हाई दोस्तों मेरा नाम मनीष हे और मैं पिछले दो साल से इस साईट के ऊपर सेक्स की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ. मैंने बहुत सब स्टोरी को पढ़ के अपने लंड को हिलाया हे. वैसे आज जो कहानी मैं आप के लिए लिख रहा हूँ वो सच्ची कहानी नहीं हे. बस एक फेंटसी हे जो मेरे दिल में कुलबुल कर रही थी इसलिए मैं उसे शब्दों में लिख रहा हूँ. लेकिन मैंने इसे एक सच्चे सेक्स अनुभव के जैसे ही लिखा हे आप दोस्तों के लिए.
जो कहानी की हिरोइन हे उसका नाम प्रेमलता हे और वो 18 की सेक्सी और कुंवारी कन्या हे. छोटी सी उम्र में ही उसके बूब्स 32 के और गांड 30 की हे. और उसकी कमर भी 30 के करीब की ही हे. मैं रोज की तरह ही अपने जॉब पर से थक के आया. और फ्रेश हो के कोफ़ी पीते हुए टीवी देखने लगा. गली में कुछ बच्चे खेल रहे थे तभी एक नयी आवाज सुनाई दी. मैंने बहार जा के देखा तो एक लड़की इन बच्चो के साथ खेल रही थी. मैंने उस वक्त ध्यान नहीं दिया पर जब मैं रात को पानी भरने के लिए नल पर गया तो देखा की एक मस्त लड़की पानी भर रही थी. वो दिखने में मनीषस्थानी मारवाड़ी थी वेशभूषा से. और साली बला की सेक्सी लग रही थी. मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.
उसने भी मुझे देखा.. हम दोनों ऐसे ही देखते रहे. तभी भाई ने मुझे आवाज लगे तो मैं चला गया. पर वो नहीं गई. उसके बाद वो मुझे रोज देखती जब मैं कॉमन टॉयलेट में हगने के लिए जाता था तब. वो भी हगने के लिए वहीँ पर आती थी. चार पांच दिन तक ये देखा देखी चलती रही. फिर अगले दिन उसने मुझे स्माइल दी और चाय पी के नहीं वो पूछा. मैंने कहा जी हाँ पी ली.
फिर हगते हुए मुझे उसी के ख्याल आ रहे थे की ये लड़की सामने से पटने के लिए आ रही हे. मेरा लंड हगते हुए खड़ा हो गया. मैंने वही पर लंड हिला लिया और धो के बहार निकल गया.
फिर वो मुझे दो दिन रोज सुबह मिली. जब मैं जाता था तभी वो भी आती थी. फिर मेरी और उसकी बात होने लगी. उसने मुझे कहा की वो अब परसों गाँव जा रही थी. मैंने कहा अरे इतनी जल्दी. वो बोली हाँ मेरी मंगनी हो रही हे.
मैंने कहा इतनी जल्दी तो वो बोली हमारे यहाँ जल्दी ही होती हे शादी.
मैं उदास तो हुआ लेकिन मैंने अपना मोबाइल का नम्बर एक कागज पर लिख के उसे पकड़ा दिया और कहा की तुम्हे मेरे से बात करना अच्छा लगे तो कॉल करना मुझे अपने गाँव से.
मैं काम पर पहुंचा भी नहीं था और उसका कॉल आ गया. वो उदास थी पर उसे जाना तो पड़ा, वो शाम को अपने गाँव को चली गई. मैं संडास में उसके नाम की मुठ मारने लगा.
फिर एक दिन उसका कॉल आया तो उसने कहा की मैं आप के लिए एक सरप्राइज ले के आई हूँ! मैंने कहा की क्या तो वो बोली की अभी एकदम से नहीं उसके लिए आप को थोडा रुकना पड़ेगा और ये कह के उसने कॉल काट दिया. और जब मैं अगले दिन सो कर उठा तो मेरे कॉल पर आई लव यु का मेसेज आया हुआ था. मैं जल्दी से उठा और टॉयलेट में जाकर देखा तो वो वहां पर हगने आई थी.
