टोक्यो में अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ सेक्स

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम अनिकेत है। दोस्तों दोस्ती हमें प्यार का मौका देती है और प्यार हमे इन्सान के रूह और जिस्म तक पहुँचने का मौका देती है, लेकिन कैसे कोई अजनबी हमारा दोस्त बन जाता है और फिर हमारे बीच वो सब हो जाता है, जो किसी के लिए सपना है तो किसी के लिए हक़ीक़त कुछ ऐसी ही हक़ीक़त मेरे साथ हुई है जो सुनने के बाद शायद आप भी सोचने लगे कि काश ऐसा होता।

दोस्तों ये कहानी है मेरी और सुगंधा की। मैंने नया नया जॉब शुरू किया था और कंपनी मे नया था और सब मुझे जूनियर के तरह व्यहवार करते थे, लेकिन मैंने अपने व्यवहार की वजह से सबको खुश रखा है और जैसे जैसे वक़्त निकला वेसे दोस्त बने, लेकिन दुश्मन भी बनने लगे और इसका कारण था मेरी और सुगंधा के बीच की केमिस्ट्री और ये तब शुरू हुआ जब पहले दिन एक कॉन्फ्रेंस मे मुझे फर्स्ट प्राईज़ मिला। में बहुत खुश था और सुगंधा मुझसे काफी प्रभावित थी।

उसके बाद बस मुझे एक अच्छा दोस्त मिल गया, जिस सुगंधा को में 1-2 हफ्ते दिनों से देखता रहता था, आज वो मेरे पास बैठती है और कंपनी के लोग मुझसे जलते है और अब इसमें में क्या करूँ? सुगंधा अब मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गयी थी, हम साथ मे लंच करते थे और साथ मे एक ही ऑटो से वापस अपने घर भी जाते थे l

मेरे ऑफिस के ही कुछ लड़के अपनी बुरी नजर उस पर लगाये बैठे थे और जिसका आभास मुझे पहले हो चुका था, लेकिन में सामान्य लड़का हूँ, इसलिये सोचा कि जाने दो और जिस दिन ये बात सामने आ जायेगी तो उस दिन उन्हें उनकी औकात बता दूँगा।

फिर वो दिन आ ही गया, कंपनी की तरफ से सिर्फ़ तीन स्टाफ के लोगों को टोकियो भेजा जा रहा था जिनमें में, सुगंधा और मेरा दोस्त अक्षय था। दोस्तों हमारे बीच अब दोस्ती से ज़्यादा कुछ एहसास दिल मे आ चुका था, लेकिन उसने कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया और न ही मैंने।

सुगंधा एक लंबी गोरी और मस्त लड़की थी, उसका फिगर 32-30-36 था और उसकी गांड बहुत बाहर निकली हुई थी, जो उसे एक मस्त आईटम बनाती थी, उस दिन शॉपिंग मॉल कुछ खाली था, क्योंकी उस दिन बहुत तेज़ गर्मी थी, जब हम मॉल गये तो वो गर्ल्स सेक्शन मे चली गयी और में उसे इज़्ज़त देते हुए वहां से निकल आया, लेकिन ना जाने उसके दिमाग़ मे क्या आया और वो मेरे लिए एकदम अलग था। आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

उसने मुझे बुलाया और कहा कि अनिकेत अगर में कप शेप ब्रा पहनूं तो में कैसी लगूंगी, ये सुनते ही में तो हिल गया और मैंने कहा कि क्या तुम पागल हो गयी हो, कोई ये सवाल एक लड़के से पूछता है क्या और जानते हो दोस्तों उसने नज़रे घुमाकर इतराते हुए कहा कि अब पति से क्या छुपाना तो में हैरान रह गया और अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा पति? कौन में? तुम पागल हो क्या?

फिर मैंने भी उसके बाद उसके मज़े लेने शुरू कर दिए और हंसने लगा, उसने शायद ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और हाथ मे जो उसके ब्रा थी तो उसने वो मुझ पर ही फेंक दिया और हंसने लगी। फिर मैंने भी उस ब्रा को अपने होठों से चूम लिया और वो अपनी आँखें फाड़कर मुझे देख रही थी।

फिर मौके को देखते ही हमने एक दूसरे को अपनी बाहों मे भर लिया और हम एक दूसरे को किस करने लगे। फिर मैंने उसके बालों मे हाथ फेरा और उसके माथे पर किस देते हुए उसे कहा कि सुगंधा आई लव यू और उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा नो आई डोन्ट लव यू, में शॉक्ड रह गया तो उसने मुझे हँसते हुए कहा अभी जवाब नहीं दूँगी अच्छा मौका तो आने दो और उसने मुझे आँख मार दी।

