दोस्तो, मेरा नाम अरविंद है, मैं 40 साल का हूँ. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो कि एकदम सच है.
मेरी एक महिला मित्र है, जो मेरे ही मुहल्ले में रहती है. उसका नाम वंदना है (नाम बदला हुआ है).
वंदना बहुत ही आकर्षक शरीर की औरत है. उसकी उम्र 35 साल है, उसके 3 बच्चे हैं, पर उसे देख कर कोई कह नहीं सकता कि वो 3 बच्चों की माँ होगी. वंदना का फिगर 30-32-36 का है.
वंदना और मेरे बीच संबंध को 10 साल से ऊपर हो गए हैं. इस बीच हमने बहुत बार चुदाई की है. कभी उसके घर पे, कभी मेरे घर पे, कभी होटल में.
मैं जब भी उसे चोदता हूँ, हर बार ये ही लगता है, जैसे उसे पहली बार चोद रहा हूँ.
एक दिन मैं घर पर अकेला बैठा टीवी पर मैच देख रहा था. मेरे बीवी बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में अपने नाना के घर गए हुए थे. इसी बीच मुझे वंदना का फ़ोन आया कि वो कल अपने भाई के घर देहरादून जा रही है. वो मुझे भी साथ चलने को बोल रही थी.
मैंने भी अपने ऑफिस से 3 दिन की छुट्टी ले ली और उसके साथ देहरादून जाने की तैयारी कर ली.
अगले दिन वो कार लेकर मेरे घर आ गयी. हम दोपहर 3 बजे तक देहरादून पहुंच गए. हमने होटल में रूम लिया और लंच करके हमने चुदाई की. उसके बाद वो कार होटल छोड़ कर अपने भाई के घर चली गयी.
अगले दिन उसको उसका भाई दोपहर 2 बजे देहरादून बस अड्डे छोड़ने आया और उसे बस में बिठा कर चला गया. मैं उसे लेने बस अड्डे आ गया. फिर हम होटल के रूम में आ गए.
मैंने उससे लंच का पूछा, तो उसने मना कर दिया. वो बोली- मैं सिर्फ एक बियर पियूँगी.
मैंने उसके लिए बियर और अपने लिए व्हिस्की के साथ लंच आर्डर कर दिया.
जैसे ही मैंने आर्डर करके फ़ोन रखा, उसने मेरे पास आकर मेरे लोअर में से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और लंड चूसने लगी.
मैं आपको एक बात बताना भूल गया कि वंदना लंड चूसने में बहुत माहिर है, बिल्कुल पोर्न स्टार्स की तरह लंड चूसती है. उसने मुझे सोफे पे बिठाया और खुद घुटनों के बल नीचे बैठ कर वो मेरा लंड चूस रही थी. उसने मेरे लंड को चूस चूस कर अपने थूक से बिल्कुल गीला कर दिया था. उसके मुँह और मेरे लंड के बीच में थूक की तारें बन रही थीं.
फिर मैंने वंदना को बेड पर पीठ के बल लिटाया और उसकी गर्दन बाहर की ओर लटका दी. इसी चित्त अवस्था में मैं उसके मुँह में फिर से लंड डाल कर अन्दर बाहर करने लगा. साथ ही आगे की ओर झुक कर उसकी सलवार में हाथ डाल कर उसकी चूत में उंगली करने लगा. मैंने देखा उसका पानी निकल चुका था, जिसकी वजह से उसकी कच्छी गीली हो गयी थी. मतलब वो झड़ चुकी थी.
अब मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने उसे फिर से सीधा किया और वो फिर घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी. कोई 5 मिनट बाद मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया. वो सारा पानी पी गयी और उसने मेरे लंड को भी चाट चाट कर सारा साफ कर दिया.
अब वो बोली- मैं नहाने जा रही हूं.
उसने मेरे सामने ही अपने सारे कपड़े उतारे और पूरी नंगी मादरजात एक तौलिया लेकर बाथरूम में चली गयी. पांच मिनट बाद वेटर खाना और ड्रिंक्स दे कर चले गया.
थोड़ी देर बाद वंदना भी नहा कर आ गयी. उसने सिर्फ तौलिया ही लपेट रखा था. उसने अपने बैग में से एक छोटा सा शॉर्ट और टी-शर्ट निकाली और पहन ली. फिर हम ड्रिंक्स लेने लगे.
वो मुझसे बोली- आज रात मैं तुम्हें एक सरप्राइज दूंगी.
मैंने उसकी तरफ देख कर सवाल किया तो उसने सरप्राइज कह कर इन्तजार करने को कहा.
इसके बाद हम दोनों ने खाना खाया और मैंने एक सिगरेट जला ली. मैं सिर्फ अंडरवियर पहने हुए था. मेरी सिगरेट से उसने भी दो कश खींचे और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में एक चुदाई करके सो गए.
