साथियो, यह मेरी जिंदगी की सच्ची कहानी है जो मैं आज आपको बताने जा रही हूँ।
जब मैं बारहवीं कक्षा में थी.. उस वक्त मेरी उम्र करीब 18 वर्ष होगी।
उन्हीं दिनों जब स्कूल की ट्रिप में मैं महाराष्ट्र के कोकण के जंगलों में गई थी। हम वहाँ शाम करीब 6 बजे पहुँचे.. टेंट लग चुके थे।
टीचर ने कहा- अब बाकी लड़के और लड़कियाँ जाकर पानी लेकर आएँ..
तो हम 5 लड़कियाँ और दस लड़के पानी लेने गए।
मेरे साथ में पूनम अंजली.. मुस्कान.. श्वेता और एक और लड़की थी, हम लड़कों के पीछे-पीछे जा रहे थे, हम सब मस्ती में सेक्स की बातें करतें हुए जा रहे थे… पर ये बातें बाक़ी लड़कियों को अच्छी नहीं लग रही थीं। तो मैं और पूनम हम पीछे रह गए.. अंधेरा हो चुका था।
मैं बातें करते-करते पूनम की पीछे से गाण्ड दबा रही थी.. तो वह भी आगे बढ़कर मेरे चूचे दबाने लगी। हमें लगा कि हमें कोई नहीं देख रहा.. पर दो लड़के इरफान और विजय.. हमें देख रहे थे।
इरफान मेरे चाचा का लड़का था।
यहाँ पूनम मेरी गाण्ड दबा रही थी और मैं उसकी मसल रही थी। हम पूरी मस्ती के मूड में थे कि मुझे विजय ने और पूनम को इरफान ने पीछे से पकड़ लिया, पूनम डर के मारे आगे को भाग गई.. और मैं अकेली ही इन दोनों सांडों के बीच फंस गई थी, आगे से इरफान और पीछे से विजय जिसे विजु कहते थे.. ने मेरी पीछे से स्कर्ट ऊपर उठा दी और वो मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा था, आगे से इरफान मेरी चूत में उंगली कर रहा था।
वे दोनों मुझे उठाकर घनी झाड़ी में ले गए और उधर ले जाकर मुझे लिटा दिया। विजु ने लौड़ा निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया और इरफान ने मेरी स्कर्ट निकाल दी, उसने मेरी लाल रंग की पैंटी भी निकाल दी और मेरी चूत चाटने लगा था।
मुझे जोरदार मुत्ती लगी थी.. मेरे मुँह में लौड़ा था.. मैं बोल भी नहीं पाई और मैंने इरफान के मुँह में मूत दिया। इरफान को ठरक इस प्रकार की लगी थी.. उसने मेरा मूत पी लिया।
विजु ने लौड़ा मेरे गले तक फंसा दिया था.. मैं बोल भी नहीं पाई।
अब विजु लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा और इरफान विजु के बाजू हो कर अपना लौड़ा हिलाने लगा। विजु का लंड काफी बड़ा था.. विजु ने अब मेरी चूत में उंगली डाली.. मुझे उसका कोई असर नहीं हुआ।
अब वो लंड डालने जा रहा था। उसका लंड काफी मोटा और बड़ा भी था.. तो मुझे अब तकलीफ होने लगी थी, उसका लंड अब तक पूरा अन्दर गया भी नहीं गया कि मैं दर्द के मारे रोने लगी।
तब उसने जेब से हेयर आयल का पाउच निकाला और अपने लंड पर लगाया। उसने इसके साथ ही मेरी चूत पर भी अपना थूक लगा दिया।
इस बार जब उसने लौड़ा पेला तो अब लंड थोड़ा-थोड़ा आराम से चूत में जाने लगा था.. और अब मुझे तकलीफ भी कम हो रही थी।
उसने इस बार पूरा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया, मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मेरी चूत में गर्म सलाख घुसेड़ दी हो।
कुछ पल ठहरने के बाद विजु अब मेरी जोरदार चुदाई कर रहा था.. मैं दर्द के मारे तड़प रही थी। करीब दस मिनट तक विजु ने मेरी भीषण चुदाई की और चूत में ही झड़ गया था। अब इरफान मेरे ऊपर आया.. उसका विजु जितना तो बड़ा नहीं था पर उसने भी मेरी चूत में अपना लौड़ा डालकर थोड़ा ऊपर-नीचे किया और जल्दी ही झड़ गया।
इस चुदाई में मुझे असली मजा तो विजु ने दिया था।
इरफान झड़ने बाद चला गया.. विजु वहीं रुका हुआ था। मैंने कपड़े पहन लिये थे विजय ने मुझे उठाया और चूम लिया। मेरे होंठ इस प्रकार चूमे कि होंठों से खून निकलने लगा।
विजय ने कहा- सोफी मेरी जान… तुझे कल और मस्त चोदूँगा।
मैंने मेरे बाल और कपड़े ठीक किए और कैम्प की तरफ चल दी। मेरे मन में ख्याल आया कि पूनम ने किसी को कुछ बताया तो नहीं होगा। मुझे अब चुदाई का दर्द हो रहा था कैम्प में किसी को कुछ पता नहीं चला।
मैं जब पूनम के पास गई और उसने मुझसे पूछा- क्या हुआ था?
