मकान मालिक किराये के बदले मेरी चूत मांगने लगा

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम ख़ुशी है और मैं फैजाबाद की रहने वाली हूँ। मेरी 21 होगी और मैं बहुत ही हॉट और जवान हूँ। और मेरा फिगर 32 -24 -36 जोकि बहुत ही फिट है। मेरी चूची तो कमल की है क्योकि मेरी कमसिन और मुलायम चूची सुडोल और बहुत चिकनी है। मेरे मम्मो के ऊपर हलके काले और भूरे रंग का निप्पल तो बहुत ही मस्त लगता है। मुझे अपनी चूची दबाने में बहुत मज़ा आता है। मेरा जब भी मन करता है तो मैंने अपने कमरे में अपने कपडे निकाल कर अपने मम्मो और अपनी चूत से खूब खेलती हूँ। मेरी सुन्दरता की वजह से मुझे बहुत से लडको ने प्रपोस किया लेकिन मैंने सबको मना कर दिया लेकिन मुझे एक लड़का पसंद आ गया था मैंने उससे दोस्ती की और फिर कुछ दिनों बाद मैंने उसको प्रपोस कर दिया। फिर उसने मेरी बहुत ही बेरहमी से चुदाई की। मेरी चुदाई करने के बाद वो मुझे फिर कभी नही दिखा। उसके बाद मैंने सोच लिया आब किसी भी लड़के को अपने करीब नही आने दूंगी और किसी को भी अपनी चूत नही दूंगी।
कुछ महीने पहले की बात है। मेरी पढाई पूरी होने के बाद मैंने अपने पापा से कहा – “पापा मुझे तैयारी करने के लिए बाहर जाना है और मैं चाहती हूँ आप मुझे तयारी करने के लिए भेजें”। मेरे पापा बहुत ही अच्छे है उन्होंने कहा – “पढाई करनी तो जा सकती हो लेकिन मैं नही चाहता तुम वहां कोई ऐसा काम करो जिससे मेरी नाक कटे”। मैंने पापा से कहा – “आज तक कभी ऐसा हुआ है की मेरी वजह से आप को ताने सुनना पड़े। आप मुझे पर भरोसा रखिये”।
पापा ने मुझे लखनऊ नवाबो के शहर में में पढने के लिए भेजा और वो मेरे साथ खुद आकर मेरी एड्मिसन करवाया और मेरे लिये एक रूम भी लिया। और फिर पापा वहां से घर चले आये। मैं वहां अपनी तैयारी कर रही थी। धीरे धीरे कुछ दिन बिता, मैं कुछ ही दिनों में बोर होने लगी तो मैं अपने सहेलियों को अपने घर बुला लेती थी जिससे मेरा भी समय कट जाता था और उनका भी।

एक दिन मैं कपने कमरे में लेटी हुई थी और उस दिन रविवार था, सुबह सुबह ही मेरी सहेलियाँ आ गई और उन्होंने मुझसे कहा – “आज मैं तुम्हे एक चीज दिखने वाली हूँ और जिससे देखने के बद तुम अपने अप को रोक नही पाओगी”। मैंने कहा – “अभी कुछ देर रुको मैं फ्रेश हो जाऊ तब दिखना”। कुछ देर बाद जब मैं फ्रेश हो कर आई तो वो लोग दरवाज़ा बंद किये हुए बैठी थी जैसे हैं आई उनलोगों ने फोन में चुदाई की वीडियो लगाकर बैठ गई। मैंने उनसे पुचा ये क्या है तो उन लोगो ने कहा – बस तू देखती जा अभी कितना मज़ा आने वाला है। मैं भी उनके साथ में बैठ कर देखने लगी। कुछ देर बाद जब चुदाई शुरू हुआ तो हम सब भी जोश में आने लगे और फिर हमने अपने कपडे निकाल कर बहुत देर तक एक दुसरे के मम्मो को पीया और एक दुसरे के चूत को भी पिया। उस दिन मेरे मन में फिर से चुदाई आग जल पड़ी मेरा मन फिर से किसी से चुदवाने को करने लगा।
लेकिन मैंने अपने आप को किसी तरह से रोक लिया। एक दिन मकान मालिक घर का किराया मागने आया और पापा ने पैसे नही भेजे थे तो मैंने मकान मालिक से कहा – “अभी पैसे नही आया है जैसे ही आये गा मैं आप को पैसे दे दूंगी”। उस दिन तो वो चला गया। पापा ने पैसे भेजे मेरे कहने पर लेकिन एक दिन मेरी सहेली ने मुझसे कहा – “यार मुझे कुछ पैसो का काम है तुम मुझे अभी दे दो और जैसे ही मुझे पैसे मिलेगा मैं तुम्हे दे दूंगी और अभी कौन सा तुम्हारा मकान मालिक पैसे मागने आने वाला है”। उसके कहने पर मैंने उसे पैसे दे दिए और फिर एक हफ्ता बीत गया और मेरी सहेली ने मुझे पैसे नही दीये। और एक दिन फिर से मकान मालिक पैसे मागने आया। मैंने उस दिन चुभी हुई टी शर्ट और कैफ्री पहना था। उस दिन मकान मालिक सीधे घर के अंदर चला आया और मुझसे एक ग्लास पानी माँगा। मैंने उसे पानी दिया और फिर मैंने मकान मालिक से कहा – “पैसे तो अभी नही मिले है मैं आप को पैसे बाद में दे दूंगी”। वो मुझे देख रहा था और फिर देखते हुए उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देख और मुझसे कहा – “तुम चाहो तो मैं तुम्हारे इस महीने का पैसा माफ़ कर दूंगा लेकिन उसके बदले में मुझे तुमको पैसे के बदले में कुछ और देना पड़ेगा। मैंने कहा ठीक है मैं दे दूंगी अगर देने लायक होगा तो।