उसके बाद मॉल मे भीड़ बड़ने लगी तो हम वहां से निकल आए और टोक्यो जाने की तैयारी करने लगे।

अगले दिन हम फ्लाइट से टोक्यो पहुँचे और वहां हमारे लिए 3 रूम बुक थे, लेकिन मेरा और अक्षय का रूम एक अपार्टमेंट मे था और उसका दो अपार्टमेंट के बाद। दोस्तों हमें वहा तीन दिन रुकना था, जब हमे ये पता चला तो मेरे दिमाग़ मे तब तक कोई सेक्स का ख्याल नहीं था, काम मे ही इतना बिज़ी था, लेकिन उसके चेहरा उदास पड़ गया।

फिर मैंने उसे बाहों मे भरते हुए पूछा कि तुम क्यों उदास हो गयी तो उसने कहा कि वो मेरे साथ रुकना चाहती थी तो मैंने उसे समझाया कि सुगंधा आपका अपार्टमेंट गर्ल्स का है और हमारा लड़को का तो शायद वो समझ गयी। उसके बाद हम अपने अपने रूम मे चले गये।

फिर मैंने उसके बाद थोड़ा सोने का फ़ैसला किया, मेरी आँख लगी ही थी कि मेरे फोन पर उसका मेसेज आया कि आई एम अलोन इन मी अपार्टमेंट, जस्ट वेटिंग फॉर यू डार्लिंग। आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

ये पढ़ते ही मेरी नींद गायब हो गई, गला सूखने लगा और एक हलचल सी होने लगी दिल मे और हज़ार सवाल थे जाऊं या नहीं जाऊं? वो गर्ल्स का है? पकड़ा जाऊंगा तो नौकरी जायेगी? इससे आख़िर हो क्या जाता है? लेकिन दोस्तों अब आप ही सोचो कि अगर आपके फोन पर ऐसा मेसेज आता तो आप क्या करते?

तो मैंने भी वही किया और में फ़ॉर्मल्स में ही पीछे से उसके अपार्टमेंट मे चला गया और उस वक़्त शायद सभी लंच के लिए गये हुए थे तो उसने मुझे अपना रूम नंबर बताया और में दौड़ते हुए उसके रूम तक पहुँच गया। मुझे किसी ने देखा नहीं जैसे ही में वहा पहुँचा तो उसने तुरंत गेट खोल दिया और मुझे अंदर करके गेट बंद कर दिया। मैंने घबराते हुए उससे पूछा कि ये क्या पागलपन है?

और वो अपने बालों को खोलते हुए कहने लगी कि पागलपन तो अब दिखेगा तुम्हे अनिकेत। दोस्तों में नहीं बता सकता कि उस वक़्त मुझे क्या महसूस हुआ। बस पेंट के अंदर मेरा लंड सुगंधा को थैंक्स बोल रहा था, वो एक टी-शर्ट और स्कर्ट पहने हुई थी और मेरी तरफ बढ़ रही थी और में तो बस उसका दिल ही दिल में इंतज़ार कर रहा था l

जैसे ही वो मेरे पास आई तो उसने मेरी आँखों पर हाथ रख दिया तो में ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रहा था और उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि पागल में बोर हो रही थी, इसलिये तुम्हे बुलाया है और मेरे कान पर दाँत से काटकर हंसने लगी और मुझसे दूर भागकर मेरा मज़ाक उड़ा रही थी तो मैंने कहा कि अच्छा तो ये बात थी और में तो पता नहीं क्या सोच रहा था।

सुगंधा : अच्छा? ज़रा हमे भी तो बताइये जनाब आप क्या सोच रहे थे?

अनिकेत : अरे आप रहने भी दीजिये, जानोगे तो तुम्हारी दिमागी हालत खराब हो जायेगी।

सुगंधा : नहीं, अब तुम मुझे बताओगे नहीं तो में सबको बता दूँगी कि ये मेरे साथ ग़लत करने आया था।

फिर मैंने कहा कि जाओ नहीं बताता और तुमने किसी को ऐसा कहा तो में सबको तुम्हारा मेसेज दिखा दूँगा और इस पर उसने एक मासूम सा चेहरा बनाया और कहने लगी कि ठीक है मत बताओ और उसकी मासूमियत को देखकर मैंने उसे बाहों मे ले लिया और उससे कहा कि कुछ भी नहीं मेरी जान मुझे लगा कि तुम शायद मुझे।

सुगंधा : मुझे क्या?

