हेलो दोस्तों, मेरा नाम वीरेंदर है और मैं अभी 22 साल का हूं, यह मेरी पहली देसी कहानी है जो मैं आपके सामने पेश करने आया हूं.
यह कहानी तब की है जब मेरे अंदर नई नई जवानी आई थी और मैं 12वीं क्लास के पेपर देकर छुट्टियों में घर पर रह कर एंजॉय कर रहा था.
मेरी एक बूआ है जिसके साथ मेरी बहुत बनती है, वह बहुत सुंदर है और बहुत सेक्सी भी है. मेरी बुआ का नाम मानसी है, और उम्र 32 साल थी, और उनकी शादी को अभी 8 साल हुए थे.
मेरी बुआ ने एग्जाम से पहले सर्दियों में एक लड़के को जन्म दिया था पर वह 5 दिन बाद ही मर गया था, मेरी बूआ मुझसे बहुत प्यार करती थी, तभी बुआ का फोन आया और पता चला कि वह मुझे वहां बुला रही है. क्योंकि मेरे फूफा जी कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं, यह सुन के में बहुत खुश हो गया.
इन दिनों मेरा अजीब सा ही मन हुआ करता था, क्योंकि नई नई जवानी निकलने के कारण मेरा लंड भी खड़ा रहता था और वह बहुत परेशान करता था. इसलिए मैंने एक दो बार मुट्ठी मार ली थी, पर उसके बाद मुझे कुछ ज्यादा ही अजीब सा लगता था. पर बुआ के घर जाने के बारे में सोच कर बहुत खुश होता था और मन ही मन कहता था शायद वहां जाकर मेरी यह अजीब सी फीलिंग खत्म हो जाए..
अगले दिन मैं बुआ के पास चला गया जो की चंडीगढ़ में रहती थी, उनके घर पहुंचते ही बुआ ने दरवाजा खोला और मैं बुआ को देखता ही रह गया, क्योंकि वह बहुत सेक्सी लग रही थी और उनके बूब्स और गांड तो मानो जैसी कत्ल ही कर देगी, वो देखते ही मेरे अंदर कुछ अजीब सा करंट लगा और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, पर वह बहुत उदास लग रही थी.
फिर मैं घर आ गया और अपनी बुआआ साथ छुट्टियां एंजॉय करने लग गया. दोपहर के खाने के बाद मैंने बुआ से उनके उदास रहने की वजह पूछी, तो वह रोने लगी और मुझे कहने लगी कि अब तू आ गया ना मेरे पास तो मेरी उदासी भी दूर हो जाएगी.
तभी कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उनकी ब्रा गीली हो गई और उनकी कमीज पर भी दाग लग गया, तभी वह बाथरुम के ओर भाग गई और बाथरूम में जाकर अपने मस्त दूध को दबा कर दूध निकालने लग गई, जिससे उन्हे बहुत तकलीफ हुई और वह बहुत उदास हो गई.
मैं उन्हें ऐसे ही तकलीफ में देखता रहा और उनसे उनकी परेशानी की वजह पूछता रहा पर वह हमेशा मुझे एक ही बात कह कर चुप कर देती, तू आ गया है ना अब सब ठीक हो जाएगा..
दो तीन दिन बाद उनकी एक फ्रेंड घर पर आई, वह भी बुआ की तरह बहुत सेक्सी थी और उनका नाम सिमरन था. अब वह दोनों एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करने लग गये और मैं भी वहां बैठा था. तभी मेरी बुआ ने मुझसे कहा पुष्कर जा अंदर जाकर टीवी देख ले मुझे कुछ बात करनी है.
मैं वहां से उठकर चला गया और चोरी चोरी उनकी बातें सुनने लग गया. बुआ अपनी परेशानी के बारे में उन्हें बता रही थी कि उनको बूब्स दबा कर दूध निकालने मैं बहुत तकलीफ होती है.
तभी उनकी फ्रेंड ने मुझे बुलाया और मुझसे कहा क्या तुम जानते हो तुम्हारी बुआ तकलीफ में है? दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।
मैंने कहा : हां जी
सिमरन ने कहा : क्या तुम अपनी बुआ की मदद करोगे?
मैंने कहा : कैसी मदद??
तब उन्होंने कहा की तुम्हारी बुआ का दूध निकलता है जिसे हाथों से निकलने में बहुत परेशानी होती है, क्या तुम अपनी बुआ का दूध पियोगे? उस से उन को थोड़ी राहत मिलेगी.
यह सुनते ही मैं वहां से भाग गया और अपने कमरे में आकर बैठ गया.
फिर थोड़ी देर बाद जब बुआ की फ्रेंड चली गई, तब वह मेरे पास आई और बोली सॉरी प्लीज यह बात तुम किसी से भी शेयर मत करना. मेरी फ्रेंड ने मुझे तकलीफ में देखा तो उसने तुझे बता दिया.
