हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम किरन बंसल है और मेरी उम्र २५ साल है। में आगरा की रहने वाली हूँ और में एक स्कूल टीचर हूँ। दोस्तों आज में जो स्टोरी आप सभी के सामने रखने जा रही हूँ.. यह मेरी एक सच्ची स्टोरी है और यह स्टोरी मेरी और मेरे भाई की है। वैसे तो मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और मै मस्ताराम.नेट पर बहुत समय से कहानियाँ पढ़ती आ रही हूँ। मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ.. दोस्तों बचपन से ही मेरा भाई मेरे पास रहता था और उसका मुझसे बेहद लगाव भी था और अभी भी है.. क्योंकि मुझे बहुत मुश्किल के बाद भाई मिला था। तो में उसका ख़याल भी बहुत रखती थी.. वो मेरे साथ सारा दिन रहता, मेरे साथ खाना ख़ाता और जब में स्कूल से आती तो वो मेरे साथ सोता भी था। मम्मी के पास नहीं जाता था और वो मेरे साथ ही गेम खेलता था और तो और में उसको नहलाती भी थी। फिर धीरे धीरे वो बड़ा होने लगा था और उसका मुझसे लगाव भी बढ़ने लगा था। तो जब में कॉलेज में पहुंची.. तभी मुझे सेक्स के बारे में पता चला तो फिर क्या था? एक दिन में जब कॉलेज से घर पर आई तो मेरे दिमाग में वो सब सेक्स की बातें चल रही थी और अगले दिन में अपनी एक दोस्त के घर पर गई। तो वो कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रही थी.. तो जब मैंने उससे पूछा कि तू यह क्या कर रही है? तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया और फिर मैंने उससे कॉलेज वाली सेक्स की बात पूछी। तो उसने मुझे बहुत से फोटो दिखाए जिसमे वो गोद में बैठकर लंड पर कैसे उछल रही थी। फिर उसने लंड मुहं में लिया तो में देखकर दंग रह गई..
उसने लंड को पूरा मुहं में लिया और बड़े मजे से उसे चूस रही थी। तो मेरी चूत से भी पानी आने लगा था और यह सब देखकर मेरे जिस्म में तो आग सी लगने लगी थी और अब मेरी चूत भी एक बड़ा सा लंड मांग रही थी और फिर जब मेरी दोस्त ने कहा कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी ऐसे ही सेक्स करती है। फिर में तो जैसे पागल ही हो गई थी और बस मेरा दिमाग कह रहा था कि मुझे भी चुदना है लंड लेना है मुहं में.. लेकिन कैसे? मेरा तो कोई बॉयफ्रेंड भी तो नहीं है जिसके साथ में भी सेक्स कर सकती। फिर मेरी दोस्त ने मुझे वो ब्लू फिल्म दे दी और मैंने घर जाकर ब्लू फिल्म देखी कि तभी मेरा भाई जो अब 19 साल का हो गया था.. वो अचानक से आ गया। तो मैंने जल्दी से ब्लू फिल्म हटा दी.. लेकिन वो मेरे पीछे पड़ गया और कहने लगा कि तुम क्या देख रही हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं देख रही.. लेकिन वो नहीं माना और में सीडी निकालना भूल गई थी और रूम से बाहर आ गई थी.. फिर क्या था? मेरे भाई ने सीडी देख ली.. लेकिन मुझे यह बात नहीं पता थी कि मेरे भाई ने वो ब्लू फिल्म देख ली है फिर वो ब्लू फिल्म में पूरी नहीं देख पाई थी तो में रात को सोने से पहले ब्लू फिल्म देखने लगी। वाह क्या ब्लू फिल्म थी? उसमे उस लड़की को पहले एक ने चोदा.. फिर उसे तीन तीन लड़को ने चोदा.. लेकिन उसने तीन लंड कैसे लिए होंगे में तो सोच सोचकर पागल हुई जा रही थी और लाईट बंद करके बेड पर सोने चली गई.. लेकिन उसने तीन लंड के वो सीन मुझे सोने नहीं दे रहे थे और उधर भाई भी करवटे बदल रहा था। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | फिर मैंने भाई से पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुझे कुछ नहीं बताया और मेरे एकदम गले लग गया और उसका लंड मेरी चूत से टच हुआ तो मेरी साँसे थम गई.. उसका लंड 8 इंच का था वो मेरे पास खाली अंडरवियर पहने हुए लेटा था फिर मेरे पास पहली बार वो ऐसे ही लेटा था और फिर वो मुझे किस करने लगा.. लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था यह सब क्या हो रहा है? मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और सोचने समझने की जैसे सारी शक्ति खत्म हो गई हो। फिर थोड़ी देर बाद मैंने भाई से कहा कि तुझे क्या हो गया था? तो वो बोला कि दीदी आप बहुत अच्छी हो मुझे प्यार करना है जैसे उस ब्लू फिल्म में वो लड़का कर रहा था.. दीदी बस एक बार किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.. लेकिन मैंने उसे डांट दिया। उस टाईम