मैंने जानबूझकर किसी अनजाने से चुदवाई

मेरी एक चहेती गर्ल फ्रेंड है जिसका नाम है मानसी उसकी उम्र है 25 साल मेरे उसके साथ चोदा चोदी के सम्बन्ध है एक दिन मैंने उससे कहा की तुम अपने जीवन की एक घटना सुनाओ जो सच्ची हो और मजेदार भी उस ने कहा की मैं शादी के करीब करीब ६ महीने के बाद अपनी मौसी के घर गयी थी उस समय मेरा पति विदेश चला गया था उधर मौसा तो पहले ही विदेश में थे मेरे पहुचते ही मेरी मौसी बहुत खुश हो गयी.

मौसी मुझसे केवल २ साल ही बड़ी थी हमउम्र होने के कारण मुझसे सहेलियों जैसा ही व्यवहार करती थी मैं भी उनसे खुल कर बातें करती थी एक दिन उन्हे अपनी ससुराल किसी जरूरी काम से जाना पड़ा घर मेरे सहारे छोड़कर वे १५ दिन के लिए चली गयी उनके जाने के बाद दूसरे ही दिन दोपहर में एक ख़त आया मैंने ख़त को पढ़ने लगी ख़त में लिखा था :—

मेरी बुर चोदी भाभी , मुझे यहाँ दिल्ली में आए हुए १० महीने हो चुके है लेकिन मैं तुमको बहुत याद करती हूँ तुम्हारे साथ बिताया हुआ एक एक पल मुझे बहुत याद आता है याद है न भाभी जब तुमने मुझे लंड पकड़ना सिखाया था वह लंड आपके बॉय फ्रेंड का था दोपहर के समय मैं जब नंगी आप के साथ लेती थी तो आपने कहा की ज्योति तुम अपनी आँखें बंद करो मै तुमको एक उपहार देना चाहती हूँ.

मैंने आँखे बंद कर ली तब तुमने कहा की अपना हाथ खोल कर मेरे सामने बढाओ मैं उपहार तुम्हारे हाथ पर रख दूँगी तब तुम मूठी बंद कर लेना मैंने वैसा ही किया जैसे ही मैं मूठी बंद करने लगी मुझे लगा की मेरे हाथ में कोई डंडा है फिर तुमने कहा अब आँखे खोलो मैंने जैसे ही आँखें खोली तो देखा की एक आदमी मेरे सामने एकदम नंगा खड़ा है.

उसका लंड मेरी मूठी में है मैं यह देख कर दंग रह गयी तब तुने कहा यार यह मेरा दोस्त करन है मैं इससे अक्सर चुद्वाती हूँ और आज मैं चाहती हूँ की तुम इसका लंड पकडो चूसो और अपनी चूत चुद्वाकर जवानी का मज़ा लो मै वास्तव में लंड मुठियाने लगी फिर मुह खोल कर लंड चूसने लगी उस दिन मुझे लंड चूसने का खूब मज़ा मिला.
मैडम मुस्कुराई और मैंने कर दी चुदाई

भाभी याद है न फिर तुमने उसका लौडा पकड़ कर मेरी चूत में घुसेड दिया था वह फचर फचर सटासट गचागच गचागच चोदने लगा फिर आपके कहने पर मैंने पीछे से भी चुदवाया उसने मेरी चुन्ची दबा दबा कर भरता बना दिया सच भाभी उस दिन चुन्ची मसलवाने में खूब मज़ा आया था सबसे बाद में झाड़ता हुआ लंड आपने मेरे मुह में घुसेड दिया और कहा तू सारा का सारा मॉल चाट ले इससे तेरी चूत कसी बनी रहेगी और चुन्ची बड़ी बड़ी होती जाएँगी.

इस चुदाई के बाद तुमने अपने पति यानी भाई साहब को भी मेरे सामने नंगा किया और मुझे भी मेरा हाथ पकड़ कर उनके लंड पर रख दिया उस दिन भी मैंने जी भर कर चुदवाया तब कुझे मालूम हुआ तुम लोग अपने अपने पति बदल बदल कर चुद्वाती हो इसके बाद तो कई लोगों का लंड मैंने तुम्हारे घर में पकड़े थे मुझे भी लंड पकड़ने और तरह तरह के लोगों से चुदवाने का चस्का लग गया.

