दो, बना दो इसका भोसड़ा, मिटा दो इसकी भूख को, में कब से इसके लिए तरस रही हूँ आह्ह्हह्ह वाह तुम तो मेरे पति से भी बहुत अच्छी चुदाई करते हो, मेरा पति तो अब तक कभी का फेल होकर सो चुका होता, मुझे नहीं लगता कि उसके अंदर इतना दम भी है और उसने कभी मुझे ऐसे ताबड़तोड़ धक्कों से चोदकर ऐसे मज़े नहीं दिए.
दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनकर में अब ज्यादा ही जोश में आकर उसको जोरदार धक्के देकर चोदने लगा था, वो भी मेरे हर एक धक्के पर अपने चूतड़ को हवा में उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, लेकिन करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने महसूस किया कि वो एक बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा काम अभी भी बाकी था तो लगातार अपने काम पर लगा रहा. अब मेरा लंड बहुत आराम से फिसलता हुआ सीधा उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो उछल रही थी और में पूरे जोश में आकर उसे चोद रहा था.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने महसूस किया कि अब में भी झड़ने वाला था, इसलिए मेरे धक्को की रफ्तार अपने आप बढ़ गई और फिर दो चार धक्कों के बाद मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी प्यासी चूत के अंदर डालकर उसकी प्यास को बुझा दिया, वो अब मुझे चेहरे से बिल्कुल संतुष्ट नजर आने लगी.
मैंने अपने वीर्य की एक एक बूंद को चूत के अंदर ही डाल दिया और तब तक में हल्के हल्के धक्के देता रहा और वो मुझसे कहती रही कि तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो, तुमने आज मेरी आग को बुझा दिया है, में ऐसी चुदाई के लिए बहुत समय से तरस रही थी और आज तुमने मुझे चोदकर वो सुख दिया है जो मुझे आज तक मेरे पति से नहीं मिला, तुमने मुझे बहुत मज़े दिए और अब में तुमसे हमेशा अपनी चुदाई करवाउंगी, में जब भी तुमसे कहूँ तो तुम मुझे मेरे घर पर चोदने आ जाना.
फिर कुछ देर बाद में थककर उनके ऊपर ही लेट गया और बूब्स के साथ खेलने लगा, उन्हें दबाने लगा और फिर कुछ देर यह सब करने के बाद में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया. मैंने अपने लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ किया और कुछ देर धोने के बाद में बाहर आ गया और मेरे बाहर निकलते ही भाभी अंदर चली गई, वो नहाने लगी और में उनको अपने घर पर जाने की बात बोलकर अपने रूम पर चला गया और घर पर आने के बाद भी में उनकी उस चुदाई के बारे में सोचता रहा. दोस्तों यह थी चुदाई अपने ही पड़ोस में रहने वाली प्यासी भाभी की जिनको चोदकर मैंने पूरी तरह से संतुष्ट किया और उनके साथ सेक्स के बहुत मज़े किए, उस चुदाई के उन्होंने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और मेरे साथ पूरे मज़े लिए.