हेलो फ्रेंड्स मैं अभिषेक, मैं सहारनपुर में रहता हूं. मेरी फैमिली में मैं, मेरी वाइफ सुनीता, मेरी मॉम और मेरी सिस्टर है. मेरी सिस्टर का नाम उषा है. वह मुझसे ४ साल बड़ी है उन के हस्बेंड एक्सपायर हो गए हे और बेटा हॉस्टेल में है. वह हमारे साथ रहती है.
मेरी शादी को २ साल हो चुके थे हम दोनों हस्बैंड वाइफ सेक्स के लिए एकदम बहोत पागल है. हमारी लव मैरिज थी, शादी से पहले हम खूब चुदाई कर चुके थे.
हम एक दूसरे से बिलकुल ओपन थे और एक दूसरे के शादी से पहले के रिलेशन भी जानते थे.
मां और दीदी का रूम पहले फ्लोर पर था और हम निचे के फ्लोर पर थे.
एक नार्मल नाईट लगभग १२ बजे होंगे हम अपने रूम में चुदाई कर रहे थे और एक राउंड पूरा हो चुका था. सुनीता की चूत मारी थी मैंने अभी, और हम लेटे थे. मैंने सुनीता को बोला यार सुनीता भूख लगी है वह बोली फ्रूट्स ले आती हूं और उठ कर कपड़े पहनने लगी मैंने कहा ऐसे ही चली जा यहां कौन है अभी? गांड चुद्वानी है तो फिर कपड़े उतारने पड़ेंगे. उसने कहा ओके.
तो वह ऐसे ही एकदम नंगी चुचे और गांड मटकती हुई चली गई, २ मिनट बाद मुझे मस्ती सूची में किचन में गया सुनीता एपल काट रही थी. मैंने उसे पीछे से पकड़ा उसकी चुचे दबाए और होंठ चूसने लगा. सुनीता बोली कंट्रोल यार अंदर चलते हैं वहां गांड मारना मेरी अच्छे से मुझे घोड़ी बना कर. मैं भी मूड में था मैंने कहा नहीं यहीं पर चुदाई करनी है.
उसने पहले मना किया फिर मान गई और मैंने उसे किचन शेल्फ पर जुकाया और हाथों से उसकी गांड चौड़ी की और लंड पर थूक लगाया, और धक्का मारा तो लंड अंदर घुस गया और सुनीता मचलने लगी और आह्ह ओह्ह हहह ओह हहह ओह औम्म्म हहह ओह्ह एस आह्ह ओह्ह हहह ओह हहह ओह औम्म्म हहह ओह्ह एस आह्ह ओह्ह हहह ओह हहह ओह औम्म्म हहह ओह्ह एस करने लगी और चुदाने लगी, तभी एकदम कोई किचन में एंटर हुआ और मैं घुमा तो दीदी थी.
मैंने बोला ओ शिट और दीदी भी ऑह सॉरी कहते बाहर हो गई एकदम. मेरा बिल्कुल निकलने वाला था मेंने लौड़ा निकालना नहीं चाहता था. सुनीता रोकती रही पर मैंने ८-१० धक्के मारे और मे झड़ गया. मैंने लंड निकाला और सुनीता बोली यार मरवा दिया तुमने, अब हम बाहर निकलने को हुए पर दी अंदर आने लगी तो मैंने कहा यार गड़बड़ हो गई और अपने लंड को छुपाया.
दी अंदर आई और मुस्कुराते हुए बोली हो गया तुम्हारा? मैंने लंड पर हाथ रखा पर सुनीता यूं ही खड़ी रही, मैंने कहा सॉरी वह बोली अरे सॉरी क्यों? अपनी बीवी चोद रहा है अपने घर में तो किस बात की सॉरी. उम्र है मजे लो. मुझे नहीं पता था मेरा छोटा भाई और भाभी गांड भी मारते हैं, और हंस पड़ी उनके मुंह से यह सुनकर हम भी हंस पड़े.
