दोंस्तों, मैं फैज़ाबाद की रहने वाली हूँ। मेरा नाम पूजा है। मेरे बॉयफ्रेंड का नाम कबीर है। कॉलेज में हमारे दो अच्छे दोस्त है आकाँक्षा और विनोद। वो दोनों रिलेशनशिप में है। मैं और कबीर जहाँ कहीं भी जाते है आकाँक्षा और विनोद भी हमारे साथ रहते है। इसके पीछे वजह यह थी की अकेले अकेले जाने और घूमने में वो मजा नही आता है जो दोंस्तों के साथ में आता है। हम चारो दोस्त नैनीताल, ऊटी, शिमला और भी कई जगह साथ घूमने जा चुके है। हम जहाँ जहाँ गये है हम चारो ने खुलकर चुदाई की है और हमने अपने वीडियो भी बनाये है और दोंस्तों को भेजे है।
मैं कबीर से बहुत प्यार करती हूँ। पर वो मेरे लिए वफादार नही है। मुझे कई बार मेरे सेहेलियां बता चुकी है कि अगर कबीर को कोई लड़की फ़ोन करती है या किसी मॉल में मिलती है तो वो फ़ौरन फ़्लर्ट करने लग जाता है। एक बार मैंने यह पता लगाने के लिए अपनी सबसे अच्छी दोस्त आकांशा से कहा कि वो कबीर को रात में फोन करे और देखे की क्या होता है। उस रात आकाँक्षा ने आवाज और नाम बदलकर कबीर को फोन किया।
हेलो!! क्या ये रूही का नॉ है! आकाँक्षा ने बहाना बनाकर कहा
हाय मैं जतिन बोल रहा हूँ!! आपकी आवाज तो बहुत खूबसूरत है! आप कितनी सूंदर होंगी! मेरा बॉयफ्रेंड कबीर बोला।
आकाँक्षा ने फोन लाउड स्पीकर पर लिया। कबीर साफ साफ झूठ बोल रहा था। वो खुद को जतिन बता रहा था। ये सुनकर मैं जलभुन गयी। गाण्डू 5 सालों से मेरी चूत कूद कूदकर फाड़ रहा है। पर इसका अभी तक लड़कियों से दिल नही भरा। मेरा मन हुआ की कबीर की गांड़ पर लात मार दू और गाण्डू की दोबारा शकल नही देखू। पर फिर मुझे नन्गा करके लण्ड पर बैठाके कौन पेलता। मुझे कुतिया बनाके कौन मेरी बुर फाड़ता। इसलिए फ्रेंड्स मैं रुक गयी। मुझे गुस्सा तो बहुत आया। पर जल्दबाजी में कोई फैसला लेना मैंने सही नहीं समझा।
अब मुझे यह पता करना था कि कबीर किस हद तक गिर सकता है। मैं आकाँक्षा से कहा कि वो अपने दोस्त से इस खेल के बारे में ना बताये और कबीर को हर रात फोन कर लिया करे। जिससे मैं जान सकू की वो कितना बड़ा धोखेबाज है। बस आकाँक्षा मेरे बॉयफ्रेंड को हर रोज फोन करती। वो उसे पटाने लगी। हर रात वो मुझे पूरी रिपोर्ट देती की क्या हुआ। एक दिन मैं कबीर के साथ मैकडोनाल्ड में बैठी थी। हम दोनों बर्गर कोलड्रिंक खा पी रहे थे। मैंने आकांषा को मैसैज भेजा की अभी कबीर को फोन करे। आकाँक्षा से तुरन्त कबीर को फोन लगाया।
हेलो जतिन ?? हाऊ यू डूइंग?? तुम कैसै हो बेबी?? आकाँक्षा ने नाम बदलकर पूछा
मैंने कबीर से पूछा की किसका फोन है? तो उसने तुरंत झूठ बोल दिया। कहा कि एक दोस्त का फोन है। और फिर मेरी सहेली से मेरे सामने ही फोन करने लगा। मन तो हुआ की अभी कबीर से फोन ले लू और लाउड स्पीकर पर कर दूँ और बता दू की वो जिससे बात कर रहा है वो मेरी दोस्त आकाँक्षा है। पर मैने सोचा इसे रंगे हाथ पकड़ूंगी। तब हरामी की गांड़ पर लात मारूंगी। मैंने आकाँक्षा से कहा कि वो ऐसे कबीर से बात करती रहे। और फोन की रिकॉर्डिंग मुझे सुनाया करे। एक दिन मैंने आकाँक्षा से कहा कि कबीर को होटल में बुलाये देखे आता है कि नहीं। मैंने सोचा की आज तो कबीर को रंगे हाथ पकड़ लूँगी। मैं जब होटल गयी और कमरा नॉ 408 में गयी तो मैं हैरान थी। कबीर और आकाँक्षा एक दूसरे से लिपटे हुए थे। कबीर आकाँक्षा के गुलाबी होंठों का रस पी रहा था।
