सामने वाली भाभी की चूत का कचूमर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और में दिल्ली के ही एक 5 स्टार होटल में सेल्स मेनेजर हूँ और मेरी उम्र 25 है और में अपने फ्लेट में अकेला ही रहता हूँ. अभी मेरी शादी नहीं हुई है और में एक जवान और दिखने में सुंदर लड़का हूँ.

दोस्तों यह मेरी अपनी खुद की सच्ची कहानी है और इसको मैंने खुद ही लिखी है. दोस्तों में आज आप लोगों को बताऊंगा कि किस तरह से मैंने अपने सामने वाले घर में रहने वाली बहुत ही हॉट सेक्सी भाभी को अपने बहुत करीब लाकर एक दिन मैंने उनकी चुदाई के बड़े मज़े लिए और उनको बहुत जोश में आकर चोदा.

दोस्तों करीब पांच महीने पहले की बात है और हर दिन में रोज़ सुबह 9:30 बजे अपने घर से अपने काम पर निकल जाता हूँ और फिर में शाम को 7:00 बजे वापस अपने घर पर आ जाता हूँ, दोस्तों मेरे सामने वाले फ्लेट में मिस्टर शर्मा रहते है वो पेशे से एक वकील है उनकी एक बड़ी मस्त सी सुंदर पत्नी है, जिसका नाम नेहा है, लेकिन वो उनकी दूसरी पत्नी है शर्मा जी की उम्र करीब 40 साल के आसपास होगी और भाभी जी की उम्र करीब 25 साल होगी.

दोस्तों वो बड़ी ही प्यारी सी सेक्सी सी है और वो कॉलोनी के ही एक स्कूल में टीचर है वो सुबह 8:00 बजे स्कूल चली जाती है और 1:00 बजे वापस घर आ जाती है, जब वो सुबह स्कूल जाती है तो में हर रोज़ उनको देखता हूँ और वो भी एक बार मुझे देखकर हल्की सी मुस्कान ज़रूर देती है और पिछले एक साल से हमारे बीच ऐसा ही चल रहा था उस वजह से में बहुत खुश था.

एक दिन जब वो सुबह स्कूल जा रही थी तो में उस समय अपने घर के दरवाजे पर खड़ा हुआ था और वो अपने दरवाजे पर ताला लगा रही थी. तभी अचानक से मेरा टावल खुल गया और मैंने उस समय टावल के अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था.

वो मुझे उस हालत में देखकर हल्का सा मुस्कुराई और फिर चली गयी और उसके बाद कुछ दिन तक मेरा उसका कोई आमना सामना नहीं हुआ. फिर एक दिन मेरी छुट्टी थी इसलिए में आराम से बहुत देर तक सोकर उठा और उसके बाद में सिगरेट पीने के लिए अपनी बिल्डिंग से बाहर जा रहा था.

मैंने देखा कि वो उस समय बाहर झाड़ू लगा रही है क्योंकि उस दिन उनकी काम करने वाली नौकरानी काम पर नहीं आई थी और उन्होंने उस समय एक ढीली सी शर्ट छोटी जींस पहन रखी थी, उस वजह से जब वो नीचे झुककर झाड़ू लगा रही थी, तब मुझे उसके मस्त झूलते, लटकते हुए दोनों गोरे गोरे बूब्स साफ साफ दिखाई दे रहे थे और मैंने जब उनको देखा तो में अपनी चकित नजरो को फाड़ फाड़कर देखता ही रह गया. दोस्तों उस वक़्त वो बड़ी ही मस्त लग रही थी इसलिए मेरी नजर उसकी छाती से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और में लगातार घूर घूरकर देखकर वो मज़े लेता रहा. फिर कुछ देर बाद में उसको छूता हुआ उनकी तरफ मुस्कुराता हुआ वहां से निकल गया और उसने भी मेरी तरफ देखकर मुझे अपनी तरफ से हल्की सी मुस्कान दी तब मुझे उसका वो इशारा समझकर लगा कि मेरा कुछ काम बन सकता है, में पिछले कुछ दिनों से अपनी सेक्सी भाभी को देखकर उसकी चुदाई करने के सपने देख रहा था, जो मुझे अब पूरे होते हुए नजर आ रहे थे और में उस दिन बड़ा खुश था और आगे बढ़ने का सही मौका देखने लगा.

