दोस्तो, मेरा नाम रौनक शर्मा है।
मेरी उम्र 25 साल, रंग गोरा, कद सामान्य है और मैं पंजाब में रहता हूँ।
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो आज आप लोगों को बताने जा रहा हूँ, यह पूर्णत्या सत्य है।
मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है।
तो अब सीधे कहानी पर आते हैं।
एक दिन अचानक मेरे मोबाईल पर मिस कॉल आया जब मैंने कॉल किया तो एक लड़की कि सुरीली आवाज आयी।
मैंने पूछा – मिस कॉल आया था तो वो बोली – सॉरी जी, राँग नंबर लग गया था।
मुझे उसकी आवाज बहुत पसंद आई और मैंने दुबारा फोन मिला दिया और बोला – मुझे आपकी आवाज बहुत पसंद आई है इसलिऐ अपने आप को रोक ना सका।
वो हँस पड़ी।
फिर मैँने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम रानी बताया।
फिर हमने थोड़ी देर इधर-उधर की बात कि और दुबारा फिर बात करेँगे बोल के फोन काट दिये।
अब हमारी बात रोज होने लगी।
एक दिन मैँने बातों-बातों मेँ रानी को आई लव यु बोल दिया।
वो थोड़ी देर चुप रही।
फिर बोली – सोच के बताउंगी।
मैँ उसके सपनों में खोया था तभी फोन बज उठा, फोन रानी का था।
वो बोली कि मुझसे कब मिलोगे।
मैं तो हैरान रह गया कि मेरे मन की मुराद रानी ने पूरी कर दी।
फोन पर ही वो बोली – कल शाम को मेरे घर में आ जाओ।
मैंने पूछा कि घर पर कौन-कौन है तो वो बोली मैं घर मे अकेले ही रहती हूँ और पार्लर चलाती हूँ,
मम्मी-पापा अंबाला रहते है।
उस दिन मैं पूरी रात रानी को सपनो में चोदता रहा।
शाम हुई तो मैँ तैयार होकर निकल चला।
बताई हुये जगह पर आकर मैँने फोन किया तो रानी मेरे पास बात करते हुये आई।
वो एक सुंदर परी जैसी दिख रही थी।
मुझे तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी सुंदर परी मुझसे चुदने वाली है।
उसने लाल रंग का कुर्ता और टाइट पाजामी पहन रखी थी।
जिसमें उसकी मोटी-मोटी जांगें बिजलियाँ गिरा रहीं थीं।
उसकी 36 की चूची 30 की कमर और गांड़ तो ऐसी थी कि किसी को भी दिवाना बना ले।
कुल मिलाकर क्या लग रही थी वो।
मेरे लंड महाराज तो अब बेकाबू हो रहे थे।
हम एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे तभी रानी बोली – जानू, आप तो काफी स्मार्ट हो।
मैं भी बोला – तुम्हारे सामने मैं कुछ भी नही हूँ।
वो हँस के रह गई बातों-बातों में रानी का घर आ गया।
उसने मुझे हॉल के सोफे पर बैठने को बोला और पूछा- क्या लोगे ठंडा या काफी?
