भाभी के उपर हवस सवार हुई

मैं २८ साल का हूं, मेरे भैया ३० के और मेरी सेक्सी भाभी २६ साल की है, यह उमर उस टाइम की है जब मेरे भैया और भाभी की शादी हुई थी, हम दिल्ली में रहते थे लेकिन भइया दुबई में काम करते थे, क्योंकि वह इंजीनियर थे. घर पर मैं और मां रहते थे और मैं बिजनेस करता था.

मेरे भैया और भाभी की मैरिज २०१३ में हुई थी, मेरी भाभी बहुत सुंदर है, उनकी हाइट ५ फुट ४ इंच है उनका बदन बिल्कुल सोनाक्षी सिन्हा जैसा है. पूरी भरी सेक्स अपील है कि किसी का भी लंड बड़ा कर दे.

 

मेरी भाभी ने फैशन डिजाइनर का कोर्स किया था, आप समझ सकते हैं कितनी फैशनेबल थी और भैया के साथ मेरेज के बाद उसने काम नहीं किया, मैरिज के बाद भैया और भाभी दुबई चले गए, मेरी मां चाहती थी कि भाभी कुछ दिन साथ में रहे पर भाभी नहीं मानी और भैया के साथ दुबई चली गई.

करीब ८-९ महीने के बाद पता चला कि भाभी प्रेग्नेंट है, हम सभी बहुत खुश हुए, तब भाभी ने मां से कहा कि मम्मी जी मैं चार-पांच महीने के बाद आपके पास आ जाऊंगी, यह सुनकर मैं और मम्मी बहुत खुश हुए पर माँ थोड़ी दुखी हो गई तब मैंने मां से पूछा क्या हुआ मां तो मां बोली बहु के आने के बाद में सबकुछ कैसे संभाल पाउंगी? मेरी तो तबीयत भी सही नहीं रहती है, तब मैंने मां से कहा मैं हूं ना मैं सब संभाल लूंगा, मेरे भाई की वाइफ है और मैं कुछ भी कर सकता हूं अपने भाई के लिए.

भाभी दिल्ली आ गई भैया के साथ, जब उनके ४ महीने बचे थे. भैया भाभी को छोड़कर दुबई चले गए और मुझे बोल दिया अपनी भाभी का पूरा ध्यान रखना. मैंने भी वही किया भाभी का पूरा ध्यान रखा. मैं ही उनको हॉस्पिटल ले जाता था, भाभी की हर जरूरत का सामान लाता था, उनके खाने की हर इच्छा को पूरा करता था, जो एक पति अपनी पत्नी के प्रेग्नेंट होने पर करता है. और सब करता था हॉस्पिटल में तो सभी मुझे भाभी का हस्बैंड समझते थे, जब डॉक्टर बोलती थी कि अपने हस्बैंड को बुलाओ तो भाभी मुझे भुला देती थी. मैं भाभी से बोलता था मैं आपका हसबैंड? तो बोलती थी चलता है अब किसको किसको तुम्हारे भैया के बारे में बताती रहूं और हम हंसने लगते थे.

मैं यह सब इसलिए करता था ताकि मेरी भाभी को मेरे भाई की कमी ना हो सके और वह खुश रह सके. ४ महीने के बाद भाभी ने एक सुंदर लड़की को जन्म दिया, भइया भी आ गए थे. सभी बहुत खुश थे, फिर भइया ने कुछ दिन के बाद भाभी से बोला चलो दुबई. तब भाभी बोली अभी तो मेरी बॉडी में एनर्जी भी नहीं आई है, और मैं अकेली बेबी को कैसे संभाल पाऊंगी? यहां पर तो मम्मी जी है देवरजी है और देवर ऐसा की वह मेरी सास ननंद देवर सबकुछ.. और तुम तो मुझे अकेला छोड़कर ऑफिस चले जाओगे.

तब भैया ने कहा ओके बाबा ओके.. मैं समझ सकता हूं लेकिन मेरा भी एक प्रॉब्लम है मैं अगले छह-सात महीने नहीं आ पाऊंगा क्योंकि दुबई की कंपनी मुझे लंदन भेज रही है तभी माँ ने बोला कोई बात नहीं बेटा तू आराम से जा.. बहु की बिल्कुल चिंता ना कर फिर भैया ने बोला ठीक है माँ पर तुम तो बीमार रहती हो तो मैंने बोला कि अरे कोई नहीं भैया, मैं कर लूंगा. फिर १ दिन बाद भैया चले गए.

