दोस्तो, मेरा नाम रोहन (काल्पनिक नाम) है। मेरा कद 6 फुट है और यकीन जानिए कि शक्ल से मैं एकदम चिकना लौंडा दिखता हूँ। मैं जो Meri Pahli Chudai की कहानी आपको सुनाने वाला हूँ वो एकदम सच है.. काल्पनिक नहीं है।
यह कहानी मेरे स्कूल के दिनों की है.. जब मैं 12 वीं क्लास में था। मैं हमेशा से ही एक हँसमुख लड़का था।
मेरे स्कूल में एक मैडम जिनका नाम सरिता था, वो मुझको बहुत सेक्सी लगती थीं।
मैडम के बारे में अगर बात करूँ.. तो उनका फिगर मुझे बहुत कामुक लगता था, उनके मम्मों का साइज़ 34 इंच का था, उनका रंग एकदम दूध के जैसे गोरा था।
जवानी में कदम रखने वाले हर लड़के की कुछ अपनी अलग ही दुनिया होती है.. जिसमें वो खोया सा रहता है।
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था। मुझे हमेशा से ये लगता कि काश एक बार सरिता मैडम का दूध पीने को मिल जाए जो बॉडी बन जाए। मैं उनकी जवानी की याद में मुठ भी मारा करता था।
एक दिन अचानक ऊपर वाला मुझ पर मेहरबान हो गया। मैं मेरी फैमिली के साथ घूमने नैनीताल जा रहा था.. इसलिए मुझे स्कूल से कुछ दिन की छुट्टी चाहिए थी।
मैं एप्लिकेशन लेकर प्रिन्सिपल के पास गया.. लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
मैंने देखा कि सरिता मैडम प्रिन्सिपल की टेबल में से कुछ रुपए निकाल रही हैं।
मैंने उनको ऐसा करते देख लिया और उनको जाकर बोल दिया- मैं आपकी शिकायत प्रिन्सिपल से करूँगा कि आपने उनकी टेबल से पैसे चुराए हैं।
ऐसा कहने पर उन्होंने मुझे रोक लिया और मुझे स्टाफ रूम में ले गईं।
जब मैं स्टाफ रूम में गया तो वे मुझसे बोलने लगीं- चल पैसे आधे-आधे कर लेते हैं.. लेकिन किसी को कुछ मत बताना।
मैंने उनकी एक भी बात नहीं मानी और वहाँ से चला गया।
मैं फिर अपनी फैमिली के साथ घूमने चला गया। जब मैं वापस आया तो सरिता मैडम ने मुझे अपने स्टाफ रूम में बुलाया और बोलीं- तुम प्लीज़ किसी को कुछ मत बताना।
वो मुझे पैसे का लालच देने लगीं.. लेकिन मैं नहीं माना।
मैंने उनको बोला- अगर आप सच में चाहती हो कि मैं किसी को कुछ ना बोलूं तो आपको मेरा एक काम करना होगा।
मेरे ये कहने पर वो बोलीं- ठीक है तू जो भी बोलेगा.. मैं करूँगी।
मैंने कहा- ठीक है बता दूँगा।
दो दिन बाद मेरे स्कूल में वार्षिक दिवस था.. इसलिए सब लोग प्लेग्राउंड में थे और मेन बिल्डिंग में कोई नहीं था। मैंने सरिता मैडम को इशारे से तीसरी मंज़िल पर आने को कहा।
तीसरी मंज़िल पर आने के बाद हम लोग एक ऐसे कमरे में घुस गए.. जहाँ पर स्कूल का कबाड़ा और पुराना फर्नीचर पड़ा रहता था।
उस स्टोर में अन्दर जाकर मैंने कुंडी लगा दी और मैडम को कोने में चलने को कहा।
क्योंकि रूम बहुत बड़ा था.. इसलिए हम दोनों रूम में बहुत अन्दर जाकर बैठ गए।
मैडम ने मुझसे पूछा- यहाँ मुझे क्यूँ लेकर आया है?
