हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अनिल है और में एक सरकारी स्कूल टीचर हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों मुझे बचपन से ही सेक्स में बहुत रूचि है और आज जो में यह कहानी आपको बताने जा रहा हूँ यह मेरी पहली कहानी है और में इस वेबसाईट बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे इसकी अधिकतर कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है और में बड़े मज़े लेकर उन्हे पढ़ता हूँ.
दोस्तों वैसे में हर वक़्त किसी ना किसी को चोदने के जुगाड़ में भी लगा रहता हूँ और में अपनी कमाई के लगभग सारे पैसे लड़कियों में ही उड़ा देता हूँ. फिर में अपनी कमाई बड़ाने के लिए पास के ही एक गावं के सरकारी स्कूल में इंग्लीश के 4 पीरियड लेने लगा और वहां की लड़कियों को देखकर अपने लंड को खड़ा करने लगा और घर पर पहुंच कर मुठ मारने लगा. दोस्तों वहाँ पर भी मेरे साथ कुछ ऐसी ही एक घटना हुई जो में आपको सुनाने जा रहा हूँ.
में हर रोज की तरह उस दिन भी अपने स्कूल गया और हाफ टाईम में मैंने देखा कि एक मस्त बड़ी गांड वाली औरत जिसकी उम्र 30-32 साल की होगी वो आगे की तरफ चली आ रही थी और वो सीधा हेड मास्टर के रूम में गई और थोड़ी देर बाद वो वापस चली गई.. तो में उसकी मोटी गांड को हिलते हुए देख रहा था और मेरी आँखे तो उस पर से हट नहीं रही थी.
फिर जब इधर उधर से मैंने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि वो अभी कुछ समय पहले ही नई नई नौकरी पर आई है और मैंने तभी से उसको चोदने के सपने देखने शुरू कर दिए उसके गोरे बदन ने मेरी हालत खराब कर दी और मैंने उस रात में उसके नाम पर दो बार मुठ मारी और ऐसे ही तीन चार दिन गुजर गए.. लेकिन वो नहीं आई और में बहुत बैचेन सा रहने लगा. फिर दूसरे दिन वो स्कूल टाईम पर आ गई और हम लोगों ने हाए हैल्लो किया. वो साड़ी पहनकर आई थी जिसमे वो एकदम पटाखा लग रही थी और वो भी शादीशुदा थी.. लेकिन उसके गोरे गोरे फूले हुए गाल, पतले गुलाबी होंठ, बड़ी बड़ी नशीली आँखे, पतली कमर, गदराया बदन.. वो बिल्कुल अप्सरा सी लग रही थी.. तो मैंने सोचा कि शायद इसका पति इसको रोज चोदता होगा. यह क्या मस्त है.
फिर में उससे हाफ टाईम में मिला. उससे मैंने थोड़ी बात की और उसके बारे में पूछा तो पता चला कि वो मेरे घर के पास के ही एक मोहल्ले से आती है. फिर मैंने उससे कहा कि आप सुबह की बस से आया करो.. उसमे भीड़ नहीं होती और वो अगले दिन से ही उसी बस में आने लगी और में उसके साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त गुजारने की कोशिश करता. फिर एक दिन छुट्टी हुई और हम सब टीचर बस का इंतजार कर रहे थे.
फिर कुछ देर बाद बस आई.. लेकिन उसमें बहुत भीड़ थी और में झट से चड़ गया और पीछे से सब चड़े जैसे ही वो चड़ी तो में उसके पीछे खड़ा हो गया और उसकी गांड मेरे लंड के सामने थी. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया. फिर अचानक बस एक दूसरी बस को साईड देने के लिए मुड़ी तो झटका लगा और मैंने उस बात का फायदा उठाया और तना हुआ लंड उसकी गांड में सटा दिया. दोस्तों उसकी गद्देदार गांड में लंड चुभा तो में मस्त हो गया. फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए.. लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर पा रहा था और एक दिन वो बोली कि सर आज में एक स्कूटी खरीद रही हूँ अपना साधन होगा तो हमारी आने जाने की समस्या खत्म हो जाएगी. तो मैंने कहा कि यह तो बहुत अच्छा है..
