रानी भाभी की चुदाई

हेलो फ्रेंड, भाभी और प्यारी आंटी. मैं पियूष हु और आप लोगो के लिए अपनी एक कहानी लिख रहा हु. ये मेरी लाइफ का सेक्स एक्सपीरियंस है. ये कहानी मेरे और मेरी पड़ोस वाली भाभी के बीच में है. दोस्तों, मैं नागपुर का रहने वाला हु और मेरी ऐज २४ इयर्स है. मुझे सेक्स स्टोरीज पढना बहुतप पसंद है. मैं हमेशा से ही मेच्युर लेडीज़ में इंटरेस्टेड हु. आंटी और भाभी को ताड़ना मेरी हॉबी है. और मैं उन्हें चोदने का मौका भी कभी नहीं छोड़ता. मुझे ८ क्लास से मुठ मारने की आदत लग गयी थी. और अब तो मैं रोजाना ही मुठ मारता हु. ज्यादा और कई सालो से मुठ मारने की वजह से मेरा लंड बहुत बड़ा हो गया है. मेरे लंड का साइज़ करीब ७ इंच लम्बा है और २ इंच मोटा है.. और वो किसी भी औरत की प्यास को बुझा सकता है.. चलो अब मैं आप को बोर नहीं करता हु और सीधे स्टोरी पर आता हु.

ये कहानी ४ महीने पुरानी है. जब मैं घर गया था छुट्टियों में. हमारे घर के बाजु में एक कपल रहने के आया था. उस फॅमिली मैं ३ मेम्बर थे. भाभी अंकल और उनकी छोटी बच्ची. भाभी का नाम रानी था और वो २८ साल की थी. अंकल की ऐज नियर अबाउट ३६ साल की होगी. इसलिए हम उन्हें अंकल कहते है और उनकी छोटी बच्ची ६ साल की है. जब से मैं भाभी (रानी) को देखा था.. मैं तो पूरा पागल हो गया था. उसकी आँखे बहुत खुबसूरत और नशीली थी और उसके आँखों से अनसेटइसफेक्शन साफ़ – साफ़ झलकता था. लेकिन उन्होंने एक टिपिकल इंडियन हाउस वाइफ की तरह अपने आप को कण्ट्रोल किया हुआ था. वो एकदम स्लिम थी, लेकिन उनके बूब्स और गांड का कर्वे बहुत अच्छे थे. और उसके होठ बहुत रसीले थे. मैंने उसे पटाने का सोच लिया था.. वो थी कि किसी को दाना ही डालने नहीं दे रही थी.

एक दिन ऐसे ही बाहर बैठा था, तो भाभी और उसकी बेटी बाहर घुमने जा रहे थे. तो मैंने ऐसे ही उसको देख कर स्माइल दे दी. उसने भी मुझे स्माइल दी और चली गयी. तब मैंने सोचा, कि अगर उसको पटाना है.. तो इसकी बेटी को पटाना होगा. फिर मैं उसकी बेटी को प्यार करने लगा और फिर कुछ दिनों के बाद, उसकी बेटी की वजह से मैंने अपनी फर्स्ट स्टेज पर कर ली. उसके घर मेरा आना – जाना चालू हो गया. मैक्सिमम टाइम अंकल घर से बाहर ही रहते थे. वो बैंक में जॉब करते थे. रानी और उसके हस्बैंड के बीच में ऐज गैप भी बहुत ज्यादा था और शायद इसी वजह से उनकी अच्छी बनती नहीं थी. एक दिन यूज़अल मैं भाभी के घर गया, वहां जाने के बाद पता चला, कि उनकी बेटी की तबियत थोड़ी ख़राब है और उसे क्लिनिक लेकर जाना था. लेकिन अंकल जॉब पर चले गये. तो मैंने भाभी को कहा, कि मैं लेकर चलता हु उसे क्लिनिक. वो मान गयी और तैयारी करके मेरे साथ चलने लगी.

हमने उनकी बेटी को क्लिनिक से वापस लाया और मैं मेडिसिन वगैरह लेकर दिया बाद में. मैं घर चले गया और थोड़ी देर बाद, जब मैं वापस उनके घर गया. तो भाभी बेटी सो गयी थी. अब भाभी भी आराम कर रही थी. तो मैं भाभी के साथ जाकर बातचीत करने लगा. थोड़ी देर इधर – उधर की बात करते रहे और फिर उन्होंने मुझ से मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा, तो मैंने बोला – अभी तक नहीं है. फिर मैंने उनसे अंकल के बारे में पूछना शुरू कर दिया. तो वो बोली – उन्हें तो जॉब से फुर्सत ही नहीं मिलती है.. देन मैंने कहा, कि अंकल बहुत लकी है. भाभी ने बोला – क्यों? मैंने कहा – उन्हें आप जैसी बीवी मिली. भाभी कुछ उदास हो गयी ओत बोली – लेकिन उन्हें इसकी कदर नहीं है. मैंने मौका का फायदा उठाने का सोचा और बोला – अगर मैं अंकल की जगह होता, तो आपको हमेशा खुश रखता. भाभी ने एक नॉटी स्माइल दी और बोली – क्या करते? तो मैंने कहा – वो हर चीज़, जिस से आपको ख़ुशी मिलती हो. तो वो हंस पड़ी पर बोली – सच में दोगे? मैंने कहा – हाँ.. चाहे तो अजमा कर देख लो.