ये देखकर तो मेरा दिमाग ही घूम गया। मैं सोचा लगता है मेरी बेस्ट फ्रेंड आकांषा प्यार की एक्टिंग करते करते मेरे बॉयफ्रेंड से प्यार करने लगी है। मैं वही उसके कमरे में छिप गयी और सारा खेल देखने लगी। मेरा बॉयफ्रेंड कबीर आकांक्षा के लाल लबों को पिये जा रहा था। आकाँक्षा आई लव यू बेबी!! वो पूजा तो किसी काम की नही है। तुम्हारे सामने वो बिलकुल बेकार है। पर तुम तो गुलाब का फूल हो! कबीर बोला।
मेरी तो यह सुनकर झाँटे लाल हो गयी। बहनचोद! इतने सालों से मुझे पेल खा रहा है। चोद चोदकर मेरी बुर फाड़कर रख दी। इसके चक्कर में मेरा सारा रूप खत्म हो गया और कहता है कि अब मैं किसी काम की नही हूँ। मन तो हुआ की सैंडल उतारके इसके सिर पर 8 10 लगा दूँ और कहूँ की मेरी बुर चोद चोद के फाड़ डाली और अब कहता है कि मैं ज़रा भी सुंदर नहीं हूँ।
पर मैंने जल्दबाजी करना ठीक नही समझा। मैं होटल में कबीर के कमरे में छुपी रही जासूसी करती रही। कबीर ने आकाँक्षा के लिए गाना भी गया। बहनचोद मेरे लिए तो इसने एक भी गाना नही गाया। जब मैंने कहा कि कोई गाना मेरे लिए गाओ तो बहनचोद बोला की उसे गाना ही नही आता है। अब देखो दूसरी चिड़िया हाथ लगी तो भोसड़ी का रफ़ी की औलाद बन गया है। मेरा खून खौल गया।
बेबी!! आज मुझे चूत दे दो!! कबीर ने एक गुलाब का फूल आकाँक्षा के होठ पर रख दिया और उसे पटाने लगा।
आकाँक्षा हसने लगी। मैं जान गई की ये भी कबीर के लुक पर मर मिटी है। ये उसे चूत जरूर दे देगी। कबीर गुलाब के फूल को आकाँक्षा के होंठों, गालों और गले पर बड़े धीरे धीरे प्यार से छुआने लगा। आकाँक्षा सिहर गयी। कबीर बड़े जोश में आ गया।
उसने आकाँक्षा को झटके से अपनी ओर खींच लिया और उसकी सांसों को सुंगने लगा। आकाँक्षा के दिल की धड़कन बढ़ गयी। उसकी साँसे तेज चलने लगी। उसके मस्त बड़े बड़े गोल मम्मे भी जल्दी जल्दी बड़े छोटे होने लगे। कबीर ने आकाँक्षा के गरम होंठों पर अपने सुलगते हुए होंठ रख दिए। आकाँक्षा ने समर्पण कर दिया। कबीर ने उसे सांप की तरह दोनों भुजाओं में जकड़ लिया। और उसके शहद से मीठे होंठ पिने लगा। आकाँक्षा!! तुम्हारे जैसी हसींन लड़की मैंने आजतक नही देखी!! बस आज तुम मुझे अपनीं चूत दे दो!! आज मैं तुमको इतना चोदूंगा इतना पेलूंगा तुमको की तुम जननत की सैर करोगी! कबीर बोला।
इस पर आकाँक्षा मुसकुरा दी।
कबीर ! मैं तुमको अपनीं चूत जरूर दूंगी, पर वादा करो तुम मुझे कभी धोखा नहीं दोगे। ना ही तुम किसी दूसरी लड़की की तरफ कभी देखोगे! आकाँक्षा ने कहा।
आकाँक्षा बेबी!! आई प्रमोइस, आई विल नेवर चीट ऑन यू! कबीर बोला। और उसने आकाँक्षा के टॉप को उतार दिया। मेरी आँख में आंशू आ गये। इस कबीर गाण्डू की माँ की आँख। अब मुझसे दिल भर गया तो दूसरी लड़की के पीछे पड़ गया है। पर मैंने खुद को कंट्रोल किया। कबीर ने आकाँक्षा की ब्रा के हक खोल दिए। 2 कबूतर सामने थे। इससे पहले दोनों कबूतर उड़ते कबीर ने आकाँक्षा को बाँहों में खींच लिया। दोनों बिस्तर पर चले गए।
कबीर ने उसे लिटा दिया। उसके दूध को पीने लगा। सायद मेरे दूध पी पीकर और मेरी बुर चोद चोदकर वो बोर हो गया था। अब बरसों बाद उसे नया माल हाथ लगा था। मैं देख रही थी कैसी कबीर उसके दूध पीने को बेताब था। आकाँक्षा के मम्मे खूब विशाल और भारी भरकम थे, वही मेरे कुछ छोटे थे। मैं सोचने लगी की आकाँक्षा की बुर जिस दिन इस बहनचोद ने जी भरके चोद खा ली, उस दिन इसको भी छोड़ देगा और किसी नयी लड़की के पीछे भागेगा। बेचारी आकाँक्षा को ये बात नहीं पता है। मैंने अपना फोन निकाला और कबीर और आकाँक्षा की चुदाई की रिकॉर्डिंग करने लगी।
