मै और मेरा प्यारा फूजी

मेरा नाम स्मिता है | मेरे उम्र करीब ३९ साल है | आज से लगभग ३ साल पहले मेरे पतिदेव स्वर्गवासी हो गये | अपने पीछे मुझे और अपने दो लड़के छोड़ गये | अब घर चलाने के लिए मुझे नौकरी करना जरुरी हो गया क्योकि मेरे दोनों बेटे स्कूल में पढ़ते है | बड़े बेटे का नाम शुशील है और उसकी उम्र करीब १६ साल और छोटे वाले का नाम अनुराग है उसकी उम्र १३ साल है |

दिखने में में एक सिम्पल नारी हूँ , मेरा फिगर ३८ – ३४ – ३६ , जैसे की दो बच्चो के माँ का होना चाहिए |

बचपन से हे में बड़ी ठरकी किस्म की लडकी थी | मुझे गन्दी और सेक्सी बाते करने में बड़ा मज़ा आता था | कभी कभी में चुपके से अपने चाचा चाची के कमरे में रात को झांकती थी जब चाची चाचा दोनों रात को चुदाई करते थे | फिर मेरे शादी एक अधेड़ उम्र के व्यापारी से हो गयी | क्योकि वो अधेड़ उम्र का था इसीलिए ज़ाहिर है उसमे वो जोश और ताकत नहीं थी जो मै हमेशा अपने पति में देखने के कोशिश करती थी |

मेरे पति का अंग करीब ४ इंच का छोटा और पतला था | वो हमेशा २-३ झटके दे कर के वीर्य गिरा देते थे | १४ साल तक में हमेशा प्यासी ही सोयी | अब जब मेरे पति का देहांत हो गया है तो अब वो सहारा भी गया | आजकल हर रात मेरा बुरा हाल रहता है , मेरा हाथ साडी के अन्दर ही घुसा रहता है | और रात को रह रह के मै अपनी योनी हाथ से रगडती रहती हूँ | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

रोज़ की तरह मैंने अपने लडको के लिए सुबह नाश्ता बनाया और उन्हें स्कूल के लिया रवाना किया फिर मै अपनी खिड़की पर बैठी कुछ सोच रही थी , तभी मैंने निचे देखा की सड़क के किनारे एक कुत्ता कुतिये को चोद रहा था उसका लंड कुतिया की चूत में गप गप अन्दर बाहर हो रहा था कुत्ते ने करीब २ या ३ मिनट धक्के मारे होगे की उल्टा हो गया और कुतिया की चूत में उसका लंड फस गया और दोनों हफने लगे | कुत्ते और कुतिया की चुदाई देख कर मेरे मन में एक विचार आया अगर मै किसी मर्द को पटा कर चुद्वाऊ तो हो सकता है वो किसी और को बता दे और मेरी बेइजती हो जाए सो मैंने सोच लिया की मै एक कुत्ता खरीदुगी |

अगले दिन जब मै अपने ऑफिस गयी और थोडा ऑफिस का काम करने के बाद मै इन्टरनेट खोल कर कुत्ते खरीदने की जगह के बारे में ढूढ़ रही थी की तभी शीला मैडम आ गयी वो मुझसे छोटी थी पर मुझसे उचे पद पर थी उनके पति ने उन्हें छोड़ कर किसी और लड़की से शादी कर ली थी उन्हें कोई संतान नहीं थी | वो पीछे से आई और मुझे बोली स्मिता क्या ढूढ़ रही हो मै बोली मुझे एक पालतू कुत्ता खरीदना है | तो शीला मैडम ने बोला मेरे पास भी कुत्ता है वो बहुत ही शानदार है और समझदार भी है मैंने जहा से ख़रीदा था मै तुम्हे एड्रेस दे देती हु जाओ खरीद लेना मै शीला मैडम से उस दुकानदार का नंबर ले लिया और उसे फोन कर पूछा तो बो बोला मैडम आपको हमारी दुकान पर आना होगा यहाँ आप देख ले और जो पसंद आये ले लेना भाव भी थोडा कम कर दूंगा | मैंने शीला मैडम का रिफरेन्स दिया तो बोला मैडम शीला मैडम हमारी बड़ी पुरानी ग्राहक है | आईये मै आपके लिए और भी भाव कम कर दूंगा |