कुछ दिन के बाद एक दिन में दोपहर को अपने ऑफिस से घर आया तो मैंने देखा कि भाभी जी अपने फ्लेट के बाहर खड़ी हुई थी और वो बहुत ही परेशान, चिन्तित नजर आ रही थी. मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ भाभी जी आप बाहर क्यों खड़ी हो और चेहरे से आप मुझे बहुत परेशान भी नजर आ रही हो, आप मुझे बताए क्या बात है? तो उन्होंने कहा कि मेरे फ्लेट की चाबी पता नहीं कहाँ खो गयी है और आज आपके भाई साहिब भी अपने किसी काम की वजह से नेनीताल गये है, इसलिए में अब सोच रही हूँ कि में अब क्या और कैसे करूं?

मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है आप ही मुझे इसका कोई हल बताए? तो मैंने उनको बोला कि आप क्यों इतनी सी बात के लिए इतनी परेशान हो रही हो आप मेरे फ्लेट में आकर आराम से बैठ जाओ में अभी कुछ देर के बाद किसी चाबी बनाने वाले को अपने साथ ले आऊंगा और आपके उस ताले को खुलवा दूंगा, तब तक आप थोड़ा यहाँ पर आराम कर लो.

फिर वो मेरे कहने पर मेरे घर में आ गई और हम दोनों ने एक साथ में बैठकर कोल्ड ड्रिंक पीकर हंसी मजाक किया और उसके बाद में उठकर बाथरूम में चला गया, तभी भाभी जी ने टीवी को चालू कर दिया ऊसमें मैंने सीडी पर पहले से ही एक ब्लूफिल्म लगा रखी थी, क्योंकि में घर में हमेशा अकेला रहने की वजह से वो फिल्मे देखकर अपना समय गुजारता था और टीवी को चालू करते ही वो फिल्म शुरू हो गयी.

में तभी बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि भाभी जी बहुत खुश होकर वो फिल्म देख रही है और उनकी आखें उससे हटने को तैयार ही नहीं थी और फिर मुझे अपने पास देखते ही वो मुझसे बोली कि तुम यह कैसी कैसी फिल्म देखते हो? मैंने उनको मेरी उस गलती की वजह से माफ़ करने के लिए बोला और टीवी को बंद कर दिया.

में बाजार से एक चाबी वाले को अपने साथ लेकर आ गया उसने भाभी के घर का ताला खोल दिया. उसके बाद भाभी अपने घर पर चली गई और उसी शाम को भाभी जी ने मेरे घर के दरवाजे की घंटी बजाई तो मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा और वो मेरी तरह मुस्कुराते हुए मुझसे पूछने लगी कि अमित आज शाम को तुम क्या कर रहे हो?

मैंने कहा कि कुछ भी नहीं बस खाना खाकर मुझे सोना ही है, तभी वो मुझसे बोली कि आज आप रात का खाना मेरे साथ ही खा लेना क्योंकि आप भी बिल्कुल अकेले हो और में भी घर में अकेली हूँ. हम साथ में खाएगें तो हमे कुछ देर एक दूसरे का साथ मिल जाएगा, तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है आप जैसा ठीक समझो, में चला आऊंगा उनसे यह बात कहकर में उनके साथ ही फ्लेट में चला गया और वो किचन में खाना बना रही थी में ड्रॉयिंग रूम में था और चुपके से उनको देखकर में मन ही मन खुश हो रहा था. तभी वो पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखते हुए मुझसे बोली कि अमित तुम मुझे ऐसे क्या देख रहे हो?

