हेलो दोस्तों, मैं राजवीर कॉल बॉय हाज़िर हु आपके बीच में अपने जीवन की एक नई गाथा लेकर, आप सबने अब तक बहुत सारी सेक्स कहानिया और सेक्स अनुभव पढ़े होंगे. मैं आपको यकीं दिलाता हु, कि मेरी कहानी, जो १००% रियल है आपको पसंद आएगी. दोस्तों, मैं पंजाब से हु और वहां पर काफी सारी आंटी, भाभी और गर्लस की कामुक हवस को बुझाता रहा हु. आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हु, वो एक लाटरी लगने जैसी है. मेरी एक पुरानी क्लाइंट कुसुम ने मुझे बुलाया था चुदवाने के लिए. मैंने उससे १६ मार्च का टाइम लिया था. क्योंकि १४ और १५ मार्च को मेरा वीकली मोक टेस्ट था. कुसुम ने मुझे उसके घर पर ही आने को कहा. मंडे को उसके हस्बैंड ऑफिस में होते है और बच्चे स्कूल में. तो उसका घर पूरा खाली होता है. मैं ९ बजे ही उसके घर पहुच गया. कुसुम ने दरवाजा खोला और प्यारी सी स्माइल के साथ मुझे अन्दर बुला लिया. उसने स्काई- ब्लू रंग की साड़ी पहनी हुई थी, जिसमे वो बहुत प्यारी लग रही थी. कुसुम के बारे में बता दू. उसका रंग सांवला है.

पर उसके फेस कट और चेहरे के हावभाव इतने सुंदर है, कि कोई भी आसानी से आकर्षित हो सकता है. उसका फिगर ३५-३२-३४ का होगा. उसने मुझे बैठने को कहा और मेरे लिए वेलकम ड्रिंक ले आई. हम दोनों ऐसे ही बैठे बातें करने लगे. कुसुम मेरी आंटी के बारे में पूछ रही थी, जिसने हमें मिलवाया था. अभी हमारी आवाज़ सुनकर अन्दर से एक ३५-४० की भाभी बाहर आई. उसने नाईटी पहनी हुई थी. कुसुम ने कहा, राजवीर ये मेरी कजिन रानी है और कल रात को ही बंगलोर से आई है. हम दोनों ने हैंडशेक किया और एक दुसरे को हेलो कहा. रानी का रंग गोरा था और खुले बाल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे. कुसुम ने मुझे ब्रेकफ़ास्ट के लिए पूछा, तो मैंने कहा कि अभी तो भूख नहीं है. थोड़ी देर में करते है. कुसुम बोली – ठीक है. आज रानी हमे साउथ इंडियन ब्रेकफ़ास्ट बनाकर खिलाने वाली है. रानी भी हसते हुए बोली – ठीक है. मुझे कोई दिक्कत नहीं. वैसे भी मुझे परांठे पसंद नहीं है और वो वाशरूम में चली गयी.

मैंने कुसुम को इशारो में पूछा, इससे कोई प्रॉब्लम? तो उसने कहा – कोई टेंशन नहीं है. कुसुम मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे कानो में धीरे – धीरे बोलने लगी. कितने दिनों बाद मिले है. बड़े बिजी हो गये हो? ये कहते – कहते उसने मेरे पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. मैंने कहा – लगता है, बहुत तड़प है तुम्हारे अन्दर. तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चेस्ट पर रख दिया और बोली – ये मेरी धड़कन देखो. तुम्हारे लंड पर हाथ रखते ही, कैसे तेज हो गयी है. अब तो तुम समझ ही गये होंगे, कि मेरा क्या हाल हो रहा है. चलो अब अन्दर चलते है. हम उठे और उसके बेडरूम में चले गये. वहां उसने मुझे सोफे पर बैठाया और पेंट उतारने को कहा. मैंने पेंट और अंडरवियर दोनों उतार दिए. उसने अपनी साड़ी का पल्लू हटाकर नीचे से अपनी साड़ी उतार दी और घुटनों पर बैठ गयी. उसने मेरा लंड अपने मुह में लिया और बेसब्री से चूसने लगी. मुझमें भी एकदम से जोश आ गया.

