मेरी नजर अंजू की छोटी बहन रीतू पर पड़ी, तो उसकी चूचियों को देख लालच आ गया, तो Desi Sex kahani की इस घटना में मैंने उसकी कुँवारी चूत की जमकर चुदाई कर डाली..
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम शुभम है, मैं वाराणासी पढ़ने गया था। उसके बाद मैं जब गाँव गया, तो अपनी बुआ के घर जाने का योजना बनाया।
मैं वहाँ पहुचा तो अंजू (मेरी बुआ की बेटी) राह देख रही थी। हालांकि! उसकी चुदाई के बाद! उसकी तरफ अब आकर्षण नहीं दिखा रहा था। ठीक कुछ समय बाद! उसकी बहन रीतू बाहर आई।
रीतू की कोमल चूचियाँ मुझे भा गई
उसकी चूचियाँ देखकर! मेरे मन में उसे भी चोदने का लालच आ गया। मैंने अपनी बात अंजू से कही, तो वो पहले नाराज़ हो गई, फिर थोड़ी देर में मान गई।
रीतू की उम्र भी सोलह साल ही थी! तब अंजू ने कहा- ठीक है! लेकिन उसकी चूचियाँ ही केवल चूसना! उसे चोदना मत! वो बहुत नाज़ुक है। दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।
मैंने कहा- ठीक है!
अब अंजू ने रीतू से कहा- तुम्हारे जीजू बुला रहे हैं!
वो समझ नहीं पाई तो कहने लगी- कहाँ है?
रीतू की हँसी में देखी उसकी चुदास
उसने मेरी तरफ इशारा किया, वो भी कम नहीं थी! हँसने लगी!
अब मैं समझ गया! कि लड़की हँसी तो फंसी! इसलिए जब! वो मेरे पास आई, तो कहने लगी, कि भैया कैसे सैंया बन गए!
मैंने कहा- पुरानी कहानी है! बाद में बताएँगे। वो मेरे पास आकर बैठ गई। मैंने पहले उसके जाँघ पर हाथ रखा! लेकिन वो कुछ नहीं बोली!
अब मैंने पूछा- रीतू एक बात पूछूँ?
वो बोली- क्या पूछना है? जीजा जी! कहते हुए वो हँसने लगी!
रीतू ने किया चुदने के इशारे
मैंने कहा- तुम तो अब जवान हो गई हो! क्या? तुम्हारा कोई यार है!
रीतू शरमाकर! बोली- नहीं! मेरा कोई यार नहीं है! फिर धीरे से! उसने मेरे कान में कहा- कि आप हो ना!
अब मेरा हौसला बढ़ गया! धीरे-धीरे मैं उसके चूचे को दबाने लगा! और वो मस्त हो गई! उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी।
हालांकि! उसके आगे! हम कुछ नहीं कर पाए, क्योंकि सब लोग अब आ गए थे। अब हम दोनों रात होने का इंतजार करने लगे!
चूची चूसने और चूत रस पीने का मजा
जब रात हुई! तो हमारे लिए बिस्तर अलग कमरे में लगा था, और मैं जाकर सो गया। रात में धीरे से! किसी ने दरवाजा खटखटाया! तो मैं जाग गया।
अब मैंने देखा! रीतू आई है! मैंने उसे अपने बाँहों में दबोच लिया। फिर क्या था! उसने मुझे चूमना चालू कर दिया।
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ! कि मैं केवल लूँगी में था! मेरे लण्ड देवता बाहर की तरफ दस्तक दे रहे थे! अब उसने मेरे लण्ड को अपने हाथों में ले लिया।
जैसे ही! मैं उसके चूचे को चाटते हुए काटता! वो मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर हिलाते हुए! उसे काट लेती और हम दोनों आ! हह! आआ! हह! आआ! अहह! करते रहते!
लौड़े से मुँह की चुदाई और रस पिलाई
वो मुझे काफ़ी देर तक! पकड़ते हुए एक बार झड़ गई! अब मेरी बारी थी! मैं उसको अपने लण्ड के रस का स्वाद चखाना चाहता था!
अब मैं उसके मुँह में ही, पेलना चालू कर दिया! अब मैं भी झड़ा! और काफ़ी मात्रा में उसके मुँह में अपने लण्ड का प्रसाद चढ़ा दिया।
वो पहले गों! गों! की आवाज़ करती रही! लेकिन! जब मैंने अपना लण्ड नहीं निकाला, तो उसे वो पी गई!
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
वो कहने लगी- बहुत अच्छा था! लेकिन इसे पीते क्यों है?
छोरी चूत चुदवाने को बिल्कुल तैयार
मैंने कहा- इसे जब पियोगी! तो तुम्हारी चूचियाँ! और भी बढ़ जाएगी! तुम्हारा फिगर एकदम 32-30-36 हो जाएगा! वो हँस दी!
