डियर नाईटडिअर रीडर्स मेरा नाम कुणाल है और मेरी उम्र 18 साल की है में नाईटडिअर की कहानियाँ रोजाना पड़ता हूँ और में कहानियों को पड़कर बहुत एन्जॉय करता हूँ। दोस्तों फिर एक दिन मैंने भी अपनी एक कहानी आपके सामने रखने के बारे में सोचा तो फिर आज में अपनी एक सच्ची कहानी आपके सामने लेकर आया हूँ। यह एक कहानी के साथ साथ मेरी सच्ची घटना भी है। दोस्तों मेरी फेमिली में हम चार लोग है पापा, मम्मी, दीदी और में। मेरे पापा एक बिजनेसमैन है और लखनऊ सिटी में बिजनेस करते हैं। हमारा एक तीन मंजिला मकान है लखनऊ सिटी में और हम लोग वहीं पर रहते है। मेरी मम्मी की उम्र 38 साल की है और मेरी दीदी की उम्र 23 साल की है। में 12th पास करके इंजिनियरिंग की तैयारी कर रहा हूँ और मेरी दीदी बी कॉम 3rd ईयर में है।
मेरी मम्मी हाउसवाईफ हैं और घर के काम में ही व्यस्त रहती है। मेरी मम्मी का फिगर जानलेवा है। मम्मी की बूब्स बहुत बड़े बड़े हैं और चूतड़ तो जैसे हवा का भरा हुआ गुब्बारा और गोल गोल है। दीदी का फिगर भी एकदम अच्छा है और वो बहुत गोरी हैं और होस्टल में रहती है। मम्मी जब चलती है तो उनका चूतड़ बहुत हिलते हैं और देखने में बहुत मज़ा आता है।
में जवान हूँ और कभी कभी मम्मी को याद करके मुठ मार लेता हूँ। मेरे पापा सुबह 7 बजे को चले जाते हैं और रात को 9 बजे आते है। में ज़्यादा वक़्त अपनी कोचिंग और दोस्तो के साथ क्रिकेट खेल कर बिताता हूँ। मम्मी ज़्यादा वक़्त घर पर अकेली रहती है। मेरे पापा बहुत थके होकर घर आते हैं और डिनर करके जल्दी सो जाते है।
फिर एक दिन में कोचिंग पर गया लेकिन वहाँ पर सर नहीं थे इसलिए में अपने दोस्तो से मिलने चला गया। मेरे दोस्तो ने प्लान बनाया कि हम सभी पिक्चर देखने चलते हैं। तभी मैंने बोला कि में घर जाकर कपड़े चेंज करके आता हूँ और फिर में घर की तरफ चल दिया। घर का डोर अंदर से लॉक था फिर मैंने मम्मी को आवाज़ दी लेकिन बहुत टाईम के बाद मम्मी ने दरवाजा खोला किया। तभी मैंने सोचा कि मम्मी सो रही थी इसलिये टाईम लगा होगा। फिर मैंने मम्मी को बोला कि में अपने दोस्तो के साथ पिक्चर देखने जा रहा हूँ और फिर में तैयार होकर निकल गया।
तभी घर के बाहर निकलते ही मुझे सू सू आ गया। फिर मैंने सोचा कि पेशाब घर पर ही कर लेता हूँ। तभी में मुड़ा और घर के अंदर चला गया। दरवाजा खुला था लॉक नहीं था शायद मम्मी लॉक करना भूल गयी होगी। फिर बाथरूम से बाहर निकलते ही मैंने देखा कि मम्मी नंगी किचन की तरफ जा रही हैं। उनकी पीठ मुझे दिख रही थी और मम्मी को लगा होगा में चला गया हूँ और फिर मुझे यह लगा कि सारे कपड़े उतार कर मम्मी नहाने की लिए रेडी हो रही होंगी। मम्मी को इस हालत में देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और में पहली बार मम्मी को नंगा देख रहा था। तभी मैंने डिसाईड कर लिया की में पिक्चर नहीं जाऊंगा और मम्मी की नंगी बॉडी का सीन देखूंगा। तभी मैंने अपने दोस्तो को मेसेज कर दिया की सॉरी में नहीं आ सकता हूँ और फिर में अपने बेडरूम में बेड के नीचे छुप गया। मम्मी किचन से एक बड़ा सा बेंगन लेकर हॉल में आ गई। मेरी मम्मी को इस हालत में बेंगन के साथ देखकर कुछ अजीब सा फील हुआ। फिर मम्मी ने टीवी चालू कर दिया ओह माई गॉड मुझे बिलीव नहीं हो रहा था। तभी मम्मी बेंगन अपनी चूत में घुसाने लगी मम्मी की चूत बहुत बड़ी और मोटी चिकनी थी। फिर मम्मी ने आँखे बंद करके धीरे धीरे बेंगन अपनी चूत में ले लिया। शायद पापा मेरी मम्मी के साथ उतना सेक्स नहीं करते इसलिए मम्मी यह सब कर रही थी। फिर मुझे यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। तभी मैंने डोर पर देखा तो हैरान रह गया कि में भी लॉक करना भूल गया था। फिर में डोर खोलते ही हॉल है और हॉल के लेफ्ट साईड का रूम मेरा है में अपने रूम के बेड के नीचे था और फिर में सारा नज़ारा देख रहा था। अगर कोई भी डोर खोलता तो उसकी नज़र मेरी नंगी मम्मी पर सीधे पड़ती।
फिर में उठकर डोर लॉक भी नहीं कर सकता अगर ऐसा करता तो मम्मी मुझे देख लेती। तो मैंने यह डिसाईड किया कि में एन्जॉय करता हूँ। फिर मम्मी सोच रही थी कि कोई नहीं है और डोर भी लॉक है इसलिये वो नंगी होकर बेंगन लिये जा रही थी। मम्मी धीरे धीरे चुदाई भी कर रही थी और थोड़ी देर के बाद मम्मी उठी और फिर से किचन में चली गयी। जब मम्मी बाहर आई तो उनके हाथ में एक बाउल था मम्मी ने बाउल को हॉल में रख दिया और उसमे हाथ लगा कर अपनी चूत सहलाने लगी। उस बाउल में तेल था और फिर मम्मी ने तेल अपनी चूत में लगाया और फिर अपने बड़े बड़े बूब्स पर लगाने लगी। फिर बूब्स पर लगाने के बाद अपनी बड़ी बड़ी चूतड़ो पर तेल लगाने लगी। फिर मम्मी ने बेंगन पर तेल लगाया और धीरे धीरे अपनी चूत में लेने लगी। बीच बीच में अपने हाथो से अपने बूब्स दबाने लगती यह सब देखकर मेरा हाल बेहाल हो रहा था। फिर मेरा मन कर रहा था कि जाकर मम्मी को चोद दूँ। फिर मम्मी ने इतना बड़ा बेंगन अपनी चूत में ले लिया और ऊफफ्फ्फ आआहह करने लगी। पूरा बेंगन अंदर लेती फिर बाहर निकालती और फिर अंदर लेती। तभी कुछ दस मिनट तक ऐसा ही चला। तभी थोड़ी देर के बाद मम्मी की चूत के अंदर ही बेंगन टूट गया और एक पार्ट अंदर रह गया और एक पार्ट बाहर आ गया।
फिर मम्मी उठ गयी और अपनी चूत के होल को फैलाकर एक हाथ से आधा बेंगन निकालने लगी। तभी मम्मी को मुश्कील हो रही थी निकालने में फिर इतने में किसी को मैंने डोर खोलते देखा में हैरान रह गया देख कि वो हमारा दूधवाला था। फिर मम्मी और दूधवाला भी जैसे एक दूसरे को देखकर हैरान थे और अपनी जगह पर रुके हुए थे और मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था।
तभी कुछ 6-7 सेकेण्ड के बाद दूधवाला बोला भाभी जी दूध का बर्तन ले आइए। तभी मम्मी जैसे करंट लगा हो, जल्दी से किचन से बर्तन लेकर आ गई। तभी दूध वाला का लंड खड़ा हो गया था, यह देखकर लेकिन कुछ बोल नहीं रहा था। फिर मम्मी ने दूध लिया और किचन में लेकर चली गयी। फिर मैंने देखा कि दूध वाले ने डोर लॉक किया और मम्मी के पीछे पीछे उसके चूतड़ो को देखते देखते किचन के अंदर चला गया। मुझे अब कुछ नज़र नहीं आ रहा था लेकिन उनकी आवाज़ आ रही थी। फिर मैंने उन लोगो की बातें सुनी
मम्मी : तुम यहाँ पर क्यों आ गये?
