हेलो दोस्तों, यहाँ पर सेक्स स्टोरी पढ़ने वालो और पसंद करने वाले सभी दोस्तों, सभी लडकियों, सभी भाभियों और सभी आंटी लोगो को मेरा प्रणाम. सबसे पहले मैं अपना इंट्रो दे दू. मेरा नाम सुनील कुमार है और मैं एक परफेक्ट बॉडी का मालिक हु. मेरी उम्र २३ साल है और हाइट ५.७ फिट है. मेरे लंड का साइज़ ७ इंच लम्बा है ३ इंच मोटा है. मेरा मानना है, कि मेरा लंड किसी भी लड़की, भाभी, आंटी या औरत को सेटइसफाई करने में एकदम परफेक्ट है. अब मैं आप लोगो का टाइम वेस्ट ना करते हुए, स्टोरी पर आता हु. ये तब की बात है, जब मैं जॉब करने के लिए दिल्ली आया था. मुझे वहां पर कोई रूम नहीं मिल रहा था और फिर बड़ी मुश्किल से एक रूम मिला. उस मकान में, मैं अकेला किरायेदार था. मेरी जॉब एक कॉलसेण्टर में थी और १५ दिन डे – शिफ्ट और १५ दिन नाईट – शिफ्ट होती थी. इस तरह से मैं अपनी जॉब में बिजी रहता था.
अब मैं आपको अपने लैंडओनर के बारे में बताता हु. वो केवल हस्बैंड – वाइफ थे और उनके बच्चे नहीं थे. हस्बैंड का नाम राकेश था (नाम चेंज) और उनकी वाइफ का नाम शालिनी (नाम चेंज) था. शालिनी एक मस्त फिगर वाली लेडी थे. वो ब्लोंड थी, एकदम वैसे जैसे ब्लू फिल्म में होती है. उनकी हाइट ५.४ फिट के आसपास होगी और एकदम से गोरा बदन और फिगर ३६ – ३८ – ३० का होगा. अगर कोई एक बार उनको देख ले, तो दौबारा पलट कर जरुर देखता था. मैं मन ही मन में सोचता था, कि कैसे मुझको मौका मिले और मैं भाभी को चोद पाऊ. कई बार मैंने उनको मजाक में कह भी दिया था. कि मुझे आपके साथ सेक्स करने का मन है. वो मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानती थी. वो एक बहुत ही शांत नेचर की लेडी थी और हमेशा ही चुपचाप रहती थी. लगता था मानो मन ही मन किसी बात को लेकर दुखी थी वो. पर मुझे मालूम था, कि भाभी की सेक्स की भूख उनके हस्बैंड पूरी नहीं कर पाते थे. भाभी की आँखों से साफ़ हवस दिखाई देती थी. मुझे उनको देख कर लगता था, कि उनकी आखे कह रही है… आ जाओ कोई.. और मेरी प्यास को बुझा दो. उनके हस्बैंड एक बिज़नसमेन थे और वो अक्सर घर के बाहर टूर पर ही रहते थे.
ये बात उस समय की है, जब मेरी नाईट शिफ्ट चल रही थी और मैं रूम में अकेला रह रहा था. मैं किसी काम से भाभी के रूम में गया. तो वहां पर कोई नहीं था. उनके हस्बैंड एक वीक के लिए टूर पर गये हुए थे. मैंने रूम में आवाज़ लगायी. पर कोई रेस्पोंस नहीं मिला. मैंने बाथरूम से कुछ आवाज़े आते हुए सुनाई दी और फिर मैं बाथरूम की तरफ बढ़ा और वहां पर भाभी नहा रही थी. मैंने सोचा, अच्छा मौका है. भाभी के बदन के दर्शन करने को मिल जाएगा. तो मैंने कीहोल से बाथरूम में झाँका. तो मैं देख कर दंग रह गया. उनकी वो अपनी उनकी चिकनी चूत में अपनी तीन उंगलियों को डालकर मोअन कर रही थी. वो एक हाथ से अपनी चुचिया दबा रही थी और अचानक से उन्होंने अपनी उंगलियों को तेजी से अन्दर – बाहर करना शुरू कर दिया. फिर वो एक ही झटके में डिस्चार्ज हो गयी. मैं ये सब देख कर हॉर्नी हो गया था और अपने लंड को पेंट से निकाल कर हिलाने लगा और कुछ ही देर में झड़ गया. इसी बीच में भाभी बाथरूम से बाहर आने वाली थी. उनके आने से पहले ही, मैं अपने रूम में वापस आ गया और सोचने लगा, कि इनके हस्बैंड इनको चोद नहीं पाते. तभी ये ऐसा कर रही है. मुझे ट्राई करना चाहिए, शायद मेरा काम बन जाए.
