पगली रोती क्यूँ है… यह तो प्यार है

मेरा नाम अंकित वर्मा है और मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र २३ साल है और अच्छी बॉडी है, जिसे देख कर लड़कियाँ फ़िदा हो जाएँ।

मेरा लौड़ा ७ इंच लम्बा और २।५ इंच मोटा है, जिसको देख कर काफी सारी चूत में पानी आ जायेगा।

बात उस समय की है, जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था और पढ़ाई करने के लिए दिल्ली गया हुआ था, मैं वहाँ किराये के मकान में रहता था।

मेरा मकान मालिक जो था, वोह बहुत ही अच्छे स्वाभाव का था। उसके परिवार में उसकी बीवी और उसके दो छोटे-छोटे बच्चे थे।

मैं लगभग ६ महीने से वहीं पर रह रहा था, मकान मालिक से मेरी बहुत अच्छी पटती थी।

मैं जिस यूनिवर्सिटी में पढता था, वहां पर तो लडकियों की कमी नहीं थी। एक से एक लड़कियाँ थीं वहाँ पर, जिनको देख कर मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता था।

मेरा मन तो बहुत करता कि वहीं पर पटक कर एकाध को चोद दूँ, पर यूनिवर्सिटी थी… बवाल हो जाता।

मन को रखने के लिए बाथरूम में जाकर मुट्ठ मार लेता था, उनमें से किसी के नाम से।

धीरे-धीरे दिन बीतते गए…

मेरी क्लास में एक लड़की थी, ऋतू। जो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी और मैं उससे लाइन मार रहा था।

वोह भी कुछ दिन में लाइन में आ गई। मेरा तो मन उसको चोदने का करने लगा था,… डेली का रुटीन था, मैं उसके नाम से मुट्ठ मार लिया करता था… सोचता कि जाने कब उसकी चूत चोदने को मिलेगी।

हम कभी पार्क में मिलते तो कभी रेस्टोरेंट में।

एक दिन मेरा मकान मालिक अपनी पूरी फैमिली के साथ अपने घर जाने वाला था। मुझे लगा अब मौका सही है, चौका मार देना चाहिए…

मैंने तुरंत ऋतू को फ़ोन किया – जान, आज मुझे तुमसे मिलना है…

वोह भी राजी हो गई, फिर मैंने उससे अपने कमरे पर रात में बुलाया।

यार, साली इतनी गजब लग रही थी कि उसको देख कर मेरा लौड़ा तन गया। मैंने उससे बैठने के लिए कहा।

मैं बता दूँ उसकी चुचियाँ, बड़ी मस्त थीं। गोल-मटोल… एकदम संतरे की तरह।

फिर जब हम लोग चाय पी चुके। मैंने उससे कहा – मैं तुम्हारे प्यार में पागल हो चूका हूँ ऋतू, और तुम्हारे साथ कुछ करना चाहता हूँ…

उसने कहा – नहीं, यह सब नहीं सही है।

मैंने कहा – डार्लिंग, प्यार में सब जायज है…

मैं था तो बचपन से ही कमीना, मैंने उसका चेहरा पकड़ा एकदम से और उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए।

उसने एकदम से छुड़ा दिया और कहा – अंकित, यह सब सही नहीं है।

मैंने फिर उसके होंठ में होंठ रख दिए और लगातार चूसने लगा। धीरे-धीरे वोह गर्म होने लगी और मेरा साथ दे रही थी।

मैंने धीरे से उसके चुचे पर हाथ रख दिया और पागलों की तरह दबाने लगा।

धीरे-धीरे मैंने उसके सारे कपडे उतार दिए… यार, क्या बताऊँ, उसकी बॉडी इतनी सॉफ्ट थी कि पूछो मत…

यार, मैं तो पागल हुआ जा रहा था। मैं धीरे से उसके ऊपर चढ़ गया और उसके चुचे मुँह में लेकर चूसने लगा और वोह एकदम मदहोश हुई जा रही थी…

मैंने सोचा अब देर करना ठीक नहीं है, मैंने अपना लौड़ा निकाला, जिसे देखकर उसने शरम से आँखें मूंद ली।

मैंने धीरे से उसकी टाँगों को अलग किया… यार, उसकी चूत पर बिलकुल बाल नहीं थे, चूत एकदम गुलाबी थी…

जिसे देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था, मैंने धीरे से उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा और धीरे-धीरे अन्दर करने लगा।

वह बहुत जोर से चिल्लाई, उसने कहा – धीरे-धीरे करो दर्द होता है, मैंने धीरे-धीरे लण्ड अन्दर किया और चुदाई करने लगा फिर उसको भी मज़ा आने लगा और थोड़ी देर में वोह उछल-उछल कर साथ देने लगी…

मैं आपको एक बात बता दूँ कि पहली शिफ्ट में लण्ड २ मिनट से ज्यादा नहीं रुक पता है… तो मैं पहले ही मुट्ठ मार के आया था ताकि देर तक राउंड चले।

कुछ मिनट बात मुझे लगा वोह झड़ने वाली है, मैंने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी।

वोह झड गई और मैं भी झड़ने वाला था, मैं लगातार स्पीड से उसको चोद रहा था…

कुछ देर बाद मैं झड गया और उसके ऊपर लेट गया।

झड़ने के बाद उसने अपनी अपनी आँखें बंद कर लीं, मैंने जब आँखों से हाथ हटाया तो वो रो रही थी।

मैं कहा – पगली, रोती क्यूँ है… यह तो प्यार है।

वोह तुरंत मेरा गले लग कर रोने लगी और कहा – मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम्हारे बिना नहीं रह सकती।

मैंने कहा – मैं भी तुम्हें बहुत चाहता हूँ…

दोस्तो, बाद में मुझे भी महसूस हुआ कि मैंने बहुत गलत कर दिया…

आज भी मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और शादी भी उसी से करूँगा।

मैं आपको एक बातना चाहता हूँ कि आप जिससे भी प्यार करो उसके साथ कभी सेक्स मत करना… जो गलती मैंने की है, मैं नहीं चाहता कि और कोई करे…

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