मेरे पति ने मुझे रंडी बनाकर दोस्तों से चुदवाया चल कुतिया बन!! गांड खोल और चल मेरा लौड़ा चूस ऐसे चिल्ला रहे थे वो :- रानी

मेरे पति ने मुझे काई बार आवारागर्दी करते हुए पकड़ा था। ‘रानी ! सुधर जा, वरना मैंने तुझे घर से निकाल दूँगा’ मेरा मर्द बार बार कहता था। पर मैं अपनी आदतों से बाज नही आई। मैंने करीब करीब अपने मोहल्ले के हर मर्द से चुदवाया था। एक दिन हद हो गयी। मेरा मर्द अपने काम पर गया हुआ था। मैं एक गैर मर्द से चुदवा रही थी की इतने में मेरा मर्द आ गया। मेरी चोरी पकड़ी गयी। मेरे पति ने मुझे रंगे हाथों गैर मर्द से चुदवाते पकड़ लिया था। फिर उस दिन उसने मुझे घर से बाहर निकाल दिया।
मेरा कई यार थे। सर्वेश, राहुल, ननके, रामबाबू, जफर, शेख। 

काई लोगों से मैं चुदवा चुकी थी। 

पर राहुल मेरा सबसे खास यार था। 

जब मेरे पति ने मुझको घर से बाहर निकाल दिया तो मैं बस स्टॉप आ गयी।

मेरा पास ना पैसे थे, ना कोई फोन था जिससे मैं अपनी माँ को फोन कर सकूं। मैं अपने यारों के बारे में सोचने लगी। अंत में मैंने फैसला किया की राहुल के घर चलना चाहिए। ये सोचकर मैं राहुल के घर पहुच गयी। उसका घर बहुत छोटा सा था। उसकी बीबी ने दरवाजा खोला।

मुझे राहुल जी से मिलना है ! मैंने कहा

वो मुझे अंदर ले गयी। कुछ ही देर में उसे पता चला की मेरा उसके पति राहुल से नाजायज चुदाई का रिश्ता है। ये जानकर उसकी पत्नी राहुल से झगड़ने लगी। पर उसके लाख विरोध करने पर ही राहुल ने मुझे रहने के लिए के कमरा दे दिया। राहुल की पत्नी सुनन्दा जल भून के राख हुई जा रही थी। मैं उसकी सौत थी और उसके घर में ही रह रही थी। पर राहुल ने उसे किसी तरह संभाल रखा था। जब रात के १२ बजे तो राहुल मेरे पास आया।

“रानी !! अरी ओ रानी!! दरवाजा खोल वो बोला”

अपने यार की आवाज मैंने एक बार में पहचान ली। मैंने दरवाजा खोला तो राहुल ने मुझे सीने से लगा लिया। मैं उससे गले लग के फुट फुट के रोने लगी।

रानी !! रो मत! मुझे पूरी बात बता! मैंने कहा

मैं एक मर्द से चुदवा रही थी की मेरा मर्द घर लौट आया और उसने मुझे उस गैर मर्द से चुदते देख लिया और हमेशा हमेशा के लिए घर से बाहर निकाल लिया। अब मैं कहाँ जाऊं। मेरा इस शहर में और कोई नही है ’ मैंने कहा।

तुमको चिंता करने की कोई बात नही। तुम यही रह सकती हो। मैं तुमसे आज भी प्यार करता हूँ। मैं तुमसे शादी करूँगा। तुम यही रहो। मैं तुमको रखूँगा! राहुल बोला सुनन्दा का बुरा हाल था। पर इससे राहुल पर कोई असर नही था। राहुल की पत्नी बहुत बवाल करती रही पर मेरे पुराने यार राहुल ने २ दिन बाद पास के मंदिर में जाकर मुझसे प्रेम विवाह कर लिया। आज हमारी सुहागरात थी। मैं कमरे में थी और शादी का जोड़ा पहने हुई थी। अपनी सौत को देख देख कर राहुल की पत्नी का बुरा हाल था। रात हो गयी। राहुल ने सफ़ेद कुरता पजामा पहन रखा था। मै बहुत खुश हुई। आज हमारी सुहागरात थी। राहुल मेरे पास आकर बैठ गया। मैं अपने पुराने मर्द से खूब चुदी थी, पर आज राहुल से शादी करके मैं बिल्कुल फ्रेश दुल्हन लग रही थी।

राहुल मेरे होंठो को चूमने लगा। धीरे धीरे उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी बीबी सुनन्दा बाहर तरह तरह का शोर मचाती रही, पर इससे मेरे पुराने यार राहुल पर कोई असर नही पड़ा था। मुझे याद है की मेरे पुराने यार में राहुल की था जो मुझे कसके चोदता खाता था। उसकी चुदाई में मैं माँ माँ चिल्लाने लग जाती थी। यही सोचकर मैं उसके पास आई थी। अब राहुल और मैं पति पत्नी बन चुके थे। आज सुहागरात पर राहुल मेरे होंठ पीने लगा। मैं भी उसके होंठ पीने लगी। धीरे धीरे उसने मेरे ब्लौस खोल दिए। मेरी ब्रा भी उसने निकाल दी। राहुल मेरे दूध पीने लगा। मैं भी मस्त हो गयी। उधर राहुल की बीबी सुनन्दा कोहराम मचाये हुई थी। पर राहुल बेफिक्र था। वो मजे से मेरे दूध पी रहा था।