मैं उसके बाल सहलाने लगा, वो चारो तरफ से मेरे लंड और टट्टे चूस रही थी. मेरा लंड भी अपने खतरनाक रूप में आ गया था. १० मिनट, वो उठी और अपनी पेंटी उतार दी. देखने से ही पता चल रहा था, कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी है. कुसुम मेरे ऊपर आ गयी और उसने अपनी टाँगे फैलाकर, अपनी चूत को मेरे लंड के ऊपर टिका दिया. लंड से चूत को थोड़ा रगड़ने लगी और उसके बाद उसने लंड पर वजन डाला और भाभी की  चूत में मेरा लंड एकदम से घुसता चला गया ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़… क्या फीलिंग थी वो. गरम – गरम पानी वाली वो चूत. उसने मेरे लंड को भी गरम कर दिया और मेरा लंड जैसे गरम लोहे की तरह हो गया. उसने मेरे सिर को बाहों में भर के अपनी चेस्ट से दबा दिया और ओह्ह्ह्ह राजवीर.. कितना मिस किया.. तुम्हे… मेरी जान… आअहहह … देखो मेरी चूत का हाल… कितना पानी छोड़ रही है… कैसे हो रही है … अहहहः … कहाँ चले गये थे तुम? मैंने उसका मुह अपने हाथो में ले लिया और उसे समुच करने लगा. कुसुम किस भी इतने पेशन से कर रही थी, जैसे की पता नहीं आज के बाद उसे मैं मिलूँगा नहीं.

वो साथ के साथ अपनी गांड को भी ऊपर – नीचे कर रही थी. मैंने उसकी ब्रा खोल दी और दूर फेंक दी. उसकी चुचियो को मैंने बारी – बारी से चुसना शुरू किया. कुसुम अपनी इमोशन को संभाल नहीं पायी और मुझे बोली – मेरे शरीर को रगडो राजवीर… देखो कैसे मुरझाया पड़ा है. इसके असली हकदार, मेरे पति को तो इसकी कद्र ही नहीं है. कोई फिकर ही नहीं है. तुम ही मुझे प्यार करो… बहुत प्यार करो.. अहहहः अहहहः अहहहः अहहहः ह्ह्ह्हह्ह… इतना कह कर उसने अपने आप को तेजी से ऊपर – नीचे करना शुरू कर दिया. उसके उछलते हुए चूचो को मैंने संभाला और दबाने लगा. दबाते हुए चूस भी रहा था. कुसुम अहहहः अहहहः ऊउईईम्म्म्म… मममम म्मम्म … करते हुए, अपनी भावनाओ को सिमटाने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसे बहुत बार चोदा था, पर आज पहली बार उसे ऐसे देखा था. शायद, मेरे बाद उसके पति ने उससे एक बार भी नहीं चोदा होगा. तभी एकदम से बेडरूम का दरवाजा खुला और रानी आ गयी. रानी बोली – कुसुम भाभी, इतनी भी क्या जल्दी थी. मेरे आने का तो इंतज़ार कर लेती यार. फिर हँसते हुए बोली – ठीक है. तुम करो मजे. मैं ब्रेकफ़ास्ट बना लेती हु.

कुसुम उठी और सोफे पर उलटी लेट गयी. मैं उसके ऊपर आ गया और पीछे से भाभी की चूत में लंड डालने लगा. हहहः अहहहः हाहाह ह्म्म्मम्म करके उसने मेरे लंड को स्वीकार किया और फिर मीठी – मीठी आहे भरने लगी… मैं प्यार प्यार से उसे झटके मारने लगा. कुसुम बोली – राजवीर, अपने स्टाइल से तेज – तेज करो.. बहुत तेज करो.. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज झटके मारने लगा. कुसुम अहहाह ह्ह्ह्हह दददद ऊऊओह्ह्ह् करने लगी. थोड़ी देर में, मैंने उसे सीधा किया और उसकी एक टांग उठा कर फिर से चोदने लगा. कुसुम भाभी की चूत बुरी तरह से गीली हो गयी थी, जैसे कि वो कई बार झड़ चुकी हो. अहहः अहहः करते हुए कुसुम अचानक अपने जी- स्पॉट को मसलने लगी और सारा पानी मेरी चेस्ट पर छोड़ दिया. वो मेरी तरफ देख रही थी और एक मासूम सी स्माइल देकर मेरी चेस्ट पर पड़े अपने पानी को चाटने लगी. फिर धीरे – धीरे वो मेरे मुह की तरफ बढ़ी और मुझे समुच करने लगी. कुसुम मेरे कानो में कह रही थी. राजवीर बेबी, ऐसे ही मुझे ज्यादा दिन बिना मिले ना छोड़ो. मैं अधमरी हो जाती हु.

मेरी चूत को तुम्हारी बहुत जरूरत है. इसलिए जल्द से जल्द मिल लिया करो. हम दोनों उठे और अपने आप को साफ़ किया और कपडे पहनकर वापस ड्राइंगरूम में आ गये. थोड़ी देर में, रानी ब्रेकफ़ास्ट ले आई. हम तीनो ने मिलकर ब्रेकफास्ट किया. फिर मैंने रानी को भी मस्त चोदा और हमने ३स्म का भी आनंद लिया. लेकिन, वो सब आज नहीं.. फिर कभी… तो दोस्तों… राजवीर की अलविदा.. जल्दी ही मिलूँगा… कुछ और सेक्सी अनुभव के साथ…

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