मैंने कहा कि कुछ नहीं, तभी उन्होंने कहा कि क्या खाने से पहले कुछ ड्रिंक्स हो जाए? तब मैंने कहा कि हाँ ठीक है आपका यह बहुत अच्छा विचार है में अभी लेकर आता हूँ, तो वो बोली कि नहीं रहने दो क्योंकि घर पर पहले से ही आपके भाई साहब की रखी हुई है, में वो लाकर देती हूँ और फिर उन्होंने एक बहुत ठंडी बियर को लाकर ठीक मेरे सामने वाली टेबल पर रख दिया. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आप नहीं पियोगी?

तब उन्होंने कहा कि में यह सब नहीं पीती हूँ, लेकिन हाँ में आपके साथ में बैठकर सॉफ्ट ड्रिंक जरुर पी लूंगी और अब हम दोनों ने साथ में बैठकर पीते हुए बहुत सारी बातें हंसी मजाक किया और तभी में सही मौका देखकर धीरे धीरे उनके ज्यादा पास आने लगा और फिर में बिल्कुल उनके पास में बैठ गया.

वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें मज़ा कर रही थी और कुछ देर बाद मैंने सही मौका देखकर अपने एक हाथ को उनके कंधे पर डाल दिया, तो वो मुझसे बोली कि अमित यह क्या कर रहे हो? चलो अब बहुत हुआ हमारा खाना भी अब ठंडा हो रहा है ठंडा खाना खाने में ज्यादा मज़ा नहीं आएगा, तो मैंने बोला कि आप प्लीज कुछ देर बैठो फिर में चलता है और फिर में उसके साथ मस्ती करने लगा और में जानबूझ कर उस मस्ती मस्ती में उनको इधर उधर छू रहा था और मज़े ले रहा था.

अब वो मुझसे कह रही थी कि अमित अब तुम प्लीज बस करो और यह सब जो तुम कर रहे हो बिल्कुल भी ठीक नहीं है, लेकिन में तब भी अपने काम में लगा रहा, जिसकी वजह से वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी और तभी उसने मेरी पेंट पर अपना एक हाथ रख दिया और उस वजह से मेरा लंड तुरंत सन सना गया और लंड खड़ा होकर अब पूरी तरह से बाहर निकलने के लिए तड़पने लगा और भाभी जी मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी.

लंड बाहर निकलने को पागल हो गया और फिर उन्होंने मेरी पेंट की चेन को खोलकर मेरी पेंट को उतारने लगी और मैंने अपनी पेंट को खोल दिया और जल्दी से अंडरवियर को भी उतार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड झट से बाहर आ गया और वो उनके सामने तनकर खड़ा था और जब उन्होंने मेरे 6 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड को देखा तो वो एकदम पागल होकर उस पर टूट पड़ी और लंड को तुरंत अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.

में भी उसको पकड़कर किस करने लगा और हम दोनों जोश में आकर बिल्कुल पागल हो चुके थे और हमें किसी भी बात का होश नहीं था और ना ही हम अब होश में आना चाहते थे, इसलिए हम दोनों उस मस्ती में लगे रहे.

फिर में धीरे धीरे उसको चूमता रहा और जब मुझे एहसास हुआ कि वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी तब सही मौका देखकर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी को देखकर में थोड़ी देर एकदम दंग सा रह गया क्योंकि उसका फिगर बिल्कुल मस्त आकार का था और उसके फिगर का आकार यही कोई 30-28-30 होगा. उसके बूब्स तो बड़े मस्त गोलमटोल और गोरे गोरे थे जिसको देखकर में बड़ा चकित था और तभी मैंने देखा कि उसकी चूत भी बहुत कामुक नजर आ रही थी और उस पर एक भी बाल नहीं था और वो गुलाबी रंग की बड़ी ही रसीली चूत थी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और

में उसको अपना लंड मुहं में डालकर चुसवाने लगा. फिर वो मेरा लंड अपने मुहं में लिए करीब बीस मिनट तक लगातार किसी अनुभवी रंडी की तरह बहुत मज़ा लेकर चूसती रही. वो पहली बार यह सब कर रही थी, क्योंकि शर्मा जी ने कभी भी उसके साथ ऐसा नहीं किया था, लेकिन फिर भी वो किसी अनुभवी लड़की की तरह यह सब कर रही थी और उसके लंड चूसने में ही कुछ देर बाद मेरा पानी निकल गया, जिसको मैंने उसके मुहं में निकाल दिया और जिसको वो बहुत मज़े से चूसकर चाटकर गटक गई.