मन तो मेरा भी बहुत हो रहा था.. लेकिन में बहुत डर गई थी कि किसी को पता चलेगा तो कोई क्या कहेगा? फिर में पूरी रात जागती रही और सोचती रही कि मेरा भाई पहली बार मुझसे नाराज़ होकर बाहर हॉल में लेट गया है। फिर सुबह वो जब बाथरूम में नहाने गया तो में भी उसके पीछे गई उसको नहलाने के लिए तो वो मना करने लगा कि आप मत आओ बाथरूम में.. लेकिन जब मैंने ज़िद की तब उसने कहा कि अगर आप मुझे नहलाओगे तो मेरे लंड को भी साफ करोंगे और मुझे बिल्कुल नंगा करके नहलाओगे। तो मैंने कहा कि ठीक है और में बाथरूम में घुस गई और उसने मुझसे अपना अंडरवियर उतरवाया तो मैंने उसका अंडरवियर उतार दिया और उसका लंड एकदम से खड़ा था और में उसे देखकर बहुत चकित थी.. उसका 2 इंच मोटा 7 इंच लंबा लंड था। लंड को देखकर मेरी चूत भी पागल हो गई और अब तो लग रहता था कि जैसे भाई बस अब मुझे चोद दे.. लेकिन मैंने खुद पर बहुत कंट्रोल किया और उसको नहलाने लगी.. भाई मेरा चेहरा और बूब्स देखता रहा और आज तक मुझे इस तरह से भाई ने कभी नहीं देखा था मेरे बूब्स भी सूट से निकल रहे थे और वो मेरे बूब्स को घूर घूरकर देख रहा था। फिर उसने एक हाथ मेरे बूब्स पर रखा और मुझसे बोला कि दीदी आप बहुत सेक्सी हो और आपके बूब्स उससे भी ज्यादा सेक्सी है.. क्या फिगर है आपका 34-28-36? फिर वो बोला कि दीदी क्या आपका कभी भी मन नहीं करता है सेक्स के लिए? तो मैंने कहा कि हाँ करता तो है। तो दीदी प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो ना। तो मैंने कहा कि यह ठीक नहीं है तू भाई है मेरा। तो वो बोला कि दीदी सेक्स में भैया शैया कुछ नहीं होता है सेक्स में सिर्फ़ मज़ा देखा जाता है। तो मैंने कहा कि तुझे इतना सब कैसे पता है? तो वो बोला कि दीदी मुझे मेरे दोस्तों ने बताया है और में तो रोज ब्लू फिल्म भी देखता हूँ..
अपने दोस्तों के साथ और मेरे दोस्त तो सेक्स भी करते है.. अपनी अपनी गर्लफ्रेंड से और कुछ अपनी बहन से भी और में तो पहले बहुत डरता था | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | लेकिन जब उस दिन मैंने आपको ब्लू फिल्म देखते देखा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.. लेकिन आप तो उस रात नहीं मानी और ना आज सेक्स के लिए मान रही हो। दीदी प्लीज किसी को कुछ नहीं पता चलेगा में कह तो रहा हूँ.. बस एक बार दीदी आप मेरे साथ सेक्स कर लो। फिर में चुपचाप खड़ी सुनती रही और उसके लंड को पकड़ कर सहलाती रही और वो बोलता रहा। तो मैंने कहा कि ठीक है.. आज रात देखते है। तो वो बोला कि दीदी देखते नहीं आज रात पक्का सेक्स करेंगे। दीदी में आपका इंतजार करूंगा.. दीदी आप तैयार रहना और दीदी में आपको बहुत अच्छे से चोदूंगा.. आपको मेरे साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आएगा दीदी.. प्लीज़ रात में नहीं मत कहना। फिर मैंने हाँ कर दी और रात का इंतजार करने लगी.. पता नहीं आज रात में क्या होगा मेरे दिमाग में बार बार यही आ रहा था और किसी को कुछ पता ना चल जाए.. लोग क्या सोचेंगे मेरे और भाई के बारे में क्या मेरा सेक्स करना ठीक होगा भी या नहीं.. बार बार दिमाग में यही सवाल आ रहे थे.. लेकिन इनमे से एक का भी मेरे पास कोई जवाब नहीं था। फिर में सेक्स को लेकर बहुत इच्छुक तो थी.. लेकिन मेरे भाई के साथ सेक्स करना मेरा ठीक होगा क्या? यह में खुद से सवाल किए जा रही थी। फिर मैंने उसे नहलाया और वो कपड़े पहनकर अपने रूम में चला गया.. लेकिन वो आज मुझे बहुत खुश नजर आ रहा था क्योंकि उसे मेरी तरफ से चुदाई की हाँ जो मिल चुकी थी। फिर वो कपड़े पहन कर स्कूल चला गया और में अपने कॉलेज.. लेकिन मैंने अपने कॉलेज अपने घर पर किसी से भी यह बात नहीं कही। फिर शाम को वो भी और में भी स्कूल, कॉलेज से घर पर लौट आए। तो वो मुझे स्माईल देने लगा.. लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने कामो में लग गई और फिर में थोड़ा थक गई थी तो अपने रूम में लेट गई। तो ना जाने कब मेरी आंख लग गई और में गहरी नींद में सो चुकी थी। फिर ना जाने कहाँ से मेरा भाई आया और मेरे बूब्स मसलने लगा और जब मेरी नींद खुली तो मुझे पता चला और मैंने उससे पूछा कि यह क्या कर रहा है तू? तो वो बोला कि दीदी में तो बस थोड़े मजे ले रहा था। तो में वहाँ से उठी और बाहर चली आई..