वो खास रात क्या थी और वो क्या सरप्राइज था, वो मेरे दिमाग में घूमता रहा. हम दोनों ड्रिंक करने और चुदाई करने के बाद नशे में एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
फिर शाम को हमारी 6 बजे आंख खुली. वन्दना मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगी. कोई 10-15 के स्मूच के बाद हम साथ में नहाए और वहां भी उसने मेरा जोरदार तरीके से लंड चूसा. मैंने भी उसकी चूत चाटी. उसके बाद हम तैयार हो कर कार में घूमने चले गए.
मार्किट से वन्दना ने एक चॉकलेट सीरप ले लिया और मैंने एक कॉफ़ी फ्लेवर वोदका की बोतल ले ली. तकरीबन 8 बजे हम होटल के रूम में वापस आ गए.
रूम में आ कर वन्दना ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी वो ब्रा और पैंटी में हो गयी. उसने मुझे सोफ़े पर बिठाया और वोदका के दो पैग बना कर एक मुझे दिया और मेरी गोद में बैठ कर वो अपना पैग पीने लगी. बीच बीच में हम एक दूसरे को किस कर रहे थे और मैं उसके चूचे भी चूस रहा था.
उसके बाद मैंने वन्दना से सरप्राइज के बारे पूछा, तो वो बोली- तुम थोड़ी देर के लिए रूम से बाहर जाओ … और जब मैं बुलाऊँ, तो आना.
मैंने कपड़े पहने और नीचे होटल के बार में आ गया. मैं वहां पैग पीने लगा.
दूसरा पैग खत्म होते ही वन्दना का फ़ोन आया और उसने मुझे रूम में बुला लिया.
मैं जैसे ही रूम में गया, मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं. वन्दना ने बेड को फूलों से सजा रखा था और खुद दुल्हन की तरह तैयार होकर बेड पर घूंघट ओढ़ कर बैठी हुई थी. पूरा रूम परफ्यूम की खुशबू से महक रहा था. वन्दना ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी, जो उसने अपनी सुहागरात पे पहनी थी. ऐसा उसने मुझे बाद में बताया.
मैं बेड पर उसके पास जा कर बैठ गया. वो बोली- मेरे बैग में एक पैकेट है, वो निकालो.
मैंने देखा कि उसमें सिल्क का सफ़ेद कुर्ता पजामा था. उसने मुझे वो पहनने को बोला और मैंने वो पहन लिया.
अब वन्दना बोली- सरप्राइज ये है कि मैंने आज की तारीख में अपने पति के साथ सुहागरात मनाई थी. जिसमें मुझे बिल्कुल मजा नहीं आया था. मेरा पति 5 मिनट में ही झड़ कर सो गया था. इसलिए मैं आज तुम्हारे साथ सुहागरात मनाना चाहती हूँ.
मैंने उसका घूंघट उठाया और उसके होंठों को चूम कर कहा कि आज की सारी रात मैं तुम्हें बहुत मजा दूंगा.
यह कह कर मैं उसे चूमने लगा और मैंने धीरे धीरे उसकी साड़ी उतार दी. अब वो पेटीकोट और ब्लाउज़ में थी. फिर उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी. मैं एक हाथ से उसका पेटीकोट नीचे से ऊपर करता हुआ उसकी चिकनी जांघों पर हाथ फेरने लगा.
फिर मैंने उसके सारे गहने उतार दिए. उसके बाद मैंने उसका पेटीकोट और ब्लाउज़ भी उतार दिया और वन्दना को अपने नीचे लिटा कर उसे चूमने लगा.
हम दोनों की जीभ एक दूसरे से मिलने लगीं और हमारा थूक एक दूसरे के मुँह में जा रहा था. मैंने वन्दना को चूमते हुए उसकी गर्दन, गाल, कान सब अपने थूक से गीले कर दिए. मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत में उंगली डाल दी. इससे वो जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी. फिर मैंने वो ही उंगली उसके मुँह में डाल दी और वो उसे चूसने लगी.
दोस्तो, वन्दना की एक खासियत है कि वो किसी भी तरह के सेक्स को न नहीं करती.
उसके बाद वो उठ कर मेरे ऊपर आ गयी और मेरे पेट पर बैठ गयी. वो अपनी ब्रा उतार कर अपने चूचे मेरे मुँह में देने लगी. मैं भी उसके एक चूचे के निप्पल को चूस रहा था और दूसरे निप्पल को मसल रहा था.
थोड़ी देर बाद वो नीचे की ओर आ कर मेरे लंड को मेरे कच्छे में से निकाल कर चूसने लगी. वो कभी मेरे लंड को चूसती, कभी उसके टोपे पर अपनी जीभ फेर कर उसे चाटती.
फिर मैंने वन्दना को बेड पर पीठ के बल लिटा दिया और उसकी पैंटी निकाल दी. वो समझ गयी कि मैं अब उसकी चूत चाटूंगा, तो उसने खुद ही अपनी टांगें चौड़ी कर लीं. मैंने पहली उसकी चूत पर अपनी उंगलियां फिराईं और फिर उसकी चूत में दो उंगलियां डाल कर आगे पीछे करने लगा.
वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी. फिर मैं उसकी चूत को खोल कर उसकी चूत के दाने को अपनी उंगलियों से छेड़ने लगा. वो ‘सीईई सीईई..’ करने लगी और कहने लगी- हनी प्लीज़ लिक माई पुसी … खा जाओ मेरी चूत को!