मैंने उनको बोला- मैं आपको छू कर देखना चाहता हूँ बस।
वो मुझ पर नाराज़ होने लगीं.. पर जब मैंने उनको उनकी चोरी की बात सबको बताने की धमकी दी.. तो वो मान गईं, वो मुझसे बोलीं- इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए।
मैं मान गया।
वो बोलीं- जो भी करना है.. जल्दी करो।
मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया और दूसरा हाथ उनकी कमर पर रख दिया।
वो कुछ नहीं बोलीं।
फिर मैं उनके पीछे आ गया और उनके पेट को मसलने लगा। मैंने अपना एक हाथ उनके गोल-मटोल मम्मों पर रख दिया..तो वो बोलीं- प्लीज़ ये मत करो।
लेकिन मेरा लंड खड़ा हो चुका था, मैंने उनकी बात को अनसुना करते हुए उनके दूधों को दबाना शुरू कर दिया जिससे कुछ ही पलों में वो भी गरम हो गईं।
मैंने उनकी साड़ी की पिन उनके ब्लाउज से निकाली और उनको अपनी बांहों में लेकर ज़मीन पर लेट गया। मैंने उनके होंठों पर एक किस किया।
तो बोलीं- रोहन मैं तो 30 साल की हूँ.. तू अभी नया छोकरा 18 साल का है.. तू मेरी प्यास कैसे बुझाएगा?
मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और साड़ी भी उतार दी।
अब वो ब्रा और पेटीकोट में मेरे पास लेटी हुई थीं। मैंने उनका एक हाथ लिया और अपने लंड पर रख दिया।
मैं बोला- मेरी चैन खोलो और अपना हाथ अन्दर डालो।
उन्होंने वैसा ही किया.. मेरे लंड को कसके पकड़ लिया और हिलाने लगीं। मेरा तब लंड 6″ लंबा था.. अब तो और लंबा हो गया है।
मैंने उनकी ब्रा खोली और उनको बोला- आज आप अपने दूध अपने हाथ से पिलाओ।
उन्होंने मुझे छोटे बच्चे की तरह अपनी गोद में लिटाया और एक हाथ अपना चूचा मेरे मुँह में डाल दिया।
बोलीं- पी.. मेरी जान.. जितना मर्ज़ी पी ले.. आज मेरे निप्पल को चूस-चूस के लाल कर दे।
उनका दूसरा हाथ उसका मेरे लंड को लगातार हिला रहा था।
मेरे जी भर के दूध पीने के बाद वो बोलीं- मेरी जान अब मेरी प्यास भी तो बुझा दे।
मैं बोला- मुझे सेक्स करना नहीं आता।
वो बोलीं- तो कुछ मत कर.. मैं सब सिखा दूँगी।
उन्होंने मुझे नंगा किया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं।
अब वो और मैं दोनों पूरी तरह नंगे हो चुके थे। वो थोड़ी देर बाद मेरे ऊपर ऐसे बैठ गईं कि उनका भारी वजन मुझ पर आ गया।
मुझसे उनका भारी जिस्म नहीं सध रहा था.. पर मैं लेटा रहा।
उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों से आगे-पीछे करके अपनी चूत में फिट कर लिया और हिलना शुरू कर दिया। उनके मोटे-मोटे दूध मेरे मुँह पर टक्कर मार रहे थे और मेरा लंड उनकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।
हम लोगों ने करीब आधा घंटा ठीक से चुदाई की और आधा घंटा एक-दूसरे के साथ नंगे हो कर लेटे रहे। मैंने उनके दूधों से खेलता रहा और वो मुझे प्यार से चूमती रहीं.. जैसे उनकी भी कोई अधूरी हसरत पूरी हो गई हो।
उस दिन के बाद से हम दोनों ने कभी उनके घर पर.. कभी स्कूल में.. खूब चुदाई की और वो मुझे बाकी टीचर से बोल कर सब सब्जेक्ट मैं पास करवा देती थीं।
मैं आशा करता हूँ कि आपको Meri Pahli Chudai की कहानी पसंद आई होगी।
आप मुझे अपनी राय मेरी ईमेल loganxmen08@gmail.com पर भेज सकते हैं।