Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai हैल्लो दोस्तों मेरा नाम संजना है और यह मेरे पहले सेक्स अनुभव की कहानी है। में 18 साल की हूँ और में सेक्स की बहुत शौकीन हूँ। अगर लंड मुझे रोज़ भी मिल जाए फिर भी थकती नहीं हूँ, पता नहीं क्यों? यह स्टोरी आज से पांच साल पहले की है। जब में एक दीदी (कंचन) की शादी में गई हुई थी। ये उस वक़्त की बात थी जब हम सब लड़कियां एक साथ उनके घर में रात को ठहरे हुए थे और उनका घर बहुत बड़ा था और उनका परिवार भी।
ऊपर से वो लोग यूपी के रहने वाले थे तो शादी भी बहुत ज़ोरो से होती थी। फिर हम रात देर तक गप्पे मारते बैठे बाहर दीदी की बड़ी बहन का तीन साल का लड़का यश मेरे साथ था और वो मेरी ही गोद में सो गया था। फिर अंदर जाकर देखा कि घर में जगह ही नहीं थी सबके लिए और अपने घर वापस भी नहीं जा सकते थे क्योंकि बहुत देर हो गयी थी। उस समय रात के 2 बज रहे थे। तो फिर हमे जहाँ जहाँ जगह मिली हम सो गये, किसी को बिना जगाए। दीदी के घर में थोड़ी भी जगह नहीं बची थी। तभी मैंने सोचा जाने दो में यश को लेकर अपने घर चली जाती हूँ। कहाँ उसे भीड़ में सुला दूँ ऊपर से वो सिर्फ़ मेरी ही बात सुनता था। यश की मम्मी नहीं थी, वो दो साल पहले गुज़र गयी थी।
फिर में यश को लेकर अपने घर जा रही रही थी की किसी ने मुझे बुलाया। तभी मैंने देखा तो दीदी के पड़ोस वाले घर की बालकनी में ऊपर से यश के डॅडी विशाल मुझे बुला रहे थे। तभी उन्होने कहा कि तुम उसे लेकर ऊपर आ जाओ। उनके पास वाले घर में भी सारे मेहमान ठहरे थे वहाँ पर नीचे की मंज़िल पर सब बुज़ुर्ग सोए हुए थे। फिर में ऊपर गयी वहीं पर विशाल जीजू ने अपना बिस्तर ज़मीन पर लगा दिया था। तभी उन्होने मुझसे पूछा क्या हुआ? फिर मैंने कहा कि कहीं पर भी जगह नहीं थी तो में उसे घर ले जा रही थी।
तभी वो बोले कि यहीं पर सुला दो और तुम? फिर मैंने कहा कि में घर पर चली जाती हूँ। तभी वो बोले कि कहीं पर भी मत जाओ तुम यहीं पर सो जाओ। तुम क्यों बेकार में अपने घर वालो की नींद को खराब कर रही हो। फिर में मान गई भले ही मुझे अजीब भी लग रहा था। एक शादीशुदा आदमी के साथ अकेले सोना। विशाल जीजू की उम्र कोई 30 साल की थी। उनकी पर्सनॅलिटी बहुत ही अच्छी थी, बहुत सेक्सी, कटीला और भारी भरकम वज़न, नशीली आँखों के साथ उनसे हर कोई इज़्ज़त से बात करता था। उनसे कोई भी बकवास नहीं करता उनकी बीवी की डेथ के बाद उन्होने शादी नहीं की थी।
वो हर साल छुट्टियों में अपने बच्चे को गॉव से लेकर आते थे यश को अपने नाना, नानी से मिलाने। यश के नाना, नानी बीमार रहते थे उनसे ट्रेन से सफर नहीं होता था। तो विशाल जीजू ही यश के साथ कुछ हफ़्तो के लिए आ जाते। मेरी उनके बच्चे के साथ बहुत अच्छी जमती थी और उनसे भी, लेकिन में उनसे थोड़ा डरती थी। उनकी पर्सनॅलिटी थी ही ऐसी और वो बहुत ही शांत किस्म के इंसान थे।
