मेरा पहला सेक्स, रंडी के साथ

ये बात जब की है जब मैं १८ साल का हुआ था और कॉलेज में पढ़ने लगा था. सेक्स के बारे में मुझे जब पता लग था, जब मैं १४ साल था. मैंने अपनी काफी हद तक पढाई हॉस्टल में की है और इसी वजह पर ही मुझे सेक्स के बारे में पता चला था. मुझे मुठ मारने की आदत भी तब से पड़ गयी थी और यकीं मानिये दोस्त, आज में ३४ साल का हु और मुझे आज भी मुठ मारने में बहुत मज़ा आता है. मैंने हॉस्टल में एक दो बार लडको के साथ सेक्स किया था. लेकिन ब्लू फिल्म में लड़की की चुदाई देख कर मुझे भी मन होता था. कि मैं भी सेक्स करू. लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई.

मैं उस समय अपनी एम्बीऐ की पढाई कर रहा था और मेरे २न्द सेमेस्टर के एग्जाम थे. मेरे फादर साहब उस समय कहीं बाहर काम करते थे और मैं और मेरी मदर ही घर थे. फादर साहब की तबियत ख़राब होने के कारण से उन्हें एक दिन के लिए वहां जाना पड़ा और रात में मैं अकेले ना सोये. तो वो मेरे कजिन को मेरे साथ सोने के लिए बोल गयी. वो भी मेरे ही हमउम्र है. हम दोनों रात में बातें करते रहे और फिर बात करते – करते हमने सोचा, क्यों ना एक कॉलगर्ल को बुलाया जाए.

वो एक कॉलगर्ल को जानता था और फिर उसने फ़ोन पर बात किया. तब उसने बोला, कि सुबह बताउंगी. हम लोगो की रात बड़ी बैचेनी से गुजरी. वो मेरा पहला सेक्स था. उसने उस कॉलगर्ल को पहले भी चोदा हुआ था. वो एक ब्यूटी पार्लर में काम करती थी और ज्यादा पैसे कमाने के लिए कॉल गर्ल का काम भी करती थी. उसका नाम तो दोस्तों मुझे याद नहीं. लेकिन उसको हम अनीता बोल देते है यहाँ पर. अनीता को सुबह हमने कॉल किया. तो उसने हमे मना कर दिया. हम लोग बहुत निराश थे. एक मौका मिला था और ये भी नहीं पता था. कि ऐसा मौका फिर कब मिलेगा.

फिर उसका १ बजे फ़ोन आया और हमने कहा – सिर्फ २ घंटे है हमारे पास. उसने कहा – मुझे १५ मिनट लगगे आने में. बाकी तुम लोग जो भी करोगे. वो आ गयी और फिर एक कमरे में चली गयी. मैंने भाई ने कहा – तू जाएगा, पहले. मैंने कहा – तू जा. मेरा दिल बहुत जोर से धड़क रहा था और मेरा लंड खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा था. मुझे लग रहा था, कि आज तो बेजज्ज्ती होने वाली है. साली रंडी मेरे सामने चूत खोलकर पड़ी होगी और मेरा लंड खड़ा होने का नाम नहीं लेगा. मेरा भाई अन्दर चले गया और मैं अन्दर बैचेनी से इधर – उधर घूम रहा था. बहुत ज्यादा बैचेन था. मैंने अपने लंड को पकड़ रहा था. कस रहा था, कि किसी भी तरीके से ये खड़ा हो जाए.