 मेरे पहले पति ने मेरे दूध खूब पिए थे, पर आज भी मेरे चुच्चे मस्त मस्त गोल गोल थे। मेरा नया पति राहुल मजे से मेरे दूध पी रहा था। फिर धीरे धीरे उसने मेरा शादी का जोड़ा निकाल दिया। मेरी पैंटी भी निकाल दी। राहुल बड़े ही रंगीन और रंगीले मिजाज का आदमी थी। उसने हमारी सुहागरात के लिए पुरे कमरे को अच्छे से सजाया था। पुरे कमरे में उसने तरह तरह के रंगों वालो दिल के आकार के गुब्बारे लगा रखे थे। बेड को उसने गुलाब के फूलों से सजा दिजा था। मैं अपने नए पति के साथ सुहागरात मना रही थी। राहुल के सामने अब मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। उसने मेरी दोनों छातियों को खूब दांत से चबाचबा कर पिया। मुझे बड़ी मौज आई।फिर उसने अपना लौड़ा लिया और मेरे दोनों मस्त मस्त गोल गोल दूध के बीच के रख दिया। दोनों मम्मों को उसके आपस में जोर से दबा लिया और अपने बड़े से लौड़े से वो मेरी दोनों छातियों को चोदने लगा। मैं सुख सागर में डूब गयी। मेरे पुराने पति ने मुझे इस तरह कभी नही चोदा था। राहुल मेरे गोरे गोरे मखमली पेट पर बैठ गया और मेरे चुच्चे चोदने लगा। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। ऐसा सुख मुझे कभी प्राप्त नही हुआ था। करीब आधे घंटे तक मेरा नया पति राहुल मेरी दोनों छातियों को चोदता रहा। उसके बाद वो मेरे मखमली गोरे गोरे उजले पेट को चूमने लगा। फिर उसने मेरी नाभि चूम ली। अब मेरा नया पति राहुल मेरी चूत पर आ गया। मेरी चूत बड़ी मस्त थी। राहुल ने अपनी दोनों उँगलियों से मेरे भोसड़े को खोला तो हंस पड़ा

हाँ, वो हरामी मुझे हर रात लेता था। मुझे पेल पेल के उसने मेरी बुर में बुरादा भर दिया’ मैंने कहा

कोई नही !! तुम जैसी भी हो मुझे पसंद हो। तुम्हारी चूत इतनी फटी हुई है फिर मैं तुमको अपनी दूसरी बीबी का दर्जा दूँगा’ राहुल बोला

वो मजे से मेरी चूत पीने लगा। अपनी खुदरी जीभ से मेरा नया पति राहुल मेरे भोसड़े को पी रहा था। मैं मचल रही थी। मुझको तो जैसे जन्नत मिल रही थी। राहुल ने अपने दोनों अंगूठे से मेरा भोसड़े की एक एक कलि खोल दी थी और मेरी बुर को वो खा रहा था। मैं आनंद के सुख सागर में डूब गयी थी। बड़ी देर तक राहुल मेरा भोसड़ा पीता रहा। मैं खूब मजे लिए। फिर उसने अपने सब कपड़े निकाल दिए और बड़े से लौड़े को उनसे मेरे भोसड़े पर रख दिया और मुझे चोदने लगा। मेरी पुरानी शादी ४ साल चली। अब मेरा नया पति राहुल मेरी बुर का सेवन कर रहा था। राहुल का लौड़ा मेरे पुराने पति के लौड़े से बड़ा था और साइज में दोगुना था। मैं किसी कबूतरी के तरह अपने दोनों पैरों को हवा में उठा रखा था। क्यूंकि औरत चाहे अमरीका की हो या हिंदुस्तान थी, जब लौड़ा खाती है तो दोनों पैर हवा में जरुर उपर उठा लेती है।

ठीक इसी तरह आज अपनी सुहागरात पर मैंने भी अपने दोनों पैर हवा में उठाये हुए थे। राहुल मुझे धचाक धचाक पेल रहा था। उसके ताबड़तोड़ धक्कों से पूरा बेड चर चर की आवाज कर रहा था। मैं राहुल के समक्ष नन्गी थी। मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था। वो मुझे पेल रहा था। मैं उससे पेलवा रही थी। वो मुझे चोद रहा था। मैं चुदवा रही थी। राहुल की पहली औरत सुनन्दा मारे गुस्से के घर के बर्तन उठा उठा के पटक रही थी। हम दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे। हम दोनों जिंदगी का मजा उठा रहें थे। आधे घंटे तक राहुल ने मुझे चोदा और फिर अपना गरम गरम माल मेरे भोसड़े में ही छोड़ दीया। फिर वो मेरी बुर पीने लगा। राहुल ने अपनी ३ ऊँगली मेरी योनी में डाल दी, और जोर जोर से मेरी चूत वो मथने लगा। मेरी बुर में कम्पन होने लगा। लगा जैसे ना जाने क्या हो जायेगा।

 

