हेलो दोस्तों, आर्ची सोनेवाल आप सभी का मस्ताराम डॉट नेट में स्वागत करती है। आज मैं आपको अपनी रिअल स्टोरी सुनाने जा रही हूँ। मैं मुंबई की रहने वाली हूँ। मेरी एक सहेली ने करीब साल भर पहले मुझे मस्तराम डॉट नेट के बारे में बताया था। तब से मैं रोज यहाँ की कहानियाँ पढ़ती हूँ। तो आपको स्टोरी सुनाती हूँ। कुछ साल पहले मेरे पापा की कैंसर से मौत हो गयी थी। इसलिए मेरी माँ को दुबारा शादी करनी पड़ गयी। मेरी माँ बहुत सुंदर औरत थी और गजब की माल थी। उसका कद 5 फुट 3 इंच का था, बहुत दूध जितनी गोरी थी और उसके बूब्स तो ३४ ३६” के होंगे। जो आदमी मेरी माँ से शादी करने जा रहा था उसकी औरत खत्म हो गयी थी।
वो भी अकेला था और माँ भी अकेली थी। दोनों में बात हो गयी और फिर शादी हो गयी। सुहागरात के दिन उस आदमी ने मेरी माँ को खूब चोदा। माँ की गर्म गर्म चीखे मैं साफ साफ़ सुन सकती थी। आआआअह्हह्हह्ह….ऊऊऊ….अईईईईई…आऊऊऊउ …माँ गर्म गर्म सिसकारी निकाल रही थी और मजे लेकर चुद रही थी। तब मेरी उम्र 19 साल की थी। मैं बालिक हो चुकी थी और चुदने लायक सामान हो गयी थी। शुरू के साल भर मेरे सौतेले बाप ने मुझे बहुत प्यार दिया। मेरे लिए नये नये कपड़े लेकर आया। तरह तरह की चीजे, खाने की अच्छी अच्छी चीजे वो लेकर आता था। साल भर उसने मेरी माँ को खूब जी भरकर चोदा और ठोंका। उसके बाद उसके व्यवहार में अचानक बदलाव आना शुरू हो गया।
मेरा सौतेला बाप जब मेरा पास आता तो मेरे दोनों कंधों पर अपने हाथ रख देता और सहलाने लगा जाता।
“बेटी!! मुझे तुझसे कुछ बात अकेले में करनी है!!” मेरा सौतेला बाप बोला
एक दिन जब माँ नही थी तो उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया।
“बेटी आर्ची! ….क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है???” उसने पूछा
“नही …पापा!” मैं बोली
“बेटी बनाना भी नही। ये बोयफ्रेंड बहुत गंदे होते है, मासूम लड़कियों को चोद लेते है और खा पीकर चूत का छेद बड़ा करके भाग जाते है। कुछ बॉयफ्रेंड तो शादी का झांसा देकर मासूम लड़कियों को चोद लेते है!!” मेरे सौतेले बाप ने मुझे समझाया। उस दिन से मैं पापा को अपना बड़ा अच्छा दोस्त मानने लगी। एक दिन जब मेरी माँ घर पर नही थी, मेरे सौतेले पापा ने मुझे टीवी पर एक ब्लू फिल्म दिखाई।
“आर्ची!! बेटी ….देखो अच्छी लगी ये पिक्चर??” मेरे सौतेले बाप ने पूछा
मैंने देखा तो वो एक गर्मा गर्म चुदाई वाली पिक्चर थी। लड़का लकड़ी को गोद में उठाकर चोद रहा था और लड़की गर्म गर्म मादक सिस्कारियां निकाल रही थी। मैं शर्मा गयी।
“आर्ची बेटी….अच्छी लगी??” मेरे सौतेले बाप ने फिर पूछा
“धत्त!! पापा…..क्या कोई पापा अपनी बेटी से ये पूछता है!!” मैं कहा। मैं बहुत लजा गयी थी और शर्म कर रही थी।
