सब से पहले, मैं सभी पाठकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ।
मेरा नाम राज है और मैं गुजरात में रहता हूँ।
मैं आप लोगों को अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ, ये मेरी पहली कहानी है। अगर कोई ग़लती हो जाए तो माफ़ करना, कहानी पढ़ने के बाद अपना प्रतिभाव देना मत भूलना।
मैं छब्बीस साल का लड़का हूँ और मैं दक्षिण गुजरात के एक शहर में रहता हूँ, जो एक बड़ी नदी के किनारे पर है।
मेरी हाइट लगभग छे फीट है और मैं बहुत ज़्यादा हैंडसम हूँ। ये उन दिनों की बात है, जब मे कॉलेज में पढ़ता था।
मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, जो बहुत ही खूबसूरत थी। उसके बूब्स ३४ के थे। वो हमेशा टाइट कपड़े ही पहनती थी।
हम लोग बहुत ही रोमांटिक थे, जहाँ भी मौका मिलता हम चुम्मा-चाटी करना शुरू कर देते थे। मेरी गर्लफ्रेंड भी मुझे बहुत सपोर्ट करती थी और वो भी हमेशा तैयार रहती थी।
हम लोग कॉलेज से अक्सर बंक करके घूमने जाया करते थे्, हमारे कॉलेज के पास में ही एक नदी थी तो हम बार-बार वहीं घूमने जाते थे।
नदी पर हम घूमने जाते और वहाँ पर जब भी मौका मिलता, हम शुरू हो जाते थे।
एक दिन की बात है, बारिश का समय था। हम कॉलेज बंक करके हमारी रोज की जगह पर घूमने गए थे।
आसमान में काले घने बादल छाए हुए थे। हम वहाँ जैसे ही पहुँचे, तेज बारिश शुरू हो गई जिससे वहाँ मौजूद सब लोग वापस चले गए पर हम वापस नहीं गए।
हम लोग वहीं एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर टहलने लगे, थोड़ी ही देर में हम पूरे भीग गए।
भीगने से सपना के सारे कपड़े उसके सेक्सी बदन से चिपक गए और उसके बूब्स और निप्पल दिखने लगे।
उफ़!!! उसकी गाण्ड भी बहुत ही सेक्सी लग रही थी। ये सब देखकर मेरा ७ इंच का लण्ड एक झटके से खड़ा हो गया और वो सपना की खूबसूरती को सलामी देने लगा।
हम तुरंत ही एक-दूसरे की बाहों में आ गए और हमने एक-दूसरे के पूरे बदन पर चूमना चालू कर दिया।
हम एक-दूसरे में इतने खो गए थे कि हम ये भी भूल गए कि हम कहाँ है। फिर, जब थोड़ा होश आया तो हम नदी के किनारे एक कोने मे जगह देखकर, वहीं पर फिर से शुरू हो गए।
अब मैंने सपना के कपड़े उतारने शुरू किये। सबसे पहले मैंने उसका टॉप उतारा। सिर्फ़ ब्रा-जीन्स में उसका गोरा बदन कमाल का लग रहा था। मैंने फिर से उसे चूमना चालू किया और उसके मस्त बूब्स दबाने लगा।
कुछ देर बाद, मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया।
अब तक वो वासना से पागल हो चुकी थी और उसने भी सारी लोक-लाज छोड़ कर मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। एक एक्सपर्ट की तरह उसने मुझे नंगा करने में ज़रा भी वक़्त नहीं लिया।
अब हम एक-दूसरे को बिना रुके भोगे जा रहे थे। अब वो मेरा ७ इंच का फनफनता लण्ड अपने हाथ में लेकर उसके साथ खेलने लगी।
थोड़ी देर बाद ही उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
दोस्तो, वो ऐसा अनुभव था कि मैं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूँ। थोड़ी देर चूसने के बाद वो रुकी और फिर अपनी चूत चूसने का इशारा किया।
मैं बिना वक्त खराब किए, नीचे हो कर उसकी चूत को चूसने लगा।
काफ़ी देर तक ये खेल चलता रहा, बारिश की वजह से हमें एक नशा जैसे हो गया था।
फिर मैंने अपना लण्ड लेकर उसकी चूत में डाल दिया। वो थोड़ा चिल्लाई फिर शांत होकर अपनी गाण्ड उछाल-उछाल कर साथ देने लगी। मैं बीच-बीच में उसके बूब्स दबाता और चूसता जा रहा था।
आख़िर में बीस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ने वाले थे। सपना ने मुझे कहा कि वो मेरा वीर्य उसके मुँह में लेना चाहती है तो मैंने अपना अमृत उसके मुँह में डाल दिया।
वो मेरा सारा माल पी गई, फिर हम थोड़ी देर के लिए शांत हो गए।
थोड़ी देर बाद वो फिर से मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी, फिर उसने मेरे लण्ड को बहुत गुस्सा दिला दिया, उसका फल उसे अपनी चूत मरवा कर भुगतना पड़ा।
हम दोनों ने आज स्वर्ग की सैर की थी। फिर हमने एक-दूसरे को वादा किया कि इसी तरह से हम हमेशा एक-दूसरे को मज़ा देते रहेंगे।