हेलो दोस्तों, कैसे है आप सब? मेरा नाम अमित है. तो मैं ज्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए, मैं अपनी कहानी पर आता हु. ये सेक्स कहानी मेरी और मनीषा की है. जो मुझे भाई कहती है, क्योंकि उसके पापा मेरे चाचा लगते है और वैसे वो मेरे सगे चाचा नहीं है. बस वैसे ही गाँव में रहते है हमारे साथ. उनकी कास्ट भी अलग है. मैं आपको मनीषा के बारे में बता दू. मनीषा १८ साल की एक मस्त लड़की है और उसका फिगर ३४-२६-३४ है और इस उमर में भी वो अपने से बड़ी लडकियों को फिगर में पीछे छोड़ देती है और सारे लड़के उसे चोदना चाहते है और मैं भी इसी फ़िराक में था. एकबार हम शहर जा रहे थे. मनीषा गाड़ी कि बीच वाली सीट में बैठी थी और मैं आगे. मैं यहीं सोच रहा था, कि कैसे मैं मनीषा के पास बैठु? तभी पानी पीने के लिए गाड़ी रुकी और सब उतरे. मौका मिलते ही, मैं मनीषा के पास जा कर बैठ गया और गाड़ी चलते ही, मैंने मनीषा के साथ छेड-छाड शुरू कर दी और उसने विरोध नहीं किया.
मेरी हिम्मत बड गयी और मैं हाथ से उसका हाथ सहला रहा था और वो चुपचाप बैठी रही, कि तभी उसके बूब्स पर हाथ लगा दिया. उसने मुझे गुस्से से देखा और मेरा हाथ हटा दिया और मेरी तो फट गयी, कहीं ये हल्ला ना कर दे, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. तो पुरे रास्ते में मैंने उसे छुया नहीं, पर मनीषा को मेरे इरादे पता लग चुके थे. अब उसकी नज़र भी मेरे लिए बदल चुकी थी और मैंने उसका पीछा करना शुरू कर दिया और मौका मिलते ही, उसे छुने लगा, जवाब में वो भी मुस्कुरा देती. एक दिन उसके घर पर कोई नहीं था, तो मैं मौका पाकर उसके घर चले गया और उसको आई लव यू बोल दिया. उसने भी मुझे आई लव यू बोला और मैंने उसे गले से लगा लिया. फिर मैंने उसके चेहरे पर हाथ लगा कर उसके नरम गुलाबी होठो पर किस कर दिया और थोड़े से विरोध के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और अहहहः क्या मज़ा आ रहा था, मैं बता नहीं सकता. मैंने पहले भी ३ और लडकियों के साथ सेक्स किया था, तो मुझे सेक्स का एक्सपीरियंस था और फिर मैंने एक हाथ उसके चूचो पर रख दिया.
वह्ह्ह्ह.. क्या कयामत थे उसके बूब्स.. इतने बड़े.. फिर भी पत्थर से कठोर.. मैं मजे ले कर उनको दबाने लगा. पर उसने मेरा हाथ हटा दिया. पर मैंने कहा – मैं नहीं मानने वाला. मैंने उसके बूब्स को दबाना जारी रखा. तभी किसी के आने की आवाज़ आई. तो मैं उनकी सीढियों पर चढ़ कर भाग आया. अब दोनों तरफ बराबर की आग लग चुकी थी, पर मिलने की बारिश नहीं हो पा रही थी. एकदिन उसके पापा को किसी रिश्तेदार के यहाँ जाना पड़ गया और घर में उसकी माँ और दादी अकेले थी और साथ में छोटा भाई भी था. मैंने मौके को समझते हुए, मौके पर चोका मार दिया और एक मेडिकल शॉप से नीद की गोलियों का जुगाड़ करके उसको दे दिया. पहले तो उसने मना किया. लेकिन, बाद में मान गयी. मैंने उसको १० टेबलेट दी और कहा, सबको एक – एक दे देना दूध में और फिर मुझे फ़ोन कर देना. उसने हामी भर दी और मैं खुश हो गया था. रात होने लगी थी और मैं उसके फ़ोन का वेट करने लगा.