इस बार! मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था। अब वो सिसकारियाँ निकालने लगी- अहह! उह्ह! उईई! माँ! मेरी चूत में खुजली हो रही है सैंया जीईई !!
फिर क्या था! मैंने अब अपने सुपाड़े को उसकी चूत पर ज्यों ही रखा! वो अपनी कमर हिलाने लगी! मैंने कहा- इतनी जल्दी क्या है! मेरी रानी!
वो खुद कहने लगी- मुझे चोद दो! मेरे भैया! आज मेरे सैयां बन जाओ!
कुँवारी चूत को चोदने का एहसास
मैं अपने सुपाड़े को दबाया, और उसकी चूत में धीरे से पेल दिया! जैसे ही! मेरा लण्ड 2″ घुसा, वो चिल्लाने वाली थी!
हालांकि! इसके बारे में मुझे पहले ही अंदाज़ा था! मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया था।
वो फिर भी कराहने लगी- आआ! आअ! हह! आआ! आआ! आआ! आ! ह्ह! हह! हह! हह! हह! मैं मर गई!
मैं कुछ देर! उसके ऊपर उसी तरह पड़ा रहा! और वो जब शांत हुई। तब धीरे से! एक और झटका दिया। अब उसके चूत से खून निकलने लगा! वो हड़बड़ा गई!
मैंने कहा- चिंता मत करो! रानी अब तुमको खूब मज़ा आएगा! वो रोने लगी! उसके आँखों से आँसू निकलने लगे!
चूत की सील टूटने के बाद मजा
वो कहने लगी- भगवान के लिए! निकालो अपने लण्ड को! मैं मरर जौन्न्गी!
मैंने कहा- थोड़ी देर! और फिर मैं धीरे धीरे धक्के देने लगा, कुछ देर बाद! दर्द कम होने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा था!
वो भी कमर उचकाने लगी! अब मैं पूरी तरह से समझ गया! कि उसको बहुत मजा आ रहा है! धक्के देने पर!
अब वो ओफ्फो! इश्श! आआ! आआ! आहह! आआ! आआ! आहह! उईई! ईई! ईइमा! आ! आआ! आअहह! की मस्ती भरी आवाजें निकाल रही थी!
छोरी की चुदासी बातों से धक्कापेल चुदाई
अब पूरी कामुकता से और कह रही थी- खूब चोदो! आज मुझे! चोद चोद कर मेरी चूत को भोसड़ा बना डालो! फाड़ दो साली को! बहुत परेशान करती है मेरी चूत!
दोस्तो, मैं उसकी बातों को सुनकर जोशीला कम! हैरान ज्यादा था! हालांकि! उसकी बातों को सुन मेरे मेरे लण्ड में एक तूफ़ान सा उठा! अब मैं उसको बेरहम की तरह चोद रहा था!
मेरे धक्के इतने तेज थे! कि पूरा कमरा, फच! फच! फच! फच! की आवाज़ से गूँज उठा था। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी!
मैं करीब आधे घंटे! उसको लगातार चोदता रहा! कुछ पल के बाद वो झड़ गई! मेरा भी निकलने वाला था, तो मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया!
चूत में झड़ते हुए लण्ड का एहसास
झड़ते वक्त! मैंने अपने लावे को उसकी चूत में महसूस किया! किसी गर्म पिघले लोहे की तरह मुझे एहसास हो रहा था!
मैं अब थककर उसके ऊपर ही उसकी चूचियों की पकड़ कर लटका रहा! कुछ देर बाद! मैंने कहा- यह चादर छुपा कर दूसरा चादर दो! नहीं तो, किसी को पता चल जाएगा!
उसने वैसा ही किया! जैसा मैंने उसको कहा था। फिर क्या था! दोस्तो,
मैंने उससे पूछा- मज़ा आया जान? तो वो शरमाकर मुस्कुराने लगी! और अपने कमरे में चली गई।
सुबह जब! अंजू की आँख खुली, तो उसने पूछा- क्या रीतू आई थी?
छोरी की बातों से बड़ी बहन को झटका
मैंने कहा- हाँ! आई थी!
अंजू सीधे रीतू के कमरे में गई! और रीतू से पूछने लगी!
अचानक! रीतू अंजू से गले लगकर बोली- सच में! वो अब तुम्हारे जीजा जी बन गए हैं! इन्होंने! मुझे अपनी बीवी की तरह खूब चोदा और मैंने भी काफ़ी मज़े लिए!
अंजू बूत बनी! रीतू की बातें सुनती रही!
तो दोस्तो, कैसी लगी रीतू की चुदाई? मुझे पता है! कि आप लोगों ने इस कहानी का खूब मजा लिया होगा! तो देर किस बात की!
जल्दी! जल्दी! अपने जवाब मुझे मेरी ईमेल आईडी पर भेजें और मेरा हौंसला बढ़ाएं! ताकि मैं और भी मजेदार कहानियाँ आप लोगों को पेश करूँ!