राहुल जोर जोर से मेरी चूत अपनी ३ उँगलियों से मथ रहा था। मुझे बड़ी तेज मेरे भोसड़े में सनसनी हो रही थी। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। इसके साथ ही बड़ी जोर की उत्तेजना भी हो रही थी। मेरी कमर, दोनों पुट्ठे और मेरा पिछवाड़ा ओय्गेश के ऊँगली चोदन से काँप रहा था। मेरी कमर खुद ब खुद नाच रही थी। राहुल बड़ी उत्तेजना ने मेरी बुर अपनी उँगलियों से मथ रहा था। मैं जन्नत के मजे ले रही थी। मेरी बुर से पनीली फच फच की आवाज आ रही थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी। उधर बाहर राहुल की पहली बीबी सुनन्दा मुझे तरह तरह से कोस रही थी और तरह तरह की गालियाँ दे रही थी। पर हम चुदाई में अंधे हो चुके राहुल और मुझपर कोई असर नही था। तभी अचानक राहुल बिजली की रफ्तार से मेरी बुर को मथने लगा। मैं कांपने लगी। वो मथता रहा, फिर बड़ी देर बाद मेरी बुर से गरम गरम सफ़ेद रंग की क्रीम निकली। वो मेरी चूत का पानी था।

राहुल ने तुरंत अपना मुँह मेरे भोसड़े पर लगा दिया और मेरी चूत से निकले मीठे गरम पानी को वो पी गया। मैं आनंद सागर में डूब गयी। फिर राहुल मेरे पेट पर बैठ गया और मेरे मुँह में अपना लौड़ा उसने डाल दिया।

रानी !! चल मेरा लौड़ा चूस!! वो बोला

मैं अपने पति की आज्ञा तुरंत मान गयी। मैंने तुरंत उसका लौड़ा चूसना शुरू कर दिया। मेरा पहला पति बिल्कुल लल्लू टाइप का था। वो कभी भी मुझसे लंड नही चुसवाता था। पर मेरा नया पति को लंड चुसवाना बहुत पसंद था। मैं बड़ी शिद्दत से अपने पति राहुल का लौड़ा चूसने लगी। मैं हपर हपर करके उसका लौड़ा अपने मुँह में गले की गहराई तक लेकर चूसने लगी। मैं उसकी दोनों गोलियों को भी मुँह में लेकर चूस रही थी। मेरे नए पति राहुल का लौड़ा खूब मोटा और खूब लम्बा था। मैं मजे से वो चूस रही थी। मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ राहुल के लौड़े पर फिसल रहें थे। उसका सुपाड़ा बहुत बड़ा, बहुत गुलाबी और बहुत सुंदर तक। बड़ी देर तक मैं राहुल का लंड चुस्ती रही।

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रानी!! चल कुतिया बन!! राहुल बोला

अपनी सुहागरात पर मैं अपने नए पति का आदेश तुरंत मान गयी। मैं तुरंत कुतिया बन गयी। मेरा पुराना मर्द चुदाई में बहुत पीछे था। वो हफ्ते में सिर्फ २ बार ही मुझे लेता था। पर अब सब ठीक था। राहुल मुझे रोज चोदेगा और मेरी चूत की आग और गर्मी को शांत कर देगा। मैं जानती थी। जब मैं कुतिया बनी तो राहुल को मैं बहुत सुंदर लगी। वो मेरे पीछे आ गया। खरबूजे की तरह मेरे सफ़ेद गोल गोल चूतडों को वो हर जगह चूमने लगा। सच में मेरे चूतड़ बहुत आकर्षक थे। बिल्कुल लाल लाल खुर्बुजे की तरह थे। राहुल ललचा गया। उसने झुक पर मेरे चूतडों पर किस कर दिया। उसके बाद राहुल ने मेरी गाड़ पी और फिर गांड मारी।

अगले दिन सुबह तक मैं ८ ९ बार चुद चुकी थी। सुबह होने पर राहुल की पहली पत्नी सुनंदा मेरे उपर बहुत क्रुद्ध थी।

‘राहुल!! अगर तूने इस रंडी को यहाँ से नही निकाला तो मैं अपने बच्चों को लेकर यहाँ से चली जाऊँगी और फिर कभी नही नहीं आऊँगी!’ सुनंदा बोली। राहुल कुछ नही बोला। शाम को सुनंदा अच्छी तरह समझ गयी की राहुल में मेरी नई चूत का स्वाद लग चूका है। फिर वो अपने बच्चों को लेकर अपने मायके चली गयी। इस रात को मैं और राहुल घर में अकेले थे। मेरा नया आशिक राहुल बजार से बकरे का गोश और शराब लेकर आया। मैंने उसके लिए मीट बनाया। फिर रात होने पर हम मियां बीबी अकेले हो गये। मैं एक बार फिर से चुदासी हो रही थी। ‘राहुल!! मेरी जान चोद आकर मुझे’ मैंने कहा। मैंने कपड़े निकाल दिए। राहुल के सामने मैं बिलकुल नंगी होकर माधुरी दीक्षित की तरह नाचने लगी। आज मैंने अपने सारे अरमान पुरे कर लिए। मैंने अपने लम्बे लम्बे खुबसूरत बाल खोलकर गोल गोल घूमकर नाच रही थी। मेरी मस्त मस्त चुचियाँ हिल रही थी। मेरा पांव थिरक रहे थे। मेरे कुल्हे मटक रहे थे। मेरी चूत गीली हो रही थी। मेरे ओंठो पर मुस्कान नाच रही थी। आज मैंने अपने नये आशिक को नंगे नंगे ही नाच के दिखाया।

