भाभी ने चोदने पर मजबूर किया

Hindi Sex Stories Antarvasna Kamukta Sex Kahani Indian Sex Chudai हैल्लो दोस्तों.. में एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक ओर सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह भी आपको बहुत पसंद आएगी. यह कहानी शुरू तब हुई जब मेरे बड़े भाई की शादी हुई और मेरे बड़े भाई मुझसे 12 साल बड़े है और मुझे वो बिल्कुल अपने बेटे की तरह ही मानते थे. भाभी घर पर आई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अपना दोस्त ही समझना और अपनी हर बात शेयर करना.. तो में भी उनसे हर बात शेयर करता था और तब मेरी उम्र 19 साल थी.. मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी और भाभी को यह बात भी पता थी और शादी के एक साल तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन कुछ दिनों से भाभी थोड़ी परेशान सी रहती थी और मैंने कई बार पूछा लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया.

अब में भी 19 साल से ऊपर का हो गया था और कॉलेज जाने लगा था और मेरे शरीर में भी बहुत बदलाव आया.. क्योंकि मैंने जिम जाना शुरू किया हुआ था. एक दिन दोपहर को में भाभी के रूम में गया तो मैंने देखा कि भाभी रो रही थी और मैंने उनके पास जाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर में वादा करूँ तो वो मुझे सब बता सकती है.. तो मैंने उनसे वादा किया और उन्होंने कहा कि वो और भैया डॉक्टर के पास चेकअप के लिए गये थे.. क्योंकि वो प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही थी और उन्होंने कहा कि कमी तुम्हारे भैया में है और वो कभी बाप नहीं बन सकते.. तो मैंने कहा कि भाभी आजकल तो मेडिकल बहुत आगे बड़ गया है.. भैया दवाइयों से ठीक हो जाएँगे या फिर और कोई ईलाज से वो माँ बन सकती है तो भाभी ने तभी रिपोर्ट निकाली और मुझे दिखाकर बोली कि यह देखो तुम्हारे भैया के वीर्य में शुक्राणु बहुत ज्यादा कम है और में कभी भी उनके ज़रिए माँ नहीं बन सकती और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और रोते रोते वो मुझसे लिपट गयी तो में उनको दिलासा देने लगा.. लेकिन भाभी कुछ आगे बड़ने लगी.. मुझे बहुत ही अजीब लगा और में भाभी को वही छोड़कर रूम से बाहर आ गया.

अब दिन रात में यही सोच रहा था कि कैसे भैया, भाभी की यह समस्या दूर की जाए. मेरी गर्लफ्रेंड के अंकल डॉक्टर थे और मैंने वो रिपोर्ट्स उन्हे दिखाई तो वो बोले कि हालत बहुत खराब है और शायद तुम्हारे भैया तुम्हारी भाभी को सेक्स से संतुष्ट भी नहीं कर पाते होंगे.. माँ बनाना तो दूर की बात है. फिर उनसे मिलकर मुझे भाभी की हालत पर बहुत ही दुख हुआ और में सही में उनकी कुछ मदद करना चाहता था तो दूसरे दिन में भाभी के रूम में गया और उन्हे बताया कि में आप दोनों की रिपोर्ट्स लेकर सपना के अंकल के पास गया था और उन्होंने भी यही बताया और यह कहकर में एकदम चुप हो गया तो भाभी ने कहा कि बताओ ना क्या कहा उन्होंने?

मैंने झिझकते हुए कहा कि क्या भैया आपको संतुष्ट भी नहीं कर पाते है और इतना सुनकर वो रो पड़ी और फिर मेरा ही कंधा था उनको दिलासा देने के लिए और कहने लगी कि अब तो तुम ही मेरी शादी बचाने के लिए मेरी मदद कर सकते हो.

मैंने कहा कि भाभी आप बताओ.. आप जिस डॉक्टर के लिए कहोगी में आपके साथ चलूँगा.. तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है.. तुम यहीं पर मेरी मदद कर सकते हो.. में कुछ अच्छा महससू नहीं कर रहा था और वो मेरे बहुत करीब आकर बोली कि प्लीज तुम मुझे संतुष्ट कर दो और मुझे एक बच्चा दे दो और वो मेरे इतनी करीब थी कि में उनकी सांसे साफ महसूस कर सकता था और मेरा तो दिमाग़ जाम हो गया और शरीर ठंडा पड़ गया.. में मूर्ति की तरह खड़ा था और भाभी ने मेरे हाथ पर किस कर लिया तो मैंने उन्हे बेड पर धक्का देकर कहा कि भाभी यह सब बहुत ग़लत है और में कभी भी ऐसा नहीं कर सकता.

