हेलो दोस्तों, मैं आज आप लोगों से अपनी कहानी शेयर कर रही हूँ जो मेरे साथ अभी कुछ समय पहले हुई एक सच्ची घटना है. वैसे आपको तो पता ही होगा औअरतो मर्दों से आठ गुना ज्यादा कामुक होती है मै भी हूँ मेरा नाम मिनाल है और मेरी उम्र 36 साल है.. लेकिन मैं अपने चहरे से लगती नहीं कि मेरी उम्र इतनी है. मैं बहुत खूबसूरत और सेक्सी औरत हूँ और मेरा बहुत अच्छा फिगर है. मेरे बूब्स बहुत बड़े बड़े है और जब भी मेरे पति को समय मिलता है.. वो हमेशा मुझे चोदते है और मेरे बूब्स से तो वो रोज़ ही खेलते है. जब भी मेरे पति घर पर रहते है.. तो मेरे बूब्स हमेशा व्यस्त रहते है. मेरे दो बच्चे है.. एक बेटी और एक बेटा, उनकी उम्र 8 और 14 साल है और हम देहरादुन के रहने वाले है.
एक दिन हमारे घर मेरे पति का भतीजा रहने आ गया.. वो हमारे घर अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के लिए गावं से आया.. क्योंकि गावं के आस पास में कोई भी अच्छा कॉलेज नहीं था और था तो बहुत दूरी पर था. उसका नाम शरद है वो करीब 22 साल का है.. लेकिन मेरे पास वो पहले भी रह चुका है.
जब हम गावं में अपने घर पर रहते थे.. लेकिन तब शरद बहुत छोटा था और उसकी उम्र लगभग 13-14 साल की थी और हमेशा वो मुझे घूरता रहता था. फिर जब मैं मेरी बेटी को दूध पिलाती तो उसकी नज़रे मेरे बूब्स से नहीं हटती थी.. उसने कई बार मेरे नंगे बदन को देखा है. हमारे घर में एक कमरा खाली है.. हमने उसे वहां पर रख लिया.
शरद मुझसे ज़्यादा बात नहीं करता था.. लेकिन उसकी नज़रे हमेशा मेरे बूब्स पर ही रहती थी. मुझे ज़्यादातर बिना कपड़ो के रहने की आदत थी और मैं घर पर पेटिकोट ही पहनती हूँ. शरद ज़्यादातर घर पर ही रहता था.. क्योंकि उनकी ज़्यादा क्लासेज नहीं होती थी और वो एक सप्ताह में दो, तीन दिन ही कॉलेज जाता था और दिन के वक़्त बस हम दोनों ही घर पर रहते है. वो गर्मियों के दिनों मैं हमेशा बिना टी-शर्ट के रहता था और मैं उसका नंगा बदन देखती थी.
एक बार मैं नहाने के बाद बाथरूम से निकली और मैंने अपने बूब्स पर सिर्फ टावल बांध रखा था और नीचे सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था और जब मैंने बाहर देखा तो शरद मेरे बेटे के साथ खेल रहा था और जब मैं उन लोगों की तरफ से गुज़री तभी अचानक मेरे बेटे ने मेरा पेटीकोट नीचे खींच दिया और पेटीकोट को बचाने के चक्कर में, मेरा टावल भी नीचे जमीन पर गिर गया और मेरा पूरा शरीर साफ साफ दिखने लगा. तभी मेरी नज़रे शरद की तरफ गयी और मैंने देखा कि उसकी आँखें मेरे बूब्स से हट ही नहीं रही थी.. क्योंकि मेरे बूब्स अब हवा मैं झूलने लगे थे और वो नीची निगाह से मेरी चूत के दर्शन भी कर रहा था और घूर रहा था और फिर मैंने पेटिकोट ऊपर खींच लिया.
तभी अचानक मैंने शरद के लंड की तरफ देखा.. उसका लंड मेरे नंगे जिस्म को देखकर खड़ा हो गया था और उसकी पेंट के ऊपर उसके लंड का आकार उभर आया था और मैं कुछ नहीं बोली और अपने रूम मैं चली आई. फिर एक रात शरद मैं और मेरे दोनों बच्चे टीवी देख रहे थे और तभी मेरा बेटा मेरी गोद में आ गया और वो मेरे बूब्स को दबा रहा था और उनसे खेल रहा था.