फिर रात के १२ बज गये। मैं राहुल के साथ बिस्तर पर आ गयी। वो मेरी चुचि पीने लगा। मुझे फिर से बड़ा मजा आ रहा था। राहुल हपर हपर करके मेरे दूध पीने लगा। फिर वो मुझे चोदने लगा। दोस्तों अब तो ऐसा लगता था की मैं उससे चुदने के लिए ही बनी हूँ। वो फटा फट मेरी चूत मारने लगा। ‘चोद चोद!! राहुल! मेरे आशिक मुझे अच्छे से सच्चे मन से चोद!’ मैंने कहा। राहुल और जोश में आ गया और जोर जोर से फटर फटर करके मुझे खाने लगा। आज रात बड़ी ख़ास थी। क्यूंकि मैंने उससे कह रखा था की वो सिर्फ मेरी चूत मारने में ध्यान लगाये। वो इतना चोदे की मेरी प्यास पूरी तरह बुझ जाए। इसलिए दोस्तों, राहुल सिर्फ और सिर्फ मेरी चूत मारने में ही दिमाग लगाने लगा। मेरी चूत के सुराग में उसका मोटा लौड़ा अच्छे से कायदे से अंदर तक जा रहा था। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। फिर राहुल मेरी चूत पर और जादा मेहनत करने लगा। गचागच मुझे चोदने लगा। मेरी दोनों बड़ी बड़ी छातियाँ हिलने लगी। फिर राहुल झड गया। राहुल की बीबी सुनंदा के जाने के बाद हम दोनों अकेले थे और किसी तरह की कोई पाबंदी नही थी। हमको कोई अब रोकने टोकने वाला भी नही था। राहुल के बच्चों के सामने मुझे चुदवाने में बड़ी शर्म आती थी। बच्चे जानते थे की मैं राहुल की रखैल हूँ।

‘रानी!! तू बोल तो तेरे लिए २ नए लौड़े का इंतजाम कर दूँ। मेरे २ दोस्त तुझे चोदेंगे। सोच तुझे कितना मजा आएगा। जवानी में ऐश करले वरना एक दिन तो मर ही जाना है!’ राहुल बोला। मैं मान गयी। रात को राहुल अपने २ दोस्तों को लेकर घर आ गया। बारी बारी वो मुझे रात भर चोदते रहे। उसके बाद दोस्तों मैं पूरी तरह से राहुल की रखेल बन गयी। और महीने में ३ बार उसके दोस्तों से भी चुदवाने लगी सिर्फ और सिर्फ मजे के लिए। ये कहानी आपको कैसी लगी रियल कहानी डॉट कॉम पर अपनी कमेंट्स लिखना ना भूलें।

मेरे चूत का उद्घाटन
 मैं दिल्ली में रहती हूँ और मेरा नाम रबीना है। मेरी उम्र अभी केवल 18 साल है और में इकलौती हूँ। मेरी माँ अभी केवल 35 साल की है, मेरे छोटे मामा अक्सर हमारे घर आया करते है और वो ज़्यादातर मम्मी के कमरे में ही घुसे रहते है। मुझे पहले तो कुछ नहीं लगा, लेकिन एक दिन में जान ही गयी कि मम्मी अपने छोटे भाई यानि मेरे मामा से ही मज़ा लेती है। अब मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, लेकिन उन दोनों को देखकर अजीब सा मज़ा भी मिला। अब में जान गयी थी कि मम्मी अपने भाई से फंसी है और वो दोनों चुदाई का मज़ा लेते है। मामा करीब 25 साल के थे और मामा अब मुझे भी अजीब नजरों से देखते थे, लेकिन में कुछ नहीं बोलती थी।

घर के माहौल का असर मुझ पर भी पड़ा। अब मुझे मामा को अपनी चूचीयों को घूरते हुए देखकर अजीब सा मज़ा मिलता था। अब जब भी पापा घर पर नहीं होते तो मम्मी मामा को अपने रूम में ही सुलाती थी।

एक रात में मम्मी के रूम में कान लगाकर उन दोनों की बात सुन रही थी तो में उन दोनों की बात सुनकर दंग रह गयी। मामा ने कहा कि दीदी अब तो रबीना  भी जवान हो गयी है, दीदी आपने कहा था कि रबीना का मज़ा भी तुम लेना। मम्मी बोली कि शह्ह्ह मेरे प्यारे भैया तुमको रोकता कौन है? तुम्हारी भांजी है जो करना है करो, जवान हो गयी है तो साली को चोद दो, जब में रबीना की उम्र की थी तो कई लंड खा चुकी थी।

में सिर्फ 5 साल से तुमसे ही चुदवा रही हूँ और आजकल तो लड़कियाँ 16 साल कि उम्र में ही चुदवाने लगती है। अब में चुपचाप उन दोनों की बात सुन रही थी और बैचेन हो रही थी। मामा बोले कि वो गुस्सा ना हो जाए। मम्मी बोली कि नहीं होगी, तुम गधे हो और पहली बार सब लड़कियाँ बुरा मानती है, लेकिन जब मज़ा पाएगी तो लाईन देने लगेगी, अब जरा मेरी चूत चाटो। मामा बोले कि जी दीदी और वो मम्मी की चूत को चाटने लगा।

 