तभी उन्होंने कहा कि तुम ऐसा नहीं कर सकते लेकिन अपने भैया का घर टूटे हुए देख सकते हो और उन्होंने कहा कि उन्होंने सपना से तुम्हारे सेक्स के बारे में कई बार सुना है.. तो में अब कुछ भी सोच नहीं पा रहा था और भाभी इमोशनल अत्याचार कर रही थी.. वो रोए जा रही थी और फिर में भी इमोशनल हो गया तो मैंने कहा कि ठीक है भाभी लेकिन सिर्फ़ एक बार ही सेक्स करेंगे और वो भी आप दोनों की खुशी के लिए. फिर में भाभी के पास बेड पर जाकर बैठ गया.

भाभी ने मेरा हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा कि तुम चिंता मत करो. में इस बात को किसी को नहीं बताउंगी और भाभी ने मुझे ज़ोर से किस किया लेकिन में ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था तो कुछ देर के बाद भाभी ने अपनी साड़ी को उतार दिया और अब वो मेरे सामने पेटिकोट और ब्लाउज में थी. भाभी का शरीर बहुत सेक्सी था और में भी अब उनका कुछ साथ देने लगा.. में खड़ा हुआ और भाभी को ज़ोर से पकड़ लिया और फिर उन्हे हर जगह किस करने लगा और वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.

फिर मैंने धीरे से भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट उतर गया और भाभी के नीचे का अंग देखकर तो में हैरान रह गया.. वाह क्या सेक्सी जिस्म था तो भाभी हँसने लगी और कहा कि क्या देख रहे हो तो मैंने कहा कि क्या करूँ.. ऐसे कभी आपको देखा ही नहीं आप तो बहुत सेक्सी हो और मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को भी उतार दिया.. उनके बूब्स तो और भी ज़बरदस्त थे.. उनके निप्पल गुलाबी कलर के थे.. में अपने आप को रोक नहीं सका और उनके निप्पल चूसने लगा.. कभी चूसता तो कभी दबाता और कभी काटता.. भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था.. में उनके बूब्स को चूस रहा था और उधर वो मेरे लंड को रगड़ रही थी और फिर में भी अपना एक हाथ उनकी पेंटी की तरफ ले गया तो उनकी पेंटी पूरी गीली थी और मैंने हंसते हुए कहा कि आपने तो अभी से ही पानी छोड़ दिया है. सेक्स में आपको कैसे मज़ा आएगा? तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.

फिर मैंने कहा कि भाभी कोई चिंता की बात नहीं.. आज में आपको ऐसी सेक्स संतुष्टि दूंगा कि आप पूरी लाइफ याद रखोगी. मैंने फिर उनकी पेंटी उतारी और उससे उनकी चूत को साफ किया.. मैंने उन्हे बेड पर लेटाया और दोनों पैर फैलाने को कहा और फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाली तो वो एकदम से सिसक उठी और में उनकी चूत चाटता रहा और वो सिसकियाँ लेती रही और कुछ देर बाद उनकी चूत साफ हो चुकी थी और वो अब एकदम सूखी थी.

मैंने कहा कि भाभी अब सही टाईम है आपको चोदने का तो भाभी एकदम मदमस्त थी और जैसे में कह रहा था वैसा ही कर रही थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी से कहा कि इसे दो तीन बार अपने मुहं में लो और उन्होंने ऐसा ही किया.. मैंने फिर उन्हे सीधा लेटाया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो चूत एकदम गरम थी.. मैंने एक ज़ोर से धक्का देकर अपना लंड उनकी चूत में डाला तो वो दर्द से करहा उठी और सिसकियाँ लेने लगी.. उनकी चूत बिल्कुल एक वर्जिन की तरह बहुत टाईट थी तो मैंने पूछा कि क्या दर्द हो रहा है.

उन्होंने हाँ में सर हिलाया लेकिन कहा कि कोई बात नहीं तुम चालू रखो.. में हंसा और धक्के मारता रहा और 10-15 धक्को तक तो भाभी को नहीं दर्द हुआ लेकिन फिर उनकी चूत ठंडी हो गयी और उन्हे कुछ आराम मिला तो मुझे लगा कि अब धक्को की स्पीड बड़ा देनी चाहिए.. में और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारता रहा और भाभी ने फिर से पानी छोड़ दिया.. फिर कुछ देर के बाद में भी चूत के अंदर ही झड़ गया. अब शाम हो चुकी थी और मुझे लगा कि भैया आने वाले होंगे और में कमरे से बाहर जाने लगा तो भाभी ने कहा कि कहाँ जा रहे हो.. मैंने कहा कि भैया आने वाले होंगे तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि भैया टूर पर गये है और 4 दिन बाद आएँगे और अब हम दोनों अभी भी पूरी तरह से नंगे थे और हमे ऐसे रहने में बहुत ही मज़ा आ रहा था.