जल्दी सुबह का टाईम था और वहां पर कम लोग ही आते हे ऐसे वक्त पर. मैंने उसका हाथ पकड के उसे एक संडास में खिंचा और उसे किस करने लगा. उसने धीरे से कहा की मेरी दीदी अंदर हगने गई हे. मैंने उसके बूब्स को दबाए और उसने कहा की वो शाम को साड़े सात बजे यही पर मिलेगी मुझे. मैंने उसे लिप किस किया और छोड़ दिया. वो बहार आई. एक मिनिट में उसकी बहन भी नाडा बाँध के बहार आई और वो चली गई. मैंने पूरा दिन काम पर शाम होने का ही इंतजार किया. शाम को वो बांधनी की सलवार सूट में आई थी. मैंने मौका देखा और उसका हाथ पकड़ के कौने के संडास में उसे घुसा ले गया. अन्दर से सक्कल लगा दी मैंने.
जैसे ही मैंने दरवाजे को बंद किया वो मेरे से लिपट गई और मुझे किस करने लगी. मैंने भी उसके बूब्स को अपने हाथ में ले लिए और खेलने लगा उन्के साथ. इस लड़की के बूब्स एकदम सेक्सी सॉफ्ट सॉफ्ट थे. मैंने पहले भी बहार रंडियों को चोद चूका हूँ पर उन्के बूब्स एकदम ढीले और झूले हुए होते हे. वो थोडा शर्मा सी रही थी तो मैंने कहा डार्लिंग मेरे से कैसी शर्म. वो बोली, कोई आ गया तो?
मैंने कहा हमारे मोहल्ले में शाम को संडास जानेवाले कम ही लोग हे और अभी कोई नहीं आएगा, और अगर कोइ आया भी तो हमें पता चल जाएगा आवाज से. वो अब कम डर रही थी और मेरा सपोर्ट कर रही थी.
मैंने उसके बूब्स मसलते हुए उसे कहा की मेरा लंड देखना हे. वो कुछ नहीं बोली और सिर्फ हंस दी. मैंने अपनी पेंट को खोला और चड्डी निचे कर के उसे लंड दिखाया. वो लंड को देख के अपने मुहं पर हाथ रख के बोली, दैया इतना बड़ा! दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैंने कहा, हा दैया, अब इसे मुहं में ले लो.
वो बोली, नहीं नहीं मैं ऐसा सब नहीं करुँगी!
मैंने कहा ले लो मजा आएगा.
वो बोली, दीदी कहती हे उलटी होती हे!
मैंने कहा, अच्छा, दीदी ये सब बात करती हे.
वो बोली, हां जीजा के साथ रात में जो होता हे वो सब बताती हे मुझे.
मैंने कहा, दीदी ने भी तो मुहं में ले के देखा हे तुम भी एक बार ट्राय कर लो, अगर उलटी आये तो कभी भी मत लेना मुहं में.
वो संडास के अंदर पैर रखने के लिए ऊपर किये हुए कोंक्रिट के ऊपर अपने दोनों पैर रख के बैठ गई. और मैं दिवार के सहारे खड़ा हो गया. इस मारवाड़ी लड़की ने मेरे लंड को मुहं में लिया. और मैं स्वर्ग में घुमने लगा. उसने आधा लंड मुहं में लिया और चूसने लगी. वो चूस रही थी तो मैंने उसे कहा, देखा मैंने कहा था न की उलटी नहीं होती हे. वो हंस के लंड को मजे से चूसने लगी. करीब एक मिनिट में तो उसने पौने लंड को अपने मुहं में ले लिया था. वो जिस मजे से कोक सकिंग दे रही थी की मुझे बड़ा मजा आ गया. मैंने उसके कंधे अपने हाथ में रखे हुए थे. फिर मैंने उसके गले के हिस्से को पकड़ के जोर जोर से मुहं को चोदना चालू कर दिया. लंड जब उसके गले तक जाता था तो ये सेक्सी लड़की ग्गग्ग्ग्ग ग्गग्ग्ग ग्गग्ग्ग की आवाज निकालती थी.