में बहुत उदास थी तभी वो भी मेरे पीछे पीछे चला आया और कहने लगा कि दीदी क्या हुआ? आप उदास क्यों हो? लेकिन मैंने उसे कोई भी जवाब नहीं दिया और उठकर छत पर चली गई। फिर मेरे जाने के थोड़ी देर बाद उसका मुझे एक मैसेज आया कि दीदी सॉरी प्लीज मुझे माफ़ कर दो। तो मैंने नीचे आकर देखा तो वो भी बहुत उदास था और कहने लगा कि दीदी मुझे पता है आप क्यों उदास है? आप हमारी चुदाई वाली बात से उदास है ना। फिर मैंने कुछ नहीं कहा और उसे गले लगा लिया। तो वो बोला कि दीदी आप इतनी उदास अच्छी नहीं लगती। मुझे नहीं करना आपके साथ सेक्स। उसका बस इतना कहना था और में बहुत चकित हो गई.. लेकिन कुछ ना बोली। फिर शाम के 6 बज चुके थे और मैंने चाय बनाई और हम दोनों ने साथ में बैठकर चाय पी। फिर कुछ घंटो के बाद रात होने लगी और मेरे दिमाग में अब भी वही बात चल रही थी। फिर में सब कुछ भूल कर खाना बनाने लगी और बनाने के बाद हमने साथ में बैठकर खाना खाया। फिर वो टीवी देखने लगा और में कॉलेज का काम करने लगी। फिर में थोड़ी देर बाद सो गई.. लेकिन जब मेरी नींद खुली तब तक वो भी मेरे पास सो चुका था और उसका लंड अंडरवियर में खड़ा खड़ा मुझे सलामी दे रहा था और में कुछ सोचने लगी और मैंने उसकी अंडरवियर को थोड़ा नीचे किया और ध्यान से लंड को देखने लगी मुझे ना जाने क्या होने लगा और में लंड को हाथ में पकड़कर सहलाने लगी। तो धीरे धीरे उसका लंड और तनकर खड़ा हो गया। तो मैंने उसका अंडरवियर पूरा खोल दिया और लंड को जोर जोर से मसलने लगी और थोड़ी देर बाद मैंने लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी। तब तक वो भी उठ चुका था और मुझे पूरा नंगा देखकर चकित रह गया.. लेकिन कुछ नहीं बोला और मुझे लंड चूसने से भी मना नहीं कर रहा था। फिर मैंने उसका करीब दस मिनट तक लंड चूसा.. वो एक बार झड़ चुका था फिर भी कुछ करने को तैयार नहीं था। तो मैंने उससे कहा कि क्या अब देखता ही रहेगा या कुछ करेगा भी। फिर वो मेरा इशारा समझ गया और मुझे लेटाकर मेरे बूब्स पर टूट पड़ा जैसे कि वो बहुत दिनों से भूखा हो। फिर उसने मेरी निप्पल चूस चूसकर पूरी लाल कर दी और फिर वो बूब्स चूसता चूसता सीधा मेरी चूत पर आ गया। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | तो मैंने उसे मना किया और कहा कि नहीं अभी यह सब नहीं.. पहले तुम थोड़ा बड़े हो जाओ उसके बाद.. लेकिन वो अब कहाँ सुनने वाला था.. उसने मेरी चूत में अपना मुहं घुसाया और सूंघने लगा। फिर धीरे धीरे चूत की फांको को अपने दोनों हाथों से फैलाया और जीभ घुसाकर चाटने लगा। उसकी एक जीभ ने मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा अहसास पैदा कर दिया और में बिना कुछ कहे उसे उसकी मर्जी का काम करने देने लगी। तो वो लगातार चूत चाटे जा रहा था |