अब घर में मेरी मां और मैं और भाभी जो कि अब एक बच्चे की मां बन चुकी थी रहते थे. अब ४ महीने में मैं और मेरी भाभी बिल्कुल खुल चुके थे, क्योंकि भाभी की प्रेगनेंसी पीरियड में भाभी की मदद करते करते में भाभी की बॉडी के बारे में जान चुका था, भाभी की बॉडी धीरे-धीरे नॉर्मल होती जा रही थी, भाभी की पूरी मन लगाकर मदद करता था.

कभी बच्ची के और अपने कपड़े मुझे धोने को बोलती थी मे सारे कपड़े धो कर देता था और अपनी भाभी के भी कपड़े धो देता था, और उनकी पैंटी और ब्रा भी वोश करने को दे देती थी, मैं भाभी की पैंटी को अपने हाथ में लेता तो मेरा लंड और दिमाग दोनों खराब हो जाता था. पेंटि देख कर मैं अपनी भाभी की चूत को इमेजिन करने लगता था मैं अपने अंदर के हवस के जानवर को दबा नहीं पाता था और भाभी की पैंटी को अपने नाक में लगा लेता था और उसकी स्माइल मुझे पागल बना देती थी और मेरा डिस्चार्ज हो जाता था. और फिर मैं पैंटी को धो देता था, यह मेरा रोज का रुटीन हो गया था.

रात में भाभी बच्ची को लेकर मेरे कमरे में आ जाती थी और बोलती थी जरा इस को संभालो, मुझे सोना है. मैं बच्चे को संभालता था और उसको सुलाता था, उधर मेरी भाभी मेरे बेड पर सो जाती थी. और हमेशा अपनी बेक मेरी तरफ करके सोती थी, वह नाइटी पहनती थी और बिना पेटिकोट की और जब वह अपनी बेक मेरी तरफ करके सोती थी तो क्या नजारा होता था? उनकी गांड की पूरी शॉप नजर आती थी, कुछ हद तक गांड की दरार तक.. मेरा तो लंड खड़ा हो जाता था ना चाहते हुए भी मैं भाभी के गांड देखने पर मजबूर हो जाता था, क्या करूं लड़का हूं तो जवान औरत को देखकर लंड खड़ा हो ही जाएगा, और लंड क्या जानता है एक औरत मेरे भैया की वाइफ मेरी भाभी है और ऐसी सेक्सी औरत को देखकर खड़ा हो जाता है..

एक दिन भाभी ने मुझे बोला चलो ना देवर जी बच्चे को नहलाते हैं, मैंने बोला ओके भाभी.. भाभी ने बाबू को अपनी गोद में ले लिया और मुझे पानी डालने को बोला. भाभी ने वाइट कलर की सलवार पहनी थी, जैसे ही मैंने बाबू पर पानी डाला उनकी सलवार गीली हो गई, कुछ टाइम के बाद भाभी की चूत काले बाल दिखने लगे मतलब भाभी ने पेंटी नहीं पहनी थी.

मुझे वह देख कर बहुत मजा आ रहा था और मुझे लगता है भाभी को दिखाने में भी बहुत मजा आ रहा था क्योंकि भाभी ने अपना कमीज ऊपर कर लिया था, बाबू को बाथ करा कर भाभी ने मुझे दिया और बोला इसके कपड़े पहना दो, पर मुझे वह करने नहीं आया तो मैंने भाभी से बोला मुझसे नहीं हो रहा है, वह आई और बाबू को तैयार करने लगी, जब भाभी बाबू को रेडी कर रही थी तो उनकी वाइट सलवार गीली होने के कारण और सलवार उनकी बोडी से पूरा चिपक गया था.

मुझे भाभी के गोरे गांड और काली चूत के बाल के पूरे दर्शन हो रहे थे, और मैं वहां से जा भी नहीं सकता था.. क्योंकि भाभी ने बोल रखा था देखो मैं बाबू को कैसे रेडी करती हूं, पर मेरा तो सारा ध्यान भाभी की गांड पर घूम रहा था, लग रहा था अभी के अभी गांड की दरार में अपना लंड डाल दूं, अब मेरी सारी रिस्पेक्ट अब लंड पर थी..

