हाय दोस्तो,
मेरा नाम अजय है और मैं सताईस साल का हूँ, यह मेरी पहली कहानी है।
यह कहानी मेरी और मेरी प्रेमिका पूजा की है। मैं पूजा नाम की लड़की से दो साल पहले एक समारोह में मिला था और धीरे-धीरे हमारी जान-पहचान प्यार में बदल गयी।
मैं पूजा से बहुत प्यार करता था। मैं और पूजा हमेशा दिन-रात फोन पर बातें करने लगे और एक दिन मैंने उसको प्रपोस किया और उसने स्वीकार कर लिया।
पूजा की उम्र तेईस साल है और वो बहुत गोरी है। वो बहुत खूबसूरत है और उसका फिगर 32-26-32 है, हिरनी के जैसी आँखें हैं और होंठ लाल-लाल हैं।
मैं और पूजा दोनों अलग-अलग शहर में रहते हैं।
धीरे-धीरे हमारी बातचीत दिन ब दिन बढ़ने लगी, हम रात-रात भर बात करते रहते थे, धीरे-धीरे हम और करीब होते गए। वो मुझसे अपनी हर बात करती थी।
एक बार उसने मुझे मिलने अपने घर बुलाया। मैं उसके घर गया देखा तो उसके घर मे कोई नहीं था, उसने बताया सब बाहर गए हैं, शाम तक आएँगे।
पूजा चाय-नाश्ता ले आई, हमने साथ मे नाश्ता किया।
मैंने पूजा से कहा – मैं तुम्हारे होठों और नाभी पर चूमना चाहता हूँ, तो वो मना करने लगी। मेरे बार-बार ज़ोर देने पर वो मान गयी पर बोली – इसके आगे नहीं बढ़ेंगे तो मैंने बोला – ठीक है।
वो बोली – मुझे भी तुम्हें गले लगाना है। उसने मुझे गले लगाया फिर मैंने उसका टॉप कमर तक उठा कर उसकी नाभी पर चूमा तो उसने आँखें बंद कर ली।
उसकी नाभी एकदम गोल थी और बहुत सुंदर थी, उसके बाद मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमना शुरू किया तो बहुत मजा आया। मैं उसके होंठों को दस मिनट तक चूमता रहा।
अब मैं गरम होने लगा था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था जिसे पूजा ने महसूस कर लिया था। फिर वो मुझसे अलग हो गयी।
दो घंटे साथ रहने के बाद मैं उसके घर से चला आया।
एक बार मैंने उसे मिलने के लिए बुलाया और मैं भी आधे रास्ते तक आया। हम लोगों ने उस दिन ड्राइविंग का मजा लिया। बीच-बीच में मैं ब्रेक मार कर पूजा को और चिपकने के लिए कहता था जिससे उसके चुचे मेरी कमर पर रगड़ खा रहे थे।
धीरे-धीरे हम फोन सेक्स करने लगे।
कुछ दिनों के बाद मेरा जन्मदिन आनेवाला था। मैंने पूजा से कहा कि इस जन्मदिन पर मुझे क्या उपहार दोगी? उसने कहा – इस जन्मदिन ऐसा उपहार दूँगी कि हमेशा याद रखोगे।
मैं अपने जन्मदिन के आने का इंतेज़ार कर रहा था कि क्या उपहार मिलेगा मुझे। मेरी जन्मदिन की रात सबसे पहले मुझे पूजा ने शुभकामनाएँ दी।
मैं बहुत खुश हुआ पर दूसरे दिन अफ़सोस हुआ कि जन्मदिन के दिन वो मुझसे मिलने नहीं आ सकी और एक दिन बाद आई। उसने नीले रंग का जींस और नीले रंग का टॉप पहना था और बहुत मस्त लग रही थी।
पूजा ने पहले ही कह दिया था कि एक रूम का इंतज़ाम रखना। मैंने एक रिज़ॉर्ट में रूम ले लिया। मैं और पूजा रूम में गए और फिर पूजा से कहा – अब मेरा जन्मदिन उपहार दो तो वो मेरे पास आई और मुझे सबसे पहले गले लगा लिया और फिर मेरे होंठों को चूमने लगी।
मैं भी उसका साथ देने लगा, हम दस मिनट तक एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे और फिर मैंने अपना हाथ पूजा के चुचों पर रखा और उन्हें दबाने लगा।
पूजा आआआ.. आआआ.. करने लगी।
अब मैंने पूजा का टॉप निकाल दिया, पूजा काले रंग की ब्रा पहनी थी। ब्रा में क़ैद उसके बूब्स को देख कर मैं पागाल हो गया और मेरा लंड भी लोहे की सलाख की तरह खड़ा हो गया जिसे पूजा ने पैंट के उपर से पकड़ लिया और दबाने लगी।
फिर मैंने पूजा की जीन्स निकल दी और पूजा ने मेरी पैंट निकल दी। अब मैं सिर्फ़ चड्डी में था और पूजा ब्रा और काली रंग की पैंटी पहनी थी, जो गीली हो चुकी थी।
मैंने पूजा की ब्रा खोल दी और उसके बड़े-बड़े और नरम मम्मे देख कर पागाल हो गया और दायें चुचे के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और बाएं चुचे को दबाने लगा ।
