मेरा नाम नैना है और मैं बनारस की रहने वाली हूँ। और मेरी उम्र 20 साल और मेरी अभी तक शादी नही है। मैं देखने में काफी सुंदर हूँ और मेरे चहरे की कटिंग भी बहुत ही अच्छी है। और मेरे मम्मो तो कमाल के है। मेरी चूचियां बहुत ज्यादा बड़े नही है लेकिन काफी टाईट है। मेरी चूची के निप्पल तो बिलकुल तने हुए रहते है जिससे मेरी चूची और भी अच्छी लगती है देखने में और मेरा गोरा बदन को देखने के बाद तो कोई भी अपने आप को मुझसे दूर रख ही नही पायेगा। मेरी चूत की बात करे तो बहुत ही मस्त और काफी रसीली चूत है मेरी। मेरी चूत की गुलाबी दाना देखने में थोडा बड़ा और काफी लाल है जिससे मेरी चूत की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। मैंने अपने जिन्दगी में केवल एक लड़के से ही चुदवाया था जिससे मैं दिल से प्यार करती थी। लेकिन वो लड़का केवल मेरी चूत चोदने के लिए ही मुझसे प्यार करता था। पहले कुछ दिन तो वैसे ही चलता रहा लेकिन कुछ दिन बाद जब मैंने पहली बार चुदाई करवाई तो मुझे और उसे दोनों को बहुत मज़ा आया। फिर कुछ दिनों तक उसने मुझे चोदा और जब मेरी चूत से उसका मन भर गया तो उसने मुझे छोड़ दिया और दूसरी लड़की के पीछे लग गया। मैंने तभी सोच लिया अब अपनी चूत किसी को नही देनी है। मैंने कुछ दिनों तक अपने हाथ से काम चलाया और अपने चुचियों को अपने हाथो से ही मसल लिया करती थी जिससे मुझे शांति मिलती थी। धीरे धीरे समय बिता। इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम
कुछ दिनों पहले की बात है, मैंने चुदने के लिए काफी बेताब थी और मेरी पढाई बंद होने के कारण मुझे कोई लड़का भी नही मिल रहा था अपनी चुदाई करवाने के लिए। मैं बहुत ही मचल रही थी चुदाई के लिए। एक दिन मैं मम्मी के साथ में बैठी हुई थी और फूफा जी घर आये हुए थे, तो मैं अपने कमरे में चली गई उठकर। उन्होंने मम्मी से कहा – “नैना को कुछ दिनों के लिए मेरे साथ मेरे घर भेज दीजिये क्योकि मेरे भाई की शादी है और मेहमान आने लगे है नैना की बुआ काम करते करते थक जाती है । तो अगर कुछ दिनों के लिए नैना रहेगी तो कुछ काम कर लिया करेगी”। तो मम्मी ने फूफा से कहा – “ठीक है ले जाओ और इससे खूब काम करवाना घर पर तो काम करती नही है वहां तो करेगी”।
फूफा ने मुझसे कहा – “चलो तैयार हो जाओ मेरे साथ में चलना है मेरे घर। मैंने उनसे कहा – मम्मी से पहले पूछ लो फिर मैं तैयार हो जाउंगी”। तो फूफा ने कहा – मैंने बात कर लिया है तुम अपना कपडा पैक कर लो। दोस्तों मुझे फूफा बहुत अच्छे लगते थे क्योकि वो देखने में ही बहुत स्मार्ट थे और जवान भी थे जिससे मैं तो हमेशा से ही उनकी फैन रही हूँ। लेकिन मैंने ये कभी नही सोचा था कि मुझे इनसे चुदने का भी मौका मिलेगा।
मैं फूफा के साथ उनके घर आ गई। उनके घर अभी मेहमान में कोई नही आया था केवल मैं ही सबसे पहले पहुँच गई थी। मैंने बुआ से कहा – मैं कहाँ लेटुंगी तो बुआ ने कहा – मेरे साथ में ही लेट जाना