अनिकेत : मुझे यहा प्यार करने के लिये बुलाया है।

सुगंधा : अच्छा? बड़े ऊँचे ख्याल है आपके? सपना मत देखो मुझे नींद आ रही है, बस तुम मेरे बगल मे लेट जाओ तो मुझे अकेला नहीं लगेगा।

फिर में और वो एक दूसरे को आँखों मे देखकर लेट गये, लेकिन अभी तक हमने एक दूसरे को पकड़ा नहीं था।

सुगंधा : ऐसे क्या देख रहे हो अनिकेत? इरादा क्या है?

अनिकेत : सोच रहा हूँ कि पिछले तीन महीने से जिस बदन को अपने अगल बगल महसूस करता आया हूँ तो क्या उसे में आज महसूस कर सकता हूँ?

सुगंधा : अगर तुम मेरे शरीर को उसकी इज़्ज़त और ज़रूरत दे सको तो तुम उसे महसूस कर सकते हो।

ये सुनते ही दोस्तों मेरी तो सांस ही अटक गई, लेकिन एक बात हमें याद रखना चाहिये कि आप एक लड़की के जिस्म को हैवान बनकर पा तो सकते हो, लेकिन उसके जिस्म के असली नशे को पीने के लिए उसका मन और इज़्ज़त दोनों आपको पाना पड़ेगा, जैसे ही उसने मुझे ये हक़ दिया तो मैंने प्यार से उसे अपनी बाहों मे भरते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसकी साँसों को महसूस में आराम से कर पा रहा था। आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

सुगंधा : ओह जान, आई लव यू, कहा था ना कि सही वक़्त आने दो तब आई लव यू कहूँगी तो आज ही है वो सही वक़्त है जान, आई लव यू और मेरे बदन को तुम्हारी ज़रूरत है।

दोस्तों उसका बदन एक मखमल के कपड़े के जैसा था और हाथ लगते ही वो फिसल जाता था। फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी गांड पर रख दिया और उसे ज़ोर से दबाने लगा। दोस्तों ये कहानी आप मस्ताराम.नेट पर पड़ रहे है।

उसके मुँह से जोर से सासें आ रही थी तो वो इतनी प्यारी थी। फिर मैंने अपने होठों को उसके लिप्स पर जोड़ दिया और हम एक दूसरे के लिप्स को चूस रहे थे। फिर मैंने जोश मे उसकी स्कर्ट को फाड़ डाला और उसके चूतड़ पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और जैसे ही मैंने ये किया तो उसने मेरे लिप्स को काट डाला और मेरे लिप्स से खून आने लगा।

अनिकेत : जान, आराम से और अभी तो शुरुवात है।

सुगंधा : आप भी आराम से जान, अगर मारना ही है तो मेरी चूत को ज़ोर से मारो ना, कब से ये तुम्हारा लंड लेने को बेताब है।

मेरी फूली हुई गांड को क्यों सज़ा दे रहे हो? ये सुनते ही मैंने उसे बेड पर ही उठाया और उसकी टी-शर्ट उतार डाली। उसने भी देर ना करते हुए मेरी टी-शर्ट फाड़ डाली और मेरे लोवर का नाड़ा खोलने लगी। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी, क्या लग रही थी दोस्तों उफफफफफफ्फ़ बता नहीं सकता और अब में उसके पीछे आ गया और उसकी ब्रा के हुक को धीरे धीरे खोलने लगा, उस वक़्त उसके बदन मे जो हलचल हो रही थी तो वो एकदम जानलेवा थी।

उसके शरीर मे सिहरन हो रही थी और वो आआहह जान जैसे बुदबुदा रही थी। फिर मैंने उसकी ब्रा को हटाया और पीछे से उसे अपने से चिपकाते हुए उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों मे भरकर दबाने लगा। दोस्तों में लिख तो सकता हूँ, लेकिन एहसास नहीं बता सकता और फिर वो तेज़ी के साथ आगे मुड़कर मुझसे लिपट गयी और कहने लगी..

