नमस्कार दोस्तो!
मेरा नाम दीपक है, मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 20 साल है, मेरा लंड 7 इंच का है।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है आशा है कि आपको पसन्द आएगी।
बात उस समय की है जब मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था।
मेरे साथ ही मेरे पड़ोस की लड़की जिसका नाम शाज़िया बानो था, पढ़ती थी।
वो देखने में बहुत ही सुन्दर थी, उसके मोटे मोटे चूचों को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।
हमारे परिवारों में थोड़ा बहुत आना जाना था, मैं उनके घर और वो कभी कभार हमारे घर आ जाती थी।
मेरा मन करता था कि साली को अभी पकड़ चोद दूँ।
मैं रोज उसके बारे में सोचकर मुठ मारता था।
आखिर वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बेसब्री से इन्तजार था।
मैं शाम को शाज़िया के घर पर पढ़ने के बहाने चला गया।
उसके घर पर कोई नहीं था।
मैंने पूछा तो शाज़िया ने कहा- बड़े अब्बू अभी अभी किसी काम से मार्केट गए हैं।
ऐसा सुनकर मैं बहुत खुश हुआ। मैं और शाज़िया साथ बैठकर पढ़ने लगे।
मैं बीच बीच में बहाने से उसके चूचों को छू देता।
वो इसका विरोध नहीं कर रही थी।
मेरी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ने लगी, मेर लंड तन गया।
मुझसे अब रहा नहीं गया, मैंने शाज़िया को पकड़ लिया और उसको चूमने लगा।
पहले तो विरोध करने लगी पर जब मैंने उसे नहीं छोड़ा तो वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैं पाँच मिनट तक उसे चूमता रहा।
फिर मैं उसके चूचों को कमीज के ऊपर से दबाने लगा, वो सिसकारियाँ भरने लगी।
मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
वो गर्म चुकी थी।
मैंने उसके कपड़ों सलवार कमीज को उतार दिया, अब वो केवल ब्रा और पेंटी में थी।
वो सफ़ेद ब्रा और पेंटी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
मैं उसको बैडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया। मैं उसके होठों को चूसने लगा और एक हाथ से उसके चूचों को दबाने लगा।
कुछ देर तक मैं उसके होठों को चूमता रहा, फिर मैंने एक हाथ से उसकी ब्रा और पेंटी निकाल दी।
उसके सफ़ेद चूचे मेरे सामने उजागर हो गए।
मैं उनको मुँह में लेकर चूसने लगा।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
उसके मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी, वो कह रही थी- बस अब और नहीं रहा जाता… चोद दो मुझे।
मैं अब उसकी चूत को चाटने लगा।
एकदम गोरी चूत थी।
मैं जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा, वो आह उह्ह आह ऊहह जैसी आवाजें निकलने लगी।
मैंने मेरे सभी कपड़े उतार दिए और अपना लंड शाज़िया के हाथ में दे दिया।
वो मेरे लंड को देखक़र हैरान रह गई।
मैंने उसे लंड चूसने को कहा।
वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर बाद मैंने लंड को शाज़िया की चूत पर लगाया और धक्का मारा।
शाज़िया बानो दर्द के कारण कहराने लगी।
मैं उसके होठों को चूमने लगा और एक जोर से धक्का मार तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
दर्द के कारण उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और वो बाहर निकालने के लिए कहने लगी।
मैं उसके चूचों को चूसने लगा और जब उसका दर्द कम हुआ तो धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा।
अब शाज़िया को भी मजा आने लगा, वो मेरा साथ देने लगी। वो आह उह्ह उह्ह आह की आवाजें निकाल रही थी।
मैं जोर जोर से उसको चोद रहा था।
वो झड़ने वाली थी, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और झड़ गई।
मैं अब भी उसको चोद रहा रहा था।
कुछ देर तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
हम कुछ देर तक ऎसे ही लेटे रहे, फिर हमने कपड़े पहने, एक दूसरे को चूमा।
फ़िर मैं अपने घर आ गया।
जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर मेल करें।