वर्जिन चुत को दिया मोटे लंड का झटका

हैल्लो दोस्तों.. हमारा नाम आरजू है और में रायगंज की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 23 वर्ष है। दोस्तों आज में वास्तविक कहानी आप सभी को बताने जा रही हूँ। दोस्तों यह मेरी अपनी एक सच्ची स्टोरी है। अब पहले में अपना परिचय कराती हूँ.. हमारे बड़ी चूच 34 साईज़ के है, मेरी कमर 26 और मेरी गांड 34 की है।

तो दोस्तों यह बात आज से दो वर्ष पहले की है.. जब में 21 वर्ष की थी और हमने पहले वर्ष कॉलेज में प्रवेश लिया था और हमें अकेले में अपनी तस्वीरेंग्राफी करने की आदत थी.. हमारे मोबाइल में हमारे कई सारे सेक्सी हॉट तस्वीरें थी। फिर उस दिन शनिवार था और फिर में लाल रंग की शर्ट के अंदर गुलाबी रंग की ब्रा और नीचे गुलाबी रंग की पेंटी और काले रंग की जीन्स पहन कर कॉलेज के लिए निकली।

फिर हमने जाने के लिये एक टैक्सी किया और करीब 40 मिनट के बाद में कॉलेज पहुँच गयी। फिर जैसे ही में कॉलेज के गेट तक पहुँची अब अचानक हमें याद आया कि हमारा फ़ोन तो टैक्सी में ही रह गया। अब में झट से टैक्सी के पीछे भागी लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ और वो चला गया था। फिर हमें टेंशन उस बात की नहीं थी कि हमारा फ़ोन ग़ुम हो गया है लेकिन इस बात की टेंशन थी कि उसमे मेरी कई पर्सनल तस्वीरें है जो हमने खींची थी और वो बहुत ही सेक्सी और बोल्ड थी।

इसके बाद हमने दिन भर बहुत ट्राई किया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ.. सिर्फ़ फ़ोन की घंटी बज रही थी। इसके बाद पूरा दिन टेंशन में बीतने के बाद जब में घर पहुंची और फिर रात को करीब 9 बजे हमने फिर से ट्राई किया और उस वक़्त फोन किसी ने उठाया और उस तरफ से किसी लगभग 35 वर्ष के आदमी की आवाज़ थी। अब उसने कहा कि क्यों अपना फ़ोन चाहिए? फिर में झट से बोली कि हाँ चाहिए। अब उसने कहा कि ठीक है कल दोपहर में आकर ले जाना।

इसके बाद हमने पूछा कि आप कौन हो? और हमें कहाँ आना होगा मोबाइल लेने। अब उसने कहा कि कल ठीक 2 बजे आप अपने पास वाले पार्क आ जाना और फिर बोला वैसे तुम्हारी तस्वीरें बहुत सेक्सी है और तुम्हारी कमर तो बड़ी लचीली है और तुम्हारी गांड भी.. मज़ा आ गया तुम्हारी तस्वीरें देखकर। यह बात सुनते ही मानो जैसे हमारे पैर के नीचे से ज़मीन खसक गयी और में रात भर सो नहीं पाई।

फिर अगले दिन रोज़ की तरह कॉलेज गयी और कॉलेज से थोड़ा जल्दी निकल गयी और पास वाले पार्क में जाकर हमने एक दुकान से कॉल किया अपने नंबर पर.. इसके बाद से उस आदमी ने फोन उठाया और कहा कि तुम आ रही हो ना? फिर हमने कहा कि हाँ में पार्क में आ चुकी हूँ कहाँ हो आप? और प्लीज हमारा फ़ोन हमें दे दो हमें घर जाना है।

अब उसने हमें बिलकुल सही जगह बताई और कहा कि एक बार आ तो जाओ में तुम्हे दे दूंगा। फिर में घबराते हुए चल पड़ी वहाँ पर लड़के और लडकियों के बहुत जोड़े थे और सभी एक दूसरे से मज़े ले रहे थे.. हमें थोड़ी शरम आ रही थी और कई लोग हमें घूर घूरकर देख रहे थे। अब अचानक आवाज़ आई आ गयी तुम? इसके बाद हमने पीछे मुड़कर देखा तो ये तो वहीं टैक्सी वाला था.. जिसने हमें उस दिन कॉलेज छोड़ा था और उसकी उम्र करीब 35 वर्ष की थी।

अब हमने कहा कि अंकल प्लीज हमारा फ़ोन हमें दे दो। फिर उसने कहा कि दे दूँगा ऐसी कौन सी जल्दी है ज़रा आगे चलना। अब हमने मना किया तो उसने हमारा कंधा पकड़ लिया और ज़ोर से धक्का दिया.. वो बहुत मजबूत था और उसने शायद शराब भी पी रखी थी।