उस दिन मैं बहुत थक गई थी इसलिए मैं जल्दी ही सो गी और फिर सीधे मेरी नीद सुबह ही खुली। दुसरे दिन मैंने कुछ काम किया और फिर दिन मैं लेटी हुई आराम कर रही थी। मैंने देखा फूफा का फोन रखा हुआ है, मैंने सोचा गाना ही सुन लेती हूँ। मैं उनके फोन में वीडियो गाने देख रही थी की अचानक से एक गाना ख़त्म हुआ और फिर चुदाई वाली वीडियो चलने लगी। जिसको देख कर मैं चुदवाने के लिए मचलने लगी थी। मेरे मन में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे। मैंने सोचा अब मैं किससे चुदवाऊ। मैंने अपने आप को किसी तरह से रोका। धीरे धीरे रात हो गई और मैं और बुआ दोनों घर में थे कुछ देर सोने के बाद लाईट चली गई और उस दिन थोड़ी घर्मी भी लग रही थी, इसलिए मैंने अपने सूट को निकाल दिया था और मैं केवल ब्रा के ऊपर कुर्ती पहने हुई थी। मैं और बुआ दोनों छत पर चले गए और फूफ के बगल में ही लेट गए। मैं फूफा के बगल में लेटी थी। कुछ देर बाद फूफा ने नीद में अपने को हाथ मेरे मम्मो पर रख दिया जिससे मुझे लगा फुफा मुझे चोदना चाहते है इसीलिए रखा है। मैंने पहले कुछ देर तो कुछ नही कहा लेकिन कुछ देर तक फूफा ने कुछ नही किया तो मैं खुद ही उनके हाथ को पकड कर अपने चूची को दबाने लगी। कुछ देर मैंने अपने मम्मो को दबाया और फिर फिर उनके हाथ को अपने लैगी के अंदर कर लिया और फिर उनकी उँगलियों को अपने चूत में डालने लगी। कुछ देर बाद फूफा की नीद खुल गई और फिर वो खुद ही मेरी चूत में में उंगली करने लगे। और दुसरे हाथ से मेरी चूची को भी दबाने लगे। मैं बहुत ही ज्यादा जोश में आ गई थी और मैं फूफा से चुदने का इंतज़ार कर रही थी। लेकिन कुछ देर बाद लाईट आ गई और बुआ मुझे अपने साथ नीचे ले आई।
मैं निचे चली आई लेकिन मेरा मन तो चुदने के लिए बेताब था, कुछ देर बाद बुआ सो गई और फिर कमरे में फूफा आये और मेरे हाथ को पकड कर मुझे चुपके से बाहर ले आये और फिर मुझे सबसे किनारे वाले कमरे में ले गए जहाँ कोई नही रहता था।वहां फूफा ने दरवाज़ा बंद कर लिया उर फिर अपने कपडे निकालने लगे। मैंने भी लैगी को निकाल दिया और कुर्ती को भी निकाल दिया। मैं केवल ब्रा और पैंटी में थी और फूफा मुझे देख कर अपने लंड को दबाने लगे थे। पहले तो फूफा ने मेरे कमर को अपने हाथ से पकड़ते हुए मुझे अपनी मजबूत बाँहों में भर लिया और मेरे कोमल और मुलायम गर्दन को चूमने लगे। और कुछ देर तक मेरे गर्दन को पीते रहे और फी कुछ देर बाद वो अपने होठ को मेरे होठ के पास में लाते हुए अ[ने होठ को मेरे होठ पर रख दिया और मेरे होठ को चूमने लगे। कुछ देर पहले फूफा ने मेरे होठ को चूमा लेकिन जब कुछ देर बाद मैं उनके होठ को चूमने लगी तो फूफा मुझे कास कर अपने बाँहों में जकड़ लेते और मुझे उनके होठ को चूमने देते। मैंने उनके होठ को कुछ देर चूमा और कुछ देर बाद जब मैं धीरे धीरे और भी जोश में आने लगी तो मैं फूफा के निचले होठ को शराब के प्याले की तरह पीने लगी और फूफा मेरे होठ को पीने के साथ मेरे मम्मो को भी दबाने लगे थे जिससे मैं और भी जोश में उनके होठ को काटने लगी थी। लगातार मैं उनके और वो मेरे होठ को पीये जा रहे थे।
लगभग 30 मिनट तक एक दुसरे के होठ को पीने के बाद फूफा ने मेरे होठ को पीना बंद कर दिया और अपने हाथ से मेरे मम्मो को सहलाते हुए मेरे मम्मो को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे। और कुछ देर बाद मेरे ब्रा को उन्होंने निकाल दिया और फिर मेरी चूची को अपने दोनों हाथ से मसलने लगे और साथ में मेरे कमर को भी सहला रहे थे। जिससे मैं और भी ज्यादा काम के आग में जलने लगी थी। कुछ देर मेरे मम्मो को दबाने लके बाद फूफा मेरे पेट को चुमते हुए मेरे बूब्स के पास पहुंचे और मेरी चूची को अपने मुह में लेकर पीने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब फूफा मेरी चूची को पी रहे थे। वो मेरे चूची के निप्पल को अपने हाथो से खीचते हुए अपने मुह में ले रहे थे और मेरी चूची को चूस रहे थे। कुछ देर के