तो मकान मालिक ने बिना शर्माए हुए कहा – “मैं तुमको चोदना चाहता हूँ क्योकि तुम्हारी चूची और चूत देखने में बहुत ही कमल की लग रही है। और तुम कहो तो मैं तुम्हे साथ में कुछ पैसे भी दे सकता हूँ”। मैंने मकान मालिक से कहा – “आप का दिमाग तो ठीक है मैं आप की बेटी की उम्र की हूँ और आप मुझसे ऐसे बात कर रहे है”। तो उसने कहा – “तुम्हे ऐसा मौका फिर कभी नही मिलेगा।  ये कह कर वो चला गया।
अगले दिन भी पैसे नही मिले मैंने सोचा अब क्या करूँ फिर मैंने सोचा अगर चुदवा लूँ तो मुझे पैसे भी मिल जायेंगे और मज़ा भी। कुछ देर बाद मकान मालिक फिर से आया और उसने मुझसे कहा – पैसे है या फिर घर छोड़ रही हो। मैंने मकान मालिक के हाथ को पकड कर उनको अंदर खीच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया। मालिक ने कहा – तुम मुझसे चुदने के लिए मन गई। तो मैंने कहा हाँ लेकिन एक शर्त है मुझे साथ में 4000 भी चाहिए। तो मकान मालिक ने कहा मेरे पास तो केवल 3000 ही है। तो मैंने कहा इतना भी चलेगा। मैंने उनसे पैसे ले लिए और फिर उनको पाने साथ में बेड पर ले है। और मैंने अपने कपडे को निकालने लगी। मुझे नंगा देखने के लिए वो परेशां था मैंने अपने कपडे निकाल दिए और फिर मैं केवल ब्रा और पैंटी में थी, मकान मालिक ने भी अपने कपडे निकाल दिए और फिर मुझे बेड पर लिटा कर मेरे पैर को चुमते हुए मेरे चूची की तरफ बढ़ने लगे। पहले तो उन्होंने मेरे मम्मो को दबाना शुरू किया और फिर कुछ देर बाद मेरी चूची को पिने लगे। वो थोडा पुराने जमाने के थे इसलिए वो किस करना नही जानते थे। कुछ देर तक मेरे मम्मो को पिने से मैं धीरे धीरे जोश में आने लगी और कुछ देर बाद मैंने खुद ही उनके सिर को पकड कर उनके होठ को चूमने लगी और फिर कुछ ही देर बा मैंने उनके होठ को अपने मुह के अंदर करके पीने लगी। जब कुछ देर मैंने उनके होठ को पिया टी मकान मालिक भी मेरे होठो को पिने लगे मुझे देकर। ओ मेरे होठ को अपने मुह में लेकर पीते हुए मेरे होठ को काटने लगे। और कुछ देर बाद तो वो मेरे गाल को भी काटने लगे और मेरे गाल और गले को पीते हुए वो मेरे मम्मो तक फिर से पहुँच गए।