फिर में भी उसके साथ चुपचाप चलने लगी इसके बाद चलते चलते हम लोग बहुत आगे आ गये वहाँ पर तो ऐसा लग रहा था कि यहाँ शायद कोई कभी आया ही ना हो। फिर एक जगह आकर वो रुक गया और बोला कि ये ठीक जगह है। फिर हमने कहा कि तुम हमें यहाँ क्यों लाए हो?.. दे दो हमारा फ़ोन आपको पैसे चाहिए तो ले लो जीतने चाहिए।

अब उसने कहा कि मेरी जान पैसा ही सब कुछ नहीं होता और तेरी जैसी मस्त माल के सामने पैसा क्या है? तू थोड़ा मज़ा तो लेने दे मेरी जान आज तो तू क़यामत लग रही है मेरी रानी। अब हमने मना किया तो उसने हमें जोर से थप्पड़ लगाया और इसके बाद कहा कि साली रांड में ना सुनने के लिए नहीं आया यहाँ पर और अब ज्यादा नाटक करेगी तो नंगी करके तेरी तस्वीरें खीचकर ले जाऊंगा और फ़ोन भी नहीं दूँगा और फिर सभी को तेरी तस्वीरें भेज दूँगा और फिर बन जाना पूरी रायगंज की वैश्या।

अब हमने अपने आप को उसको सौंपने का फ़ैसला मन में कर लिया था और में रोने लगी और रोते रोते हमने कहा कि ठीक है में तुम्हारी हर बात मानूँगी लेकिन प्लीज हमारा फ़ोन हमें दे दो। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।

इसके बाद उसने कहा कि अब हुई ना बात में तुझे तेरा फ़ोन दूंगा लेकिन काम खत्म होने के बाद। फिर उसने हमें अपनी बाहों में भर लिया और पागलो की तरह हमें चूमने लगा उसके मुहं से दारू की बदबू आ रही थी। इसके बाद उसने अपनी जीभ को हमारे मुहं में डाल दिया और एक हाथ से हमारे बड़ी चूच दबा रहा था और वो एक हाथ मेरी गांड पर रखकर रगड़ रहा था और फिर वो मेरी ब्रा की डोरी खोलने लगा और थोड़ी देर में उसने मेरी ब्रा उतार दी।

फिर में उसके सामने ऊपर से पूरी नंगी थी। इसके बाद उसने हमारे बड़ी चूच ज़ोर से दबाए और मसलने लगा और फिर मसलते हुए वो हमारा मुहं अपनी जीभ से चाट रहा था.. अब तो में भी उसका साथ देने लगी और अब हमारे भी तन बदन में आग लग रही थी। फिर हम घास पर कब लेट गये में समझ ही नहीं पाई।

इसके बाद उसने हमें गांड के बल नीचे सुला दिया फिर वो हमारा सारा बदन चाटने लगा और वो कह रहा था कि वैश्या तेरे बदन पर हज़ारो बड़ा लंड कुर्बान, भोसड़ी की आज तेरी ऐसी चुदाई करूँगा कि दस दिन तक चल नहीं पाएगी आज के बाद तू मेरी पर्सनल वैश्या बनेगी और हमें रोज एक शॉट देगी। में यह सब सुनकर मदहोश होने लगी और फिर उसकी मजबूत बाहों में समा गयी।

इसके बाद में उसकी बाहों में ऐसे लग रही थी जैसे कोई अपने बच्चे को गोद में खिला रहा हो। फिर उसने हमारे बाल पकड़ कर कहा कि चल मेरी रांड अब फटाफट अपने रसिया का बड़ा लंड चाट। इसके बाद में तो कब से तैयार थी और झट से हमने उसका तना और कसा हुआ, काला, मोटा, बड़ा बड़ा लंड हाथ में पकड़ा और फिर चूसने लगी। फिर हमने 1/2 घंटे तक उसका बड़ा लंड चूसा और फिर उसने सारा वीर्य हमारे मुहं में छोड़ दिया और कहने लगा कि ले मेरी छीनाल तेरे लिए ताज़ा ताज़ा माल है पी ले सारा, कुछ भी मत छोड़ना और भी मिलेगा डर मत अभी तूने इसका जलवा देखा नहीं है।

इसके बाद वो अपने एक हाथ से मेरी चूत रगड़ने लगा और एक हाथ से हमारे बड़ी चूच दबाने लगा और कहने लगा कि कुतिया बता तेरे बड़ी चूच इतने कसे हुए कैसे है? अब उसने मेरी जीन्स उतार दी और मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को चूमने लगा। अब उसने जल्दी से मेरी पेंटी भी उतार दी और फिर मेरी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और चूमने लगा।