लेकिन इस बार जब वो आए थे तो मैंने नोटीस किया कि विशाल जीजू मुझे बहुत घूरते रहते थे। वो मुझसे बातें भी थोड़ी अलग करते पहले जैसी बच्चो की तरह नहीं और बात करते वक़्त बहुत टच करते लेकिन जब भी मुझसे बात करते वो फ्लर्ट करते। मुझे हर किसी से अपनापन मिलता था और में बहुत जल्दी खिल गयी थी। डॅन्सर होने की वजह से शेप में भी थी और अभी मेरा फिगर 34-28-36 है। पहले का याद नहीं लेकिन हर कोई मुझ पर चान्स मारता था और मुझे उसमे कुछ ग़लत नहीं लगता था, ज़्यादा जानती नहीं थी ना में। हर कोई लाईन मारता था, मेरे चचेरे भाई भी और एक था जब कोई ऐसा करता था तब में गीली होती थी और कुछ अलग सी ही फिलिंग आती थी बदन में।
फिर उस दिन के एक दिन पहले विशाल जीजू ने शाम को मुझे गेलरी में चुपके से पीछे से आकर पकड़ लिया था और बहुत देर तक वैसे ही रह कर बात कर रहे थे। मैंने पहले मस्ती मज़ाक समझी लेकिन थोड़ी देर बाद जब हम दोनो शांत थे और वो तब भी पीछे थे उन्होने मुझे कसकर पकड़ा और कहा कि तुम्हे शादी नहीं करनी? सुहागरात नहीं माननी? फिर मैंने कहा कि में शादी नहीं करूँगी। तभी उन्होने कहा कि सिर्फ़ सुहागरात मनाओगी? फिर मैंने बस हँसकर बात टाल दी। वो तब भी मेरे पीछे से नहीं हटे, हम दोनो शांत थे तभी मुझ पर पीछे से अपने आप को रगड़ने लगे।
फिर मुझे अजीब लगने लगा, तभी उन्होने अपने होंठ मेरे कान पर लगा कर कहा मेरे साथ मनाओगी? तब मैंने कहा क्या जीजू? आप भी.. कहकर अपना उनसे पीछा छुड़वाना चाहा पर वो स्ट्रॉंग थे। तभी उन्होने मुझे और भी कसकर पकड़ा और कहा में तो सिर्फ़ तुम्हारे साथ ही मनाऊंगा। तभी में अपने आपको वहाँ से छुड़वा कर निकली और फिर नीचे जाकर उनकी तरफ देखा उनकी आँखों में मेरे लिए आग थी लेकिन उससे आगे मुझे बात समझ नहीं आई। फिर में दूसरे दिन तक यह हादसा भूल भी गयी थी। जब उनको छत पर देखा तब मुझे बात याद आई। मुझे लगा मुझे जाना चाहिए लेकिन में फिर भी ठहर गयी और वहाँ पर लेट कर उनसे बातें करती रही। हम दोनो यू सोए थे कि यश हमारे बीच सोया था। फिर मेरी आँख लगने ही वाली थी कि थोड़ी देर बाद गर्मी हो रही है कहकर वो मेरे बगल में आकर सो गये।
फिर बात करते वक़्त वो कहने लगे की अगर में उन्हे कुछ सालो पहले दिखी होती तो मुझसे ही शादी कर लेते। फिर मैंने हँस दिया उस बात पर और थोड़ी देर बाद वो मेरे बहुत करीब आ गये और मुझसे चिपके हुए थे। फिर वो बोले कुछ भी कहो पर तुम हो बहुत खूबसूरत यह कहकर उन्होने मेरे गालो को टच किया और अपना हाथ मेरे पेट पर रख दिया। में तभी बहुत नींद में थी इसलिए उन्हे दूर नहीं किया। अब उनकी भी आँखें बंद थी उन्होने अपने तकिये को मेरे तकिये से जोड़कर मेरे सर को एकदम लगाकर अपना सर रख दिया और उनका मुहं मेरी तरफ था और उनकी गरम सासें मेरे गले पर लग रही थी। फिर मैंने उनसे कहा कि में आपकी बीवी नहीं जो आप मेरे साथ इस तरह सोए है।