इसके बाद, अगले दिन मैं भाभी के पास अपने किसी काम से उनके रूम में पंहुचा. तो देखा, वो टीवी देख रही थी थी. मुझे देखते ही बोली – क्या हुआ सुनील? अन्दर आओ. उनकी आवाज़ में एक अलग ही अट्रैक्शन था. मैंने बहाना बनाते हुए कहा – भाभी मेरी तबियत ठीक नहीं है. मुझे बहुत सिर दर्द हो रहा है. क्योंकि आज मैं नाईट शिफ्ट करके आया हु. प्लीज मेरे लिए एक कप कॉफ़ी बना देंगी प्लीज. तो उन्होंने कहा – ठीक है. तुम बैठो, मैं बनाकर ले आती हु. मैं इंतज़ार करने लगा. वो ५ मिनट के बाद आई और उनके हाथ में एक कप कॉफ़ी का था. मैं कॉफ़ी पीने लगा और मैंने भैया के लिए पूछा. उन्होंने कहा, कि वो एक वीक के लिए बाहर गये हुए है. फिर वो मुझ से मेरी जॉब के बारे में पूछने लगी और फिर हम वेसे ही कॉमन फॅमिली की बातें करने लगे. कुछ देर बाद, जब मैं चलने लगा, तो भाभी बोली – आज रात का डिनर तुम मेरे साथ करना. मैं तुमको बुला लुंगी. मैंने हाँ कर दी और मैं मन ही मन में भाभी का चोदने का ख्याल बना रहा था और मैं फिर रात होने का इंतज़ार करने लगा.
करीब रात को ८ बजे, उन्होंने मुझे आवाज़ दी और बोली – सुनील खाना रेडी है. आ जाओ. मैं उनके रूम में पहुच गया और देखा, कि उन्होंने डिनर होटल की तरह तैयार कर रखा था. हम दोनों लोगो ने डिनर किया और फिर जेर्नेल बातें करने लगे. मैंने उनके बातों ही बातो में उनसे उदास रहने के बारे में पूछा. तो उन्होंने बताया, कि मेरी शादी को ५ साल हो चुके है और हम लोगो के एक भी बच्चा नहीं है और राकेश मुझे अच्छे से सेक्स भी नहीं दे पाते है. ये सुन कर मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और उनके हाथ पर अपना हाथ रख दिया. वो कुछ नहीं बोली. तो मैं समझ गया, कि लोहा गरम है. मैंने कहा – तभी आप नहाते वक्त अपनी चूत में फिन्गेरिंग करती हो. ये सुनकर वो शरमा गयी और बोली – तुमको ये कैसे मालूम? मैंने आगे बढ़ कर उनको अपनी बाहों में ले लिया. वो इस बात का विरोध कर रही थी बार – बार. वो बोल रही थी सुनील छोड़ दो मुझे. ये गलत है. पर मैंने उनके होठो पर अपने होठ रख दिए और किस करने लगा. कुछ देर बाद, वो भी मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने १० मिनट तक भाभी को किस करता रहा. उसके बाद मैंने उनके ब्लाउज में हुक खोल दिए. और उनके बूब्स को ऊपर से ही दबाने लगा. वो थोड़ी – थोड़ी गरम हो चुकी थी. फिर मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को उतार दिया और वो ब्रा और पेंटी में बिलकुल सेक्स की देवी लग रही थी. मेरा ७ इंच का लंड अब उनको सलामी दे रहा था. वो भी अब चुदना चाहती थी. मैंने भी देर ना करते हुए उनकी पेंटी को उतार दिया और उनकी क्लिट को चाटने लगा. वो सातवे आसमान पर थी. और मेरे लंड से पेंट के ऊपर से ही खेल रही थी. मैंने उसकी चूत को कोई १० मिनट तक चाटा और इस बीच तो २ बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा. जैसे ही मैंने अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला. वो उसको देखती रह गयी और कहने लगी. तुम्हारा तो बहुत बड़ा है और मेरे पति का बहुत छोटा है तुम्हारे सामने. मेरी चूत इतना बड़ा लंड नहीं झेल पाएगी. तो मैंने अपना लंड उसके मुह में भर दिया और वो उसे लोलीपोप की तरह से सक कर रही थी.
