मधु की मस्त चूत और मेरा मोटा लण्ड

हैलो दोस्तो, कैसे हो आप!!

मेरा नाम गौरव कुमार सिंह है, और मैं भी आपकी तरह एम एस एस की इन कहानियों का बेहद शौकीन हूँ।

मै हरदोई में रहता हूँ।

अच्छा, अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। यह मेरी पहली कहनी है और सच्ची भी।

मेरे मोहल्ले में एक औरत रहती है, बहुत ही सम्भोग की भूखी… उनकी दो लड़कियाँ हैं – मधु और प्रिया।

लेकिन मेरी नजर उन पर नहीं, बल्कि उनकी लडकियों पर थी। ऐसी बात नहीं कि सिर्फ मैं ही उनको लाइन मारता था, वो भी मुझे लाइन मारती थी।

बस फर्क इतना था कि वो और मैं एक दूसरे से खुलकर बात नहीं कर पाते थे।

लेकिन एक दिन वो समय आ गया।

एक बार मैं उसके गांव गया, जो कि बहुत ही दूर पडता है। मैंने मधु को फोन करके बताया कि मैं तुम्हारे घर आ रहा हूँ।

उसको विश्वास नहीं हुआ और मैं उसके घर जा पहुंचा।

मधु ने मैक्सी पहन रखी थी…

क्या दिख रही थी, वो!!

मैक्सी के ऊपर से चूचियों को खुजलाते हुए वो मुझसे कहती है – मुझे लगा कि तुम झूठ बोल रहे हो…

मैं समझ नहीं पा रहा था कि इसे क्या हो गया? मेरे सामने अपनी चूचियां खुजला रही है।

फिर उसने मुझको प्यार से बिठाया और और पानी दिया और फिर खाना खिलाया… फिर मुझको देशी ताड़ी भी पिलाई!! और फिर मैं लेटकर आराम करने लगा और वह पड़ोस में अपनी चाची के यहाँ चली गई।

मैं करीब आधे घण्टे तक सोया, मेरी नीद खुली और वह भी आ गई और वह अपने कमरे के अन्दर सोने चली गई।

फिर मेरे दिमाग में सेक्स करने का विचार आने लगा और शायद उसके भी!!

लेकिन हम एक दूसरे से कहने को डर रहे थे। अचानक मुझे याद आया कि मेरे फोन में ब्लू फिल्म पड़ी है…

मैं फोन निकालकर, हेडफोन के साथ ब्लू फिल्म देखने लगा। वो भी अन्दर ब्लू फिल्म देख रही थी, लेकिन मुझे नहीं पता था।

मुझे देखते ही देखते नीद आने लगी और हेडफोन का तार निकल गया, जोरों से आवाज आने लगी और मधु ने सुन लिया।

उसने मुझ को आवाज दी – गौरव, तुम क्या देख रहे थे??

मैं घबरा गया और मैंने कहा – कुछ नहीं।

तो उसने कहा – तुम झूठ बोल रहे हो…

उसने मुझे अन्दर बुलाया, मैं डर गया था।

फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर खींच लिया और ब्लू फिल्म दिखाते हुए कहा – तुम यही देख रहे थे न??

मैं समझ गया कि इसका भी सेक्स करने का मूड है।

मैंने उसको बाहों में भर कर कहा – हाँ, मैं यही देख रहा था!! लेकिन तुम इसकी कब से शौकीन हो?

उसने भी मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और कहा – गौरव सारी बातें छोड़ो, ये बताओ, ये सब कैसे करते हैं?

मैंने कहा – मुझसे अच्छी तरह से तुम जानती हो!! (क्योंकि मैं ये देखना चाहता था कि उसके अन्दर चुदने की कितनी तडप है…)

उसने अपने होठों से मेरे होंठ सिल दिए और शुरू हुआ हमारा खेल!! !!!

फिर मैं भी शुरू हो गया, होंठ से गर्दन, गर्दन से पेट, पीठ, बाहें सब कुछ…

मैंने उसे और उसने मुझे पूरा चाट डाला, अब बारी आई मेरे लण्ड की।

मेरा लण्ड का साइज़ 7.5 इन्च का है!! मधु बार-बार मेरे लण्ड पर हाथ लेकर जाती और मैं हटा देता।

मेरा लण्ड तो बहुत ही जोरों से खड़ा था, लेकिन मेरे पास कण्डोम नहीं था (क्योंकि ये मेरा पहला अनुभव था और मेरे चुदक्क्ड़ दोस्त ने बताया था कि पहली बार बिना कण्डोम के मत चोदना, वरना वो गर्भवती भी हो सकती है… जिससे तुम फंस भी सकते हो!!)

उसने कहा – क्या बात है, तुम अपना लम्बा मोटा लण्ड छूने क्यों नहीं दे रहे हो??

मैंने बताया कि कण्डोम नहीं है तो उसने कहा – बस इतनी सेी बात, तो ऐसे ही करो ना!!

