हाइ! आज आपको हम दोनो बहनों की चुदाई की कहानी बतौंगी उससे पहले मै अपना परिचय दे दु. आइ’म नेहा,मै राजस्थान से हूँ, मेरी उम्र 19 है, ये मेरी सच्ची इंडियन सेक्स स्टोरी है, मैं पढ़ाई मे ज़्यादा अच्छी नही हूँ इस लिए पढ़ाई छोड़ कर पूरा दिन घर मे ही रहती हूँ,मेरी फॅमिली में मेरी दीदी स्नेहा उम्र 24 मेरा भाई संचित उम्र 23 और मेरे मम्मी पापा हैं, मेरी दीदी स्नेहा की शादी हो चुकी है.
ये स्टोरी 3 महीने पहले की है जब दीदी शादी के बाद पहली बार हमारे घर आई थी, दीदी को आए अभी 3 दिन ही हुए थे कि अचानक मेरे नाना की डेथ हो गयी और मम्मी पापा को नाना के यहाँ जाना पड़ा, माँ पापा के जाने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम मे गयी और जब मैं नहा कर बाथरूम से अपने रूम मे जा रही थी.
तो मुझे दीदी के रूम से अजीब सी आवाज़ें सुनाई दी और मैं ये देखने के लिए दबे पावं दीदी के पास गयी और दीदी के रूम के अंदर का सीन देख कर मेरे पावं के नीचे से ज़मीन खिसक गयी क्योंकि रूम मे दीदी पूरी नंगी संचित भैया की गोद मे बैठी थी और संचित भैया दीदी के बूब्स को मसल रहे थे और दीदी से पुच्छ रहे थे कि तेरा पति तुझे कैसे चोदता है.
दीदी ने कहा भैया उसका लंड तो बहुत छ्होटा है और मेरी चूत मे कहाँ चला गया पता ही नही चलता क्योंकि आपके लंड ने मेरी चूत का सुराख इतना खोल दिया है कि तेरे जीजा का लंड कब अंदर गया और कब बाहर आया पता ही नही चलता,ये बोल कर दीदी भैया की गोद से उठी और मैं भैया का मस्त लंड देख कर दंग रह गयी.
क्योंकि भैया का लंड लगभग 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था फिर दीदी ने भैया का लंड पकड़ कर अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी, दीदी भैया का लंड चूस रही थी और संचित भैया दीदी के मूह को चोदने लगे, तभी दीदी ने लंड मूह से निकाला और हान्फते हुए बोली मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ तू आराम से चोद और फिर भैया ने कहा दीदी मैं तुझे चोद्ने के लिए कितने दिनो से तड़प रहा हूँ और तू साली आराम से चोद्ने को बोल रही है.
तो दीदी ने कहा भैया मैं तेरे लंड के लिए चूत का पक्का इंतज़ाम कर देती हूँ, ये सुन कर भैया ने कहा दीदी तुम किसकी बात कर रही हो तो दीदी ने कहा मैं नेहा को तुमसे चुदवाने के बारे मे कह रही हूँ, ये सुन कर मैं हैरान हो गयी और भैया ने दीदी को चूमते हुए कहा वाह दीदी तुम तो पूरी रंडी निकली.
इस पर दीदी ने कहा मैं तो पूरे गर्व से कह सकती हूँ कि मई अपने सगे भाई की रखैल हूँ और अब मैं अपनी छोटी बेहन को भी अपने भाई की रखैल बनाने जा रही हूँ.
ये सुन कर भैया ने दीदी को कहा कि अब तुम जल्दी से घोड़ी बन जाओ तो दीदी ने कहा भैया आज तुम अपनी बेहन का दूध नही पीओगे ये कह कर दीदी ने अपना एक बूब भैया के मूह मे डाल दिया और भैया छोटे बच्चे की तरह दीदी का दूध पीने लगे.
फिर थोड़ी देर बाद दीदी ने कहा अब तुम बच्चे से कुत्ते बन जाओ और भैया ने दीदी का बूब छोड़ कर अपनी जीब दीदी की चूत मे घुसा दी भैया दीदी की चूत को ऐसे चाट रहे थे जैसे कोई आइस क्रीम चाट रहा हो.
5 मिनिट चूत चाटने के बाद दीदी की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया और भैया दीदी की चूत का सारा पानी पी गये.
