लड़की की चुत, लड़की का सेक्स दीदी के साथ

दोस्तो, मेरा नाम सविता है, मैं आज आपको मेरी सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ.
मेरी हाईट 5’5″ है, मेरा साइज़ 34-30-34 का है जो कुदरत की देन है. मुझे अपनी इस बदन पर बहुत नाज़ है.

मेरी फॅमिली में पापा-मॉम, भैया-भाभी, दीदी और मैं हैं.

बात उन दिनों की है जबी भैया की शादी हो रही थी. घर पर अच्छा माहौल बना था. मैं और मेरी दीदी किरण जो पूरी मेरे जैसी है, हाईट, वेट साइज़ फ़ीगर सब सेम है, हम दोनों बहनें हैं इस वजह से मॉम डैड के एक जैसे जींस हमारे अंदर हैं इसलिए ऐसा हुआ है कि हम एक जैसी हैं.

 

शादी वाले दिन सुबह ज़ब सब तैयार हो रहे थे, मैं और मेरी दीदी भी तैयार होने बाथरूम गई.
दीदी अपना तौलिया भूल गई तो वो वापस लेने गई. इतने में मैंने अपना टीशर्ट और लोअर उतारा, मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी.

इतने में दीदी आ गई दरवाज़ा खोल कर…
मैंने कहा- दीदी, दरवाज़ा तो बंद कर दो. कोई मुझे ऐसे देख लेगा तो अच्छा नहीं लगेगा!

दीदी ने दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझे घूरने लगी.
मैंने कहा- क्या हो गया दीदी? आप मुझे ऐसे क्यूँ देख रही हो?
दीदी मुस्कुराती हुई बोली- मैं अपनी सविता को देख रही हूँ जो पता नहीं कब जवान हो गई!
मैं मुस्कुरा दी.

दीदी बोली- तेरे दूध तो ब्रा के अंदर से ही मेरे दिल को लुभा रहे हैं, ज़रा दिखा तो?
मैं शर्मा गई क्योंकि मुझे अपनी चुची की तारीफ सुनना अच्छा लगता है.

दीदी ने अपना एक हाथ मेरी चुची पर रखा और ब्रा से बाहर निकाल दिया और अपना मुख मेरे निप्पल पर ले जा कर चाटने लगी.
मुझे कुछ अलग सा महसूस हुआ कि कुछ अच्छा हो रहा है. मैंने अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा उतार का फेंक दी.

अब दीदी अपने दोनों हाथों से मेरे दूध मसल रही थी और अपने मुंह से चूम रही थी, मेरे दूध को पीने की कोशिश कर रही थी.
मैं उम्म्म्माआ आआआहह की आवाज़ निकाल रही थी.

मैं चाहती तो नहीं थी आवाज़ करना… पर हो रहा था… कैसा लग रहा था कि क्या बताऊँ?

दीदी ने मेरी पेंटी उतार दी और मेरी बुर में उंगली घुसा दी. मैं तड़प गई, मैंने दीदी को कहा- मत करो ना दीदी!
पर दीदी रुक नहीं रही थी. मेरे कमसिन बुर में उंगली ज़ोर ज़ोर से घुसा रही थी और चुची चूस कर मज़े ले रही थी.

मैं उम्म्ह… अहह… हय… याह… उउफ्फ़ कर रही थी… मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैंने भी दीदी के कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी कर दिया. मैं भी दीदी की चुची दबाने लगी और उनकी बुर में उंगली करने लगी.
फिर दीदी को पता नहीं क्या हुआ, वो मेरे होंठों को चूमने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

8-10 मिनट किस करने के बाद दीदी मेरी प्यासी गीली बुर को चाटने लगी, मैं उम्म्म्म आआहह दीदी… आहह और करो… आआअहह आहह उम्म्म्मममाआहह… करने लगी.
मैं इतने ज्यादा जोश में थी कि मैं जल्दी झड़ गई. मैंने अपना सारा पानी दीदी के मुंह में गिरा दिया.

दीदी ने कहा- अभी लेट हो रहे हैं, फिर मौका मिलेगा तो करेंगे!

और उसके बाद हम नहा धोकर तैयार होकर शादी में चले गये.

अब मैं और दीदी जबी भी मौक़ा मिलता है, नंगी होकर एक दूसरी की बुर में उंगली से, चाट कर, चुची मसल कर, चूस कर यानि हर तरह से लेस्बियन सेक्स का मजा करती हैं.

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