अब शादी के बाद पहले तो मैं कई महीनो तक अपने पति से ही चुद्वाती रही पर धीरे धीरे मुझे पराये मर्दों के लंड याद आने लगे इसलिए सबसे पहले मैंने अपने पति को परायी बीवी को चोदने का मौका तलास किया और मुझे कामयाबी भी मिली अबतक मैं चार जोडों के साथ लंड बदल बदल कर चुदाई कर चुकी हूँ. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

मेरे पति का लौडा भी तुम्हारे पति के लौडे जैसा है मैंने उनको सब बतला दिया है वह तुमको चोदने के लिए तैयार है हम लोग तो बाद में आयेंगे आज मैं आप के पास दो लड़के भेज रही हूँ इनके नाम है रामू और चंदू तुम इन दोनों से चुद्वाकर मुझे बताना मैंने सुना है की दोनों के लंड बड़े मस्त है और दोनों चुदक्कड है क्योंकि मैंने इनको अभी तक देखा नही है ये दोनों इस्सी ख़त की कापी लेकर आयेंगें तब तुम समझ जाना
तुम्हारी चुदासी सहेली ज्योति और हां तेरी बुर को सलाम और भाईसाहब के लंड को चुम्मा.
नटखट भाभी की दमदार चुदाई

इस चिट्ठी को पढ़कर मुझे मौसी की करतूतों का पता चल गया मैं समझ गयी की मेरी मौसी नीलू अपने अपने मर्दों की अदला बदली कर के चुद्वाती है मौसा को भी परायी बीविओं को चोदने की लत लग गयी है तभी अचानक मुझे ख्याल आया की मौसी तो है नही मैंने तो अकेली हूँ उसी समय मेरे मन में एक आईडिया आया की क्यों न मैं मौसी बन जाऊँ और इन दोनों लड़को का मज़ा उठा लूँ अरे कल तो शनिवार ही है मैं दूसरे दिन बन ठन कर तैयार ही बैठी थी की शाम को करीब ७.०० बजे वे दोनों आ गए घंटी बजते ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा की बाहर दो लड़के खड़े है एक काला और दूसरा गोरा मैंने उनको उंदर बैठाया और चाय नास्ता आदि करवाया.

 

रामू बोला :- मैडम आप ही ज्योति है
मैंने कहा:- हां मैं ही हूँ

रामू:- तो आपके लिए यह एक चिट्ठी है
मैं चिट्ठी पढने का नाटक करने लगी क्यों की मुझे तो सब मालूम ही था मैंने कहा:- अच्छा तो तुम दोनों मुझे चोदने आए हो

रामू :- हां मैडम ज्योति तो आपकी बड़ी तारीफ कर रही थी हालाँकि मैंने अभी तक उनको देखा नही है मैंने कहा :- मेरे बारे क्या कह रही थीरामू:- कह रही थी की ज्योति चूत चुदवाने में बड़ी उस्ताद है बड़े मज़े ले लेकर चुद्वाती है तुम दोनों को वह मस्त होकर बुर देगी
मैंने पूंछा :- तुम दोनों एक साथ चोदोगे या अलग अलग

चंदू:- मैडम आप जैसे चाहे हम को दोनों तरीकों से मज़ा आएगा
मैंने कहा: अच्छा पहले तुम दोनों मिल कर चोदना फिर अकेले अकेले मैं तुमको बतलाती रहूंगी अच्छा अभी कितनी बुर चोद चुके हो ?