“बेटी, आजकल युवाओं को सेक्स एजुकेशन देना बहुत जरूरी हो गया है। वरना लड़कियां कई मर्दों से चुदवा लेती है और ऐड्स जैसी जानलेवा बिमारी का शिकार बन जाती है। इसलिए बेटी आजकल हर बाप अपनी जवान चुदने लायक लड़की को चुपके चुपके सेक्स एजुकेशन देते रहते है, ये बात सीक्रेट ही रखी जाती है। तुम ये दोनों टेप अच्छी तरह से देख लेना, जिससे तुमको सेक्स एजुकेशन मिल जाए!” मेरे सौतेले बाप [पापा] ने कहा। उसने सेक्स की चुदाई वाली गर्मा गर्म फिल्मे मेरे कमरे में छोड़ दी और अपने काम पर चला गया। मेरे पास करने को और कोई काम था नही, मेरा कॉलेज तो एक महीने के लिए बंद ही हो गया था तो मैंने सोचा की चलो सेक्स एजुकेशन ही ले लूँ। वैसे भी कोई बाप इतना पाप नही होगा की अपनी लड़की को गलत शिक्षा दे।
दोस्तों, मैंने जैसे जैसे वो चुदाई वाले फिल्मे देखना शुरू की मुझे अच्छी लगने लगी। कुछ देर बाद तो मैंने अपना सारा काम धाम छोड़ दिया और सुबह से रात तक बैठ कर मैंने वो दोनों चुदाई की ४ ४ घंटे की फिल्म देख ली। शाम को पापा और मम्मी अपने अपने ऑफिस से लौटे तो मुझे पता नही क्या हो गया है। उन चुदाई फिल्मो का मेरे किशोर मन पर बहुत असर हुआ था।
“पापा!! मुझे और सेक्स एजुकेशन लेनी है, कल आप और टेप ले आना!!” मैं अपने सौतेले बाप से बोल दिया
मेरा चुदाई फिल्मो में इंटरेस्ट देखकर मन ही मन वो मुस्कुराने लगे। सायद वो कोई कुटिल प्लान अपने दिमाग में बना रहे थे। इस तरह पापा रोज नई नई चुदाई वाली फिल्मे मेरे लिए लाने लगे। कभी जापानी चुदाई की फिल्मे, कभी चाईनीस चुदाई की फिल्मे , कभी कोई….कभी कोई। दोस्तों २ महीने बाद मुझे ब्लू फिल्म देखने का भयानक चस्का लग गया था, जैसे किसी गंजेड़ी को गांजा पीने के बुरा चस्का लग गया था। एक दिन सुबह सुबह जब मेरी माँ अपनी नौकरी पर गयी थी मैंने पापा से फिर कहा की मेरे लिए चुदाई फिल्म लेकर आये। मेरे पापा गये और मार्किट से खाली हाथ लौट आये।
“ये क्या पापा…..आप खाली हाथ क्यों लौट आये, अब मेरा वक़्त कैसे बीतेगा???” मैं बहुत बेचैन महसूस कर रही थी। जैसे किसी अफीमची को अगर अफीम सूंघने को ना मिले तो वो बड़ा बेचैन हो जाता है, मेरी हालत बिलकुल ऐसी ही थी।
“बेटी……वो दूकान बंद थी। पता नही खुलेगी!!” पापा बोले
“नही पापा…..आप फिर से मार्केट जाइये और मेरे लिए वो सेक्स एजुकेशन वाला टेप लेकर आईये!!” मैंने झल्लाते हुए कहा। मेरा सौतेला बाप जा जाने क्यों हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था। उसका पूरा प्लान मुझे रगड़कर चोदने और खाने का था। अपनी हवस को पूरी करने के लिए उस बहनचोद ने मुझे सेक्स एजुकेशन का झांसा दिया था। उसका असली मकसद मुझे चोदना था। मैं २ महीनो में रोज नई नई चुदाई वाली फिल्मे देखने लगी थी और चूत में बैंगन और मूली, गाजर और ऊँगली डालकर मुठ मारना भी सीख गयी थी। अब मैं चुदाई के बारे में सब कुछ जान गयी थी। अब मैं गांड मरवाने के बारे में सब कुछ जान गयी थी। मेरी झल्लाहट देखकर मेरा सौतेला बाप बहुत खुश हो रहा था।
“बेटी आज दूकान तो बंद है….तुम रोज रोज नई नई चुदाई फिल्मे देखकर सेक्स एजुकेशन लेती तो। बेटी……अगर तुम चाहो तो मैं तुमको रिअल सेक्स का मजा दे सकता हूँ…किसी को पता नही चलेगा। देखने से जादा करने में मजा आता है बेटी…..जरा सोचो….सोचो!!” मेरा कपटी बाप बोला
“हाँ!! पापा …..ये मस्त आईडिया है। रोज मैं सेक्स एजुकेशन लेती हूँ, पर कभी सेक्स नही करती। पापा आज आप मेरे साथ सेक्स करो और मुझे रिअल सेक्स एजुकेशन दो!!”