फिर मैंने कहा कि मिठाई खाएगें. फिर उसने मुझे शाम घर पर बुलाया और में घर पर पहुंचा तो वो मेक्सी पहने हुए मिली.. वो मेरे लिए पानी लेने गई तो पीछे से उसकी मेक्सी गांड में फंसी देखकर मुझे उसकी गांड की गहराई का अंदाज़ा लगने लगा. फिर हमने बैठकर थोड़ी इधर उधर की बात की.. तभी उसके पति आ गए. हम लोगों ने हैल्लो किया और थोड़ी देर बातें हुई. फिर वो बोले कि सर आप संगीता के साथ स्कूटी पर जाया करो ना.. आप दोनों का आधे आधे पेट्रोल में काम हो जाएगा. में तो उनकी बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं कर पा रहा था और फिर मैंने जल्दी से बिना कुछ समझे हाँ कर दी और मैंने कहा क्यों आपको स्कूटी चलानी आती है? वो बोली कि जी नहीं मुझे सीखना है तो उनके पति बोले कि में सिखा दूंगा..
मैंने कहा कि नई स्कूटी है और हमें कल ही स्कूल जाना चाहिए.. चलो में चलाऊंगा और आप पीछे बैठना. तो वो हंसकर बोले कि अरे भाई हमारी बीवी को कहीं पटक ना देना? तो मैंने कहा कि अरे आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करिए.. यह जैसी जाएगी वैसी ही वापस आएगी. फिर उसने मुझे सुबह जल्दी आने को कहा और में अपने ठीक टाईम पर पहुंच गया.. स्कूटी पर उसको अपने पीछे बैठा लिया और फिर निकल पड़ा.
मैंने सोचा कि रास्ते में ब्रेक मारकर मज़ा लूँगा.. लेकिन फिर लगा शुरुआत में ही यह सब नहीं करना.. वरना काम बिगड़ जाएगा और हम लोग आराम से बातें, मजाक करते गए और आए. एक दिन जब में उनको लेने उनके घर पर गया तो उस दिन वो बोली कि आज में चलाऊंगी.. मैंने कहा कि ठीक है और हम दोनों निकल पड़े. वो थोड़ा डरते हुए चला रही थी 13 किलोमीटर का रास्ता था और रास्ते में वो बोली कि मेरी कलाई दुखने लगी.
मैंने कहा कि आप आगे ही रहो में पीछे से हेंडल पकड़ता हूँ. वो थोड़ा झिझकी.. लेकिन तब तक मैंने हेंडल पकड़ लिया था और इस बहाने से में पहली बार उसकी पीठ के इतना नज़दीक हुआ कि उसके बदन की खुश्बू आने लगी और मैंने उसकी बाहों और बड़े बड़े बूब्स का मजा लिया जो कि मेरे हाथ को छू रहे थे. फिर मैंने अपनी कमर को थोड़ा आगे किया और लंड को उसकी गांड के पास ले गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और स्कूल से लौटते वक़्त भी वो ही ड्राइव कर रही थी. तभी अचानक से एक सुनसान जगह पर उसने स्कूटी रोकी और बोली कि सर थोड़ा रुकिये में अभी आती हूँ और वो सड़क के किनारे गई और पौधों के पीछे जाकर साड़ी ऊपर करके नीचे बैठ गई.. मैंने तब नज़र बचाकर उसको पेंटी ऊपर करते देखा क्या गजब की जांघे थी.. एकदम चिकनी.
फिर उसने अपना काम खत्म होने के बाद मेरे पास आकर मुझसे कहा कि आप ही चलाइए और में सारे रास्ते में उसी के बारे में सोचता रहा और फिर कुछ दिन गुज़रे तो वो अच्छे से ड्राइविंग सीख गई. फिर एक दिन मेरे सब्र का बाँध टूट गया.. वो हमेशा की तरह जब भी कोई गड्ढा आए तो अपनी गांड ऊपर कर रही थी और मैंने एक सुनसान जगह देखी और जैसे ही वो ऊपर हुई तो मैंने अपनी हथेली गांड के नीचे रख दी और वो मेरी हथेली पर बैठ गई तो उसकी चीख सी निकल गई और इस कारण गाड़ी बहक सी गई और मैंने ज़ोर लगाकर उसकी गांड को दबाते हुए हथेली को बाहर किया और जल्दी से गाड़ी को सम्भाला.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.