फिर भैया ने अपना लंड दीदी की चूत के सुराख पर रख कर एक ज़ोर से धक्का मारा और अपना पूरा लंड दीदी की चूत मे घुस्सा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए दीदी को चोदने लगे और दीदी भी नीचे से अपनी गान्ड उठा कर चुद्ने लगी और चुदते हुए बोलने लगी.
आआआआअ.. भैया ज़ोर से चोदो आआआआ.. भैया आपके लंड की चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ रही है आआआआअ.. भैया आज चोद कर मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो तेरे जीजा तो मुझे माँ नही बना सकते आआआआ…आप ये कहानी अन्तर्वासना – स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
भैया ज़ोर से òऊऊऊऊ और ज़ोर से चोदो आआआआ.. भैया ज़ोर से चोदो आआआआ.. भैया ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए दीदी को चोद्ने लगे, फिर थोड़ी देर बाद भैया ने कहा ले मेरी रंडी ले अब अपने भाई का वीर्य अपनी चूत मे लेकर अब तू मेरे बच्चे की माँ बन जा और अपने लंड से वीर्य की पिचकारी दीदी की चूत मे छोड़ दी और दीदी के उपर ही पड़े रहे.
फिर भैया ने दीदी की चूत से खींच कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और लंड फच की आवाज़ के साथ दीदी की चूत से निकल आया, फिर दीदी ने भैया का लंड और भैया ने दीदी की चूत को चाट कर साफ किया और अपने कपड़े पहनने लगे.
मैं भी वहाँ से हट गयी और अपने रूम मे आ गयी और सोचने लगी कि जब दीदी मुझसे भैया से चुद्ने के बारे मे पुछेगि तो मैं क्या जवाब दूं,मैं तो सोचती थी कि अपनी चूत का उद्घाटन मैं अपने पति से कर्वाउन्गि और यहाँ तो मेरा अपना सगा भाई ही मुझे चोदने को तैयार है.
काफ़ी देर सोचने के बाद मैने फ़ैसला किया कि मेरे पति का लंड जाने कैसा होगा क्यू ना भैया के मोटे और लंबे लंड से अपनी चूत की सील तुड़वा लूँ और ये सोच कर मैं खुद ही दीदी के पास जाने लगी कि तभी दीदी मेरे पास आई और मुझसे बोली नेहा मैने तुमसे एक बात करनी है अगर तुम बुरा नही मनोगी तो मैं बोलूं मैने कहा दीदी बोलो क्या बात है तो दीदी ने कहा मैं ज़्यादा घुमा फिरा कर बात नही करती.
और मुझसे बोली नेहा क्या तेरा कोई बॉय फ्रेंड है तो मैने जान भुज कर शरमाते हुए बोली दीदी ये आप क्या कह रही हैं मैं क्या आपको ऐसे लड़की लगती हूँ इस पर दीदी ने कहा तो फिर तुम अपने जिस्म की आग को कैसे ठंडा करती हो ये सुन कर मैं कुच्छ नही बोली और अपनी नज़रें नीची कर ली.
दीदी ने फिर कहा नेहा बताओ ना मैं जो तुमसे पुच्छ रही हूँ, मैने फिर धीर्रे से कहा दीदी क्या तुम भी, फिर दीदी ने कहा अच्छा ये बता अगर मैं तेरी चुदाई का इंतज़ाम घर मे ही कर दूं तो.
मैं ये बात सुन कर मन ही मन बहुत खुश हुई पर मैं चोन्क्ते हुए इधर उधर देखने लगी तभी स्नेहा दीदी ने कहा क्यूँ नाटक कर रही हो मुझे पता है तेरा मन भी चुदने को कर रहा है पर तू शरम से बोल नही रही.
मैं शरमाते हुए धीर्रे से बोली दीदी मन तो मेरा भी बहुत करता है कि मुझे भी कोई मर्द अपनी बाहों मे लेकर खूब प्यार करे और मुझे ज़ोर से चोदे पर मैं तो सिर्फ़ अपने पति को ही अपना जिस्म सोपूंगी और मेरा पति ही मेरे साथ सुहाग रात मनाएगा.