फिर में तो अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और हमें बड़ा मज़ा आ रहा था। अब उसने मेरी चूत पर ज़ोर से थप्पड़ मारा और अब वो मेरी चूत के अंदर उंगली डाल रहा था। अब में तो जैसे पागल सी हो गयी थी। इसके बाद उसने मेरी चूत के ऊपर थूक दिया फिर उसने अपना बड़ा लंड मेरी चूत पर रखा और इसके बाद धीरे धीरे उसे अंदर डालने लगा लेकिन हमें बहुत दर्द हो रहा था और फिर में चिल्लाने लगी।

अब उसने अपने मुहं को हमारे मुहं पर रख कर मेरी आवाज़ को बंद कर दिया। फिर हमारे भी सेक्सी सपने सच होने वाले थे। अब अचानक उसने एक ज़ोर सा झटका लगाया और फिर उसका पूरा बड़ा लंड मेरी चूत के अंदर था। हमें बहुत दर्द हुआ हमने दर्द से उसके बाल पकड़ कर खीच दिए। फिर वो करीब 5 मिनट तक ठीक वैसे ही रहा.. उसने बड़ा लंड को जरा भी नहीं हिलाया। फिर हमारा दर्द भी कम हो चुका था और हमें अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा और फिर में उसके होंठो को चूसने लगी।

फिर करीब 15 मिनट तक वो अपना बड़ा लंड मेरी चूत के अंदर डालकर जोर जोर से झटके मारता रहा। फिर उसने अपना मोटा बड़ा लंड मेरी चूत से निकाला और फिर वो अब मेरी गांड को सहलाने लगा और फिर मेरी गांड को चूमने लगा और फिर उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और फिर अपना काला मोटा बड़ा लंड मेरी गांड के छेद के पास रखकर हमारे बड़ी चूच दबाने लगा और फिर धीरे धीरे अपने बड़ा लंड को मेरी गांड के छेद में डालने लगा।

फिर अपनी गांड मरवाने के लिये में भी तैयार थी.. और अब हमने ज़मीन पर घास को पकड़ लिया। अब उसने अचानक एक ज़ोर का झटका लगाया और उसका मोटा, काला बड़ा लंड मेरी गांड के अंदर आधा घुस गया और फिर मेरी आँख से आँसू आने लगे।

फिर उसने अपना बड़ा लंड और पीछे लेकर और जोर से झटका दिया इस बार में मर गयी.. ऐसा लगा कि जैसे मेरी गांड फट गयी और उसका पूरा बड़ा लंड मेरी गांड के अंदर समा गया। अब में दर्द से चिल्ला उठी.. लेकिन उसने अपने दोनों हाथों से हमारा मुहं बंद कर दिया। फिर धीरे धीरे वो अपना बड़ा लंड मेरी गांड के अंदर बाहर करने लगा। फिर धीरे धीरे हमें भी मज़ा आने लगा।

 फिर वो मेरी गांड और जोर जोर से चोदने लगा में आअहह उहह ओउउच कर रही थी। फिर करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद उसने मेरी गांड में अपने बड़ा लंड का सारा वीर्य झाड़ दिया और हमारा भी दो बार पानी निकल चुका था। फिर हमें भी मज़ा आ गया था.. हम वैसे ही 10-15 मिनट उस घास पर लेटे रहे। उस समय वो मेरी पीठ चूम रहा था और मेरी चूत को हाथ से रगड़ रहा था।

दोस्तों हमें बिलकुल भी पता नहीं था कि गांड मरवाने में इतना दर्द होता है में तो बस यही सोचती थी कि बस थोड़ा सा ही दर्द होता होगा लेकिन हमें आ पता चल चुका था कि गांड मरवाना बच्चो का खेल नहीं है।

अब उसने हमारा फ़ोन लिया और फिर मेरी नंगी तस्वीरें खींचने लगा। फिर उसने हमें कपड़े पहनने को कहा और हमारा फ़ोन हमें दे दिया और फिर से हमें चूमने लगा और हमारे बड़ी चूच दबाने लगा और फिर उसने कहा कि चल में तुझे अपने टैक्सी से तुझे तेरे घर पर छोड़ देता हूँ। अब जब में उठी तो हमें चलने में बहुत तकलीफ़ हो रही थी और हमारा गोरा चेहरा पूरा पूरा लाल था। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ।

फिर उसने हमें अपनी बाहों का सहारा दिया और हम एक साथ चलने लगे, चलते चलते वो मेरी गांड पर सहारा दे रहा था और आज हमें लग रहा था कि में एक प्रोफेशनल वैश्या हूँ। फिर हम टैक्सी में बैठ गये और फिर उसने हमें हमारे घर पर छोड़ दिया। फिर हमने उसे किस दिया और अपने घर आ गयी।

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