मैंने कहा – कहीं तुमको कुछ हो गया तो??

उसने कहा – कुछ नहीं होगा।

फिर क्या था, मैं तो जुट गया और उसको और तेज़ी से चूमने लगा, फिर मैंने उसके सभी कपडे उतार दिये और उसे खूब चूमा!!

मैंने सुना है कि लडकी को बहुत तडपाओ फिर लण्ड अन्दर डालो तो मैंने वैसा ही किया, मैंने उसकी चूत को खूब चाटा और उंगली की वो आह… आह… उईईई मां… उईई मां… चिल्ला रही थी। लण्ड खाने के लिए तरस रही थी और कह रही थी – आह!! गौरव, और मत तडपाओ… मैं ज्यादा देर नहीं बरदाश्त कर पाऊँगी!!

मैंने कहा – सैक्स का मजा, तडपने और तडपाने पर ही आता है।

मैंने उसे खूब चाटा।

मधु बार बार आह… आह… डालो ना लण्ड, कहती। फिर मुझे बेचारी पर तरस आया और मेरा भी मन होने लगा और मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और उसका सिर पकडकर जोर से अपने लण्ड पर रख लिया…

उसने कहा – आह, मार डालोगे क्या?

फिर मैंने उसके मुँह में लण्ड डाल दिया और लण्ड पकड कर उसके मुँह में ब्रश की तरह हिला दिया।

फिर मैंने उसको चार पाई पर धक्का दिया और मैं उसकी चूत को उंगली से साफ करने लगा, वो तडप उठी और कहा – डालो ना अब लण्ड, फाड दो मेरी चूत आज…

मैंने डालना शुरू किया तो वो चिल्ला उठी – उईई रे… कितना जोर लग रहा है, जरा धीरे डालो…

ना जाने क्यूँ, मैं फनफना गया और मैंने एकदम से उसकी गाण्ड में लण्ड घुसा दिया और उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा।

उसने कहा – रूको, मुझे दर्द हो रहा है।

मैं रूक गया और उसी के ऊपर लेटा रहा।

अचानक ही उसका भाई आ गया। हम दोनों डर गये। वो 14 साल का है, लेकिन वो भी सेक्स की जानकारी रखने वाला लडका था।

मधु ने तुरन्त ही अपना दुपट्टा ओड लिया और सोने का नाटक करने लगी और मुझको कमरे के कोने में भेज दिया, जहां अन्धेरा था!!

वो पानी पीकर चला गया। उसके बाद मैं निकला और डायरेक्ट मधु के ऊपर ही जा गिरा, उसके भाई ने मौसम बिगाण्ड दिया था, तो मैंने डायरेक्ट जाकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया और वो उई उई… आह आह… धीरे धीरे करो।। दर्द हो रहा है।

मैंने उसकी खूब चुदाई की लिटाकर, फिर उसे अपने लण्ड पर बिठाया…

मैंने खूब किस करते हुए उसकी चुदाई की, चूची मसली और फिर घोड़ी बनाकर उसकी गाण्ड में डालने लगा, तो उसने कहा – ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा – यार!! सेक्स का असली मजा, इसी में ही तो है।

मधु ने कहा – नहीं, इसमें मत करो। बहुत दर्द होगा। पर मैं नहीं माना और करने लगा…

मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड पर रखा तो उसको भी मजा आ गया, जैसे ही मैंने डाला, वो आगे की तरफ भागी!!

मैंने उसे पकड लिया और कहा – अभी तो सिर्फ एक इन्च ही तो डाला हैं, पूरा तो डालने दो…

तो उसने कहा – नहीं, दर्द हो रहा है।

मैंने कहा – कोई बात नहीं, धीरे-धीरे डालूँगा…

मैंने धीरे-धीरे करके पूरा डाल दिया और फिर धक्के पर धक्के लगाने लगा और चुदाई करते-करते मुझे ये अहसास हुआ कि मैं झडने वाला हूँ।

तो मैंने मधु से पूछा – कहाँ निकालूँ??

उसने कहा – विटामिन से ताकतवर चीज तुम मेरी चूची पर डाल दो!! और मैंने धक्के तेजी से शुरू कर दिये और बाहर निकालकर उसकी चूची पर झाड दिया।

फिर मैंने कपडे पहने और उसने भी…

मैंने कहा – मधु, मुझे पानी पीना है… तो उसने ताजा पानी भर कर पिलाया।

फिर आधे घण्टे लेटकर मैंने कहा – मैं जा रहा हूँ… तो उसने पूछा – कहाँ??

मैंने कहा – मुझे घर जाना है और कल कालेज भी तो है!!

उसने मुझे बाहों में भर लिया और फिर चूमने लगी, इसी प्रकार से मुझे दोबारा मेहनत करनी पड गई, लेकिन मुझे बहुत मजा आया पर हाथ पैर दर्द करने लगे थे।

तो दोस्तो, मुझे बताइये के मेरी कहानी कैसी लगी??

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