वह बोली कर लिया सब या करना है? सुनीता बोली कर लिया दी. मैं एकदम कमरे की तरफ भागा और अंडरवेयर पहन लिया कुछ देर बाद दी और सुनीता दोनो कमरे में आई मुस्कुराते हुए, सुनीता की तरफ मैंने उसके कपड़े बढाये उसने कपडे साइड कर दिए और बोली जानू एक बार और चोदो.
मैंने कहा सुनीता तुम्हारा दिमाग खराब है क्या शर्म करो वह बोली क्यों दीदी अपनी है, वैसे भी वह सब कुछ देख चुकी है, और अभी कह रही थी तुम्हारा लंड बड़ा तगड़ा है.
चलो ना प्लीज चोदो ना, दीदी बोली चल चोद भी और में भी मजे लू. फिर सुनीता आ गई और मेरा लंड अंडरवेअर से निकाला और हाथ में लेकर हिलाने लगी.
लंड खड़ा हो गया और सुनीता उस में मुंह में लेकर चूसने लगी. मेरी निगाह दी पर पड़ी. वह एक चुचा दबा रही थी और चूत सहला रही थी. तभी सुनीता ने लंड मुंह से निकाला और बोली आओ दी टेस्ट करो अपने भाई का लंड. अब मैं सारी बात समझ चुका था यह दी और सुनीता की सेटिंग थी दीदी को चुदाने कि. वह मेरे बेडरुम में आने के बीच बनी थी.
दीदी आई और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाया फिर मुंह में ले लिया और चूसने लगी. सुनीता ने अपना चुचा मेरे मुंह में दे दिया और मैं तो जन्नत में था.
५ मिनट रुकने के बाद सुनीता बोली दीदी कपड़े उतारो, दीदी रुकी और खड़ी हुई. मैं पहली बार दी के फिगर को इतना गौर से देखा. उनकी चुची सुनीता से भी मोटे थे और उनके वाइट ब्लाउस को फाड़ कर बाहर आने को तैयार थे.
दी ने साडी का पल्लू हटाया और साड़ी खोल के ब्लाउज में आ गई. सुनीता दीदी के पास पहुंची और उनके ब्लाउज के हुक को खोल दिया क्या नजारा था? खरबूजे साइज के चुचे, किशमिश जितना निपल और इतना बड़ा काला घेरा यार मैं तो पागल हो गया. मे अब शर्म छोड़ कर अपनी पर उतर आया और दीदी के पास पहुंचा और उनके चुचे चूसने लगा दी छटपटाने लगी और आंखें बंद कर ली.
सुनीता ने दी का पेटिकोट खोला और पेंटी उतार के उन को नंगा कर दिया. हम तीनों नंगे थे अब मौका था फुल इंजॉय का.
सुनीता दी के पैरों में बैठ गई और उनकी चूत चाटने लगी. मैं उनकी चुचे चूस रहा था पागलों की तरह.
दी ने मुझे बालों से पकड़ा और उसको अपने होठों तक लाई और किस करने लगी और सुनीता ने मेरा लंड मुंह में ले लिया.
मैंने दी को बेड पर लेटाया और उनकी चूत चाटने लगा. सुनीता अपनी चूत दी के मुंह पर ले गई, दीदी सुनीता की चूत में जीभ डाल रही थी और मैं उनकी चूत चाट रहा था.
तभी मैंने अचानक से लंड दीदी की चूत पर रखा और जितने में वह कुछ समझती मेंने एक झटका मारा और साथ में मेरा ७ इंच का लंड पेल दिया अंदर. दीदी छटपटाने लगी मर गई कुत्ते हरामी, बहनचोद जब आप आराम से चुद रही हूं तो चूत क्यों फाड़ी? सुनीता मुस्कुराई और बोली यह मेरे पति का स्टाइल है औरतों की सिसकियां सुन कर अपनी मर्दानगी पर गुरुर होता है.