मैंने अपनी दो उंगलिया उसकी चूत में डाली और अन्दर – बाहर करने लगा. वो जोर – जोर से मेरे लंड को चूसने लगी थी और ऐसा लग रहा था, कि उसकी सालो की प्यास हो और वो कह रही थी – प्लीज सुनील.. मुझे चोद डाल.. मुझे से अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उसकी चूत एक बार और झड़ चुकी थी. हम ६९ की पोजीशन में आ गये और वो मेरा लंड अपने मुह में लेकर चूस रही थी और उसकी चूत को मैं अपने मुह में लेकर उसका पानी पी रहा था. वो मानो किसी से कम नहीं था. कुछ देर बाद, मैंने लंड निकाल कर उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो बेहोश सी होने लगी और फिर मैंने अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत पर रख कर एक जोर का धक्का मारा. उसकी आँख से आंसू आ गये और दर्द के कारण चिल्लाने लगी. वो तड़पने लगी. मैंने उसके होठो पर अपने होठ को रख दिया और कुछ देर किस करता रहा. फिर वो थोड़ा शांत हुई.
फिर मैंने एक जबरदस्त धक्का मारा और इस बार उसकी चूत से खून आने लगा. वो मना कर रही थी. कि सुनील आ बस करो.. मैंने धक्का लगाना चालू रखा और कुछ देर बाद, वो भी मेरा साथ दे रही थी. करीब २० मिनट तक हम लोगो की चुदाई का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा. फिर मैंने कहा – मैं डिस्चार्ज होने वाला हु. उसने कहा – अन्दर ही छोड़ दो और मैं डिस्चार्ज हो गया. इस बीच वो भी झड़ चुकी थी और फिर हम दोनों बिस्तर पर नंगे पड़े रहे और ३० मिनट के बाद, वो मेरे लंड से फिर से खेलने लगी और हमने फिर से चुदाई की और इस तरह से ये सिलसिला पूरी रात चला. हमने ४ बार चुदाई की और फिर मैं भाभी के रूम में ही सो गया. फिर मैं सुबह उठा, तो देखा कि वो मुझे एक लाल साड़ी में एक हाथ में ब्रेकफास्ट लिए दिखी और मुझ से कहने लगी, कि लो ब्रेकफास्ट कर लो. फिर मैंने उनको अपने ऊपर खीच लिया और वो मुझे किस करने लगी और कहने लगी, कि मुझे रात को बहुत अच्छा फील हुआ.
और अब मैं सिर्फ तुम्हारी हु. मुझे बहुत अच्छा लगा और करीब एक महीने के बाद, उन्होंने मुझे अपने प्रेग्नेंट होने की खबर सुनाई. फिर उन्होंने मुझे किस करते हुए बोला, कि ये सब तुम्हारे कारण हुआ है. अब मैं माँ बन पाऊँगी और फिर उन्हें एक लड़का हुआ. तो दोस्तों, ये थी मेरी कहानी.. मुझे आप लोग अपने विचार जरुर बताइयेगा, कि आप को मेरी स्टोरी कैसी लगी…