फिर धीरे से उसने मेरे ब्लाउज को खोल दिया और मेरे बूब्स पूरे नंगे हो गए और वो मेरे नंगे बूब्स को मसल रहा था.. लेकिन मैंने उसे नहीं रोका और फिर मैंने देखा कि शरद की आँखें टीवी पर नहीं मेरे बूब्स पर है. तो मैंने अपने बेटे से कहा कि अब बस कर देख तेरे भैया मेरे बूब्स घूर घूरकर देख रहे है.. तभी अचानक मेरा बेटा शरद से बोला कि भैया क्या आपने कभी इनका बूब्स दबाया है यह बहुत मज़ेदार है.. लेकिन शरद कुछ नहीं बोला बस चुप था और थोड़ी देर बैठकर अपने रूम में चला गया.
फिर एक दिन घर पर कोई नहीं था. सिवाए मेरे और शरद के.. मैं उस वक़्त सोकर उठी थी और मैं शरद के रूम मैं गयी.. उसके रूम का दरवाज़ा खुला था और जब मैंने अंदर जाकर देखा तो शरद मुठ मार रहा था. वो अपने लंड को अपने एक हाथ में पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और पहली बार मैंने उसका लंड देखा.. वो बहुत बड़ा था और फिर शरद ने भी मुझे देख लिया और मेरी नज़रे बस उसके लंड पर ही थी.. लेकिन उसने झट से अपनी अंडरवियर में लंड को डाल लिया और मैं उससे कुछ ना कह सकी बस चुपचाप चली आई.
फिर एक बार मैंने ध्यान दिया कि बाथरूम से कई बार मेरी ब्रा पेंटी गायब रहती है और मेरा शक सीधे शरद पर ही था और एक बार मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया.. वो मेरी ब्रा को तकिये पर पहना के उसके ऊपर से दबा रहा था और साथ में मुठ मार रहा था. तो मैं सीधे अंदर गयी और उसे बहुत डांटा.. लेकिन उसने अचानक मेरे बूब्स को मेरे ब्लाउज के ऊपर से दबाया और मुझे अपने बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर खुद चड़ गया और उसने अपना लंड मेरी नाक में सुंघाया.
तो मैंने उसे पीछे धकेला और चिल्लाने लगी.. तभी वो मुझसे आग्रह करने लगा कि वो मुझे एक बार चोदना चाहता है और मैं उसकी बात मान जाऊँ.. लेकिन मैं नहीं मानी और मैं वहाँ से चली गई. फिर कुछ देर बाद वो मेरे रूम में आया और फिर आग्रह करने लगा. तब मैंने यह सब बातें उसके चाचा को बताने की धमकी दी और वो फिर से माफी माँगने लगा. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
उस दिन के बाद से हम दोनों की थोड़ी भी बात नहीं होती थी. फिर एक रात मुझे सपना आया जिस में वो मुझे बहुत चोद रहा था. उसके बाद कई बार वो मेरे सपनों में आने लगा.. उसके लंड की तस्वीर मेरे मन में बस गयी थी और मैं उसके लंड को देखना चाहती थी.. लेकिन मैं उससे ल नहीं पा रही थी. फिर एक दिन में उसके रूम मैं गयी और उससे अपने रूम को साफ करने में मदद माँगी.. तो वो झट से मेरे रूम मैं आ गया.
उस दिन घर पर कोई भी नहीं था.. फिर कुछ ही मिनट साफ सफाई का काम करके मैंने अपना ब्लाउज उतार दिया और मेरे बूब्स उसके सामने लटकते हुए दिखने लगे. मैंने अपनी ब्रा पहनी और टावल लपेटा और पेटीकोट पहन लिया और अब उसकी नज़रे मुझ पर ही टिकी थी.. तो मैंने उसे एक स्माईल दी और अब शायद वो समझ गया था कि मैं उससे क्या कहना चाहती हूँ.