दूध वाला : भाभी जी लगता है आपको कुछ हेल्प चाहिए?
मम्मी : डरते हुए कुछ नहीं तुम जाओ यहाँ से।
दूध वाला : डरिये मत भाभी जी मुझे बताइए क्या समस्या है?
मम्मी : मेरी चूत के अंदर बेंगन फंस गया है।
दूध वाला : बस इतनी सी बात चलिए में अभी आपकी हेल्प कर देता हूँ।
फिर मम्मी और दूधवाला हॉल में आ गये अब मुझे सब दिख रहा था। फिर मैंने देखा कि दूध वाले ने मम्मी को लेटा दिया और बोला कि आप अपने दोनों पैर फैला लो। तभी मम्मी ने अपने पैर फैला लिये और अब दूध वाले के सामने एक मोटी बड़ी चूत खुली हुई थी और मम्मी नज़ारे झुकाकर लेटी हुई थी। फिर दूध वाले ने धीरे धीरे मम्मी की चूत को सहलाना शुरू किया और अब मम्मी ने आँखे बंद की हुई थी। तभी दूध वाले ने धीरे धीरे अपनी उंगली मम्मी की चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
फिर मम्मी आँखे बंद करके धीरे धीरे मोन कर रही थी। तभी दूध वाले ने अपनी शर्ट खोल दी, फिर मम्मी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो? तभी उसने बोला कि भाभीजी मेरी शर्ट पर तेल लग जाएगा इसलिये उतार रहा हूँ। फिर उसने शर्ट उतार कर फिर से उंगली करने लगा। तभी मैंने देखा कि उसका लंड धोती के अंदर खड़ा हो गया था। फिर कुछ पांच मिनट तक मम्मी की चूत सहलाने के बाद वो उठ खड़ा हुआ और बोला “भाभीजी लगता है बहुत अंदर चला गया है यह ऊँगली से नहीं निकलेगा।
तभी मम्मी ने बोला कि फिर कैसे निकलेगा? फिर दूधवाले ने बोला कि इसका जुगाड़ है मेरे पास और फिर जल्दी से उसने अपनी धोती खोल दी और अब धोती के खुलते ही उसका 8 इंच का काला मोटा लंड बाहर आ गया। तभी यह देखकर मम्मी की आंखो में चमक आ गई। तभी दूध वाले ने मम्मी को बोला कि में अपने इस डंडे से बेंगन को बाहर निकाल दूँगा, बस इसको थोड़ा गीला करना होगा। तभी मम्मी ने अपने एक हाथ में तेल लिया और उसके लंड पर लगाने लगी। इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था।
फिर दूध वाले ने मम्मी को बोला कि इसको आप अपने मुहं में ले लो तब यह अच्छे से गीला हो जायेगा। फिर मम्मी ने लंड अपने मुहं में लेने की कोशिश की लेकिन लंड इतना बड़ा था कि आसानी से अंदर नहीं जा रहा था। अब दूधवाला खड़ा था और मम्मी अपने घुटनों पर थी और लंड मुहं में ले रही थी। तभी यह देखकर मेरा बुरा हाल था। फिर कुछ दस मिनट तक मुहं में लेने के बाद दूधवाले ने मम्मी को लेटा दिया और उनकी चूत के सामने अपना लंड लगा दिया।
मम्मी की चूत बहुत टाईट थी क्योंकि उनकी चुदाई बहुत दिनो से नहीं हुई थी। तभी दूधवाले ने धीरे धीरे मम्मी की चूत में अपना लंड घुसाना शुरू किया और मम्मी ऊफफ्फ आहह करके दर्द से छटपटा रही थी। फिर उसने एक शॉट में अपना पूरा लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। तभी मम्मी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और दूधवाले फिर ज़ोर ज़ोर के झटका मारने लगा कुछ 15 मिनट के बाद मम्मी शांत हो गयी और अपने चूतड़ उछाल उछाल कर उसका साथ देने लगी।
तभी कुछ देर के बाद दोनो शांत हो गये। फिर दूधवाले ने अपना वीर्य मम्मी की चूत में छोड़ दिया और थोड़ी देर तक वैसे ही लेटा रहा। फिर मम्मी ने अपनी चूत खोली तो उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा और फिर थोड़े ब्लड के साथ आधा बेंगन भी बाहर आ गया। तभी मम्मी की चूत पूरी तरह से खुल गई थी और उसमे से पानी निकल रहा था।
फिर मम्मी और दूधवाला एक दूसरे ले लिपट गये और बातें करने लगे।
दूधवाला : भाभी जी मैंने बोला था ना कि में निकाल दूँगा।
मम्मी : बेंगन के साथ मेरी चूत से पानी भी निकाल दिया तुमने।
दूधवाला : तुम्हारा पति तुम्हे नहीं चोदता है क्या?