फिर १ दिन में और भाभी बातें कर रहे थे. तभी बातों बातों में भाभी ने बोला प्रेगनेंसी के बाद तेल मालिश बहुत जरुरी होती है, पर मैं खुद से कर नहीं सकती और मम्मी जी की तबीयत खराब है. तो मैंने भाभी से कहा कि मैं कर दूं तेल-मालिश? तब भाभी ने बोला मुझे शर्मा आएगी.. तो मैंने मजाक करते हुए बोला अब क्या शर्माना भाभी, सब कुछ तो मैं देख चुका हूं.. तब भाभी ने बोला क्या बोला तुमने? मैंने बोला कुछ नहीं देवर से क्या शर्माना यही बोल रहा था और फिर हम दोनों हंसने लगे..

फिर भाभी ने बोला ओके तुम ही मालिश कर दो.. भाभी ने उस टाइम सलवार पहना हुआ था भाभी पेट के बल लेट गई और बोली कि प्रेगनेंसी के बाद सबसे ज्यादा औरत को कमर में दर्द होता है, तुम मेरी कमर की मालिश कर दो.. मैं तेल ले कर आया मैंने देखा कि भाभी अपना सलवार का नाड़ा ओपन कर रही थी और बोली सलवार ढीली कर दी है मैंने, अभी तुम्हें मालिश में प्रॉब्लम नहीं होगी. मैंने तेल लीया और कमर की मालिश करने लगा, थोड़ी देर में भाभी ने बोला थोड़ा अंदर भी हाथ डालो शरमा क्यों रहे हो? भाभी का एक यह बोलना था कि मैंने भाभी के सलवार के अंदर हाथ डाल दिया क्या गांड थी, में कितने दिनों से देख रहा था आज उस पर मेरा हाथ है, उस दिन की मालिश हो गई.

फिर में रोज भाभी की मालिश करने लगा, अभी ३ दिन हो गए थे कि १ दिन भाभी नाइटी पहनी हुई थी और बोली की देवर जी चलो मालिश कर दो.. और भाभी ने पेटीकोट भी नहीं पहना था. मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था आज क्या हो गया? मैं अपने पर कैसे कंट्रोल कर पाऊंगा? तभी भाभी ने लाइट ऑफ कर दी और नाइटी उठा कर लेट गई. आज वह पूरी नंगी मेरे आंखों के सामने थी, मुझे कंट्रोल नहीं हुआ और मैं तेल छोड़कर सीधा भाभी की चूत में अपना मुंह डाल दिया, वह भी पूरी हिल गई और बोलने लगी यह क्या कर रहे हो देवर जी? और मुझे हटा ने लगी थी, थोड़ी देर में बोली चाटो मेरे राजा अहह औई यस्स मैं यह सुनकर शोक्ड रह गया और भाभी को देखने लगा, तो भाभी ने बोला क्या देख रहे हो? यह पूरी १० महिने की भूखी है, १० महीने से तेरी भाभी प्यासी है चाटो मेरे सोना..

मैं उन की बात सुनकर और मजे में चूत चाटने लगा तब भाभी ने बोला मुझे पता था तुम ही चूत अच्छा चाट सकते हो, मेरी डर्टी सेक्स डिजायर तुम ही पूरी कर सकते हो.. मैंने बोला मैं और भी बहुत कुछ कर सकता हूं, और यह बोलकर मैंने अपनी जीभ को भाभी की गांड के छेद में डाल दिया, और वह पूरी एक्साइटेड हो गई थी और बोलने लगी क्या कोई गांड के छेद को भी चाट सकता है.

तभी मैंने अपना पेंट ओपन कर दिया मेरा लंड देख कर भाभी के मुंह से बाप रे बाप निकल गई और बोलने लगी तुम्हारा लंड तो तुम्हारे भैया से काफी बड़ा है, इतना भाभी के बोलते ही मैंने उनको किस करने लगा. भाभी भी पागल हो रही थी बोल रही थी देवर जी डालो लंड अपनी भाभी की चूत में.. यह भाभी की हवस बोल रही थी मैंने भाभी की चूत में अपना लंड डाल दिया भाभी अहः औउ ओआओ ओह हहह औऊ आहे भर रही थी बोल रही थी जो चोदो अपनी भाभी को चोदा अपने भैया की वाइफ को औउ उईई मां मर गई.. उस रात में और भाभी ने खूब चुदाई कि, हमारा रास्ता उस रात से ओपन हो गया था..

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