मकान मालिक ने मेरे मम्मो को अपने हाथो से दबाते हुए पीने गे। वो अपने दोनो हाथो से मेरे मम्मो को पकड कर मेरी चूची के निप्पल को अपने मुह में ले कर पी रहे थे। मेरी चूची का साइज़ 32 था इसलिए मकान मालिक को मेरे मम्मो को पीने में बहुत मज़ा रहा था। जब वो मेरे निप्पल को अपने मुह से खीचते हुए पी रहा था तो मुझे भी मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद जब मकान मालिक और भी जोश में आ गए तो वो मेरी चुचियों को जोर जोर से मसलने लगे और साथ में अपने अपने दांतों से मेरे चूची को काटने लभी लगे थे। जिससे मैंने अपने आप को रोक न पाई और जोर जोर से सिसकते हुए…….. आः आह्ह्ह्ह आःह्ह उफ़ उफ्फ्फ्फ़ उफ़ ……. आराम से चुसो ……..ओह्ह ओहऊह्ह्ह……… करके चीखने लगी थी।
बहुत देर तक मेरे मम्मो को पीने के बाद मकान मालिक ने अपना लंड निकाला और फिर मेरी चूची मर लगाने लगा और फिर कुछ देर बाद उन्होंने अपने लैंड को मेरी चूत में लगाने के लिए अपने लंड को मेरी चूत क यूपर रगड़ने लगा। जिससे मैं और भी चुदासी हो गई और चुदने का इंतजार करने लगी। मेरी इंतजार कुछ ही देर में खत्म हो गई क्योकि मकान मालिक ने कुछ ही देर बाद अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगा। ऐसा लग लग था कि ये कितनी जल्दी में है केवल चुदाई के प्यासे थे जो पहले चूत को ही चोदने लगे। वो अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे और साथ में मेरे मम्मो को भी दबा रहे थे। पहले कुछ देर तो उसकी चुदाई की स्पीड धीमी थी जिससे मुझे काफी मज़ा अ रहा था, लेकिन जैसे जैसे समय बीत रहा था उसकी चुदाई की रफ़्तार भी बढती जा रही थी, उनका लंड मेरी चूत को चीरते हुए अंदर तक जाता और फिर कुछ देर बाद बाहर निकलता।

कभी कभी तो वो अपनी लंड को बाहर ही न निकलते और मेरी चूत को जोर जोर से चोदते रहते। कुछ देर बाद जब उनकी रफ़्तार बहुत ही तेज हो गई तो मैं अपने फुद्दी को और अपनी चूची को भी मसलने लगी थी। बहुत दर्द हो रही था इतनियो तेज चुदाई से और मैं दर्द के कारण बड़े दर्द से………… ऊओह ओह्ह ऊह्ह्ह्ह ओह………. हाईईईईई, उउउहह……..ऊँ….ऊँ….ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी….. हा हा हा… आऊ……हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. उहं उहं उहं उहं उह्ह्हं ….. मम्मी अम्मी ….. प्लीसससससस……. प्लीसससससस…….. प्लीसससससस…… आःह्ह अह्ह्ह्हह अहह अह्ह्हाह्ह … करके चीखने लगी थी।
बहुत देर तक मेरी चूत को चोदने के बाद मकान मालिक ने मुझे पेट की तरफ करके लिटा दिया और मेरी गांड मरने के लिए अपने लंड को मेरी गांड में डालने लगे, मेरी गांड बहुत सटी हुई थी जिससे उनका लंड मेरी गांड में नही जा रहा था, और फिर मैंने अपने हाथ से पाने दोनों गांड को फैला दिया और जिससे उनका लंड मेर्री गांड में घुस गया। जैसे ही उनका लंड मेरी गांड के अंदर गया मैं तो चीख पड़ी। लेकिन कुछ देर बाद जब उन्होंर अपने लंड में थूक लगा लिया तो उनका लंड मेरी गांड में आराम से जाने लगी। वो लगतातर मेरी गांड मरते रहे और मैं बहुत देर तक चीखती रही। कुछ देर बाद उन्होंने अपने लंड को बनहर निकला और फिर जल्दी जल्दी मुठ मरने लगे। और फिर कुछ देर बाद उनके लंड से पूरा माल निकाल गया उर उनका लंड ढीला हो गया।
उस दिन मेरी चुदाई करने के बाद मकान मालिक मेरी चूत का दीवाना हो गया। वो हर महीने आता और मुझसेघर के पैसे भी नही लेता और ऊपर से मुझे भी पैसे देता था और मेरी हर महीने में जम कर चुदाई करता था। बचे पैसे मैं अपने सहेलियों के साथ में खूब मज़े करती थी।

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