चंदू:- मैंने गिना नही पर १२ या १३ तो हो ही गयीं होगी
रामू:- हां मैंने तो अभी तक १५ – १६ औरतों को चोद चुका हूँ
मैंने कहा ;- शादी शुदा या कुंवारी
माँ का प्यार बड़ा अनोखा होता है

रामू :- हमलोग शादिधुदा औरतों को ही चोदते है क्योकि वे मस्त होकर और निडर होकर चुद्वाती है उनकी चूंची बड़ी बड़ी होती है गांड व चुतड मद मस्त होते है जैसे आप के है और खूब गन्दी गन्दी गालियों देकर लौडा चूस चूस कर मज़ा देती है
मैंने कहा :- तुम दोनों भोसड़ी के बड़े मदर चोद हो अब लगता है बहन की लौड़ी मेरी चूत को मज़ा जरूर आ जाएगा अच्छा यह बताओ की तुमने झांटे बना ली है की नही

रामू :- हमलोग बनाकर आए है तुम्हारी झांट न बनी हो तो मैं बना सकता हूँ
मैंने कहा :- मैंने तो झांट हर रोज बनाती हूँ अब तुम लोग बाथ रूम जाकर फ्रेश हो जाओ तब तक मैं शराब के पैग बना लती हूँ
अब उंदर बेडरूम में हम तीनो पहुँच गए शराब पीने लगे मैं उठी और अपने सारे कपड़े खोल कर फ़ेंक दिया बिल्कुल नंगी हो गयी मैं जाकर सोफा के बीच में बैठ गयी

मैंने कहा :- रामू और चंदू तुम भी नंगे होकर मेरे बगल में आ जाओ अब मेरी दाहिनी तरफ़ रामू और बायीं तरफ चंदू मैंने कहा तुम लोग मेरी एक एक चूंची मसलो और चूसना सुरु करो मैं तुम दोनों के लंड मसल मसल कर खड़ा कर देती हूँ ञार सुपर हॉट लिंगम उन्दोनो के लंड भी तुम्हारे लंड से कम न थे एक काला और दूसरा गोरा दो दो लंड पकड़ कर मेरी चूत और गरमा गयी.

 

मैंने कहा चंदू तुम भोसड़ी के नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटना सुरु कर दे तब तक मैं रामू का लंड चूसती हूँ सच उसका लंड चूसने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था थोडी देर में मैंने चंदू का लंड चूसना सुरु किया और रामू से अपनी चूत चुस्वाना फिर मैंने रामू को जमीन पर लिटा दिया उसकी दोनों टांगों के बीच में मुह डाल कर लंड चूसने लगी मेरे चुतड ऊपर के ऑर उठे थे तब तक चंदू पीछे से आकर मेरी गांड मारने लगा थोडी देर में मैंने चंदू का लंड हाथ में लिया और रामू से गांड मरवाने लगी.

फिर मैंने रामू को चित लिटाया उसकी तरफ़ गांड करके उसके लंड पर बैठ गयी लंड चूत में घुस गया मैं रामू के ऊपर पीठ के बल लेट गयी तो मेरी चूत और फ़ैल गयी
तब मैंने चंदू से कहा :– बहन चोद चंदू माँ के लौडे तू मेरी चूत में अपना लंड घुसेड दे
उसने ऐसा ही किया अब मेरी चूत में दोदो लंड घुसे थे.
जिंदगी का लुफ्त उठाने का शानदार तरीका

मैंने कहा :– अब तुम जोर जोर से चोदो भोसड़ी वालों पेल दो पूरा लंड मज़ा आ रहा है
चंदू :- तू तो बेटी चोद बड़ी चुदक्कड औरत है साली रंडी भी इस तरह से नही चुदवा सकती जैसे तू बहन चोद चुद्वाती है. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

मैंने कहा अबे साले माँ के लौडे चोदता रह अभी तू बुर चोदने में कच्चा है मुझसे कुछ शीख ले अब मैं उठी समझ गयी की लंड झड़ने वालें है मैंने उन्दोनो को खड़ा किया और उनके बीच में घुटनों के बल पर बैठ गयी दाहिने हाथ में रामू का लंड बाएं हाथ में चंदू का लंड दोनों का जल्दी जल्दी सड़का मारने लगी लगी थोडी देर में दोनों एक साथ झाड़ गए मैंने झड़ते हुए लौडों को चूस चूस कर चिकना कर दिया. हां तो दोस्तों और मेरे प्यारे लंड वालों चूत वालियों उस दिन मैंने मौसी का रोल अदा किया मौसी बन कर चुदाई का यह मज़ा मैं कभी नही भूल सकती.

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