फिर उस पर उन्होने कहा अरे आज रात को वो भी बना लूँगा। वो मुझे और भी कसकर लेट गये और अब उनका हाथ मेरी कमर पर कसकर लिपटा हुआ था और उनका बदन आधा मुझ पर और मुझे अब थोड़ा डर सा लगने लगा था।
फिर मैंने हँसकर उनको दूर करना चाहा लेकिन वो भारी थे। फिर मैंने कहा क्या आप भी एक जवान लड़की को छेड़ रहे हो। आपका बेटा है सामने कुछ शर्म है या नहीं? तभी उन्होने कहा अरे वो बिल्कुल बुरा नहीं मानेगा क्योंकि उसे भी तो एक अच्छी माँ चाहिए। फिर मैंने उनसे कह दिया, आपको जो करना है वो करिए और अपनी आँखें बंद कर दी। तभी उन्होने कहा सोच लो। मैंने भी कह दिया हाँ अब मुझे सोने दीजिए। तभी वो मुझ पर वैसे ही सोए रहे। अब उनकी आँखें भी बंद हो गयी थी। थकी हुई होने की वजह से में भी सो गयी। फिर कुछ देर बाद वो उठकर कही चले गये। में नींद में ही थी और मुझे लगा ही था वो मेरे साथ मस्ती कर रहे है।
अब में चैन से सो सकती थी थोड़ी देर बाद वो ऊपर आए और मुझ पर वापस वैसे ही सो गये। इस बार ज़्यादा कसकर अपना जिस्म आधे से ज़्यादा मुझ पर अपना पैर मेरे पैरो को लपेटकर, अपना सर मेरे गले से लगाकर और उनकी गरम सासें सीधे मेरी छाती को लग रही थी। फिर मैंने आँखें खोलकर देखा तो बल्ब की लाईट में मुझे दिखा कि उन्होने अपना कुर्ता निकाल दिया था और वो पूरी तरह नंगे थे। फिर में डर गयी मैंने उनकी हल्की बालो वाली छाती को धक्का मारना चाहा लेकिन वो भारी थी। मुझसे अब और जगा नहीं जाने वाला था में सो गयी। में गहरी नींद में थी जब मुझे साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी। मुझ पर जीजू पूरी तरह से लेट गये थे और उन्होने अपने होंठ मेरे गाले को लगा दिये थे और वो अपना लंड भी मुझ पर रगड़ रहे थे।
फिर मैंने उनसे कहा हटने के लिए उन्होने कुछ नहीं कहा बल्कि मेरे गले को चूमने लगे। में जोर से धक्का दे रही थी। तभी उन्होने मेरी आँखों में देखा वो आउट ऑफ कंट्रोल थे। उन पर जिस्म की भूख सवार थी और उन्होने मुझे किस कर दिया। फिर में भी उन्हे रिटर्न में किस करने लगी। में कुछ देर तक शांत हो गयी और वो मेरे बूब्स मसलने लगे और तभी उन्होने टी-शर्ट ऊपर किया और निप्पल को चूसा और काटा। में हल्की हल्की आहें भरने लगी और फिर मैंने उनसे कहा यह ग़लत है। तभी उन्होने सिशह्ह कहकर मुझे शांत किया, उन्होने मेरी टी-शर्ट उतार दी। फिर मैंने अपनी आँखें बंद कर दी, अब वो मुझ पर पूरी तरह से चढ़ के बूब्स दबाने लगे और किस करने लगे। तभी वो मुझ पर से उठ गये, मुझे लगा कि उनका सब काम खत्म हो गया।
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट लेने के लिए आँख खोली तो मेरे पैरो के यहाँ खड़े थे और उन्होने अपना पजामा उतार दिया था सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैंने पहली बार किसी आदमी को तभी नंगा देखा था। उस लाइट में उनका सावंला नंगा बदन अभी भी याद करके मुझे मस्ती चढ़ती है। लेकिन तभी में डर गयी मुझे पता नहीं था अब क्या होगा। फिर में जल्दी से उठ गई और टी-शर्ट पहनने लगी और उनसे कहने लगी बस बहुत हुआ अभी।