ये सुन कर दीदी ने कहा नेहा पागल मत हो क्या पता तेरा पति तुझे अच्छे से चोद ही ना पाए और तू चुद्ने के लिए तड़पति रहे, मैने कहा दीदी तुम मुझे किस से चुदवाना चाहती हो तो दीदी ने कहा पहले तू मुझसे वादा कर कि तू मेरी बात मानेगी मैने कहा दीदी मैं तुम्हारी हर बात मानूँगी प्लीज़ मुझे बताओ कि तुम मुझे किस से चुदवाना चाहती हो तो दीदी ने कहा अगर तुम किसी को कुच्छ नही बोलोगि तो मैं संचित भैया के बारे मे सोच रही हूँ.
ये सुन कर मैने दीदी को कहा दीदी तुम ये कैसी बात कर रही हो संचित हमारा भाई है और तुम छिह, फिर दीदी ने कहा अगर तुम तैयार हो तो संचित भाईया की बात मुझ पर छोड़ दे.
फिर मैने पुछा दीदी तुझे क्या लगता है क्या संचित भाईया मान जाएँगे, तो दीदी ने कहा भैया को मैं खुद मना लूँगी, फिर मैने कहा दीदी मुझे तो डर लग रहा है ,दीदी ने कहा कैसा डर तो मैने कहा दीदी पता नही भैया का लंड कैसा होगा और मैं पहली बार चुदुन्गि और मैने सुना है कि पहली बार चुद्ने मे बहुत दर्द होता है. आप ये कहानी अन्तर्वासना – स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
दोनो बहनों के हमारे अकेले राजा भैया
फिर दीदी ने कहा हाँ ये ठीक है कि जब चूत की सील टूटती है तो दर्द होता है पर मज़ा भी बहुत आता है और ये कह कर दीदी ने अपनी नाइटी उतार दी और अपनी टाँगो को फैला कर मुझे अपनी चूत दिखाने लगी और बोली नेहा देख तेरी चूत भी चुद्ने के बाद ऐसी हो जाएगी,मैं दीदी की चूत देख कर बोली दीदी तेरी चूत तो काफ़ी खुल्ली हुई है और मेरी चूत तो एकदम बंद है क्या जीजा जी ने चोद कर तेरी चूत इतनी खोल दी है.
तो दीदी ने कहा अरे तेरे जीजा मे इतना दम कहाँ जो मुझे ढंग से चोद भी सके ये तो संचित भैया के गधे जैसे लंड का कमाल है जब भैया का गधे जैसा मस्त लंड मेरी चूत मे जाता है तो मत पुछो कितना मज़ा आता है, मैं दीदी को देखते हुए हँसने लगी तो दीदी ने मुझसे हँसने के बारे मे पुछा.
तो मैने कहा दीदी मैं आज सुबह तुम दोनो की चुदाई देख चुकी हूँ और मैं तो कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ कि तुम कब आ कर मुझे भैया से चुदने के लिए कहो और भैया कब मुझे चोदे,ये सुन कर दीदी ने भैया को आवाज़ दी संचित भैया आ जाओ नेहा मान गयी है.
तभी संचित भाईया नंगे ही हमारे पास आ गये और दीदी के बूब्स को पकड़ कर मेरी तरफ देखने लगे और मैं वहाँ से भाग कर दूसरे रूम मे चली गयी तो भैया ने दीदी को इशारे मे पुछा इसे क्या हुआ और दीदी मेरे पास आई और पुछ्ने लगी नेहा क्या हुआ तो मैने कहा दीदी मैं अभी नही चुदुन्गि मई तो आज रात को अपने पति के साथ अपनी सुहाग रात मनाउन्गि.
ये सुन कर दीदी ने कहा नेहा ये तुम क्या कह रही है तो मैने कहा दीदी मैं चाहती हूँ कि आज रात को भैया मुझे अपनी पत्नी मान कर मेरे साथ सुहाग रात मनाएँ और तब तक मैं अपनी चूत के बाल भी सॉफ कर लूँगी.
तो दीदी ने कहा ला मैं तेरी झान्टे सॉफ कर देती हूँ तो मैने कहा नही दीदी मेरी चूत के पहले दीदार मेरे पति यानी संचित भाईया ही करेंगे और शरमा कर अपनी नज़रें नीची कर लीं, तभी भैया भी अंदर आ गये और बोले स्नेहा नेहा ठीक कह रही है.