मम्मी : उनका तो देर से घर आना और जल्दी ही सो जाना। वो मुझे भूखा छोड़ देते है इसलिए अपनी चूत की भूख कभी बेंगन कभी केले से मिटा लेती हूँ।
दूधवाला : भाभी जी कभी मुझे बोला होता।
मम्मी : डर लगता था लेकिन अब से रोज तुम्ही से ही अपनी चूत की प्यास मिटाउंगी।
तभी दूधवाला ने अपनी हाथ से मम्मी के बूब्स को दबाने लगा और ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था। फिर करीब दस मिनट मम्मी के बूब्स दबाने के बाद उसने मम्मी को बोला कि अब आप घोड़ी बन जाओ। फिर मम्मी घोड़ी बन गयी और उसने अपने लंड पर तेल लगाया और थोड़ा तेल मम्मी की गांड के छेद पर डाल दिया। तभी मम्मी की गांड में थूक लगाकर एक ज़ोर का धक्का दिया पर उसका 1/3 लंड ही मम्मी की गांड में घुसा। मम्मी की गांड का छेद बहुत छोटा था।
फिर मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था। तभी मम्मी ऊफ आहह मर गई मेरी गांड फाड़ दी तुमने और निकाल दो बोलने लगी। तभी दूधवाले ने मम्मी की कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर ज़ोर का धक्का दिया। फिर उसका पूरा लंड मम्मी की गांड में था और वो ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे हिलने लगा मम्मी भी धीरे धीरे उसका साथ देने लगी कुछ दस मिनट तक उसने मम्मी को घोड़ी बनाकर चोदा। तभी उसने वीर्य मम्मी की गांड में छोड़ दिया और शांत हो गया।
मम्मी भी पेट के बल लेट गयी कुछ देर लेटे रहने के बाद दूधवाले ने बोला कि भाभी जी कैसी लगी यह सेवा? तभी मम्मी बोली कि बहुत मज़ा आया अब मुझे बेंगन और केले की भी ज़रूरत नहीं होगी तुम जो हो और हँसने लगी। फिर दोनो उठे और किस करने लगे फिर उसके बाद दूधवाले ने अपनी शर्ट पहन ली और बोला में रोज आता हूँ। जब जरूरत हो बोल देना ओर बाहर चला गया तभी मम्मी ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। शायद उसके मोटे लंड ने मम्मी को घायल कर दिया था।
तभी मम्मी पैर फैलाकर चलने लगी और अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गयी। में यह सब देखकर तीन बार मुठ मार चुका था में भी जल्दी से उठकर घर के बाहर चला गया और करीब 30 मिनट के बाद आया तब तक मम्मी नहाकर बाहर आ गई थी। तभी मैंने देखा कि मम्मी आज बहुत खुश थी मुझे सब पता था लेकिन फिर भी मैंने ऐसी एक्टिंग कि जैसे में कुछ नहीं जानता। उसके बाद लगभग सप्ताह में चार बार वो लोगो चुदाई करते हैं। जब घर पर कोई भी नहीं होता तो मम्मी भी उसके काले लंड को चूत में लेने से नहीं चूकती है ।।