तभी उन्होने मुझको ज़ोर से पकड़ा और धमकाया साली तू कहीं भी नहीं जाएगी। मेरे साथ पूरी सुहागरात मनाएगी। फिर मेरी टी-शर्ट उन्होने हाथ से खीँचकर दूर फेंक दी और उनका बेटा पास में सोया था। लेकिन उन्हे इस बात की कोई फ़िक्र नहीं थी। अब वो मुझ पर सो कर मुझे जानवरो की तरह चूमने लगे। में बस चुप रहकर डरती रही और मजे लेती रही। उन्होने मुझे कई बार काटा भी जब उन्होने मेरी जिन्स में हाथ डाला तो में और भी डर गयी। फिर मैंने उनसे विनती की लेकिन वो थप्पड़ लगाने की धमकी देने लगे और वो इतने स्ट्रॉंग और पावरफुल थे कि बहुत डर लगता था। फिर उन्होने मेरी जिन्स निकाल दी और पेंटी भी। फिर मैंने बात की में रोने ही वाली थी कि तभी उन्होने मुझे चुप करवाने के लिये किस किया और अपना हाथ मेरी चूत पर रगड़ने लगे। फिर मुझे बहुत अच्छा लगने लगा फिर उन्होने मेरी चूत पर अपनी जीभ लगा दी। अब मुझ में बिजली दौड़ने लगी और वो मेरी चूत चाटते रहे मैंने अब मना करना बंद कर दिया था। मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज़ें आ रही थी इसलिए उन्होने मुझसे अपनी बीच की उंगली चुसवाई। फिर उन्होने धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत में डाली में चीखने ही वाली थी की उन्होने मेरे मुहं पर हाथ रख दिया। में कुछ देर बाद शांत हो गई। फिर में बहुत गीली हो गयी। में इतनी गीली आज तक नहीं हुई थी, सिर्फ़ कोई रोमॅंटिक सीन देखते वक़्त होती थी लेकिन इतना नहीं। वहाँ ओपन में हम नंगे थे आस पास वाले अगर जाग रहे होते और छत की बालकनी में आते तो हमे देख पाते। मुझे अभी पता चल गया था की आज सब कुछ हो जाएगा बस अब क्या और कैसे होगा वो उन पर था।
फिर वो मुझे बालकनी में ले गये वहाँ पर उन्होने मुझे बैठा कर अपना लंड मुहं में लेने को कहा। मैंने जब नहीं लिया तब उन्होंने खुद ही अंदर ही घुसा दिया। उनका लंड 8 इंच लंबा और 2 इंच मौटा लंड मेरे मुहं से अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहे थे। तभी वो चूत में भी उंगली अंदर बाहर कर रहे थे थोड़ी देर बाद में झड़ गई। फिर उसके बाद उन्होने मुझे बालकनी की ठंडी ज़मीन पर लिटा दिया और मेरी टाँगो के बीच आकर मुझे किस करते हुए मेरी चूत के अंदर अपना लंड डाल दिया। फिर मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ जितना लोग कहते है। पहले के धीरे धीरे धक्को के बाद वो थोड़े तेज़ हो गये। वो बस मुझे चोद रहे थे चोदते हुए मेरे कान में बोल रहे थे।