कुछ देर के बाद मामा की आवाज आई दीदी वो पूरी गदरा गयी है। मम्मी बोली कि हाँ हाथ लगाओगे तो और मस्त हो जाएगी, तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है अगर नखरे दिखाए तो पटककर चोद दो, देखना मज़ा पाते ही अपने मामा की दीवानी हो जाएगी जैसे में अपने भैया की दीवानी हो गयी हूँ, अब चाटो मेरे भाई मुझे चटवाने में बहुत मज़ा आता है।
मामा बोला कि 

हाँ दीदी मुझे भी तुम्हारी चूत चाटने में बड़ा मज़ा मिलता है। 

अब में उन दोनों की बात सुनकर मस्त हो गयी थी। अब मेरे मन का डर तो मम्मी की बात सुनकर निकल गया था। 

अब में जान गयी थी कि मेरा कुंवारापन बचेगा नहीं, अब मम्मी खुद मुझे चुदवाना चाह रही थी। 

अब में जान गयी थी कि जब मम्मी को इतना मज़ा आ रहा है तो मुझे तो बहुत आएगा।
अब मम्मी तो अपने सगे भाई से चुदवा ही रही थी और साथ ही मुझे भी चोदने को कह रही थी। मम्मी और मामा की बात सुनकर में वापस आकर अपने कमरे में लेट गयी। अब मेरी दोनों चूचीयाँ तेज़ी से मचल रही थी और जांघो के बीच की चूत गुदगुदा रही थी। कुछ देर के बाद में से खिड़की के पास गयी और अंदर की बात सुनने लगी तो मुझे अजीब सी पच-पच की आवाज़ आ रही थी तो मैंने सोचा कि यह कैसी आवाज है? तो तभी मुझे मम्मी की आवाज़ सुनाई दी हाए थोड़ा और साले बहनचोद तुमने तो आज थका ही दिया।

मामा बोला कि अरे साली रंडी अभी तो 100 बार ऐसे ही करूँगा। अब में उनकी गंदी बातें सुनकर तड़प उठी थी और अब में जान गयी थी कि पच-पच की आवाज चुदाई की है और मम्मी अंदर चुद रही है, अब मामा मम्मी को चोद रहे है। तभी मम्मी ने कहा कि हाए बहुत दमदार लंड है तुम्हारा, गजब की ताक़त है, मेरी चूत दो बार झड़ चुकी है, आआअहह बस ऐसे ही तीसरी बार निकलने वाला है, आअहह बस राजा मेरा निकलने वाला है, तुम सच में एक बार में 2-3 को खुश कर सकते हो, अब जाओ और अगर तुम्हारा मन और कर रहा हो तो जाकर रबीना को जवान कर दो।

मामा बोला कि वो कहाँ होगी? तो मम्मी बोली कि अपने कमरे में और जाओ दरवाज़ा खुला होगा, मुझमें तो अब जान ही नहीं रह गयी है। अब मम्मी ने तो यह कहकर मुझे मस्त ही कर दिया था। अब घर में सारा मज़ा था। अब मामा अपनी बड़ी बहन को चोदने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी को चोदने को तैयार थे। में उनके चुप हो जाने के बाद अपने कमरे में आ गयी और अब में जान गयी थी कि मामा मम्मी को चोदने के बाद मेरी कुँवारी चूत को चोदकर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे में आएँगे। अब मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ने लगा था। मैंने रूम में आकर तुरंत मैक्सी पहनी और में चड्डी पहनकर सोती थी, लेकिन आज मैंने चड्डी भी नहीं पहनी थी, आज तो कुँवारी चूत का उद्घाटन था। अब मेरी चूत की धड़कन तेज हो रही थी और चूचीयों में रस भर रहा था।

अब मेरा मन कर रहा था कि मामा से कह दूँ कि मम्मी तो बूढ़ी है, में जवान हूँ, चोदो मुझे। अब रात के 11 बज चुके थे और मैंने मेरे रूम का दरवाज़ा खुला रखा था। अब मैंने मैक्सी को मेरी एक टाँग से ऊपर चढ़ा दिया था और एक चूची को गले की तरफ से थोड़ी सी बाहर निकाल दी थी और उसके आने की आहट लेने लगी।

अब में मस्त थी और ऐसे पोज में थी कि कोई भी आता तो उसे अपनी चूत चखा देती। मैंने अभी तक लंड नहीं देखा था बस सुना था।

 

10 मिनट के बाद मुझे उसकी आहट मिली, अब मेरे रोएँ खड़े हो गये थे, लेकिन मुझे करार नहीं मिला तो मैंने झटके से मेरी पूरी चूची को बाहर निकालकर अपने आँखें बंद कर ली, जब मामा 35 साल की चूत का दीवाना था तो वो मेरी 18 साल की चूत देखकर तो पागल ही हो जाता। तभी वो मेरे कमरे में आया, अब में गुदगुदी से भर गयी थी। अब मैंने जो सोचा था वही हुआ। अब मेरे पास आते ही उसकी आँखें मेरी बिखरी मैक्सी पर जांघो के बीच में गयी।

अब मम्मी के पास से वापस आने पर मामा का मज़ा खराब हुआ था, लेकिन अब से आने लगा था। वो अपने दोनों हाथ पंलग पर रखकर मेरी जांघो पर झुके तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली। अब मेरी साँस तेज हो गयी थी और मेरी चूचीयों और चूत में फुलाव आ गया था। अब में अपनी दोनों जांघो के बीच में 1 फुट का फासला किए हुए उसे 18 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी।

