उस दिन जब हम बाज़ार में थे तो अचानक मेरी पत्नी की नज़र एक सुंदर सी औरत पर पड़ी और उसने आवाज़ लगाई- रागिनी !
सुन कर उस औरत ने पीछे मुड़ कर देखा और मेरी बीवी को देख कर जोर से चिल्लाई- हाय संगीता.. कितने दिनों के बाद मिली तू !
दोनों सहेलियाँ एक दूसरे से बात करती रही और मैं रागिनी को देख रहा था.. मैं तो अपनी पलक झपकाना ही भूल गया था.. इतनी खूबसूरत.. क्या फिगर है.. ऐसा लगा जैसे सब कुछ एकदम सांचे में तराश कर लगाया हो ! उसकी नोकदार चूचियाँ.. पतली कमर और उभरे हुए नितम्ब.. उफ़ एक तो मैं वैसे ही बहुत सेक्सी हूँ और ऐसे फिगर वाली सुंदर औरतें मेरी कमजोरी है।
उसने काले रंग का सलवार सूट पहना था, जिसमें से उसके बदन का हर कटाव एक दम साफ़ नज़र आ रहा था। उसके गोरे रंग पर काला ड्रेस मानो उसके बदन की रेखाओं को उजागर कर रहा था, उसकी गोलाई और उभार से मेरी नज़र हटने का नाम ही नहीं ले रही थी।
तभी मेरी बीवी ने पलट कर मेरी तरफ़ देखा और कहा- यह रागिनी है मेरी कॉलेज की दोस्त !
मैंने हेलो कहा, उसने मुस्कुरा कर जवाब दिया।
अब मैंने उसने होंठो को देखा.. एकदम रस भरे गुलाबी होंठ. मानो कह रहे हो- आओ मेरा रस चूस लो !
इस पहली मुलाकात में ही रागिनी ने मेरे लंड को मानो चोदने की दावत दे दी थी। यह सोच मुझे परेशान करने लगी कि इसे कैसे चोदा जाए ! एक तरफ़ मैं सोच रहा था कि ये मेरी बीवी की ख़ास सहेली है.. कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए इसे चोदने के चक्कर में।
सच तो यह था कि मेरी बीवी भी काफी सेक्सी है लेकिन रागिनी उससे भी ज्यादा सेक्सी और सुंदर थी। उसे मेरे बिस्तर में ले कर नंगी करके चोदना ही मेरा सपना बन गया उस पहली मुलाकात के बाद।
उस दिन तो दोनों ने मिलकर ही शौपिंग की लेकिन उसके बाद भी अक्सर दोनों साथ साथ ही घूमने जाती
रागिनी को नंगी करके चोदने का सपना सपना ही रहेगा, ऐसा मुझे लगने लगा था क्योंकि वो बहुत ही नपे तुले स्टाइल में बात करती थी, कभी कोई वाहियात बात या कोई गन्दा मजाक नहीं करती थी। उसकी बातों से पता चलता था कि वो अपने पति को भी बहुत प्यार करती है और उसके साथ खुश भी है।
कभी कभी रात में अपनी बीवी को चोदते हुए मैं कल्पना करता था कि मेरी बांहों में रागिनी है और मैं उसे चोद रहा हूँ। रागिनी की बातों से लगता था कि वो थोड़ी पुराने ख्यालात की है और बहुत ही शर्मीली भारतीय गृहिणी है।
उसके बाल बहुत लंबे थे जो मुझे ज्यादा पसंद हैं। शरीर मानो अजंता की कोई मूर्ति हो। उसकी चूचियाँ, उसके चूतड़ और उसकी गदराई जांघें जो उसकी सलवार से महसूस होती थी। उसका चेहरा अंडाकृति था, गोरा और भरा हुआ।
सबसे बड़ी बात जो मुझे बाद में पता चली कि उसके दो बच्चे हैं। उसके शरीर की बनावट से वो 25 साल की युवती लगती थी जबकि उसकी उमर थी 35 साल। मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा !
और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. दो बच्चों की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…
ऐसे ही दिन गुजर रहे थे। अचानक मेरी बीवी के पिताजी की तबियत ख़राब होने का समाचार आया, उसने मेरे बेटे को साथ लिया और दूसरे दिन सुबह की बस से चली गई।
इस बात को करीब एक हफ्ता हो गया। मैं घर में अकेला ही था। मेरे ऑफिस में भी मार्च के महीने के लिए बहुत काम था, मुझे छुट्टी भी नहीं मिली थी इसलिए सुबह जल्दी ही ऑफिस जाना पड़ता था।
एक दिन सुबह प्रात: कालीन विधि व स्नान करने के बाद मैं काफी की चुस्की ले रहा था कि दरवाजे की घण्टी बजी। मैंने हाथ में लिया हुआ पेपर रखा, मैं सोच रहा था कि इतने सुबह कौन आ गया। दरवाजे पर जाकर पहले खिड़की से बाहर देखा.. वहां और कोई नहीं, मेरे सपनों की मलिका रागिनी खड़ी थी।