अगले दिन मैंने जब जाते समय रोड पर देखा कि कोई नहीं है तो मैंने पीछे से अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और फिर उसने मेरे हाथ को देखा और गाड़ी चलाती रही और मैंने इस बात का फायदा उठाया और जाँघ को सहलाया. अब में बहुत हैरान था कि वो क्यों कुछ नहीं बोल रही? तो मैंने सोचा कि आज जो भी होगा देखा जाएगा और मैंने अपने दूसरे हाथ को भी दूसरी जाँघ पर रख दिया. तो इस पर वो बोली कि सर यह क्या कर रहे हो? यह रोड है हमारा घर नहीं है प्लीज हाथ हटा लो.. लोग देख लेंगे तो क्या सोचेगें?
मैंने उसकी जाँघ को ज़ोर से दबाया और उसके थोड़ा और करीब आकर उसकी गर्दन पर किस कर लिया.. लेकिन उसने थोड़ा आगे जाकर किनारे पर स्कूटी को रोक दिया और पीछे मुड़कर मुझसे बोली कि सर आपकी नियत को क्या हुआ? मुझे आज आपके इरादे नेक नहीं लग रहे और रास्ते में चलती गाड़ी पर लोग देखते कि मेरी जाँघो पर आपका हाथ है तो क्या सोचते? हर चीज़ का एक वक़्त होता है. तो मुझे उसके मुहं से यह बातें सुनकर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और मुझे यकीन नहीं था कि यह सब वो बोल रही है.
फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि वो लोग क्या सोचेगें? यही ना कि दो प्यार करने वाले होंगे और क्या? फिर वो मुझे अपनी बड़ी बड़ी आँखे फाड़कर देखने लगी.. मैंने कहा कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने स्कूटी स्टार्ट की और में उसके पीछे बैठ गया.. लेकिन उसने मुझसे कोई बात नहीं की और पूरा टाईम निकल गया. फिर जब छुट्टी हुई तो वो मुझे बिना बैठाए ही निकल गई और में पैदल ही जिस जगह बस आने वाली थी उस जगह की तरफ अकेला जा रहा था और मेरा दिमाग़ बहुत खराब था.
तभी मैंने देखा कि वो सामने से वापस आ रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि आप वहाँ से क्यों आ गए में वापस आपको लेने आ तो रही थी? मैंने कहा कि आप बिना बताये आ गई बीच रास्ते में छोड़कर.. तो वो सॉरी बोली और कहा कि में बताना ही भूल गई कि में सरपंच के यहाँ पर गई थी.. पेपर पर साईन करवाने. फिर उसने मुझे अपने पीछे गाड़ी पर बैठाया और थोड़ी दूर रास्ते में उसने चुप्पी तोड़ी और बोली कि सुबह आपने मुझे किस क्यों किया? मैंने कहा कि मुझे अच्छी लगती हो इसलिए में नज़दीक आ गया और में उसकी जाँघो पर हाथ रखकर सहलाने लगा तो वो बोली कि इस तरह सारेआम नहीं.. कहीं किनारे ले जाते और फिर कर लेते. में उसकी यह बात सुनकर एकदम दंग रह गया. यहाँ तो उल्टा लाईन अपने आप साफ़ हो रही थी.
मैंने तुरंत उसकी जाँघो को ज़ोर से दबाया और हाथ थोड़ा ऊपर लाकर उसके मखमली पेट पर ले गया. मैंने 4 बार कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो वो कुछ देर चुप रही और 5वीं बार उसने जवाब में कहा कि में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. वो गाड़ी बहुत धीरे धीरे चला रही थी और मैंने कहा कि इतना धीरे धीरे चलाओगी तो रात हो जाएगी और वैसे भी 6 बजने वाले है.
तो वो बोली कि थोड़ा अंधेरा हो जाने दो ना और फिर मैंने कहा कि कहीं किनारे पर लगा दो इसे और उसने थोड़ा दूर जाकर किनारे में गाड़ी रोकी और उतर गई. मैंने स्कूटी को धकेल कर यह दिखाया जैसे खराब हो गई हो और किनारे की तरफ लगे पौधों के बीच में ले जाकर छुपा सी दी.. ताकि किसी की नज़र ना पड़ पाए और उसे इशारे से बुलाया. वहां कोई नहीं था.. यह देखकर वो जल्दी से चलकर मेरे पास आई.
मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और हम दोनों ज़ोर से लिपट गए और मैंने उसको किस किया वो भी मुझे किस करके बोली कि अब चलो देर हो जाएगी.. लेकिन मैंने उसकी साड़ी को पकड़कर ऊपर किया. तो वो बोली कि क्या सब कुछ आज ही करना है? चलो यार देर हो रही. फिर मैंने कहा कि प्लीज बस एक किस दे दो..
वो बोली कि अच्छा जल्दी से ले लो और मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को खिसकाकर देखा तो उसकी एकदम चिकनी चूत थी और मैंने जब हाथ लगाया तो पाया कि चूत एकदम गीली थी.. शायद वो जोश में थी और में किस करने की जगह चूत को चाटने लगा और वो अब ना करो बस और नहीं कह रही थी और खुद ही अपनी कमर हिलाकर चूत को चुसवा रही थी. फिर मैंने अपना मुहं उसकी गीली चूत से हटाया और हम दोनों के कपड़े ठीक किए उसे एक बार गले लगाया और स्कूटी बाहर निकालकर आ गए और अब यह रोज का काम हो गया और हम लोग रोज औरल सेक्स करते थे वो मेरे लंड को चूस चूसकर मेरा माल निकल देती और में भी उसकी चूत को चाट चाटकर उसे शांत कर देता.
एक दिन मैंने उसको कहा कि संगीता प्लीज एक बार इसको अपने अंदर चूत लो ना.. वो बोली कि हाँ में जरुर ऐसा करूंगी.. लेकिन परसो यह बाहर जा रहे है और तुम उस रात को मेरे घर पर आना. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो दिन आ गया.. हम दोनों ही उस दिन स्कूल नहीं गए और संगीता को मैंने फोन लगाया और पूछा कि क्या में आ जाऊँ.. तुम्हारे वो गए क्या? तो वो बोली कि हाँ में तो कब से इंतजार कर रही हूँ.. जल्दी से आ जाओ और में 10 मिनट में उसके घर पर पहुंच गया और उसने जैसे ही दरवाजा बंद किया.. तो मैंने उसको बाहों में भर लिया और वहीं पर खड़े खड़े किस करने लगा.
फिर वो बोली कि अरे अरे यह क्या कर रहे हो? अभी तो तुम्हारे पास पूरी दो राते पड़ी है. तो मैंने कहा कि रात तक इंतजार कौन कर पाएगा डार्लिंग.. तुम तो एटमबम हो फट जाओगी और वो ज़ोर से हंसने लगी. फिर मैंने उसके फूलों से नाजुक बदन को गोद में उठा लिया और सीधा उसके बेड पर आ गया और ताबड़तोड़ किस किए. वो भी मज़ा ले रही थी.. मैंने कहा कि मेडम क्या मलाई चाट लूँ? वो बोली कि हाँ चाट लो और मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया.. वो एकदम अप्सरा जैसी लग रही थी. उसके बड़े बड़े बूब्स मैंने ज़ोर से दबाए.. वो अपनी दोनों आखें बंद किए थी और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसके हाथ में थमा दिया और वो लंड से खेलने लगी. मैंने उसको पहली बार पूरा नंगा देखा था और में उसके ऊपर आ गया.
फिर से चूमने, चाटने लगा तो वो बोली कि तुम कितना चूमोगे? मैंने कहा कि आज में जी भरकर चूमना चाहता हूँ. तो वो बोली कि में क्या करूंगी? तो मैंने कहा कि जब तक यह चूस लो.. उसने कहा कि क्या? मैंने कहा कि यह.. वो बोली कि क्या? मैंने फिर से कहा कि पेनिस. फिर वो बोली कि डार्लिंग देसी लंड पिलाओ ना और फिर मैंने कहा कि यह लो और आगे होकर उसके मुहं में लंड को डाल दिया. वो मस्ती में लंड को चूस रही थी.. वाह! इतना मज़ा आ रहा था कि पूछो मत. उसके गालों पर लंड आता जाता महसूस हो रहा था.