ये सुन कर मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखी और उसकी चूत चाटने लगा. अभी मैंने 2 मिनट ही उसकी चूत चाटी होगी कि उसका बदन ऐंठ गया. उसने अपनी गांड ऊपर की ओर की और अपना सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया. जिससे मेरा पूरा मुँह गीला हो गया. मैंने उसका सारा पानी पी लिया. उसके चेहरे पर संतुष्टि साफ दिखाई दे रही थी.
कुछ पल बाद वो उठी और मुझे अपने गले से लगा कर मुझे बेहताशा चूमने लगी. उसके चूचे मेरी छाती पर चिपक गए थे.
वो कहने लगी- जानू, तुम बहुत अच्छे से चूत चाटते हो.
मैं बोला- अभी तो तुम्हें और मजा आएगा … तुम 2 मिनट रुको.
फिर मैं उठा और फ्रिज में से चॉकलेट सीरप की बोटल निकाल कर लाया और उसके चुचों, नाभि और चूत पर लगा दिया.
वो ये देख कर हंसने लगी, मैंने उसे आंख मारी और उसे एक गहरा स्मूच किया और बारी बारी उसके चूचों पे लगा सीरप चाटने लगा. मेरे ऐसा करने से वो मचल उठी.
फिर मैं धीरे धीरे नीचे की ओर आ गया और उसकी नाभि में जीभ डाल कर वहां भी चाटने लगा. ऐसा करने से उसकी चूत ने फिर पानी छोड़ दिया. जब मैं चूत की तरफ बढ़ा, तो देखा कि उसकी चूत का पानी और सीरप दोनों मिक्स हो गए थे, जिसमें से एक मादक खुशबू आ रही थी.
मैं फिर से उसकी चूत चाटने लगा, तो वो पागल हो गयी और अपने दोनों हाथों से बेडशीट को नोंचने लगी.
मैंने उसकी चूत चाट चाट कर सारी सुखा दी. फिर वो उठी और मेरे लंड पर चॉकलेट सीरप डाल कर चूसने लगी. फिर उसने बहुत सारा सीरप अपने चूचों के बीच में डाला और कुछ मेरे लंड पर लगा दिया. वो लंड को चूसने लगी. वो अब कभी मेरे लंड को चूसती, कभी मेरे लंड को अपने चूचों के बीच रख कर आगे पीछे करती. इससे मेरा लंड तन कर लोहे की रॉड जैसा हो चुका था.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे की चटाई चुसाई करने लगे.
वो कहने लगी- अरविंद अब और मत तड़पाओ … अब जल्दी डाल दो अपना लंड मेरी चूत में.
मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसे एक किस करके उसकी चूत में लंड को सैट कर दिया. वो अभी सम्भलती कि मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
वन्दना को ये बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि मैं एक ही झटके में उसकी चूत में लंड उतार दूंगा. इस झटके से उसकी आँखों में पानी आ गया और वो दर्द से छटपटाने लगी.
मैं समझ गया कि उसे तकलीफ हो रही है, तो मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा. कुछ देर बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ और मजा आने लगा, तो वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा लंड अन्दर तक लेने लगी.
वन्दना ‘फ़क मी फ़क मी हार्ड..’ बोलने लगी. ये सुन कर मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी. वो ‘आह आह … यस … यस..’ बोलने लगी.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया और खुद मेरे लंड पर बैठ गयी. अब वन्दना मेरे लंड पर कूदने लगी. मैंने दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़ ली और उसे ऊपर नीचे करने लगा. उसके दोनों चूचे भी हवा में झूल रहे थे. कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया. वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे झटके मारते देखने लगी. उसकी आंखे नशे और हवस से बिल्कुल लाल हो गयी थीं. इस दौरान वो दो बार झड़ गयी थी.
अब मैं फिर से उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा और अब मैं भी झड़ने वाला था.
मैंने उसे बताया, तो उसने अपनी चूत में से मेरा लंड निकाला और उसे चूसने लगी. बस 5 मिनट के बाद मैंने उसके मुँह में सारा पानी निकाल दिया. वन्दना ने उसकी एक एक बूंद चूस कर मेरे लंड को बिल्कुल साफ कर दिया.
फिर हम दोनों ने एक लंबा स्मूच किया और कुछ देर ऐसे ही नंगे बेड पर लेटे रहे. इसके बाद हम दोनों ने एक साथ नहाया और फिर 2-2 पैग और लगाए. एक सिगरेट का मजा लेने के बाद खाना मंगवा कर खाया.
खाना खाते वक़्त वो बोली- आज मुझे तुम्हारी चुदाई ने एकदम संतुष्ट कर दिया है.
फिर उसने एक सेक्सी सी टू पीस नाईट ड्रेस पहनी और हम दोनों टीवी देखने लगे. टीवी देखते देखते वो फिर से मेरे लंड से खेलने लगी.
मैंने उस रात को 2 बार उसकी गांड भी मारी.