फिर मेरा भाई अन्दर आया और बोला – चले जा. मैं अन्दर गया और देखा.. एक सांवली औरत पूरी नंगी बिस्तर पर पड़ी है. वो बोली – आ जा. फिर मैंने कपड़े पहन कर भी उसके ऊपर चढ़ गया. मेरे लंड ने अपने आप ही फुदकना शुरू कर दिया. मैंने लाइफ में पहली बार किसी नंगी औरत को अपने सामने देख रहा था. उसने पूछा – पहले नहीं किया. मैंने ना में सिर हिला दिया. फिर वो बोली – चल कपड़े उतार. मैंने एक ही बार में कपड़े उतार दिए और नंगा होकर उसके ऊपर चढ़ गया. मैंने उसको किस करना शुरू दिया. मैंने उसके कंधे पर किस करता रहा. फिर उसके होठो को बहुत देर किस करने के बाद, मैंने पीछे आया और मैंने कहा – चूस लू?

उसने कहा – तू चाहता है. मैंने कहा – हाँ. उसने कहा – मैं लंड नहीं चुसुंगी. मैंने कहा – ओके और फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथो से खोला और अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगा दिया और मस्ती में उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. कुछ देर चूत चाटने के बाद, उसकी गांड हिलनी शुरू हो गयी और उसने मेरे बालो को खीचना शुरू कर दिया और वो सिर को अपनी चूत में दबा रही थी. क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसके ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसकी चूत में अपने लंड को दबा दिया. उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट नहीं थी. गीली तो थी है, लेकिन शायद बहुत से लंड से चुदवा चुकी थी वो.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में धक्के मारना जारी रखा और उसके मुम्मो को दबा रहा था. उसने मुझे अपने मम्मे चूसने नहीं दिए. लेकिन मैंने उसके मम्मो को जी भर कर दबाया और उसके होठो को मस्ती में चूसा. मेरी गांड बहुत तेजी सी हिल रही थी और मेरा लंड फक फक फक फक फक फक फक की आवाज़ के साथ अन्दर बाहर हो रहा था. वो बोली – हुआ नहीं क्या तेरा? मैंने कहा – नहीं. वो बोली – लंड में दम है तेरे.. मैं मुस्कुरा दिया और बोला – अब मुझे तुझे डोगी स्टाइल में चोदना है और फिर वो कुतिया बन गयी और मैं उसके पीछे आ गया और अपने लंड को पीछे से उसकी चूत में डाल दिया.

मैंने अपनी गांड को जोर – जोर से हिला रहा था और मेरा लंड बहुत तेजी से अन्दर बाहर हो रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर अचानक से मेरी स्पीड बढनी शुरू हो गयी. मुझे लगा, कि आज मेरे लंड से लावा बहुत तेजी से बाहर निकलेगा. मुझे मुठ मारते टाइम, ऐसी फीलिंग नहीं हुई थी कभी और फिर २ मिनट के बाद, मेरे लंड ने अपना पूरा का पूरा लावा उसकी चूत में छोड़ दिया. एक एकदम से अपने दोनों घुटनों पर बैठ गयी (जैसे इंडियन स्टाइल में टट्टी करते है) और वहां पर पेशाब कर दिया. मेरा सारा माल उसके पेशाब के साथ बाहर आ गया. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुह में रख लिया और बोली. तुमने मुझे मस्त मज़ा दिया है, ला तेरा लंड चूसती हु.

उसने ५ मिनट में मेरे लंड को चूसकर फिर से खड़ा कर दिया और मैंने फिर से एक बार उसकी चूत की चुदाई की. जब वो झड गयी. तो मैंने अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रख दिया और मस्त बूब्स चुदाई की अपने माल को उसके बूब्स के बीच में छोड़ दिया. बहुत ही मज़ा आ गया था. फिर उसने अपने रुमाल से अपने शरीर को साफ़ किया और मैंने भी अपने कपड़े पहने. फिर हमने उसको पैसे दिए और वो चली गयी. भाई उसको छोड़ कर वापस आया और फिर मुझ से पेपर की तैयारी भी नहीं हुई.सारा टाइम उसके बारे में सोचते हुए निकल गया. लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी. कि मैं पास हो गया… पेपर में भी और चुदाई में भी… आपका पहले सेक्स अनुभव कैसे है? बंटाना जरुर मेरे साथ…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|