कुछ देर तक वो मेरी चूत को घूरता रहा और मेरे दोनों उभरे-उभरे अनारों को निहारते हुए धीरे से बोले कि हाए क्या उम्दा चीज है? एकदम पाव रोटी का टुकड़ा, हाए तू राज़ी हो जाती तो कितना मज़ा आता? और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया। मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ा, अब में तो बहाना किए हुए थी।

वो चूमकर कुछ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा और झुककर दुबारा से मेरे मुँह से चूमते हुए अपने एक हाथ से मेरी मैक्सी को ठीक से ऊपर करता हुआ बोला कि हाए क्या मस्त माल है? अब तो चुदी माँ के साथ बेटी की कुँवारी चूत का भी पूरा मज़ा लूँगा। मैंने अपने बहनचोद मामा के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनी तो में और मस्त हुई।

अब मेरी चूत पर किस से बहुत गुदगुदी हुई और मन किया कि उससे लिपट कर कह दूँ कि अब में तुम्हारे बिना नहीं रह सकती, में तैयार हूँ, लूटो मेरी कुँवारी चूत को मामा, लेकिन में चुप रही। तभी मामा बेड पर बैठ गये और मेरी जांघो पर अपना एक हाथ फैरकर मेरी चूत को सहलाने लगे। अब उससे अपनी चूत पर अपना हाथ लगवाने में इतना मज़ा आ रहा कि बस मन यह कहने को बेताब हो उठा कि राजा नंगी करके पूरा बदन सहलाओ और मम्मी का कहना सही था कि हाथ लगाओ और मज़ा पाते ही लाईन साफ़ कर देगी।

तभी उसकी एक उंगली मेरी चूत की फाँको के बीच में आई तो में तड़पकर बोल ही पड़ी हाए कौन? तो मामा बोला कि में हूँ मेरी जान, तुम्हारा चाहने वाला, हाए अच्छा हुआ तुम जाग गयी, क्या मस्त जवानी पाई है आज में तुमको? और किसी भूखे कुत्ते की तरह मुझे अपनी बाँहो में कसता हुआ मेरी दोनों चूचीयों को टटोलता हुआ बोला कि हाए क्या गदराई जवानी है? अब में अपने दोनों उभारों को उसके हाथ में देते ही जन्नत में पहुँच गयी थी।

वो मेरे मुलायम गालों पर अपने गाल लगाकर और मेरे दोनों बूब्स को दबाकर बोला कि बस एक बार चखा दो, देखो कितना मज़ा आता है? तो में बोली कि हाए मामा आप छोड़ो, आप यह क्या कर रहे है? मम्मी आ जाएगी।

मामा बोला कि मम्मी से मत डरो उन्होंने ही तो भेजा है और कहा है कि जाओ मेरी बेटी जवान हो गयी है, उसे जवानी का मज़ा दो और वो बहुत दिनों से ललचा रही है बड़ा मज़ा पाएगी, मम्मी कुछ नहीं कहेगी और इसके साथ ही मेरी चूचीयों को मैक्सी के ऊपर से कसकर दबाया तो मेरा मज़ा सातवें आसमान पर पहुँच गया। मैंने पूछा कि मम्मी सो गयी क्या? तो वो बोला कि हाँ आज तुम्हारी मम्मी को मैंने बुरी तरह से थका दिया है और अब वो रातभर मीठी नींद सोयेगी, बस मेरी रानी एक बार देखना मेरे साथ कितना मज़ा आता है?

उसने मेरे दोनों निप्पल पर चुटकी देकर मुझे राज़ी कर लिया। सच में आज उसकी हरकत में मज़ा आ रहा था, अब मेरे दोनों निपल्स का नशा मेरी जांघो में उतर रहा था। मैंने पूछा कि मामा आप मम्मी के साथ सोते है, वो तो आपकी बहन है। उन्होंने कहा कि आज अपने पास सुलाकर देखो, जन्नत की सैर करा दूँगा, हाए कैसी मतवाली जवानी पाई है? बहन है तो क्या हुआ? माल तो मस्त है मम्मी का।

मैंने मज़े से भरकर कहा कि दरवाज़ा खुला है, अब मेरी नस-नस में बिजली दौड़ रही थी, अब मुझे मेरे बदन पर कपड़ा बुरा लग रहा था। अब उसने मेरी चूचीयों को मसलते हुए मेरे होंठो को किस करना शुरू कर दिया था, उसे मेरी जैसी कुँवारी लड़कियों को राज़ी करना आता था। अब उसके होंठ चूसते ही में ढीली हो गयी थी।

अब मामा मेरी मस्ती को देखकर एकदम से मस्त हो गये थे और धीरे से मेरे बदन को बेड पर करके मेरी चूचीयों पर झुककर मेरी जांघो पर अपने हाथ फैरते हुए बोले कि अब तुम एकदम जवान हो गयी हो और अपनी जवानी का कब मज़ा लोगी? डरो नहीं तुमको कली से फूल बना दूँगा, मम्मी से मत डरो, उनके सामने तुमको मज़ा दूँगा बस तुम हाँ कर दो। अब मुझे हाथ लगवाने में और मज़ा आ रहा था।