फिर मैंने लंड को उसके मुहं से बाहर खींच लिया और नीचे की झुककर उसकी चूत पर लंड को टिकाकर अंदर डालने लगा. तो वो बोली कि बिना कंडोम सीईसीईईईईई और तब तक मैंने लंड को पूरा अंदर ही कर दिया और 5-6 जोरदार धक्के मार दिए.. फिर लंड थोड़ा बाहर किया तो वो सईईई आहहाहा बोली कि अह्ह्ह तुम ऐसा नहीं कर सकते.. तुमने कंडोम तक नहीं पहना. तो मैंने कहा कि डार्लिंग मेरा लंड पवित्र है और धक्का मारकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया. वो अह्ह्ह हिचकी ले गई और मैंने जब उसे धीरे धीरे कुछ देर चोदा तो वो थोड़ी देर बाद बोली कि हाँ और जोर से चोदो डार्लिंग मज़ा आ रहा अह्ह्ह्ह तुम्हारा लंड कितना बड़ा है आहह सईईई. तो में ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा और वो बस आह्ह्ह आहाआह कह रही थी. मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में लिया और धक्के देकर चोदने लगा तो वो मुझसे लिपटने लगी और उसने मुझे जकड़ लिया.
फिर मैंने उसे बहुत तेज़ी से चोदा.. वो आखें बंद किए चुदवाती रही और अब मेरा काम होने वाला था तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और एक साईड में करके उसका हाथ लंड पर रखवाकर हिलवाया और माल टपका दिया और में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ बोलकर उसके पास में ही लेट गया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पड़े रहे. वो बोली अच्छा लगा यार.. मज़ा आ गया.. तुमने बहुत अच्छा चोदा..
फिर मैंने कहा कि डार्लिंग तुम बहुत अच्छी हो. हम लिपटे थे और फिर मेरा लंड खड़ा हो गया वो लंड को देखकर बोली कि देखो इस लंड को इतनी जल्दी खड़ा हो गया.. तो मैंने कहा कि तुम्हारी मस्त जवानी का ज़ोश है.. वो शरमा गई और फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी पीठ पर हाथ फेरा और गांड के पास जाकर गांड देखने लगा. तो मैंने उससे कहा कि ऐसा लग रहा जैसे यह लंड मांग रही है.. क्या डाल दूँ? तो वो बोली कि अभी वो भी गांड मारकर ही गए है.. मैंने कहा कि अब में मारूंगा और मैंने तुरंत उसके भारी भरकम कूल्हों को एक दूसरे से दूर किया और बीच में लंड घुसाता गया.. वो उुह्ह्ह्हअहहाहा एरेरेरेहाएएरर अह्ह्ह्ह राम रे करती रही और में भी उसके ऊपर टूट ही पड़ा था.
उसकी गांड देखकर मैंने उसकी जमकर गांड मारी.. वो बैचारी दर्द से करहाती रही.. लेकिन में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और मैंने इस बार जब में झड़ने वाला था तब लंड बाहर नहीं निकाला और उसकी गांड में ही पूरा वीर्य डाल दिया और में वहाँ उससे अलग होकर लेट गया. तो वो भी शांत लेटी हुई हांफती रही.. कुछ देर में वो उठी और कपड़े पहनने लगी और बोली कि में खाना लगा देती हूँ.. खाना खा लो. तो मैंने कपड़े पकड़ कर खींच लिए और कहा कि डार्लिंग तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो और वो नंगी ही घूम घूमकर खाना लगाने लगी और में उसकी गांड के पीछे पीछे घूमता रहा. वो हंसती हुई बोली कि क्या पागल हो गए हो.. क्या कभी लड़की नहीं देखी?
मैंने कहा कि हाँ देखी है लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं.. जी कर रहा है फिर से एक बार चोद लूँ तो वो हंसकर बोली पागल और वो खाना बेड पर ले आई.. हम दोनों नंगे ही थे और वो पास में बैठी थी. मैंने उसको अपनी गोद में बैठाकर अपने हाथों से खाना खिलाया और मेरा लंड खड़ा होकर फिर से बाहर निकल आया. वो हंसने लगी और बोली कि तुमसे ज्यादा जल्दी में तो तुम्हारा लंड है.
फिर हम दोनों ने खाना ख़त्म किया. वो उठकर किचन में गई और बर्तन रखकर आई तो मैंने तुरंत उसे अपनी तरफ खींच लिया और में कुछ ही देर में उसको चोद रहा था. मैंने उसको उस दिन 4 बार चोदा.. अगले दिन में फिर से गया और वही सब हुआ. हम दोनों ने जी भरकर चुदाई का मज़ा लिया. हमें आज भी मौके मिलते है और हम जमकर चुदाई करते है.