तू मेरी रंडी है भोसड़ी वाली, तुझे देखकर ही पागल हो गया था में तेरे जैसी आज तक नहीं मिली। में तुझे अपना बच्चा दूँगा तुझे रोज़ चोदूंगा, तेरी शादी होने के बाद भी चोदूंगा, तेरे बाप के सामने भी चोदूंगा, आज से तू मेरी रांड है। मुझे उनका नंगा कटीला भारी बदन पसीने से भरा मुझ पर लिपटा हुआ, उनकी आँखों में मेरे लिए प्यास अभी भी याद है। फिर कुछ दस मिनट बाद उनकी बॉडी कांपी और वो रुक गये। वो मुझ पर कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे। फिर वो उठ गये और मुझे भी उठने को कहा। फिर में बिना वजह शरम महसूस करने की कोशिश कर रही थी और रोने की कोशिश कर रही थी और जबकि मुझे बहुत मज़ा आया था। तभी उन्होने मुझे उठाया और जहाँ पर हम पहले सोए थे वहाँ पर लिटा दिया अपने बेटे के पास में।
हम पसीने से लथपथ वैसे ही पड़े रहे। वो मुझ पर लेटे हुए थे। तभी कुछ देर बाद में कपड़े पहनने के लिए उठी तो उन्होने मना कर दिया कपड़े पहनने से। कहने लगे अभी हुआ नहीं है। मैंने कहा कोई दरवाज़ा नहीं है, यहाँ पर कोई आ जाएगा। उन्होने कहा आने दे में डरता नहीं किसी से और क्या तू भी नहीं डरेगी समझी? और जब मैंने नहीं सुना तब फिर वो मुझे थप्पड़ मारने की धमकी देने लगे। फिर मैंने उनको दूर धकेल दिया तो मुझ पर जानवरो की तरह चढ़ गये। मुझे एकदम वाइल्ड फ्रेंच किस देने लगे, बूब्स काटने लगे। अब मुझे पहले से ज़्यादा मज़ा आने लगा। उन्होने फिर से चुदाई शुरू की इस बार की जो चुदाई थी वो आज तक की सबसे बेस्ट चुदाई थी। मुझे तब जो फील हुआ आज तक फील नहीं हो पाया। इसी फीलिंग के लिए इतना सेक्स करती हूँ लेकिन कोई नहीं दे पाता। तभी वो बैठ गये और अपने लंड पर मुझे बैठा दिया और ऐसे ही हम पीछे वापस लेट गये चुदते हुए।
वो इस बार मुझ पर चढ़कर जानवरो की तरह चोद रहे थे, मेरे पैरो के बीच मेरे पैर फैलाए हुए उन्होने मुझे कंधो की तरफ पकड़ा था और मेरी आँखें में देखकर मुझे चोद रहे थे। वो कुछ आवाज़ें भी कर रहे थे और उनका बदन मुझ पर ज़ोर से पड़ रहा था। तभी उनका बेटा उठा और डॅडी, डॅडी करने लगा। तभी उन्होने चुदाई रोककर वैसे ही मेरे ऊपर लेटे और उसे सो जाने को कहा। फिर वो सोया भी नहीं था कि जीजू ने वापस चुदाई शुरू कर दी। उनके बेटे की आँखें बहुत देर तक खुली थी, वो हमे देख रहा था। मैंने उनसे कहा भी की आपका बेटा देख रहा है। लेकिन उन्होने कहा देखने दे उसे भी में उसकी फेवरेट मासी को कैसे चोद रहा हूँ और उसकी तरफ मुहं करके मुझे चोदते रहे। फिर कुछ देर बाद यश सो गया। इस बार उन्होने वीर्य मेरे अंदर नहीं मेरी बॉडी पर गिराया और मुझ पर लेट कर मुझे किस करते रहे चोदने की स्टाइल में ही उनका वीर्य पूरे बदन पर फैल गया था और हम पसीना पसीना हो गये थे। इस बार मुझे और भी चुदाई चाहिए थी हम ऐसे ही पड़े रहे फिर कुछ देर बाद कपड़े पहन कर सो गये। में कपड़े पहनते वक़्त खुद ही उनको किस कर रही थी। तभी वो बोले वाह तू भी सीख गयी तू बनेगी ना मेरी बीवी?
फिर अगले दिन उन्होने मुझे आई पिल खिलाई उन्होने मुझे दो साल और चोदा, वो यहाँ साल में एक बार ही आते है गर्मियो की छुट्टियों में लेकिन मुझे उस वक़्त में इतना चोदते कि क्या कहूँ उनकी चुदाई सबसे अलग थी ।।