अब में बहुत जोश में आकर उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा तो वो छटपटाने लगी और में अपनी जीभ को उसकी चूत में गहराई तक डालकर उसको अपनी जीभ से चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद अब मेरा लंड एक बार फिर से लोहे की तरह सख़्त होकर तनकर खड़ा गया और में बहुत जोश में था तभी मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर में धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो अंदर नहीं जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी.

थोड़ी देर तक धीरे धीरे कोशिश करने के बाद मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर में उसको किस करने लगा और उसी के साथ मैंने एक ज़ोर का झटका दिया जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और उसके मुँह से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल गयी, लेकिन वो मेरे मुँह के अंदर ही दबकर रह गयी और अब में थोड़ी देर उसकी टाइट और रसीली चूत में अपना बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हिले उसके ऊपर पड़ा रहा और उसके बूब्स को दबाता रहा और उसको किस करता रहा.

फिर थोड़ी देर बाद उसको जब अच्छा लगने लगा तो मैंने धीरे धीरे झटके देना शुरू कर दिया और में उसकी बिल्कुल मस्त चूत में अपना मोटा, लंबा लंड अंदर, बाहर करके उसकी चुदाई करता जा रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा उठाकर मेरे साथ मज़े लेकर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही थी और उसके मुँह से सिसकियों की आवाजे आ रही थी. वो लगातार मोन कर रही थी और वो मुझे अपनी चुदाई के लिए ललकार रही थी और मुझसे कह रही थी उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को अमित और ज़ोर से करो उईईईईईई वाह मज़ा आ गया. आज तुमने मुझे सुहागन का पूरा मज़ा दे दिया है. अब तो में और तुम अब हर रोज़ ही इस तरह से किया करो, हाँ फाड़ दो तुम आज अपनी रानी की चूत को, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो तुम बड़े अच्छे से यह काम करते हो और तुम्हे इसमें बहुत कुछ आता है.

दोस्तों उसके मुँह से ऐसी बातें सुनकर मुझे बड़ा आशचर्य हुआ, लेकिन में फिर भी उसको करीब बीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा और उसको चोदने के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत की गहराइयों में ही डाल दिया और वो एकदम संतुष्ट नजर आने लगी और फिर पूरी रात हम दोनों एक दूसरे के साथ ऐसे नंगे ही सो गए और सुबह करीब पांच बजे हम दोनों एक बार फिर से उठे और हमने बहुत जबरदस्त ठुकाई के मज़े लिए और फिर हम दोनों सो गए और करीब आठ बजे मेरी नींद खुल गई तो फिर हम दोनों जल्दी से फ्रेश होकर अपने अपने काम पर निकल गए, लेकिन जाने से पहले हमने शाम को एक दूसरे से दोबारा मिलना का वादा भी किया था और फिर उसी शाम को हमारी चुदाई का प्रोग्राम दोबारा से शुरू हो गया, जिसका हम दोनों ने बहुत मज़ा लिया.

दोस्तों उस रात को मैंने उसको बाथरूम में चलने का इशारा किया और वो उठाकर बाथरूम में आ गई और फिर में भी बाथरूम में चला गया अंदर जाकर मैंने उसको पीछे से कसकर पकड़कर उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने सहलाने लगा तो उस दिन मैंने महसूस किया कि उसके बूब्स बहुत सख्त थे और उसने अपनी दोनों आँखे बंद कर ली और में उसके बूब्स को टी-शर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपने एक हाथ से उसकी कॅप्री को उतारकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया और में अपनी उंगली से उसकी चुदाई करने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने उसके सारे कपड़े निकालकर उसको बिल्कुल नंगी कर दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थी.