मेने धक्के देने शुरू किए में हर धक्के में अपना लंड बाहर निकालता और अंदर तक पेलता. दी भी अब मजे लेने लगी, उनके फेस पर सेटिस्फेक्शन की स्माइल थी. हर धक्का वह इंजॉय कर रही थी. सुनीता उनके चुचे चूस रही थी और हॉट चुसाई भी शुरू थी.
दीदी कह रही थी की वाह तुम दोनों ने मुझे जो सुख दिया है उसके लिए जो मर्जी वह कर लो.
दी जड़ चुकी थी, मेरा अभी नहीं हुआ था. मैंने पोज चेंज किया, लंड निकाला और उनको ऊपर आने को बोला और खुद लेट गया.
सुनीता ने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी, दी लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी. में उनके चुचे दबाता हुआ नीचे से धक्के लगाने लगा और कमरे में बस एक आवाज थी आह्ह ओह्ह्हह्ह ह्ह्ह ओआह्ह ओह्ह हहह येस्स हहह उम्म्म अह्ह्ह ओह्ह चोदो और चोदो.
फिर मैं झड़ने को था. दी की चूत लंबे टाइम से चूदी नहीं थी तो सुनीता की चूत से ज्यादा मजा दे रही थी, मेरे लंड को पूरा निचोड़ लीया. सुनीता मेरे मुंह पर जड गई.
सुनीता मेरे मुह से हटी और दी मेरे ऊपर लेट कर मेरे ओठ और मुह चूसने लगी जिस पर सुनीता की चूत का गर्म पानी था, सुनीता ने दी को लेटाया और मेरे बहते हुए वीर्य को साफ किया.
हम तीनों नंगे लेट गए. फिर दी ने कहा की तुम दोनों ने मेरी लाइफ में खुशियां वापस कर दी, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि यह सच है या सपना. सुनीता बोली यह सच है जो हर रात रिपीट होगा.
तभी मैं बोला सुनीता मेरी गांड में खुजली हो रही है जरा खुजा दो. सुनीता बोली ओके जानू. दीदी यह देख रही थी. मैं उल्टा हुआ गांड उपर की सुनीता आई मेरी गांड चोडी की और जीभ लगा कर चाटने लगी. दी हैरान हुई यह देख कर और बोली मैं करुं और आके गांड चाटने लगी.
फिर हम सो गए सुबह जागे तो दरवाजा बंद था मैं और सुनीता नंगे थे. दी जा चुकी थी. कपड़े पहन कर बाहर निकले तो दी किचन में थी. उनके चेहरे पर प्यार भरी मुस्कान थी. सुनीता ने पूछा मम्मी कहां है? तो दी बोली मंदिर गई है. सुनीता किचन में गई और पूछा दी मजा आया? वह बोली बहुत मेने भी दी को किस किया. सुनीता बोली मैं फ्रेश होने जा रहा हूं गांड चुदा लो, ईतने में मम्मी आई.
वह वाशरूम गई और दी ने कहा करेगा? मैंने कहा क्यों नहीं दी बोली टाइट है लेकिन. मैंने उनकी सलवार नीचे की और बिना पैंटी के ही अपना लंड निकाला, किचन से सरसों का तेल लंड और दीदी की गांड पर लगा कर दी का एक पैर शेल्फ पर रखा और धक्का मारा. दि आह्ह ओह्ह हहह ओह्हह्ह मर गई और एक शॉट मारा लंड अंदर 5 मिनट में गांड ढीली हो गई. और धक्के लगाने लगा. १० मिनट बाद बेल बजी, दी बोली छोड़ मम्मी आ गई मैंने कहा नहीं पूरा करके, वह मजबूर थी चुदती रही. में बंधकों में १०-१२ धक्को में जड़ गया.
मैंने लंड निकाला. दी ने फटाफट सलवार ऊपर की, नाडा बांधा और दरवाजा खोला, मां ने पूछा इतनी देर क्यों लगाई? तो दी बोली में ऊपर थी सुनीता वॉशरूम में और भाई लेटा हुआ है.
अभी यही काम रोज रात को होता हे. आगे मेरी मां को भी पता चला और वह भी हमारे ग्रुप में आ गई.