मैं आज रात को अपनी छोटी बेहन की चूत की सील तोड़ूँगा तब तक मैं तुमसे ही अपना काम चला लेता हूँ और भैया दीदी पर टूट पड़े और दीदी भी भैया का साथ देने लगी और जब भैया दीदी को चोद रहे थे और दीदी भी नीचे से अपनी गान्ड उठा कर चुद रही थी.
तो अचानक भैया ने अपना लंड दीदी की चूत से निकाल लिया और अपने लंड को दीदी के मूह मे डाल दिया और बोले ले साली कुतिया ले अब तू अपने भाई का मूत पी और एक मोटी मूत की धार दीदी के मूह मे छोड़ दी और दीदी भी मस्त हो कर भैया का मूत पीने लगी जब दीदी भैया का सारा मूत पी गयी.
तो दीदी ने भैया को कहा भैया आज तुमने मेरी चूत मे क्यूँ नही मुता तो भैया ने कहा साली कुतिया मेरे मूत से तेरी कोख मे जो मेरा बच्चा है वो खराब हो जाता तो दीदी ने हैरान होते हुए कहा भैया तुम्हे कैसे पता चला कि मैं तेरे बच्चे की मां बनने वाली हूँ.
तो भैया ने कहा सुबह जब मैं तुझे चोद रहा था तब तू ही बोल रही थी कि हाँ भैया तेरे लंड की चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ रही है आज तेरा वीर्य मेरी बच्चेदानी मे ही गिरेगा और मैं तेरे बचे की माँ बनूँगी, ये सुन कर भैया और दीदी दोनो हँसने लगे.
फिर मैने बाथरूम मे जाकर अपनी झान्टे साफ की और नहा कर अपने रूम मे आ कर एक पतली सी नाइटी पहन ली और नीचे से नंगी ही रही और खूब अच्छी तरह से सजी और रात का इंतज़ार करने लगी.
और रात को आठ बजे दीदी मेरे पास आई और मुझसे बोली नेहा तुम तैयार हो तो मैने हाँ मे जवाब दिया और दीदी ने भैया को कहा लो भैया तेरी दुल्हन तैयार है अब तू मेरी भाबी के साथ अपनी सुहाग रात मना ले और खुद नंगी मेरे पास आ गयी और दीदी के पीछे ही भैया भी नंगे ही मेरे पास आ गये.
और आते ही मेरे 30 के बूब्स को मेरी नाइटी के उपर से ही पकड़ लिया और ज़ोर से मसल्ने लगे और मेरी नाइटी को उतार दिया अब मे भैया के सामने बिल्कुल नंगी थी और भैया मेरे गोरे चिट जिस्म को देखते हुए बोले वाह नेहा तेरा जिस्म तो बहुत खूबसूरत है और अपना हाथ नीचे मेरी चूत पर ले गये और मेरी चूत के टिट को अपनी उंगली से छेड़ने लगे और मेरे मूह से एक मादक सिसकारी निकल गयी और भैया मेरी चूत मे अपनी उंगली डालने लगे.
तो मैने भैया का हाथ पकड़ लिया और बोली भैया मेरी चूत मे सबसे पहले आपका लंड घुसेगा और भैया ने अपना हाथ मेरी चूत से हटा लिया और मेरे दोनो बूब्स को बारी बारी से चूसने लगे भैया मेरे बूब्स को चुस्स और मसल रहे थे और दीदी भैया का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने लगी और भैया भी मेरे बूब्स को छोड़ कर अपनी जीब को मेरे पेट पर फिराते हुए अपना मूह मेरी चूत की ओर ले गये और अपनी जीब को मेरी चूत की टिट पर फेरने लगे.
फिर अपनी जीब मेरी चूत मे डाल कर मेरी चूत को चाटने लगे मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं अपनी चूत उठा कर भैया के मूह मे देने लगी और आआआआ.. भैया आआआ… भैया ऊऊऊ.. भैया ज़ोर से òऊऊऊ.. चूसो और ज़ोर से òऊऊ.. और फिर मेरी चूत ने अपना पानी भैया के मूह मे छोड़ दिया और भैया ने मेरी चूत का सारा पानी पी लिया.