तो उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और मेरे होठों को चूमने लगा और मैंने भी उसे जवाब दिया.. मैंने उससे कहा कि मैं तेरे लंड की दीवानी हो गयी हूँ. तो उसने मेरी ब्रा उतारी और दूर फेंक दी और मेरे बूब्स को चूसने लगा.. बिल्कुल अपने चाचा की तरह वो भी मेरे बूब्स से खेल रहा था और उसने मेरे बूब्स को बहुत दबाया और अपने लंड को निकालकर मेरे चेहरे के सामने रख दिया. तो मैंने उसके लंड को बहुत देर तक देखा और फिर वो बोला कि चूसो मेरे लंड को.
मैंने उसके लंड को अपने मुहं में लिया और बहुत देर तक चूसा.. उसके बॉल्स तक को नहीं छोड़ा. फिर वो मज़े लेते हुए बोला कि वो मुझे बचपन से चोदना चाहता था और उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया और अपना मुहं चूत तक ले गया और चूत चाटने लगा. उसने जैसे ही मेरी चूत पर अपनी जीभ रखी.. मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और मैं सिसकियाँ भरने लगी. फिर उसने चाट चाटकर मेरी चूत को गीला कर दिया और करीब दस मिनट के बाद मैं झड़ गई और वो मेरा सारा रस चाट गया. फिर वो एकदम से उठा और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा और फिर उसने लंड को चूत पर रखा और एक ही धक्का देकर चूत में लंड डाल दिया और उसने मुझे बहुत देर तक ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा.
मैं उसके नीचे बेबस पड़ी थी. वो मेरी आँखों में आँखें डालकर चोद रहा था और मैं उससे आँखें नहीं मिला पा रही थी और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद वो पहली बार झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में डाल दिया. फिर उसने अंत में मेरी एक बार गांड भी मारी और उस दिन के बाद कई बार हम दोनों ने चुदाई की. मैं उसकी चुदाई से बहुत खुश थी.
मुझे अब दो दो लंड मिल रहे थे.. कभी रात मैं मेरे पति का तो कभी दिन दोपहर में उसका .. लेकिन उनकी पढ़ाई खत्म होने के बाद वो मेरे पास से चला गया और मैं फिर से प्यासी रह गयी.. लेकिन उसके एक साल बाद एक पंजाबी मास्टर को हमने हमारे घर पर अपने बेटे की पढ़ाई के लिए बुला लिया.
उसकी उम्र करीब 28 या 30 साल की थी और वो लंबा और दाढ़ी वाला था.. वो शायद शुरू से ही मेरी सुन्दरता पर फिदा हो गया. फिर जब भी दिन को दो बजे वो मेरे बेटे को पढ़ाने आता तो किसी ना किसी तरह मुझसे बात करता था. फिर क्या कुछ दिनों के बाद पढ़ाई कम और हम दोनों की बातें ज़्यादा होने लगी और अब वो मुझसे मज़ाक भी करने लगा था. वो शादीशुदा नहीं था और वो मेरी बहुत तारीफ किया करता था और वो कहता था कि मैं बहुत सेक्सी हूँ. काश उसे भी मेरे जैसी बीवी मिले.
फिर कुछ दिन बाद वो हमेशा एक घंटा पहले घर आने लगा.. लेकिन जब तक मेरा बेटा स्कूल से ही वापस नहीं आता था और मुझे भी वो अब अच्छा लगने लगा था.. लेकिन वो कुछ दिनों के लिए गायब हो गया और मैं उसे बहुत याद करने लगी. तो मैंने अपने पति से अपने बेटे की पढ़ाई का बहाना बनाकर उसके नंबर लिए और उसे कॉल किया. मैंने उससे पूछा कि कहा हो आप और घर क्यों नहीं आते? तो उसने कहा कि मैं कुछ जरूरी काम से बाहर गया था और मैं कल से आ जाऊंगा.