में मस्त होकर उसे देखती हुई बोली कि मम्मी को आप रोज? तो उन्होंने कहा कि हाँ मेरी जान में तुम्हारी मम्मी को रोज चोदता हूँ, तुम तैयार हो तो तुमको भी रोज चोदूंगा, हाए कितनी खूबसूरत हो? ज़रा सा और खोलो ना, तुमसे छोटी-छोटी लड़कियाँ चुदवाती है। अब में तो जन्नत में थी और अब मामा मेरी चूचीयों को दबाए अपना एक हाथ मेरे गाल पर और दूसरा मेरी जांघो के बीच में फैर रहे थे।

मैंने पूछा कि मुझसे छोटी-छोटी? तो उन्होंने कहा कि हाँ मेरी जान ज़्यादा बड़ी हो जाओगी तो तुम्हें इसका मज़ा उतना नहीं आयेगा जितना कि अभी आयेगा। तुम्हारी एकदम तैयार है बस तुम हाँ कर दो। मैंने कहा कि में तो अभी बहुत छोटी हूँ और उन्होंने मेरी दोनों जांघो को पूरा खोल दिया।

मामा चालाक थे और अब वो पैर खोलने का मतलब समझ गये थे और मुस्कराकर मेरे होंठ चूमते हुए बोले कि मेरी छोटी बहन को तो तुम जानती हो, वो अभी 18 की भी नहीं है, उसकी चूचीयाँ तो तुमसे भी छोटी है, वो भी मुझसे खूब चुदवाती है और मेरी चूत की फाँक को चुटकी से मसला। में कसमसाकर बोली कि हाए मामा आप अपनी छोटी बहन को भी मेरी मम्मी की तरह चोदते हो?

उन्होंने कहा कि हाँ यहाँ रहता हूँ तो तुम्हारी मम्मी को यानि अपनी बड़ी बहन को चोदता हूँ और घर में अपनी छोटी बहन यानि तुम्हारी मौसी को खूब चोदता हूँ, तभी वो सोने देती है और तुम्हारी चूचीयाँ तो खूब गदराई है, बोलो हो राज़ी और मेरी मैक्सी के गले से अपना एक हाथ अंदर डाला। में राज़ी हो गयी और बोली कि राज़ी हूँ, लेकिन मम्मी को मत बताना, में उन्हें यह एहसास नहीं होने देना चाहती थी कि में तो जाने कब से राज़ी हूँ? अब मामा के पास आते ही मुझे पूरा मज़ा आने लगा था।

अब में अपना 18 साल का ताज़ा बदन उसके हवाले करने को तैयार थी और अगर वो मम्मी को चोदकर ना आए होते तो मेरी कुँवारी चूत को देखकर चोदने के लिए तैयार हो जाते, लेकिन वो मम्मी को चोदकर अपनी बेकरारी को काबू में कर चुके थे। अब वो मेरी नयी चूचीयों को अपने हाथ में लेते ही मेरी कीमत जान गये थे और मेरे लिए यह पहला मौका था।

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अब मामा मुझसे ज़बरदस्ती ना करके प्यार से कर रहे थे। अब तक वो मेरी नंगी चूत को देखकर उस पर अपना एक हाथ फेरकर चूम भी चुके थे, लेकिन मैंने अभी तक उनका लंड नहीं देखा था। अब उन्होंने मेरी मैक्सी के अंदर अपना एक हाथ डालकर मेरी चूचीयों को पकड़कर और बेकरार कर दिया था।

मामा ने दुबारा से मेरी मैक्सी के ऊपर से चूचीयों को पकड़कर कहा कि मम्मी से मत डरो, मम्मी ने पूरी चूत दे दी है बस तुम तैयार हो जाओ और मेरी चूचीयों को इतनी ज़ोर से दबाया कि में तड़प उठी और बोली कि मुझे कुछ नहीं आता, में राज़ी हूँ। उसने कहा कि में सिखा दूँगा और मेरे गाल पर काटा, तो में बोली कि ऊई बड़े बेदर्द हो मामा। वो मेरी इस अदा पर मस्त होकर गाल सहलाते हुए मेरी मैक्सी पकड़कर बोले कि इसको उतार दो।

मैंने कहा कि हाए पूरी नंगी करके, तो उन्होंने कहा कि हाँ मेरी जान मज़ा तो पूरा नंगा होने में ही आता है, बोलो पूरा मज़ा लोंगी ना। मैंने कहा कि हाँ, तो उन्होंने कहा कि तो नंगी हो जाओ, में अभी आता हूँ और वो कमरे से बाहर चला गया। अब में कहाँ थी? में आपको बता नहीं सकती और अब मेरे पूरे बदन में चीटियाँ चलने लगी थी और मेरी चूत फुदकने लगी थी।

अब में पूरी तरह से तैयार थी। मैंने जल्दी से अपनी मैक्सी उतार दी और पूरी नंगी होकर बेड पर लेट गयी। अब मम्मी तो चुदवाने के बाद अपने कमरे में आराम से सो रही थी और अपने यार को मेरे पास भेज दिया था। अब में अपने नंगे जवान बदन को देखती हुई आने वाले लम्हों की याद में खोई हुई थी कि तभी मेरी माँ का यार वापस आया।