तभी थोड़ी देर बाद में झड़ गई और वो पूरा रस पी गया। फिर उसने मुझे एक लम्बा सा लिप किस किया और दोबारा चूत के पास चला गया। फिर उसने इस बार मेरी चूत पर लंड सेट किया और एक जोर का धक्का लगाया.. उसके इस धक्के से बस मेरी जान ही नहीं निकली एक जोर की चीख निकली जिसने पूरे रूम का माहोल बदल कर रख दिया। फिर वो मेरे मुहं पर एक हाथ रखकर थोड़ा रुका और मेरे नॉर्मल होने का इंतजार करने लगा और मेरे बूब्स को सहलाने लगा जिससे में और भी गरम होती रही। फिर उसने मेरी तरफ देखा और दूसरा धक्का दिया लंड अब मेरी गीली चूत की गहराईयों में फिसलकर पूरा समा चुका था.. लेकिन अब मेरा और उसका हाल बहुत बुरा था। हम दोनों पसीने में नहा चुके थे और हम पर चुदाई का भूत सवार था। तभी उसने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए और वो चोदने लगा। में उसकी इस चुदाई में अपनी चूत का दर्द भूल चुकी थी और उसका पूरा पूरा साथ देने लगी। फिर वो बोला कि दीदी आपकी चूत बहुत टाईट है मुझे बहुत जोर लगाना पड़ रहा है। तो मैंने कहा कि बिना चुदी चूत ऐसी ही होती है.. तू तो बस बिना रुके चोदे जा और अपनी और मेरी आज चुदाई की इच्छा पूरी कर दे.. फाड़ दे मेरी चूत और जोर से और डाल दे पूरा। फिर वो मेरी यह बात सुनकर मुझे और जोर जोर से चोदने लगा.. उसकी इस ताबड़तोड़ चुदाई ने मुझे पूरा हिला दिया था। फिर उसकी इस चुदाई ने मुझे आज जन्नत का मज़ा दे दिया था।
करीब 25 मिनट की चुदाई के बाद भी वो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि वो पहले ही एक बार मेरे मुहं में झड़ चुका था। फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझे थका हुआ सा लगने लगा और वो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और फिर अचानक से वो अकड़ने लगा और मेरी चूत में ही जोरदार धक्को के साथ झड़ गया। फिर उसके वीर्य ने मेरी चूत में गिरकर मुझे आज पूरा कर दिया था। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | आज यह मेरी और उसकी पहली चुदाई सफल रही.. लेकिन वो थककर मेरे ऊपर पड़ा रहा और बूब्स चूसने लगा। तभी मैंने अपनी चूत के पास एक ऊँगली लगाकर देखा तो मेरी सील टूट चुकी थी और उसका भी लंड पहली चुदाई के दर्द से तड़प रहा। फिर वो थोड़ी देर बाद मेरे ऊपर से उठा और बाथरूम में जाकर मेरे पास आया..
उसके लंड पर बहुत दर्द था.. लेकिन वो कुछ नहीं बोला। फिर मैंने भी बाथरूम से आकर देखा तो वो बेड पर लेटा हुआ था। मैंने थोड़ा क्रीम लिया और लंड पर लगाया। फिर उसने मुझे उठकर गले लगाया और हम दोनों सो गये। उसके बाद हमने सुबह चार बजे उठकर एक बार फिर से चुदाई की और सो गए.. लेकिन सुबह ना वो स्कूल जा सका और ना में कॉलेज और फिर दिन में मौका देखकर फिर से एक बार फिर चुदाई की। दोस्तों अब चुदाई करे बिना हमे नींद नहीं आती और हम हर रोज चुदाई करते है। हमे जब भी मौका मिले बस हमे यही काम याद आता है और कुछ नहीं। मेरे भाई ने मेरी चूत बहुत मारी और उसको चौड़ी कर दिया है। अब उसका लंड बड़े आराम से अंदर चला जाता है.. ना मुझे पता चलता है और ना उसे । मैंने अपने भाई के दोस्तों से भी चुदवाया पर वो हादसा बाद में बताउंगी | आप अपने विचार मुझे कमेंट में लिख कर जरुर देना | आपकी प्यारी किरन | बाय |