कबीर मुँह से खूब आवाज कर करके आकाँक्षा के स्तन पी रहा था। वो लड़की भी मस्त हो चुकी थी। फिर कबीर ने उसकी जीन्स उतार दी। उसकी पैंटी निकाली और उसकी बुर पीने लगा। फिर उसने उसे खूब पेला। खूब चोदा साली को। मैंने वीडियो बना लिया और होटल का बाहर आ गयी। मैंने आकाँक्षा के बॉयफ्रेंड विनोद को फोन लगाया और उसे होटल पार्क इन में बुलाया।
विनोद!! ले तेरे लिए कुछ है! मैंने उसे अपना मोबाइल थमा दिया। मैंने वीडियो ऑन कर दिया था। विनोद ने वीडियो देखा। उसकी गाण्ड फट गयी।
रंडी!! देखो कैसे कबीर से चुदवा रही है!! मेरे लिए जान देने की बात करती थी, मेरे लिये जहर खाने की बात करती थी!! विनोद बोला। वो बिलकुल गुस्से से लाल हो गया था। उसका दिल तो मेरे मोबाइल को फर्श पर फेककर तोड़ने का था। पूरा वीडियो उसने देख लिया। उस राण्ड की दोबारा माँ नही चोदूंगा। अगर मेरे पास दोबारा आयी तो उसके पिछवाड़े पर लात मारूँगा!! विनोद बोला। वो गुस्से से तमतमा गया था।
देख विनोद!! तेरी गर्लफ्रेंड आकाँक्षा को जो करना था वो तो कर ही चुकी। देख कैसै कबीर का नया नया लण्ड खा रही है! मैंने विनोद को समझाया
तो अब मुझे क्या करना चाहिए?? उसने पूछा
अरे पगलेट!! जो वो तुम्हारे साथ साथ कर रही है, तू भी वैसा उसी के साथ कर। तू मुझे चोदके अपने लण्ड की गर्मी दूर कर। वही मुझे भी अच्छा महसूस होगा की अगर मेरे बॉयफ्रेंड ने आकाँक्षा को पेला तो मैंने भी उसके बॉयफ्रेंड का नया लण्ड खाया। जैसे को तैसा!! मैंने कहा। विनोद को ये पसंद आया। हम दोनो ने फैसला किया कि हम दोनों कबीर और आकाँक्षा की चुदाई की बात उन लोगों से नहीं करेंगे। और हम दोनों चुपचाप गुपचुप चुदाई करते रहेंगे।
विनोद राजी हो गया। मैं उसके साथ अंदर कमरे में चली गयी।
जी भरके चोद ले मुझे विनोद। मैं भी उस कबीर गाण्डू का वही पुराना लण्ड खा खाके बोर हो गयी हूँ मैंने कहा। विनोद मुझ पर टूट पड़ा। सुरुवात हुई उसके बड़े से लण्ड को चूसने से। मैंने खूब जोर जोर से सिर हिला हिलाकर विनोद का लण्ड चुसा। खूब मजा आया मुझे। अब वो मेरी बुर पीने लगा। वो मेरी बुर में ऊँगली भी करने लगा। मैं चुदास से भर गयी। खुद अपने हाथों से अपने मम्मो को दबाने लगी। विनोद ने जैसे ही अपना लण्ड मेरे बुर में डाला लगा कहीं बुर फट ना जाए।
वो मुझे धकाधक पेलने लगा। मैं जोर जोर से अपनी निपल्स को दबाने लगी। मन हुआ कास कोई मेरे मुँह को भी साथ में चोदता। विनोद हचाहच धक्के मारने लगा। मेरे मम्मे रबर की गेंद की तरह उछलने लगे। मैंने अपने मम्मो को हाथ में ले लिया। विनोद मुझे हचाहच पेलता रहा। वो मेरा मस्त चोदन कर रहा था। मैं तो उसकी दीवानी हो गयी थी। मेरी बुर उसके लण्ड के वॉर से घायल हो गयी थी। मेरी चूत से खून निकल रहा था। पर मुझे रह रहके वही सिन याद आ रहा था जब मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझसे बेवफाई की थी और आकाँक्षा के साथ सम्भोग किया था।
इसलिए दोंस्तों, मैं भी मस्त खुलकर विनोद के साथ सम्भोग कर रही थी। उसने मेरी चूत में ही पानी छोड़ दिया। फिर विनोद ने मेरी गाण्ड में भी सम्भोग किया। हम दोनों छिप छिपकर होटलों में मिलने लगे और जमकर सम्भोग करने लगे। मेरे बॉयफ्रेंड कबीर और आकाँक्षा को इसके बारे में कभी पता नहीं चला।