मै शाम को ऑफिस से छूटकर उसके दुकान पर गयी और देखा एक से बढ़कर एक कुत्ते मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था की मुझे जो खुश कर सके मैंने एक शानदार कुत्ता देखा उसका वजन करीब 75 किलो था पर उसका भाव थोडा ज्यादा था | मैंने उसे पूछा भैया मै ये कुत्ता खरीदना चाहती हूँ पर मै अभी पुरे पैसे नहीं दे पाऊँगी | तो उसने बोला मैडम कोई बात नहीं आप चाहे तो किस्तों में पैसे चूका सकती है | मैंने उस कुत्ते को ले लिए और घर आ गयी |

मेरे दोनों बेटे देख खुश हो गये की मम्मी कुत्ता ले कर आई है एसे ही कुछ दिन बीते मेरे बेटे जब स्कूल चले जाते तो मै थोड़ी देर तक अपने कुत्ते यानी उसका नाम फूजी रखा था मै फूजी के लंड के साथ खेलती थी और धीरे धीरे फूजी का लंड खड़ा होता और मै उसे मुठियाती रहती और वो मजे से झड़ जाता और फिर मै उसे सिकरी में बाध कर अपने ऑफिस चली जाती |

मै फूजी के लंड से १० दिन तक एसे ही करती रही फिर आखिर वो दिन आ ही गया जब मेरी चूत की कचुमड बनाने के लिए फूजी का लंड तैयार हो गया था सन्डे का दिन था मैंने अपने दोनों बेटो को मेरी माँ के घर भेज दिया अब घर में मै और मेरा कुछ यानी की फूजी ही थे मैंने सबसे पहले उसे अपने कमरे में ले गयी और खुद पूरी तरह से नंगी हो गयी और और फूजी को बेड पर अपने बाजू में बैठा कर उसके लंड को मुह में लेकर चूसने लगी और एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी अब एसा लग रहा था की मेरी चूत फटने वाली है |

फूजी का लंड भी तैयार हो चूका था वो खूब हाफ रहा था और बैठे बैठे ही वो एसे लग रहा था की मेरे मुह में ही धक्के मार रहा था फिर मै उसे खड़ा कर अपने कुतिया की तरह झुक गयी और फूजी को पुचकार कर अपने ऊपर आने को बोलने लगी अब मेरा फूजी भी काफी समझदार हो गया था मेरे इशारे को समझ गया और मेरे पीछे आकर चूत को चाटने लगा और जैसे ही उसकी जीभ मेरी चूत की क्लिट से टच हुयी मेरा पूरा शारीर गनगना गया मेरी आखे बंद हो गयी फूजी ने करीब ५ मिनट तक मेरी चूत की चटाई की मै अपनी चूत की फल्लियो को अपनी दोनों हाथो से फैला कर चटवा रही थी |

अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था मैंने फूजी को खीच कर अपनी ऊपर चढ़ा लिया और उसके खड़े लंड को अपनी चूत पर सेट की और वो धक्के मारने लगा वो भी किसी आदमी से ज्यादा ताकतवर लग रहा था मेरी चूत में उसका लंड एसे लग रहा था की मेरे बच्चेदानी से टकरा रहा था मुझे इतना मजा कभी किसी आदमी की चुदाई में नहीं आया था जितना की फूजी के लंड से आ रहा था तभी मुझे लगा की अब मै झड़ने वाली हु पर फूजी अभी भी जोरदार धक्के पे धक्का मार रहा था उसका लंड मेरी चूत में एकदम फिट अन्दर बाहर हो रहा था |