जब फूफा बड़े तेजी से मेरे मम्मो को अपने मुह में लेकर पीने लगे तो मैं कामातुर हो कर अपने चूत को सहलाने लगी और अपने उंगली से अपनी चूत को मसलने लगी। फूफा मेरी चुचियों को छोटे बच्चे की तरह पीने लगे और अपने जोश में वो अपने दांत को मेरी चूची में भी धसा देते थे और मैं जोर जोर से सिसकने लगती थी। कुछ देर बाद फूफा और भी जोश में आ गए और वो मेरी चूची को और भी जोर से दबाने लगे और मेरी चूची को अपने दांतों से काटते हुए पीने लगे। जिससे मैं अपने आप को चीखने से रोक नही पाई और जोर जोर….. आआह्ह्ह्ह आह आआह्ह्ह अह्ह्ह्ह आह्ह्ह….उम्म्म उम् उम उम्म्म्म …… उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ ओहो ओह्ह्ह ओह्ह्ह मम्मी मम्मी….. आह अआः करके चीखने लगी थी।
मेरी दूध को पीते हुए फूफा जी बहुत ही जोश में आ गये थे और उन्होंने जैसे ही मेरे मम्मो को पीन बंद किया वो तुरंत ही मेरी चूत पर पहुँच गए और मेरी चूत को अपने हाथो से मसलने लगे और मेरे चूत के गुलाबी दाने को खीचने लगे जिससे मैं और भी ज्यादा चदासी हो गई और अपने मम्मो को दबाने लगी। कुछ देर बाद फूफा ने अपने लंड को निकाल कर मेरी जांघ में रगते हुए मेरी चूत के पास ले गए और अपने लंड को मेरी चूत की दीवार पर रगड़ने लगे और कुछ देर बाद अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डालने के लिए मेरी कमर को जोर से पकड लिया और फी अपने लंड को मेरी चूत में लगते हुए एक जोर का झटका दिया और अपने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और फिर मेरे मम्मो को दबाते हुए मुझे किस करने लगे ताकि मैं चीखूँ ना। इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम
फूफा मेरे चूत में अपने लंड को डालते हुए मेरे होठ को काट रहे थे, जिससे मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। और फूफा भी मेरे चूत को चोद रहे थे और मेरे होठ को पी कर मज़े ले रहे थे। कुछ देर बाद जब फूफ और भी चुदसे हो गए तो धीरे धीरे उनकी रफ़्तार बढ़ने लगी और वो मुझे तेजी से चोदने लगे।और साथ में वो मेरी चूची को मीजने और दबाने लगे थे। उनका लंड मेरी चूत में हचर हचर हचर करके मेरी चूत के अंदर तक जाता और मेरी चूत को फाड़ने में लगा हुआ था, कुछ देर बद जब वो मुझे बहुत तेजी से चोदने लगे तो मैं चुदाई के दर्द में जोर जोर से अपने चूत को मसलते हुए… आः आह आः उऊ उह उह … ऊह्ह्हह्ह…उम् ऊ ऊ….. उ उ …. उम उम…..उम्म्म आह्ह्ह अहह….. उनहू उनहू … आ आ …… उफ्फ्फ उफ़ उफ्फ्फ ….. न न ….. सी सी….. मम्मी मम्मी…. आह आः …..ह उंह उंह हूँ… हूँ…. हूँ ..हमममम.. अहह्ह्ह्हह…. अई….अई….अई….. करके चीखने लगी। लेकिन कुछ ही देर में मेरी चूत मेरे माल से गीली हो गई और जिससे मुझे चुदने में मज़ा आने लगा और मैंने जोर जोर से कहने लगी… इसस्स्स्स्स्स्स्स्…..उहह्ह्ह्ह……ओह्ह्ह्हह्ह……चोदोदोदो….मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो। कुछ देर बाद जब मेरी चूत को चोद का थक गए फूफा जी तो उन्होंने मेरे चूत को चोदना बंद कर दिया और अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाल कर अपने हाथो से मुठ मरने लगे। इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम
मुठ मरने के बाद फूफ बहुत देर तक म्वेरे मम्मो को दबाते रहे और मेरी फुद्दी से पानी भी निकाला। बुआ के घर मैंने फूफा से बहुत बार चुदवाया। और जब भी फूफा घर आते थे कभी तो मैंने उनसे अपने घर में भी चुदवा लेती थी।