मैंने कहा- ठंडा चलेगा।
तभी रानी बोली – जानू, आप कमरे में जाओ, मैं ठंडा लेकर आती हूँ।
और वो कमरे में ठंडा लेकर आ गई और वहीं बैठ कर मुझसे बातें करने लगी।
फिर हम बेड पर आ गए, वो मेरे पास आकर बैठ गई।
उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था और मेरा भी।
लेकिन मुझ से रहा नहीं जा रहा था।
फिर भी मैं चुप रहा।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके हाथ के पास रखा और धीरे-धीरे उससे सटकर बैठ गया।
फिर मैंने अपना हाथ उसकी पीठ से ले जाते हुए उसकी नरम जांघों पर रख दिया।
उसकी धड़कन तेज़ हो रही थी।
उसकी सांसें मेरे करीब से गुजर रही थी, वो मदहोश हो रही थी।
मेरा हाथ उसकी जांघों पर धीरे-धीरे घूम रहा था।
शायद रानी ने मर्द का तना हुआ लंड पहली बार देखा था तो वो उसे गौर से देखने लगी।
उसने मेरे हाथ को जोर से पकड़ कर दबाया।
मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसकी चूत को एक हाथ से सहलाने लगा और दूसरे हाथ से उसका स्तन पकड़ लिया।
वो सिसकारियाँ ले रही थी और मेरे लंड पर दबाव डाल रही थी।
हम कपड़े पहने थे।
इसलिए हमारे बदन की गर्मी बढ़ने लगी, दोनों पसीने-पसीने हो गए।
मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया।
मेरा लंड उसकी गांड पर घिस रहा था और उसके चूची को हाथों से मसल रहा था, उसकी चूत रगड़ कर मैं उसे और उत्तेजित कर रहा था।
रानी बोली – मैं बेचैन हो रही हूँ।
फिर मैंने उसे गले लगाया।
वो भी ऐसे लिपट गई जैसे वो मेरे शरीर का हिस्सा हो।
मैंने उसके होंठों को चूमा और गालो को रगड़-रगड़ कर घायल कर दिया।
फिर मैंने उसकी टॉप उतारी, ब्रा भी उतारी और उसके सफेद बड़े से चुचे देखकर मैं पागल हो गया जिन पर गुलाबी रंग के चुचूक उनकी शोभा बढ़ा रहे थे।
फिर मैंने अपना शर्ट पैंट उतारा, उसने अपनी पाजामी निकाली।
हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे तो मैंने कहा – इसे क्यूँ रखे हो?
मैंने उसकी और उसने मेरी चड्डी उतारी।
मैंने उसके अपने लंड पर किस करने को कहा, फिर उसे सीधा लेटने को कहा।
फिर उसके सारे बदन को चूसना चालू कर दिया, उसके पेट को भी चूमता रहा।
वो पूरी गर्म हो चुकी थी, मेरे लंड को घूर रही थी और मैं उसकी चूत को देखकर पगला रहा था।
तभी मैंने अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया।
वो उसे चूसने लगी तो मैं भी उसकी चूत में उंगली डाल कर चूसता रहा।
बाद में मैंने समय न गंवाते हुए उसकी टाँगें ऊपर उठा कर लंड चूत पर रख कर एक झटका मारा।
खाली सुपारा अंदर गया तो वो चीखने लगी।
उसकी चूत अभी छोटी थी पर मुझसे रहा नहीं गया।
मैंने बिना परवाह किये पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो बहुत जोर से चीखी तो मैंने उसके होठों पर होंठ रख दिए, उसकी आँखों से पानी बह रहा था और वो मुझसे छुटने की नाकाम कोशिश करती रही।
मैंने उसके चूचे सहलाए।
थोड़ी देर बाद वो कमर मटकाने लगी तो मैंने उसका मुँह छोड़ा और पुरा लंड अंदर-बाहर करने लगा और उसे भी मजे आने लगे।
दो मिनट बाद मैं उसे दनादन चोदने लगा और वो मुँह से आह! अहा! आ ! आअ ! अआया ! कर रही थी।
बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं छुटने वाला था।
वो भी मुझे कसकर पकड़ने लगी और बोलने लगी – फक मी फक मी और जोर से।
कमरे में फच-फच की आवाज आ रही थी।
हम दोनों झड़ने लगे।
मैंने सारा माल चूत मे गिरा दिया और निढाल होकर कुछ देर उसी अवस्था में पड़ा रहा।
फिर हमने अपने कपड़े पहने।
और दूसरे दिन मिलने को कहकर उसे चुम्बन किया।
यह मेरी पहली चुदाई थी।
आपको मेरी कहानी कैसे लगी, मुझे बताएँ।
मुझे आपके मेल के इन्तजार रहेगा।