तो अगले दिन से वो आया और मैंने उसका हाल पूछा तो उसने मुझे फ्लर्टी अंदाज़ मैं जवाब दिया कि क्या मेरी याद आ रही थी? फिर मैंने भी उसे सीधा सीधा जवाब दिया कि हाँ आ रही थी.. इसलिए तो पूछ रही हूँ. दूसरे दिन वो दो घंटे पहले आया और करीब आधा घंटा साथ बैठने के बाद उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.. लेकिन मैं कुछ नहीं बोली और उसने मेरा इशारा पाकर मेरे होठों को सीधा किस किया..
उस समय घर पर दिन में कोई भी नहीं था और फिर मैंने उससे पूछा कि आप यह क्या कर रहे हो? तो वो मुझसे सॉरी बोला और फिर बातों बातों में मुझे मना ही लिया. फिर वो दूसरे दिन करीब एक घंटा पहले आया.. उस वक़्त मैं बाथरूम से टावल पहनकर निकली थी. उसने मुझे देखा और फिर मुझसे बोला कि तुम बहुत सेक्सी हो और वो मेरे थोड़ा करीब आया और फिर मुझे किस किया. इस बार मैंने भी उसके किस का जवाब दिया और फिर हम दोनों ने बहुत देर तक किस किया.
तो मैंने उससे बोला कि बस और अपने रूम में चली आई. जैसे ही मैंने अपना टावल हटाया और ब्रा पहनी तो वो वहां पर आ गया और मुझे अपनी और खींचा और मेरे बूब्स दबाने लगा.. अब मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था और मैंने उससे कुछ नहीं कहा और उसने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे निप्पल को चूसने लगा. उसने मेरी गांड पर बहुत थप्पड़ मारे और अपना लंड बाहर निकाला. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
तभी उसका लंड देखकर तो मैं हैरान रह गई.. बाप रे इतना बड़ा लंड.. मेरे पति से डबल साइज़ और मैं कामुक होकर उसके लंड को चूसने लगी और तभी इतने में मेरा बेटा स्कूल से घर आ गया और हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और उसने मेरे बेटे को कहा कि बेटा आज पढ़ाई नहीं होगी.. तुम अपने दोस्त के यहाँ पर खेलने चले जाओ. फिर क्या मेरा बेटा बहुत खुश होकर कुछ समय बाद अपने एक पड़ोस वाले दोस्त के घर पर चला गया और हम फिर से शुरू हो गये.
फिर मैंने उसका लंड चूसा.. मुझे उसका लंड चूसने मैं बड़ा मज़ा आ रहा था और मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी और वो मुझ पर कोई रहम नहीं कर रहा था और वो मुझे गालियां भी देने लगा.. साली रांड तेरे बेटे के सामने तुझे चोदने का मन कर रहा था.. लेकिन मैं बहुत मजबूर था. आज मैं तेरी चूत फाड़ दूँगा और तुझे मेरी रंडी बनाऊंगा.. साली दो बच्चो की माँ होकर चुदवाती है. रुक आज मैं तेरी चूत ठंडी करता हूँ. फिर उसने मुझे लेटाया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर एक ज़ोर का धक्का देकर घुसा दिया. मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. क्योंकि पहली बार इतना बड़ा लंड मेरी चूत में घुस रहा था.
फिर उसने मेरी बहुत चुदाई की और थोड़ी देर बाद मैं उसके लंड को सहन ना कर सकी तो मैं रोई बहुत चिल्लाई उससे भीख माँगी.. लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी और मेरी बहुत देर तक चुदाई हुई और उसने ठंडा होकर मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया. दूसरे दिन फिर वो आया.. लेकिन मैंने उसे चुदाई के लिए साफ मना कर दिया.. लेकिन उसने मुझे जबरदस्ती गोद मैं उठाया और मुझे मेरे रूम में ले जाकर पूरा नंगा किया और चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद मैं भी चुदाई के मजे लेने लगी. दोस्तों उसके बाद उसने मुझे हर दिन चोदा और मैं उसके लंड की प्यासी हो गई. मुझे उसका लंड अच्छा लगने लगा और उसने मुझे बहुत दिनों तक चोदा ..