फिर दीदी ने भैया को कहा भैया अब आप अपने मोटे और लंबे लंड से अपनी छोटी बेहन की चूत की सील तोड़ डालो, ये सुन कर भैया ने अपने लंड का सुपाडा मेरी चिकनी चूत के उपर रख कर एक हल्का सा धक्का मारा और भैया का लंड फिसल कर मेरे पेट पर आ गया.
फिर दीदी ने भैया का लंड अपने हाथ मे पकड़ा और लंड को मेरी चूत के मूह पर रख कर बोली भैया अब लगाओ धक्का और भैया ने फिर एक हल्का सा धक्का मारा और इस बार भैया के लंड का सुपाडा मेरी चूत मे घुस गया और दीदी ने फिर कहा भैया अब मारो एक धक्का और अपना पूरा लंड नेहा की चूत मे घुसा दो.
फिर भैया ने एक ज़ोर का धक्का मारा और भैया का आधा लंड मेरी चूत की सील तोड़ता हुआ मेरी चूत मे घुस गया और मैं ज़ोर से चीखने लगी और कहने लगी छोड़ो मुझे मैने नही चुदना तभी दीदी ने अपनी चूत मेरे मूह पर लगा दी और मैं दीदी की चूत को चाटने लगी.
और भैया ने फिर एक ज़ोर से धक्का मारा और भैया का पूरा लंड मेरी चूत मे घुस गया और मैं फिर ज़ोर से चिल्लाई अब भैया अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसा कर मेरे उपर आ गये और मेरे दोनो बूब्स को बारी बारी से चूसने लगे.
अब मुझे दर्द से कुच्छ आराम मिल रहा था और मुझे भी अब दर्द के साथ मज़ा आने लगा था अब भैया भी अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे और मैं भी नीचे से अपनी गान्ड उठा कर चुदने लगी. आप ये कहानी अन्तर्वासना – स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
भैया ने अपने धक्को की रफ़्तार तेज़ कर दी और मैं भी चुद्ते हुए बोलने लगी आआआअ.. भैया ज़ोर से चोदो आआआअ.. भैया ज़ोर ज़ोर से चोदो आआआ.. भैया आज मुझे चोद कर मेरी चुत को फाड़ डालो ऊहह… आआआ.. हाँ भैया वोòò करने लगी.
भैया भी मुझे चोदते हुए बोले ले मेरी बहना ले आज अपने भाई का लंड अपनी चूत मे ले ले आज मैं अपनी बेहन को चोद कर पका बेहन चोद बन गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगे और अब मैं भी चुदते हुए गाली देने लगी.
और बोली एयाया. अब चोद मुझे बड़ा मर्द बना फिरता है आज अपनी बेहन की चूत की अग बुझा कर दिखा एयेए साले हिजररे अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अब दिखा अपनी मर्दानगी अगर आज अपनी बेहन को चोद कर उसकी चूत को ठंडा कर दे तो मैं तुझे असली मर्द मानु.
ये सुन कर भैया को और ज़्यादा जोश आ गया और भैया पूरी ताक़त से मेरी चूत मे धक्के लगाने लगे और बोले ले साली कुतिया ले अब अपने भाई के लंड का कमाल देख साली रंडी आज तेरी चूत का भोसड़ा ना बनाया तो मुझे बेहन चोद ना कहना और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगे.
भैया के लंड की चोट मेरी बच्चेदानी पर पड़ रही थी और मैं अपनी गान्ड को उठाते हुए चुद रही थी और तभी भैया ने कहा ले मेरी रंडी ले अब अपने भाई का वीर्य अपनी चूत मे ले और बन जा अपने भाई के बच्चे की माँ और फिर भैया के लंड से वीर्य की पिचकारी मेरी चूत मे पड़ी.
भैया के वीर्य से मेरी चूत पूरी तरह से भर गयी फिर थोड़ी देर बाद भैया ने अपना लंड खींच कर मेरी चूत से निकाला और भैया का लंड फच की आवाज़ के साथ मेरी चूत से बाहर आ गया जब मेरी नज़र भैया के लंड पर पड़ी तो भैया का लंड मेरी चूत के खून से लाल हो गया था मैं ये देख कर घबरा गयी और दीदी से बोली दीदी क्या मेरी चूत सच मे फट गयी.