में भी कुछ सोच रहा था और बोला मुझे बुरा इस बात का लगा कि यह बात आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताई? आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं..
बुआ ने : कहा सच?
मैंने कहा : हां.
वह बहुत खुश हुई और मुझे जप्पी दी, तभी बुआ बाथरूम की और जाने लगी तो मैंने पूछा क्या हुआ कहां जा रहे हो?
तब वह कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा : मैं कुछ हेल्प करूं क्या?
तब वह मेरे पास आ गई और बोली पहले प्रॉमिस करो कि यह बात तुम्हारे और मेरे बीच ही रहेगी.
मैंने कहा हां बुआ प्रॉमिस करता हूं.
अब उन्होंने अपनी कमीज ऊपर कर दी और अपनी सेक्सी बूब्स को बाहर निकाल दिया.
उसे मेने हाथ में पकड़ा तो मुझे ऐसा लगा कि मैं हाथ में आम पकड़ लिया, फिर मैं उन्हें मुंह में डाल कर चूसने लग गया, और इधर मेरा लंड भी खड़ा होने लग गया.
बुआ ने राहत भरी सांस लेकर कहां बस आज मुझे कितने टाइम बाद आराम मिला है?
बुआ मैं आपको अब कोई तकलीफ में नहीं रहने दूंगा.
अब वह खड़ी हुई और घर के काम में लग गई, फिर रात को सोने से पहले बुआ ने मुझे फिर से अपने कमरे में बुलाया जहां बिस्तर पर लेटी हुई थी, मैं भी वहां जाकर उनके पास लेट गया और उन्होंने अपनी कमीज ऊपर उठाई और बूब्स निकाले पर उन्हें तकलीफ हो रही थी तो मैंने बुआ को कैसे कर के उनकी कमीज उतार डाली.
अब बुआ की ब्रा भी परेशानी दे रही थी तो मैंने बुआ को कहा और बुवा ने अपनी हुक खोल कर ब्रा भी उतार डाली. अब मैं आजाद परिंदो को अपने हाथों में पकड़ कर रगड़ने लगा और फिर एक निप्पल को मुंह में लेकर दूध पीने लग गया, इधर मेरा लंड निक्कर में ही सलामी देके खड़ा हो रहा था और उधर बूआ लंबी लंबी सिसकारियां भर रही थी.
मैंने कहा : क्या हुआ बुआ??
बुआ कहने लगी कुछ नहीं बहुत आराम मिल रहा है. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।
मैं भी उनके बूब्स को दबाता रहा और दूध पीता रहा, उन्होंने भी मुझे कुछ नहीं कहा. तभी मैंने महसूस किया कि उनकी चूत से पानी निकल रहा था और उनका पजामा भी गिला हो गया था.
मैंने कहा : यह क्या हो रहा है?
बुआ ने कहा कुछ नहीं मजा आ रहा है ना इसलिए गीला हो रहा है.
मैंने कहा : अच्छा..
बुआ ने अपने हाथ मेरे निक्कर पर रखते हुए कहा : पर तुम्हें क्या हो रहा है?
मैंने कहा : पता नहीं बुआ..
जब मैं आपके बूब्स चूसता हूं और दूध पीता हूं तो यह खड़ा हो जाता है..
बुआ ने कहा तो तुम्हें पसंद नहीं क्या??
मैंने कहा नहीं बुआ ऐसी बात नहीं है. आप हाथ लगा रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है..
बुआ ने कहा : तो एक बार मुझे अपने हाथों में लेने दे..
मैंने कहा : नहीं बुआ मुझे शर्म आती है..
मैंने कहा : अरे यह बात तुम्हारे और मेरे बीच ही रहेगी.
मैं मान गया और उन्होंने मेरा निकर नीचे करके मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया
बुआ ने कहा : अरे वाह यह तो बहुत बड़ा है..
अब मैंने भी बुआ को कहा कि आप भी दिखाओ जहां से गिलापन आ रहा है, बुआ ने मेरी यह बात सुनते ही अपना पजामा नीचे कर दिया और अपनी चिकनी चूत को मेरे आगे नंगा पेश कर दिया.
वह क्या चूत थी मस्त चिकनी और गुलाबी. तभी बुआ ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया और मेरा हाथ जैसे ही चूत पर लगा तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ
बुआ ने कहा : कैसा लग रहा है?
मैंने कहा : बहुत अच्छा.
बुआ ने कहा और मजा लेना चाहते हो??
मैंने कहा : वह कैसे?
बुआ ने कहा जब यह तुम्हारा लंड मेरी में जाएगा तब और भी मजा आएगा.
वो कैसे
तब बुआ ने मुझे अपने ऊपर आने को कहा और टांगे खोल कर लेट गई.. आगे क्या हुआ होगा आप समझ ही गए होंगे.