रात को ११ बजे तक उसका कॉल नहीं आया. मैं फिर रात १ बजे तक वेट करता रहा और जब उसका फ़ोन नहीं आया, तो मैं सोने चला गया. मैं मन ही मन उसको गालिया दे रहा था. मैं सोने की तैयारी करने लगा, तो मेरा फ़ोन बज गया और देखा तो मनीषा का ही फ़ोन था. मैंने जल्दी से फ़ोन उठाया. उसने कहा – आ जाओ. मैं तो एक्स्सित्मेंट में बावला ही हो गया था और जल्दी से दिवार कूद कर उसके घर चले गया और वो मेरा वेट कर रही थी. मैंने जाते ही, उसके होठो पर किस किया और उससे लिपट गया. वो शुरू में डर रही थी, फिर वो भी किस करने लगी. मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उसकी गरदन पर किस करने लगा. वो मदहोश होने लगी. तभी मैंने उसको कुरता निकालने को कहा. वो मना करने लगी. पर मेरे जोर देने पर उसने कुरता निकाल दिया. क्या मस्त नज़ारा था, उसके ३४” के बूब्स बिलकुल दूध की तरह थे. मैंने उनको मुह में ले लिया और चूसने लगा.. कभी लेफ्ट.. कभी राईट… फिर मैंने उसके निप्पल को मुह में दबा कर काट लिया..
फिर मैंने उसकी सलवार भी निकाल दी, उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मैंने बोला, कि पूरी तैयारी के साथ आई हो, तो वो शरमा गयी और उसकी चूत पर भूरे रंग के बाल थे. मैं मदहोश हो गया और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैंने उसे खाट पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसके शरीर को चूमने लगा. कभी मैं उसके बूब्स दबा रहा था और कभी लिप्स चूसता और कभी उसके निप्पलो को काट लेता. वो भी मदहोश हो गयी और मैंने सोचा, कि अब देर क्या करना.. और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और उसपर थूक दिया. फिर लंड से ही थूक को उसकी चूत पर मल दिया. वो सिसक रही थी और मैं भी आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होने लगा था. मैंने अपने लंड को हल्का सा जोर लगाया, लेकिन वो साइड में फिसल गया. फिर मैंने अपने लंड को पकड़ा और उसके छेद पर लगा दिया और एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंड घप्प की आवाज़ के साथ दो इंच अन्दर चले गया. वो दर्द से बिलबिला उठी और मुझे धक्का देने लगी. मैंने उसे जोर से पकड़ लिया और वो कुछ समझ पाती, उससे पहले ही.. मैंने एक और जोर का झटका मारा और मेरा आधे से ज्यादा लंड अन्दर चले गया. वो रोने लगी और मुझसे रिक्वेस्ट करने लगी, कि प्लीज इस बाहर निकाल लो. मुझे दर्द होने लगा है.
पर मैं नहीं माना और थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा और उसके चुचे सहलाने लगा और धीरे – धीरे मैं धक्के लगाने लगा. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो बीच – बीच में दर्द से कहरा भी देती थी. तभी मैंने जोर से धक्का मारा और मेरा ६.५ इंच का लंड पूरा उसकी चूत में और वो चिल्लाने लगी. मैंने मुश्किल से उसे समझाया और किसिंग करता रहा. थोड़ी देर बाद, मैं फिर धक्के देने लगा और अब कम विरोध कर रही थी. मैंने अब फुल स्पीड ली थी और उसे जोर – जोर से चोदने लगा और करीब १५ मिनट के बाद मुझे लगा, कि मेरा हो जायेगा. तो मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और अपना माल उसकी चूत में डाल दिया. वो बहुत खुश नज़र आ रही थी. तभी मैंने घड़ी की ओर देखा, ४ बजने वाले थे और मैंने अपने कपड़े उठाये और पहन लिए. वो भी उठ चुकी थी और कपड़े पहनने लगी. तभी उसने खाट पर खून देखा, तो वो डर गयी. मैंने उसे किस किया और समझाया, कि पहली बार में ऐसा होता है. उसने खाट को साफ़ किया और दौबारा सेक्स करने का वायदा किया.