सुगंधा : अब मत तड़पाओ ना जान फक मी प्लीज़ फक मी बहुत गुदगुदी हो रही है चूत में और कहते कहते उसने अपनी पेंटी खुद ही निकाल डाली और मेरे लोवर को भी हटा डाला और वो आँख बंद करके मुस्कुरा रही थी और मैंने उसे बेड पर गिरा डाला और मैंने अपना मुँह उसकी चूत की तरफ बढाया, क्या खुशबू थी और पूरी गीली और फूली हुई थी, थोड़े थोड़े बाल भी थे।

दोस्तों हमारे बीच सब कुछ अचानक से हो गया तो शायद उसे भी हटाने का मौका नहीं मिला, लेकिन कभी कभी बाल होना भी अच्छा लगता है। आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।

फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी जैसे किसी को बहुत लग गई हो और एक पल के लिए तो में भी डर गया और मैंने पूछा, आर यू ऑलराइट? तो उसने कहा कि हाँ बस एक नयी अजीब सी बेचैनी है जो और बढ़ाना चाहती हूँ।

फिर मैंने कहा कि हाँ जान आज तुम्हे वो दर्द देता हूँ। हम इतने पागल हो चुके थे कि लंड चुसवाने का टाईम ही नहीं मिला। दोस्तों अगर प्यार मे आप सेक्स करे तो ये आपको अच्छा भी नहीं लगेगा कि वो आपका लंड चूसे। अभी तक हमारे बीच 20 से 25 मिनिट बीत चुके थे और हम दोनों के लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया था और में भी पहले जोश के रस को बर्बाद नहीं करना चाहता था।

फिर मैंने उसे डॉगी पोज़िशन मे बैठाया और अपने लंड को अपने थूक मे मिलाने लगा, वो इतनी पागल हो गयी थी कि अपने एक हाथ से वो खुद की चुदाई का फोटो खींच रही थी। फिर मैंने पूछा कि ये क्या कर रही हो सुगंधा तो उसने कहा कि मेरे पहले प्यार की यादों में नहीं खोना चाहती तो में उसके पागलपन को देखकर हंसने लगा, इतनी देर में वो मुझसे अपनी चुदाई की भीख माँगने लगी।

मैंने भी उसकी कुंवारी चूत के छेद को ढूंढ लिया था और वहां पहले अपने थूक और उसकी चूत के पानी से गीला कर रहा था और अब वो और मस्ती मे आ चुकी थी, उसकी आँखें बंद थी और में अपने एक हाथ से अपने लंड को सहला रहा था।

फिर एक हाथ की ऊँगली से उसकी चूत को चोद रहा था और जब मुझे उसकी चूत अब चुदने के लायक लगने लगी तो मैंने सीधा अपना लंड उसकी चूत मे उतार दिया, अभी तो लंड का सूपड़ा ही गया था कि वो तड़प गयी और वो मदहोशी मे गिड़गिड़ाने लगी।

सुगंधा : मत रूको अनिकेत जाने दो, आज तो मौत भी हसीन लग रही है और ये सुनते ही मैंने एक झटके मे सारा का सारा लंड उसकी चूत मे उतार डाला और उस समय जो में महसूस कर रहा था तो वो आप कभी नहीं समझ पाएंगे जब तक आप खुद ना उसे महसूस कर ले, अब हमारी चुदाई शुरू हो गयी थी तो पहले उसे भी दर्द हो रहा था और लंड भी सही से नहीं जा रहा था, लेकिन कुछ देर के बाद पूरा रास्ता साफ हो गया और चुदाई का खेल पूरे ज़ोर से होने लगा।

में झटके पर झटके मार रहा था और वो फक मी बेबी, ऑश यअहह फक मी जान कह रही थी। फिर 10 मिनिट की चुदाई के बाद मे वो झड़ गयी और जब वो झड़ रही थी तो उसका बदन देखने लायक था, पूरे शरीर मे कम्पन सा हो रहा था और वो बँधी हुई शेरनी की तरह छटपटा रही थी।

अब वो निढाल होकर बेड पर लेटी हुई थी और में भी अब बस झड़ने ही वाला था और में तो अपनी पूरी स्पीड में आ गया, क्योंकी मेरे पास कोई कन्डोम नहीं था तो में कोई भी रिस्क नहीं लेने वाला था और ये बात उसे भी पता थी। फिर जैसे ही मैंने इशारा किया तो वो अपना मुँह खोलकर बेड पर लेट गयी l

फिर मैंने अपने लंड को तेज़ी से उसके मुँह मे डाल दिया और कुछ सेकेंड के अंदर में उसके मुँह मे ही झड़ गया, में तो जैसे जन्नत मे था और वो मुस्कुराते हुए सारे वीर्य को चट कर गयी और हम एक दूसरे को गले लगाकर सो गये । मुझे इस सेक्स में ब्शुत मजस आया उम्मीद करता हु आपको भी आया होगा अगर हा तो अपना कमेंट करके जरुर बताना।

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