फिर में उठकर टॉयलेट में गया और फ्रेश होकर बाहर आया और मैंने अपना अंडरवियर उठाया तो भाभी ने कहा कि आज कोई कपड़े नहीं पहनेगा.. हम पूरी रात नंगे रहेंगे.. दोनों जहाँ चाहेंगे जैसा चाहेंगे वैसे सेक्स करेंगे और में मुस्कुरा रहा था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो भाभी को स्वर्ग मिल गया है.. उनको इतना खुश मैंने पहले कभी नहीं देखा था.

फिर मैंने भाभी से कहा कि मुझे भूख लग रही है कुछ खाने को दो तो वो वैसे नंगी ही किचन की और चल दी.. में भी ऐसे ही उनके पीछे पीछे किचन में चल दिया. फिर में सोच ही नहीं पा रहा था कि यह सब सच है कि हम दोनों किचन में नंगे है. मुझको तभी एक फिल्म का सीन याद आया.. जिसमे कपल किचन में सेक्स करते हैं और मैंने भाभी से कहा कि बटर, जेम, जेली, सॉस और ऐसी जितनी भी चीज़ें है सबको बाहर निकालो तो वो हैरान होकर पूछने लगी कि क्या करना है?

मैंने कहा कि आप निकालो तो सही और वो सब कुछ निकालकर ले आई.. फिर मैने कहा कि अब पहले मुझे कुछ खाने को दो और फिर में आपको दिखाता हूँ असली मज़ा और फिर भाभी ने चाऊमीन बनाई और हम दोनों ने साथ बैठकर चाऊमीन खाई. फिर भाभी ने कहा कि लो अब तो खाना भी खा लिया. अब बताओ उन सब चीज़ों का क्या करना है तो में हंसा और जेम लेकर लंड पर लगाने लगा.. तभी भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो.. जेम क्यों खराब कर रहे हो तो मैंने हंसते हुए कहा कि क्या कभी ऐसे जेम खाया है लेकिन फिर भी उनकी समझ में भी नहीं आया.. वो मेरे जेम लगे लंड को लेकर चाटने लगी. फिर उन्होंने थोड़ा बटर लिया और लंड पर लगाया और मुझसे कहा कि मैंने ऐसे कभी बटर भी नहीं खाया लेकिन बहुत मज़ा आ रहा है और वो बहुत देर तक मेरे लंड को चाटती रही.

फिर मैंने उन्हे गोद में उठाकर किचन की पट्टी पर बैठाया और उनकी चूत में जेली भरी.. वो कहने लगी कि यह बहुत ठंडी है तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र करो और में वो जेली खाने लगा.. में खा रहा था और भाभी पूरे जोश में थी और धीरे-धीरे मैंने हर एक चीज़ को चूत में डालकर चाटा चूसा और खाया.. मुझे बहुत मज़ा आया और यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला.

मैंने फिर थोड़ी जेली लेकर अपने लंड पर लगाई और भाभी चाटने के लिए उठी तो मैंने कहा कि आप बैठी रहो और मैंने उनसे पूछा कि क्या कभी भैया ने पीछे वाले छेद में लंड डाला है तो वो हंसते हुए बोली कि आगे वाले बड़े छेद में तो डाल नहीं पाते थे.. पीछे छोटे छेद में क्या खाक डालते. तो मैंने कहा कि अब छोड़ो उस बात को और अब आज में डालकर दिखाता हूँ. फिर में लंड को उनकी गांड में डालने लगा तो उनको बहुत ही दर्द हुआ और उन्होंने मुझे रूकने के लिए कहा लेकिन मैंने कहा कि थोड़ा बर्दास्त कर लो. फिर बहुत मज़ा आएगा और मैंने भी पहले कभी पीछे के छेद में लंड नहीं डाला था और फिर मैंने जैसे तैसे लंड अंदर डाल दिया लेकिन तकलीफ़ मुझे भी हुई और भाभी की तो हालत बहुत खराब थी.. उनकी आखों से दर्द के आँसू टपकने लगे थे.