“बेटी……तुम्हारा मतलब मैं तुमको चोदकर…..सेक्स एजुकेशन दूँ???” मेरे कुटिल सौतेले बाप ने पूछा। वो अच्छी तरह से जान गया था की उसने मुझे कोई सेक्स वेक्स एजुकेशन नही दी थी। उसका कुटिल मकसद मुझे सेक्स की लत लगवाकर जी भरकर चोदना था। वो हमारी सेक्स एजुकेशन के नाम पर मुझे धोखे से चोदना खाना नोचना चाहता है। मैं मासूम कली थी, उसकी चाल समझ ना पायी।
“हाँ …..पापा हाँ!! …आप मुझे चोदिये और सेक्स एजुकेशन दीजिये!!” मैंने बोली
ये सुनकर मेरा सौतेला बाप बहुत खुश। उसने मुझे बाहों में भर लिया और अब उसे किसी बात का डर नही था। क्यूंकि अब मुझे ही सेक्स की बुरी लत लग गयी थी। मैं खुद ही अपने पापा से चिपक गयी। मैंने फिरोजी रंग का सलवार सूट पहन रखा था। मेरा पापा यानी मेरा सौतेला बाप मेरे मस्त मस्त मम्मे ताड़ रहा था। फिर उसने मेरा दुप्पटा खींच दिया और हटा दिया। मेरे बड़े बड़े मम्मे मेरी कमीज के सूती कपड़े से साफ़ साफ़ दिख रहे थे। फिर पापा मुझे चोदने के लिए कमरे में ले गये। मुझे सेक्स की बुरी लत लग चुकी थी। वरना कोई शरीफ लड़की अपने बाप से चुदवाने के लिए उनके कमरे में नही जाती।
पापा ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मेरे होठ पीने लगे। पापा ने मुझे बाहों में भर लिया था। दोस्तों, आज मैं भी फुल मूड में थी। चुदाई फिल्मे मैंने बहुत देख ली थी आज मैं खुद चुदना चाहती थी। मैं भी पापा के होठ पीने लगी। कुछ देर बाद हम दोनों की चुदास और कामवासना जाग गयी। मुझे अपने पापा के होठ चूसना पता नही क्यों अच्छा लग रहा था। पापा के हाथ मेरे बड़े बड़े दूध पर आ गये। वो मेरे दूध दबाने लगे। मैं उनको नही रोका। क्यूंकि मुझे अच्छा लग रहा था।
“आह्ह्ह्ह…..पापा दबाइये!!….मेरे दूध और दबाइये!!” मैंने पापा से कहा तो पापा की कामवासना जाग गयी। वो कस कसके मेरे दूध दबाने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग। पापा मेरे साथ फ्रेंच किस का मजा ले रहे थे। मेरे पतले नीचे वाले होठो को चूस रहे थे। मेरे ओंठ बहुत रसीले थे। कुछ देर में पापा ने मेरी कनीज निकाल दी। फिर मेरी ब्रा निकाल दिए। पता नही क्यूँ मुझे हल्की से शर्म आई। पापा की नजरे मेरे दूध पर टिकी थी। वासना उनकी आँखों में बैठ चुकी थी। वो जल्द से जल्द मुझे चोदना चाहते थे।
“बेटी…..तेरे दूध तो माशाअल्ला है…इतने खूबमुंबई मम्मे मैंने आज तक नही देखे है!!” पापा मेरे बूब्स की तारीफ़ करने लगे
“पी लो पापा…..आज जी भरकर मेरे रसीले बूब्स पी लो!” मैंने कहा
तो पापा जोर जोर से मेरे 32” के दूध हाथ से दबाने लगे और फिर मजे से पीने लगे। आज मेरा सपना पूरा होने वाला था। मैं रोज तरह तरह की चुदाई देखा करती थी, पर आज मैं खुद चुदने वाली थी। पापा पर वासना हावी हो गयी। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे हसीन दूध मुँह में भर लिए और मजे लेकर पीने लगे। मैं कितनी बेशर्म लड़की थी। अपने बाप से चुदवाने वाली थी। मैंने भी पापा को बाहों में भर लिया और बिस्तर पर हम दोनों लेट गये। आज मेरे सौतेले पापा मेरे बॉयफ्रेंड और मेरे सैयां बन चुके थे। वो मजे ले लेकर मेरे रसीले दूध पी रहे थे। आह….एक अजीब सा नशा चढ़ रहा था। पापा को मेरे दूध पीने में तो मजा मिल ही रहा था, पर मुझे भी खूब आनंद प्राप्त हो रहा था।
मेरे दूध पीते पीते पापा का हाथ मेरी सलवार पर चला गया। उन्होंने मेरी सलवार निकाल दी। तो मैं भी पापा के लंड को सहलाने लगी और मैंने उनकी पैंट खोल दी। उसके बाद हम दोनों ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। पापा अब बिस्तर पर लेट गये और मैं उनका लंड चुसने लगी।
“पापा!!….तुम्हारा लंड तो कितना बड़ा और विशाल है!!” मैं आश्चर्य से कहा