इतने में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मै अह्ह्ह एस आह्ह्ह करते करते झड़ गयी अब भी मेरा फूजी मजे से धक्के मार रहा था मेरे मुह से आवाज आ रही थी आह आह ये फूजी आह्ह्हह्ह एस १० मिनट तक फूजी ने धक्के मारे और मै दुसरी बार झड़ने वाली थी की फूजी ने हाफाते हुए मेरी चूत में अपना माल गिराने लगा और उसका लंड मेरी चूत में गुब्बारे की तरह फुलने लगा और मेरी चूत से भी पानी निकालने लगा था और अब फूजी की रफ़्तार कम हो गयी थी और मै भी साथ में झड़ रही थी सो मैंने अपने तरफ से उसके लंड को अपने चूत में दबा दबा के झड़ रही थी और फ़ाइनली हम दोनों झड़ गये फूजी हाफाने लगा था और उल्टा हो चूका था और उसका लंड मेरी चूत में फूलने की वजह से फस गया मै वैसे ही पड़ी रही और उसे प्यार से चूमने लगी थी और करीब आधे घंटे तक उका लंड मेरी चूत में धीरे धीरे ठंडा हो कर सिकुड़ गया और बाहर निकल गया और मै जैसे ही खड़ी हुयी मेरी चूत से आधा गिलास पानी निकला वो फूजी का वीर्य था आज मै जिंदगी में पहली बार इतनी मजे से झड़ी थी | दूसरे दिन मेरे बच्चे अपनी नानी के घर से वापस आ गये और अब रोज राज को जब मेरे दोनों बेटे सो जाते तो मै फूजी को अपने कमरे में ले आती और रातभर में २ बार जब तक नहीं चुदवाती तब तक मुझे नीद ही नहीं आती एसे की मै फूजी से चुदवाती रही और अब मेरा शारीर भी गठीला होने लगा था और हो भी क्यों ना जो चुदाई मेरी होने लगी थी मेरे चहरे पर अब हमेशा मुस्कान रहती थी ऑफिस में भी मेरे बॉस मुझ पर लाइन मारने लगे थे |

फूजी की चुदाई इतनी शानदार थी की अगर २ औरते भी चुद्वाए तो मेरा फूजी आराम से मात दे सकता है | ऑफिस में मै और शीला मैडम जिनकी उम्र करीब ३२ साल होगी साथ में लंच कर रही थी बातो बातो में मै शीला से खुल कर बात करने लगी और मैंने अपनी फूजी की खूब तारीफ की मेरा फूजी २ आदमी के बराबर है इतना सुनके शीला मैडम ने पूछ लिया क्या मतलब मै चुप हो गयी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

शीला मैडम मेरी बात समझ चुकी थी और खुद ही बोल दी की तभी मै सोचु की मिस स्मिता मैडम अब इतना खुश क्यों लगती है मै बोली क्या मतलब आपका आप क्या बोलना चाहती है |

शीला एकदम शांत हो गयी और थोड़ी देर बाद बोली यही की तुम्हारा फूजी तुम्हे खुश कर देता है ना | मेरा टौमी भी मुझे खुश कर देता है अब हम दोनों बातो बातो में खुल चुकी थी और खुल के बाते करने लगी शीला मैडम ने बताया की उनका टौमी १५ मिनट तक लगातार उनकी चूत मरता है चूत में डालने से पहले खूब चाटता है | अब हम एसे ही जब ऑफिस में लंच होता था तो एक दुसरे के कुत्ते के बारे में बाते करने की आज तुमने कितनी बार चुदाई की मैंने कितनी बार चुदाई करवाई कितनी बार झड़ी |

एक दिन हम दोनों ने प्लान बनाया की क्यों न दोनों कुत्तो से एक साथ अदल बदल कर मजे लिया जाए हमने अगले हफ्ते इतवार का दिन फिक्स किया है वो कहानी मै आप सभी को इतवार को चुदाई होने के बाद बताउंगी तब तक आप लोग मुझे ईमेल करना ना भूले साथ में आपका कमेंट भी देना मेरी रियल स्टोरी कैसी लगी क्योकि मेरी इस कहानी के बारे में शीला मैडम भी जानती है वो भी मस्ताराम.नेट की कहानियां पढ़ती रहती है | मेरी ईमेल आई डी है smitasingh114@gmail.com आप मुझे अपनी कहानियां भी भेज सकते है | पर आपसे निवेदन है की आप मेरी इस कहानी को शेयर करना ना भूले तभी मै अपनी अगली चुदाई के बारे में लिखुगी |

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