मैंने कहा- मैं भी भाग गई थी।
मैंने खाना खाया और सो गई। मैं इस विषय में बात करने के मूड में नहीं थी।
सुबह उठी और पता चला कि तीन-तीन के ग्रुप में लड़के-लड़कियाँ जायेंगे और कुदरती तस्वीरें खींच कर लाएंगे।
हमें कैमरा दे दिया गया, मेरे ग्रुप में मेरे पास कैमरा दिया, मेरे साथ दो लड़के दीपक और सोनू थे.. मैं उन्हें जानती थी।
हम सभी ने नाश्ता किया और निकल पड़े। हम काफी दूर आ चुके थे.. दीपक ने मेरी गाण्ड पर हाथ मारा और बोला- सोफिया कभी हमसे भी चूत चुदाई करवा के देखो..
तब मुझे पता चला कि रात को विजय ने सब लड़कों को यह बात बता दी थी कि उसने मेरी चुदाई की है।
मैं चुपचाप चलती रही.. आगे जाकर देखा तो बड़े-बड़े पत्थरों से बीच में गुफा जैसी कुछ जगह थी, हम लोग अन्दर चले गए। अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई दे रहा था और उतने में मुझे पीछे से किसी ने पकड़ लिया और मेरी गाण्ड पर जोर से धक्के देने लगा।
मैंने कहा- कौन है?
दीपक की आवाज़ आगे से आई.. फिर देखा कि वह सोनू था।
दीपक ने टॅार्च जलाई तो सोनू ने मुझे घबरा कर छोड़ दिया, दीपक ने हमें देख लिया था, वह भी मेरे पास आकर मुझे चूमने लगा।
सोनू नीचे बैठ कर मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत चाटने लगा था और सोनू कह रहा था- साली मूत दे.. मेरे मुँह में..
उसने मेरी पैंटी उतार दी और मैंने उसके मुँह में मूत दिया, उसने पानी समझ कर पी लिया।
दीपक ने मेरा टॅाप निकाल दिया था, अब वह मेरे मम्मे दबा रहा था, अब मैं पूरी तरह नंगी हो गई थी, दीपक हटा और सोनू ने मेरा मु्ँह पत्थर की दीवार की तरफ दबा दिया और मेरे पीछे मेरी गाण्ड में उंगली डालने लगा था।
आज मेरी गाण्ड की चुदाई होने वाली थी।
अब सोनू भी नंगा हो चुका था, उसने मेरी गाण्ड में लंड डालना चाहा मगर लंड जा नहीं पाया। फिर उसने पैंट की जेब से क्रीम की ट्यूब निकाली और मुझे उलटा लिटा कर मेरी गाण्ड पर खाली कर दी।
अब वह लंड डालने लगा, मैंने महसूस किया कि उसका लंड.. जैसे लंड नहीं मानों लठ हो.. पूरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था।
अब वह धीरे-धीरे लंड मेरी गाण्ड में डालने लगा। मुझे तकलीफ होने लगी थी.. पर मजा भी आने वाला था। मैं दर्द सहती गई अब लंड मेरी गाण्ड में लगभग पूरा जा चुका था।
दर्द अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा था। मैं रोने लगी थी.. क्योंकि सोनू का इतना लंबा और मोटा लंड मेरी गाण्ड में जा रहा था। सोनू अपना लंड जब ऊपर की तरफ उठता था.. तो मेरी गाण्ड भी ऊपर चली जाती थी.. तो सोनू अपने हाथ मेरे कूल्हों पर दबा के मेरी गाण्ड में डालने लगा।
वो लौड़े को ऊपर-नीचे.. ऊपर-नीचे.. कर रहा था।
उफ़्फ़.. अल्लाह कसम.. मुझे उस दिन जो तकलीफ हुई थी.. मैं आज तक भूल नहीं पाई।
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अब सोनू झड़ने ही वाला था। उसने लंड बाहर निकाला और मेरे मु्ँह में सफेद पानी डाल दिया, मैंने वो पानी थूक दिया।
अब दीपक की बारी आई। उसने भी मुझे उलटा किया और वह भी मेरी गाण्ड पर चढ़ गया और मेरी गाण्ड में लौड़ा डाल कर ऊपर-नीचे कूदने लगा।
मुझे अब बिलकुल भी असर नहीं हो रहा था।
थोड़ी देर बाद दीपक भी झड़ गया था, उसने तो पानी मेरी गाण्ड में ही छोड़ दिया था।
सोनू ने मेरे नंगे बदन की तस्वीरें खींच ली थीं। इस तरह में पूरी ट्रिप में बार-बार चुदती रही। लगभग हर लण्ड ने मेरी चूत को चोदा होगा।