तो वो मेरे पास आई और सीधे मेरे होठो पर अपने होठो को रख दिया और मुझे किस करने लगी. मैं एकदम से सातवे आसमान था और मेरी तो लोटरी ही निकल पड़ी थी. तो मैंने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया और उनकी जीभ को सक करने लगा. क्या नमकीन होठ थे उनके. मैं तो एकदम से पागल हो रहा था. फिर मैंने उनके बूब्स को दबाना स्टार्ट कर दिया और वो मदहोश होने लगी. मेरे होठो को काट लिया उन्होंने एकदम से. बाद में, वो मेरे नैक को सक करने लगी. हम दोनों अब गरम होने लगे थे और फिर मैंने उनके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया. क्या मुलायम थे उनके बूब्स. निप्पल को चूसने लगा मैं उनके. वो एकदम मस्त हो रही थी. बाद में, मैंने उनकी ब्रा और सलवार निकाल दी. फिर मैंने उनके पेट को चूमना शुरू कर दिया. मेरी जीभ उनके पेट पर घूम रही थी और फिर मैंने उनके नेवल को सक करना शुरू कर दिया. वो मस्ती में मचल रही थी और बहुत मोअन कर रही थी. मैंने कंटिन्यू उनकी नेवल को सक करना चालू रखा. उनके बदन की खुशबु और उनके मोअनिंग की आवाज़ मुझे पागल किये जा रही थी. थोड़ी देर के बाद, वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरी टीशर्ट निकाल फेंकी. वो मेरी चेस्ट पर किस करने लगी थी. वो पूरी आग में डूब चुकी थी और चोदो मुझे.. चोदो मुझे.. कह रही थी. बाद में, मैंने उनकी लोअर निकाल दी और पेंटी में हाथ डाल ने लगा. मेरा हाथ उनकी चूत पर था और मैं उनकी चूत को रब कर रहा था. फिर मैंने उनको होठो को फिर से चुसना शुरू कर दिया.

वो पूरी मदहोश हो गयी थी और मोअन करने लगी थी. उनकी मोअनिंग की आवाज़ पुरे रूम में गूंज रही थी. उसकी जीभ सक करते – करते मैंने उसकी चूत में ऊँगली करनी शुरू कर दी. भाभी की चूत पूरी की पूरी गीली हो चुकी थी. मुझे उनकी गरम चूत की गर्मी का अहसास बहुत अच्छा लग रहा था. मुझ से अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैं सीधा ही उनकी चूत पर टूट पड़ा और अपने मुह उनकी चूत में लगा दिया. वो मेरा सिर अपनी चूत के अन्दर दबा रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था. और फिर उन्होंने पानी छोड़ दिया. मैं पूरा का पूरा का पानी पी गया. अब उन्होंने मुझे उठाया और मेरा लंड चूसने लगी. कंटिन्यू ५ मिनट तक लंड चूसने के बाद, मैं भी झड गया और मेरा सारा का सारा रस पी गयी. फिर उन्होंने मेरा लंड साफ़ कर दिया. हम अब ६९ के पोज पर आ गए. मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी और थोड़ी देर बाद, मेरा एकदम से तन्न गया और वो अब चुदाई के लिए रेडी था. अब मैंने भाभी को उठाया और नीचे सुलाया और फिर उन्होंने अपनी चूत को मेरे लंड पर सेट करके धक्का मारा. उसके पहले ही धक्के में मेरा लंड आधा उनकी चूत में चला गया. उनकी चूत बहुत टाइट थी और एक दो जोर से धक्के मारने के बाद, मेरा पूरा लंड पूरा का पूरा अन्दर चले गया और भाभी दर्द के मारे चीख रही थी.

तो मैंने उनके होठो पर अपने होठ पर सटा दिया और किस करने लगा. अब मैं जोर – जोर से धक्के मारने लगा और भाभी भी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी थी और बोलने लगी – चोदो मुझे और जोर से पियूष.. पूरी आग मिटा दो… मर गयी… चोद मुझे… मार डाल.. मार डाल… चोद मुझे… १० मिनट के इस खेल में, मैं अभी अपनी चरम सीमा पर आ गया था और भाभी अब तक २ – ३ बार झड चुकी थी. मैंने अपनी रफतार को बहुत तेज बड़ा दिया और भाभी के अन्दर ही झड गया था. अब भाभी भी थोड़ी थकी हुई लग रही थी. तो थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे और १० – १५ मिनट के बाद, भाभी फिर से मेरा लंड चूसने लगी और मेरा हथियार फिर से एक चुदाई के लिए तैयार था. अब इस बार मैं नीचे सो गया और भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत पर सेट किया और मेरे लंड पर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी. मेरा तो हाल बेहाल हो चूका था और थोड़ी देर बाद भाभी डोगी स्टाइल में आ गयी और मैंने उसको दबादब चोदा. बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अब फिर से झड़ने वाला था. तो मैंने स्पीड फिर से बढ़ा दी और भाभी भी मज़े से मेरा साथ देने लगी. इस तरह से मैं तीसरी बार झड गया और निढाल होकर भाभी के ऊपर ही सो गया.

अब भाभी और मैं किस करने लगे. हमारी रोमांस भरी चुदाई को १ ऑवर के आसपास हो गया था और मुझे भी अब घर वापस जाना था. तो हमने अपने – अपने कपड़े पहने और फिर भाभी का लम्बा सा किस निकालने लगा. भाभी की आँखों में सेटइसफेक्शन दिख रहा था. और उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और थैंक्स कहा. उसके बाद, मैं घर के लिए निकल गया. और उसके बाद.. जब भी हमे मौका मिला.. हम चुदाई करते रहे. भाभी को हर पोज में चोदा और उसकी गांड की विर्गिनिटी भी मैंने ही थोड़ी. वो कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा..

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