मैंने अपनी पेंट की चेन को खोलकर अपना लंड बाहर निकाला तो वो मेरा लंड देखकर एक बार फिर से पागल हो गयी और एक हाथ से ज़ोर से मेरे लंड को उसने पकड़ लिया और वो अपने कोमल मुलायम हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी और बाद में नीचे बैठ गयी. अब वो मेरे लंड को कुतिया की तरह चूसने लगी और अपनी जीभ से वो मेरे लंड को चाट रही थी.

धीरे धीरे उसने मेरे लंड को अपने मुहं में लेना शुरू कर दिया और मेरा लंड बहुत सख्त और बड़ा था, इसलिए वो उसके मुहं में पूरा नहीं आ रहा था. फिर मैंने उसके सर के बाल पकड़कर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उसके मुहं में चला गया और उसकी आँखो से पानी बाहर निकल आया. फिर वो धीरे धीरे ज्यादा से ज्यादा मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. फिर करीब 15-20 मिनट के बाद बहुत जमकर लंड को चुसवाने के बाद मैंने उसको अब घोड़ी बनने के लिए कहा और वो अपने दोनों पैरों को मोड़कर मेरे सामने घोड़ी बन गयी.

दोस्तों इस आसान में किसी भी औरत को चोदने में बहुत मज़ा आता है और में भी अब अपने घुटनों के बल बैठ गया और पीछे से अपना लंड मैंने उसकी चूत के मुहं पर लगाया और दोनों हाथों से उसके बूब्स को पकड़कर एक ज़ोर का धक्का लगाया तो उसके मुहं से चीख निकल गयी और में अपना लंड उसकी चूत में ऐसे ही डालकर उसके बूब्स को दबाता रहा और जब उसका दर्द थोड़ा सा कम हुआ तो में धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

अब वो धीरे से बोली आज तुम मेरी पूरी प्यास को बुझा दो आह्ह्ह्ह मज़ा आ गया पूरा अंदर तक जाने दो और ज़ोर से धक्का लगाओ, मेरी इस आग को ठंडा कर दो. अब मैंने उससे कहा कि आज तो में तुझे ऐसे जमकर चोदूंगा कि तू सारी उम्र मुझे और मेरे लंड की इस चुदाई को याद रखेगी. अब में उसको तेज तेज धक्के देकर चुदाई का मज़ा दे रहा था और में उसको ऐसे ही चोदे जा रहा था, लेकिन अब वो अपने पति को गालियाँ भी देने लगी थी, वो कह रही थी कि उसके पति के लंड में मेरे लंड जितना दम नहीं है वो थोड़ी ही देर बाद ठंडा हो जाता है और उसने मुझसे कहा कि तुम एक बार मुझे मेरे पति के सामने ही चोदो, कम से कम चुदाई कैसे करते है यह तो उसको पता चल जाएगा और इस तरह से में जोश में आकर उसको बहुत तेज रफ़्तार से धक्के देकर चोदे जा रहा था और वो बड़बड़ा रही थी.

दोस्तों सही में उसकी चूत का मज़ा मेरे लंड को जो आया ना वो किसी में नहीं था, मैंने करीब 35 मिनट तक उसकी चूत का कचूमर निकालने के बाद मैंने अपने वीर्य का फव्वारा उसकी गरम गरम चूत में डाल दिया और लंड को बाहर निकालकर उसके मुँह में दे दिया मेरा और उसका जो पानी मेरे लंड पर चिपका हुआ था. उसको वो आइस्क्रीम की तरह से अपनी जीभ से चाटने लगी और वो मेरी चुदाई से बहुत खुश पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी.

दोस्तों उस रात को मैंने उसको तीन बार हर बार अलग अलग तरीके से चोदा और उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता हम एक दूसरे में समा जाते. आज तक मैंने उसको कितनी बार चोदा है इसके बारे में मुझे भी याद नहीं है, लेकिन हाँ आज भी में उसे बड़े प्यार और मज़े से चोदता हूँ और वो भी खुश होकर मुझसे अपनी चुदाई करवाती है और में बहुत मज़े लेकर उनकी चुदाई करता हूँ.

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