मैंने फिर बहुत ही धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए लेकिन वो बहुत तकलीफ़ में थी.. मैंने उनसे पूछा कि क्या बंद कर दूँ तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं चालू रखो और में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और थोड़े टाईम बाद शायद उनका दर्द भी कम हो गया और में धक्के मारता रहा. मैंने कुछ देर के बाद लंड को बाहर निकाल लिया और भाभी से पूछा कि आप किस किस पोज़िशन में चुद चुकी हो? तो भाभी ने कहा कि तेरे भैया मुझे लेटाते थे.. लंड डालते थे और 10-12 धक्को में उनका लंड झड़ जाया करता था और वो कभी मेरे बूब्स भी नहीं चूसते थे.. क्योंकि ज्यादा गरम होने पर कई बार तो वो बिना किए भी झड़ चुके थे. मैंने कहा कि क्या आप धक्के मारोगी? उन्होंने बड़ी हैरानी से पूछा कि कैसे? तो में नीचे लेट गया और कहा कि आप अब मेरे ऊपर से धक्के मारो.

फिर वो मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और मैंने अपने लंड को हाथ से उनकी चूत में डाल दिया और उनसे कहा कि अब मेरे लंड पर उछलकूद करो और फिर वो जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी और कई बार लंड चूत से बाहर निकल गया तो मैंने कहा कि भाभी थोड़े आराम से करो नहीं तो आपको मज़ा नहीं आएगा और अब वो आराम से करने लगी और इस बार में पहले झड़ गया था लेकिन वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.. वो धक्के पे धक्के मारे जा रही थी और मेरा लंड फिर से तन चुका था.

अब वो थोड़ी थकने लगी थी तो मैंने कहा कि आप बैठ जाओ और मैंने कहा कि अब हम डॉगी स्टाईल में करते है और मैंने पीछे से चूत में लंड को धक्के मारने शुरू किए.. में धक्के मारे जा रहा था लेकिन लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे. फिर मैंने लंड को बाहर निकालते हुए भाभी से कहा कि अब तो आप ही कुछ करो और मैंने कहा कि इसे चूसो और इसका पानी बाहर निकालो.. मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है.

तभी उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया.. चूसते चूसते 10 मिनट हो चुके थे. तब जाकर लंड साहब झड़े और मुझे कुछ चैन आया. मैंने भाभी से पूछा कि मज़ा आया या नहीं और वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मुझे किस करके बोली कि आज मुझे औरत होने का एहसास हो रहा है. तब तक लगभग 12 बज चुके थे और हम दोनों थक भी चुके थे और हम दोनों बेड पर जाकर नंगे ही लेट गये. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम कल कॉलेज मत जाओ.. हम दोनों घर पर ही रहेंगे तो मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाया.. सुबह कामवाली बाई आई और वो बोली कि तुम्हारे घर कल कौन आया था. किचन का सभी सामान कितना फैला हुआ है और हर तरफ गंदगी है.

तो में एक कोने में खड़ा होकर मुस्कुरा रहा था और भाभी को देख रहा था और भाभी भी मुस्कुरा रही थी. तो उन्होंने नौकरानी से कहा कि कुछ बच्चे आए थे और इतना कहकर वो बाहर आने लगी और अपने पीछे के छेद को चुदवाने के कारण वो ढंग से चल भी नहीं पा रही थी तो नौकरानी ने कहा कि क्या हुआ कुछ तकलीफ़ है.. हम दोनों एक दूसरे को देखकर ज़ोर से हंस पड़े और मैंने कहा कि भाभी बच्चो के साथ खेल रही थी तो पीछे चोट लग गयी तो बाई ने कहा कि तो अपना बच्चा क्यों नहीं ले आती. भाभी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि कल उसी का तो इंतज़ाम कर रहे थे और यह कहकर बेडरूम में चली गयी. में भी उनके पीछे पीछे बेडरूम में चला आया और उन्हे खींचकर बाथरूम में ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा तो वो कहने लगी कि अभी नहीं बाई है थोड़ा इंतज़ार करो.

मैंने कहा कि वो अभी किचन में है और सब कुछ जल्दी हो जाएगा.. चिंता मत करो और वो झट से मान गयी.. मैंने उनके सारे कपड़े उतारे और अपने भी. में बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर.. में नीचे से धक्के मार रहा था और भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो बहुत ज़ोर ज़ोर के आवाज़ करने लगी तो बाई की आवाज़ बाहर से आई कि क्या हुआ तो भाभी ने कहा कि कुछ नहीं कमर की सिकाई कर रही हूँ.. बस थोड़ा दर्द है लगभग 10 मिनट में हम फ्री हो गये और हम बाहर आ गये.

हमने पूरे तीन दिन ऐश किए.. उन तीन दिनों में मैंने भाभी को सेक्स के इतने मज़े दिए कि उनकी जो भी तकलीफें थी वो सब दूर हो गयी और उसके बाद वो प्रेग्नेंट भी हुई और एक बच्चे को जन्म भी दिया और अब उनकी लाईफ बहुत सुखी है लेकिन आज भी कभी-कभी सेक्स का सुख लेने के लिए वो मेरे पास आ जाती है.

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