पूजा आआआ.. कर रही थी और मेरा आठ इंच का लंड चड्डी के उपर से दबा रही थी।
उसके बाद उसने मेरी चड्डी निकल दी और मेरा लंड देख कर डर गयी बोली – इतना बड़ा लंड तो मेरी चूत फाड़ देगा तो मैंने कहा – जान, शुरू में दर्द होगा बाद में खूब मजा आएगा।
मैंने पूजा को लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी पर मेरे बार-बार कहने पर वो लंड चूसने को तैयार हो गयी। वो जब मेरा लंड चूस रही थी तो मैं जन्नत की सैर करने लगा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था लंड चुसवाने में।
दस मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने पूजा को बोला – मेरा निकालने वाला है तो उसने मुँह से लंड निकाल दिया और मैंने सारा वीर्य पूजा के बूब्स पर गिरा दिया।
फिर मैं और पूजा साथ में जाकर नहाने लगे, नहाते-नहाते मैं पूजा के बूब्स दबा रहा था और पूजा मेरा लंड पकड़ कर उपर-नीचे करने लगी जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और पूजा उसे चूसने लगी।
अब मैं पूजा को लेकर बिस्तर पर गया और उसे लिटा दिया उसके बाद उसकी चूत पर चूमने लगा। एकदम साफ चूत थी।
चूमते-चूमते मैं चूत को चूसने लगा पूजा आआआआः आआआः की सिसकारियाँ भरने लगी और मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और कहने लगी – जानू, जल्दी अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, प्लीज़ जानू अब सहन नहीं होता, जल्दी डाल दो।
मैंने अपने लंड का सूपड़ा पूजा की चूत के होठों के बीच रखा और ज़ोर का धक्का मारा जिससे मेरा आधा लंड पूजा की चूत में घुस गया आआआः करके पूजा की चीख निकल गयी।
उसकी आँखों से आँसू निकल गए और बोलने लगी – प्लीज़ जानू, निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है।
मैं वैसे ही रुक गया और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। पूजा के स्तन बहुत नरम थे और मुझे दबाने में बहुत मजा आ रहा था। अब पूजा को भी मजा आने लगा और वो मस्ती में आने लगी।
फिर मैं उसके होंठों को लेकर चूसने लगा और ज़ोर-ज़ोर से तीन-चार धक्के मारे जिससे मेरा पूरा लंड पूजा की चूत मे घुस गया।
पूजा की चूत बहुत कसी हुई थी जिससे मेरा लंड भी छिल गया था और जलन भी हो रही थी।
फिर भी मैं चोदे जा रहा था पूजा चिल्ला रही थी और कहने लगी – प्लीज़ जानू निकाल लो, मैं बिस्तर में थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा मैंने देखा चादर पर खून गिरा था।
पूजा की झिल्ली टूट चुकी थी। खून देख कर वो डर गयी।
मैंने कहा – जानेमन, जब पहली बार कोई लड़की सेक्स करती है तो खून निकलता है। थोड़ी देर में दर्द कम हो गया तो पूजा भी गांड उठा-उठा कर साथ देने लगी और कहने लगी – और ज़ोर से जानू, यही तुम्हारा जन्मदिन उपहार है, और ज़ोर से .चोदो जानू, फाड़ दो मेरी चूत को।
मैं भी जोश में आ गया और ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा। दो बार झड़ने के कारण पूजा की चूत गीली हो चुकी थी जिससे लंड अब आराम से आ-जा रहा था।
मेरे हर धक्के पर पूजा के मुँह से आहा.. आहा.. निकल रहा था। बीस मिनट की चुदाई में पूजा तीन बार झड़ गयी और मैं भी झड़ने वाला था तो पूजा बोली – जानू – अंदर ही गिरा दो, मैं दवाई ले लूँगी।
मैंने अपने गरम-गरम वीर्य से उसकी चूत भर दी और पूजा के साथ चिपक कर उसके उपर नंगा ही सो गया।
एक घंटे बाद जब नींद खुली तो पूजा बोली – जानू, कैसा लगा आपको आपका जन्मदिन उपहार? मैंने कहा – यह जन्मदिन उपहार हमेशा मुझे याद रहेगा और इतना शानदार उपहार कभी मुझे नहीं मिला।
मेरा यह जन्मदिन यादगार रहेगा।
मैं अब भी पूजा से बहुत प्यार करता हूँ, अब तक मैं छह-सात बार पूजा को रूम में ले जाकर चोद चुका हूँ।
अब मेरी शादी हो चुकी है पर पूजा के साथ बिताए हुए पल कभी नहीं भूल सकता हूँ।
आई लव यू पूजा।
आप सभी दोस्तो को कहानी कैसी लगी प्लीज़ बताएँ।