अब वो मुझे नंगी देखकर खिल उठा था और पास आकर मेरी पीठ पर अपना हाथ फैरकर बोला कि अब जन्नत का मज़ा आयेगा और उसने झटके से अपनी लुंगी अलग की तो उनका लंड मेरे पास आते ही झटके खाने लगा। अभी उसमें फुल पॉवर नहीं आया था, लेकिन अभी भी उसका कम से कम 6 इंच का था।

अब में गजब का लंड देखकर मस्ती से भर गयी थी। वो बेड पर आए और पीछे बैठकर मेरी कमर पकड़कर बोले कि मेरी गोद में आओ मेरी जान। अब मेरा कमरा मेरे लिए जन्नत बन गया था, अब हम दोनों ही नंगे थे। जब मैंने मामा की गोद में अपनी गांड रखी, तो मामा ने तुरंत मेरी दोनों चूचीयों को अपने दोनों हाथों में ले लिया, तो मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ गया।

तभी उन्होंने कहा कि ठीक से बैठो तभी असली मज़ा मिलेगा और देखना आज मेरे साथ कितना मज़ा आता है? जब मेरी नंगी चूचीयों पर उनका हाथ चला, तो मेरी आँखें बंद होने लगी। अब सच ही बड़ा मज़ा आ रहा था और उन्होंने पूछा कि कैसा लग रहा है?

अब मेरी गांड में उनका खड़ा लंड रगड़ रहा था, जो मुझे एक नया मज़ा दे रहा था। अब में बदहवास होकर उसकी नंगी गोद में नंगी बैठी अपनी चूचीयों को मसलवाती हुई मस्त होती जा रही थी। तभी मामा ने मेरी चूचीयों के टाईट निप्पल को चुटकी से दबाते पूछा कि बोलो मेरी जान। मैंने कहा कि हाए अब और मज़ा आ रहा है मामा।

उन्होंने कि घबराओ नहीं तुमको भी मम्मी की तरह पूरा मज़ा दूँगा, हाए तुम्हारी चूचीयाँ तो दीदी से भी अच्छी है। अब वो मेरी मस्त जवानी को पाकर एकदम से पागल से हो गये थे। अब मेरी निप्पल की छेडछाड़ से मेरा बदन झनझना गया था। तभी मामा ने मुझे गोद से उतारकर बेड पर लेटाया और मेरे निप्पल को अपने होंठो से चूसकर मुझे पागल कर दिया। अब मुझे उनके हाथ की बजाए उनके मुँह से ज़्यादा मज़ा आया था। अब मामा की इस हरकत से में खुद को भूल गयी थी, उनको मेरी चूचीयाँ खूब पसंद आई थी।

मामा 10 मिनट तक मेरी चूचीयों को चूस-चूसकर पीते रहे और चूचीयों को पीने के बाद मामा ने मुझसे मेरी जांघो को फैलाने को कहा। मैंने खुश होकर अपने बहनचोद मामा के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोल दिया। मेरे पैर खोलने के बाद मामा ने मेरी कुँवारी चूत पर अपनी जीभ फैरी तो में तड़प उठी। अब वो मेरी चूत को चाटने लगे थे, अब मेरी चूत चाटते ही में तड़प उठी थी। मामा ने मेरी चूत चाटते हुए पूछा कि बोलो कैसा लग रहा है? तो मैंने कहा कि बहुत अच्छा मेरे राजा।

उन्होंने कहा कि तुम तो डर रही थी, अब दोनों का मज़ा एक साथ लो और अपने दोनों हाथों को मेरी मस्त चूचीयों पर लगाकर दोनों को दबाते हुए मेरी कुँवारी गुलाबी चूत को चाटने लगे। में दोनों का मज़ा एक साथ पाकर तड़पती हुई बोली कि हाए आआहह बस करो मामा, ऊई नहीं अब नहीं। उन्होंने कहा कि अभी लेटी रहो, मुझे गज़ब का मज़ा आ रहा है, अब वो भी मेरी जवानी को चाटकर मस्त हो उठे थे।

मामा 10 मिनट तक मेरी चूत को चाटते रहे। थोड़ी देर के बाद मामा मुझे जवान करने के लिए मेरे ऊपर आए। अब मामा ने मुझे पहले ही मस्त कर दिया था इसलिए मुझे दर्द कम हुआ। अब मामा भी धीरे-धीरे पेलकर चोद रहे थे, मेरी चूत एकदम ताज़ी थी इसलिए मामा मेरे दीवाने होकर बोले कि हाए अब तो सारी रात तुमको ही चोदूंगा।

अब में भी मस्त थी इसलिए मुझे दर्द की जगह मज़ा आ रहा था तो मैंने उनसे कहा कि अब में भी आपसे रोज़ चुदवाऊंगी। उस रात मामा ने मुझे दो बार चोदा था और जब वो अगली रात मुझे पेल रहे थे तो अचानक से मम्मी भी मेरे कमरे में आ गयी। में जरा सा घबराई, लेकिन मामा उसी तरह चोदते रहे। मम्मी पास आकर मेरी बगल में लेटकर मेरी चूचीयों को पकड़कर बोली कि ओह बेटी अब तो तुम्हारी चूत चोदने लायक हो गयी है, लो मज़ा मेरे यार के तगड़े लंड का। मैंने कहा कि ओह मम्मी मामा बहुत अच्छे है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अब में और मम्मी दोनों साथ ही मामा से चुदवाते है और खूब मजा करते है।
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