“चूस ले बेटी…..अब समझ ले की ये लंड तेरा ही है!!” पापा बोले
मैंने २ महीने में १०० से जादा चुदाई फिल्मे देखी थी। अच्छी तरह लंड चुसना मैं वही पर सीखा था। मैं भी मजे लेकर पापा के लंड चूसने लगी। अरे कितना बड़ा गुलाबी लंड था और सुपाडा तो बहुत ही बड़ा था और गुलाबी था। मैंने पापा की जाँघों पर लेट गयी। गोलियां भी मजे से चूस रही थी और लंड भी मुँह में लेकर चूस रही थी। पापा को बहुत आनंद मिल रहा था।
“चूस बेटी….और मुँह में अंदर तक लेकर चूस!!” पापा बोले तो मैं और जोर जोर से पापा का लंड चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं जोर जोर से सर हिलाकर लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी। पापा का लंड कोई 8” लम्बा था और बहुत जूसी था। पापा का लंड चूसते चूसते मेरी चूत बहने लगी। फिर पापा ने मुझे सीधा बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मैं कुवारी कन्या थी। इसलिए पापा को बहुत जोर से धक्का मारना पड़ा। तब जाकर मेरी कुवारी चूत की सील टूट पायी। पापा का लंड मेरे गाढे लाल खून से रंग गया। मैंने खुद अपनी दोनों टाँगे उपर कर ली और चुदवाने लगी। पापा मेरे लाल लाल खूबमुंबई भोसड़े में गहरे धक्के देने लगा। मैंने पापा को अपनी बाहों में छुपा लिया था, क्यूंकि मुझे चूत में काफी दर्द हो रहा था।
पापा ने मेरे दोनों कोमल कंधे पकड़ रखे थे और किसी आवारा रंडी की तरह मुझे कमर मटका मटकाकर चोद रहे थे। दोस्तों, दर्द के साथ साथ मुझे मीठा मीठा अहसास भी हो रहा था। पर ये जो कुछ भी था मुझे अच्छा लग रहा था। पापा ने मुझे अपने कब्जे में ले लिया और पक पक चोदने लगे। वो फिर मेरे उपर लेट गये और मेरे बूब्स पीते पीते मुझे पेलने लगे। २० मिनट बाद पापा मेरी रसीली चूत में शहीद हो गये। मैंने पापा को दिल में छुपा लिया। मुझे अभी भी चूत में दर्द हो रहा था।
“बेटी…..बताओ कैसी लगी मेरी सेक्स एजुकेशन????” पापा ने हँसते हुए पूछा
“अच्छी लगी पापा!!” मैंने जावाब दिया
फिर हम दोनों किसी युगल प्रेमी जोड़े की तरह एक दुसरे के रसीले ओठ पीने लगे। आज मैं पहली बार अपने सौतेले बाप से चुद गयी। अच्छा रहा ये एक्सपीरियंस। कुछ दिन बाद पापा और मैं घर पर अकेली थी। मेरी मम्मी अपनी नौकरी के सिलसिले में शहर से बाहर गयी थी।
“बेटी ……सेक्स एजुकेशन हो जाए???” पापा मुझे फुसलाते हुए बोले
“जी …..ठीक है!!” मैंने कहा
हम दोनों फिर से चुदाई में तल्लीन हो गये। पापा ने मुझे और मैं पापा को नंगा कर दिया। पापा मेरी चूत पीने लगे और ऊँगली करने लगे। दोस्तों, आज मुझे तनिक भी दर्द नही हुआ। पापा ने अपनी जीभ चला चलाकर मेरी चूत मजे लेकर पी। फिर लंड डालकर मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद पापा मुझ पर पूरी तरह से हावी हो गये और इतने जोर जोर चोदने लगे की मेरी जान निकलने लगी। पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, इसलिए दर्द होने के बाद भी मैंने उनसे रुकने के लिए नही कहा। फिर पापा ने मुझे अपनी कमर पर बिठा लिया और मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे बिस्तर पर उछाल उछालकर मुझे चोदने लगे।
मैंने इस तरह की चुदाई विडियो में देखी थी जो पापा मेरे लिए लेकर आये थे। पर दोस्तों, मैं ये बात जरुर कहूँगी की देखने से जादा करने में आनंद प्राप्त होता है। पापा के दोनों हाथ किसी सांप की तरह मेरी पतली चिकनी सेक्सी कमर पर लिपट गये और पापा ने सवा घंटा मुझे लंड पर बिठाकर चोदा। आज ४ साल से पापा हर दिन माँ से छुपकर मेरी चूत मारते है और मैं भी उनको नही रोक पाती हूँ। क्यूंकि मुझे सेक्स करने का बुरा चस्का लग चुका है। ये कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।