एक मिनिट मुहं की मस्त चुदाई कर के मैंने अपना माल छोड़ा. वो मुहं में वीर्य को भर के फिर थूंकने लगी. सब माल को उसने गटर में बहा दिया. मैंने अब उसे कहा, चलो अब तुम खड़ी हो जाओ मैं चाटूंगा. मैंने उसकी सलवार खोल के उसे नंगा किया. और सलवार को दरवाजे की कड़ी के ऊपर टांगा. उसने पेंटी नहीं पहनी थी. सीधे ही उसकी चूत को खोल के मैंने उसे अपनी जबान से चाटने लगा. वो अहः अह्ह्ह आह्ह्ह्ह करने लगी.
तभी बहार आवाज आई. कोई आया था तो हम रुक गए. मैंने खड़े हो के उसके बूब्स को दबाये. वो सिहरने को थी तभी मैंने उसके मुहं को हाथ से दबा दिया. बहार फिर से आवाज आई. पानी से धोने की आवाज आई और फिर किसी के बहार जाने की आवाज आई. मैंने फिर से उसकी चूत को मुहं में ले लिया. और उसको मस्त चाटने लगा. ये लड़की भी अब एकदम गर्म हो गई थी. मैंने उसके चूत के दाने को मुहं से ऐसा चूसा की उसकी चूत एकदम गीली और चिकनी हो गई.
अब मैं खड़ा हुआ और उसे दिवार की तरफ मुहं कर के खड़ा कर दिया मैंने. पीछे से उसकी गांड को दबाई मैंने और एसहोल यानी की गुदा को चाटा. वो एकदम मस्ती में आ गई और बोली, चलो करो ना.
मैंने कहा, जी मेरी रानी. देखो थोडा दर्द होगा लेकिन तुम चिल्लाना मत.
वो बोली, वो मुझे पता हे.
मैंने कहा, तुमने पहले सेक्स किया हे.
वो बोली, हां मैं दसवी में थी तब मास्टरजी ने जबरदस्ती की थी मेरे साथ में.
मैं बोला, ओह!
लेकिन वो बोली, लेकिन मुझे उस दिन बड़ा मजा आया था!
मैं समझ गया की ये रंडी ही हे.
मैंने उसकी गांड को पूरा खोला और चूत के छेद को देख के उसके ऊपर सेंटर पर लंड को टिका दिया. वो बोली, सही जगह पर ही हे. मैंने उसके बूब्स को पकडे और एक धक्का मारा. वो अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह कर गई और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उसकी चूत एकदम टाईट थी और गर्म भी. मैंने बूब्स मसल के उसे थोडा और गरम किया. फिर एक धक्के में पुरे लंड को अन्दर कर दिया. वो दिवार के साथ छाती कर गई अपनी इतनी जोर का धक्का लगाया था मैंने. फिर मैंने धीरे धीरे से अपने लंड को हिलाना चालू कर दिया. वो भी अपनी कमर को मटका के गांड को उछाल रही थी. उसे भी लंड अपनी चूत में डलवा के मजा आ गया था.
मैंने संडास के अंदर इस मारवाड़ी सेक्सी लड़की को मस्त १० मिनिट चोदा. और फिर उसकी चूत में ही झड भी गया. उसने लोटे से अपनी चूत को धो के साफ़ कर लिया. और फिर वो कपडे पहन के मेरे आगे निकल गई. फिर मैं पांच मिनिट के बाद वहां से निकल के अपने कमरे पर चला गया.