तो दीदी ने कहा नही ये तो जब चूत की सील टूटती है तब खून निकलता ही है और मुझे ढाँढस बंधाने लगी,भैया का लंड मेरी चूत से निकलने के बाद भी खड़ा ही था और मेरी चूत से खून और भैया का वीर्य निकल रहा था मैं अपनी चूत से निकलते हुए वीर्य को देख कर बोली भैया आपने मेरी चूत मे वीर्य छोड़ा है या मूत किया है.
तो भैया से पहले दीदी बोली नेहा जितना तेरा जीजा एक बार मे मुतता है उस से ज़्यादा तो भैया के लंड से वीर्य निकलता है इसी लिए तो मैं भैया के बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ क्योंकि जितना गाढ़ा और ज़्यादा वीर्य मेरी बच्चेदानी मे पड़ेगा उतना ही खूबसूरत बच्चा मेरी चूत से निकलेगा.
ये सब बातें अभी चल ही रही थी कि मुझे पेशाब आने लगा और मैं मूतने को जाने के लिए उठने लगी मैं अभी उठने की कोशिश कर ही रही थी और जब मैं उठने लगी तो मेरी चूत मे जबरदस्त दर्द होने लगा और मैं उठ ना सकी मैने दीदी को कहा दीदी मुझसे उठा नही जा रहा है.
तो भैया ने कहा अरे साली रंडी अभी तो मेरी मर्दानगी को चॅलेंज कर रही थी और अब तू बिस्तर से उठ भी नही सकती तो मैने कहा भैया वो तो मैं तुम्हे जोश दिलाने के लिए बोल रही थी मुझे क्या पता था कि तुम मेरा ये हॉल कर दोगे.
तो दीदी ने कहा अरे भोसड़ी के बेहन चोद साले तूने हम दोनो बहनों को चोद दिया और साले बेहन चोद मुझे भूल गया अब तू इस साली कुतिया से बातें ही करेगा या मुझे भी चोदेगा ये बोल कर दीदी ने अपनी दोनो टाँगे खोल दी और भैया ने भी बिना समय नष्ट किए दीदी की चूत मे एक ही धक्के मे अपना पूरा लंड पेल दिया.
उस रात भैया ने मुझे दो बार और दीदी को तीन बार चोदा और हम तीनो ही नंगे एक दूसरे की टाँग मे टाँग फसा कर सो गये,सुबह जब मेरी आँख खुली तो 10 बज चुके थे और भैया और दीदी अभी भी गहरी नींद मे थे मैने भैया को हिलाते हुए कहा भैया उठो तुम्हारा ऑफीस जाने का टाइम हो गया है.
भैया ने मुझे खींच कर अपने साथ लगा लिया और बोले नेहा मैने ऑफीस से 10 दिन की छुट्टी ले ली है अब जब तक मम्मी पापा नही आ जाते तब तक हम तीनो मे से कोई ना तो कपड़े पहनेगा और ना ही कोई घर से बाहर जाएगा और तब तक सिर्फ़ चुदाई ही होगी.
10 दिन लगातार भैया ने मुझे और दीदी को दिन रात चोदा और 10 दिन बाद जब मैं अपने कपड़े पहनने लगी तो मेरी ब्रा का साइज़ जो 30 था वो मेरी बूब्स पर नही आ रही था और मेरी चूत का सुराख भी अब 2 इंच खुल गया था.
मम्मी पापा के आने के बाद हमारी दिन की चुदाई बंद हो गयी पर रात को भैया हम दोनो बहनो को अच्छे से चोदते थे जिसकी वजह से दीदी की कोख मे भैया का बच्चा पल रहा है अब दीदी अपने सुसराल मे है और भैया मुझे रोज रात को अपनी रंडी बना कर चोदते है. भैया ने हम दोनो बहनों को खुस किया.
अब मुझे भी लंड का चस्का लग चुका है और जब मैं भैया से चुद नही लेती मेरी चुत को चैन नही आता और अब भैया मेरा इंतज़ार कर रहे हैं और मेरी चूत मे भी खुजली हो रही है अब मैं भैया से चुदने जा रही हूँ. यकीन मानिये हमे जब भी मौका मिलता है हम दोनो बहनों को भैया एक साथ ही चोदते है और दोनों बहनों को बराबर का मजा भी देते है. आप भी अपने बेहन या भाई के साथ चुदाई का मज़ा लो मैं तो ले रही हू.