कोचिंग के स्टूडेंट से अपनी चूत चुदवाई

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रजनी है और मैं बनारस की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 28 साल है और मैं बच्चो को कोचिंग पढ़ाती हूँ घर में | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा फिगर सेक्सी है | कमर 34 है और मेरे दूध 32DD है और गांड चौड़ी है इसलिए मै उसका साइज़ नही बताउंगी | मेरा बदन और हुस्न ऐसा है कि अच्छे अच्छे लडको का क्या बुद्धो तक का लंड खड़ा हो जाता है जब वो मुझे देखते हैं | आज जो मैं आप लोगो के सामने कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची कहानी है | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी पर आती हूँ |
जैसा की मैंने आप लोगो को बताया कि मैं अपने घर में बच्चो को पढ़ाती हूँ और मैंने ये काम कुछ ही समय पहले शुरू किया है तो अभी बच्चे कम ही आते हैं | अभी मेरे पास पहली कक्षा से छटवी कक्षा तक के बच्चे आते हैं | मैंने एक इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढाई की है और कॉलेज भी मेरा अच्छा था जिस वजह से मुझे इंग्लिश में और बाकि किसी और सब्जेक्ट में दिक्कत नही हुई | मेरे घर में जो भी बच्चे आते हैं सभी अच्छे स्कूल के बच्चे आते हैं और सभी इंग्लिश मीडियम के बच्चे हैं | एक दिन की बात है मैं बच्चो को पढ़ा रही थी तभी मेरे घर के पीछे वाली आंटी आई और अपने बच्चे को भी साथ लायी | जो उनका बेटा है वो 10वी कक्षा में पढाई करता है और बहुत ही बदमाश है उनका बेटा | जब वो आई तो उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा मेरे बेटा पढाई में बहुत कमजोर है क्या तुम इसे अच्छे से पढ़ा सकती हो ? तो मैंने कहा ठीक है आंटी कोई बात नही मैं इसे पढ़ा दूंगी | फिर उन्होंने फीस पुछा तो मैंने 1000 पांच सब्जेक्ट का बता दिया | तो वो मान गयी और मुझसे कहा कि आपके घर मैं इसे कितने बजे भेजू ? तो मैंने कहा कि आंटी आप इसे 6 बजे शाम को भेज दिया करना क्यूंकि ये जो बच्चे आते हैं ये छोटी क्लास के हैं तो मैं इनको 4 बजे से 6 बजे तक पढ़ाती हूँ तो आप के बेटे को मैं 6 बजे से 8 बजे तक पढ़ा दूंगी | तो उन्होंने कहा ठीक है तो मैं कल से भेज दूंगी | मैंने भी कहा ओके आंटी | फिर मैं बच्चो को पढ़ाने लगी | उनके बेटे का नाम अमर है और वो दिखने में गोरा जरुर है पर है बहुत ही बदमाश लड़का | वो मोहल्ले के बिगड़े लडको के साथ रहता है | बाकि वो 10 वी कक्षा का लगता नही है क्यूंकि उसका शरीर किसी और 10वी कक्षा के लडको की तुलना मै काफ़ी अच्छा है | अगले दिन जब वो 6 बजे आया तो मैंने उसे शुरू से पढाना चालू किया | वो पढाई में सही में अच्छा नही है | उस दिन मैंने ब्लैक कलर का सूट पहने हुई थी और मेरी दोनों पेंटी गीली थी तो मैंने उस दिन पेंटी नही पहने थी | वो मेरी तरफ बार बार देख कर हंस देता और मैं कुछ समझ नहीं पाती | जब वो कई बार मुझे ऐसे देख कर हंसने लगा तो मैंने उससे पूछा कि तुम मुझे बार बार देख कर क्यू हंस रहे हो ? तो उसने कहा कि आप ने पायजामा पहना है वो बीच में से फटा है और उस छेद से आपकी चूत साफ़ दिखाई दे रही है | मैंने एक दम से अपने पायजामा की तरफ देखा तो सच में उसमे छेद था और मेरी चूत दिख रही थी | उस समय मेरी चूत में हलके हलके बाल भी थे |
फिर मैंने उससे कहा कि तुम यही सब करने आये हो क्या ? पढाई में ध्यान दो अपना | फिर मैं जल्दी से दूसरा पायजामा ली और बाथरूम में जा कर चेंज कर के वापस आई | वो तब भी मुस्कुरा रहा था तो मैंने फिर से अपने पायजामे को देखा और मन में कहा कि ये तो ठीक है पर अब ये क्यू मुस्कुरा रहा है ? तो मैंने उससे पूछा कि अब तुम क्यू मुस्कुरा रहे हो ? तो उसने कहा कि आप की चूत देखी मैंने तो मेरा लंड खड़ा हो गया और वही बात बार बार मुझे याद आ रही है इसलिए मुकुराहट निकल रही है | उसकी ऐसी बात सुन कर मुझे भी अच्छा लगा और मेरी चूत गीली हो गयी | मैंने उससे कहा कि अपने छोटे से लंड पर काबू रखो और पढाई करो चुपचाप | तो उसने गुस्से से कहा कि मेरा छोटा लंड नही है 8 इंच लम्बा है मेरा लंड | मैंने कई ब्लू फिल्म देखी है उसमे किसी भी इंडियन का इतना बड़ा लंड तो नही देखा जितना ये बता रहा है | तो मैंने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि तुम्हारा इतना बड़ा लंड होगा | तो उसने कहा ताव में आ कर कहा कि दिखाऊ क्या ? तो मैंने भी कह दी कि दिखा अपना लंड | जब उसने अपना लंड चैन खोल कर बाहर निकाला तो मेरा मुंह खुल गया | उसका लंड सच में बहुत बड़ा है और मोटा भी है | ये देख कर मेरी चूत से पानी रिसने लगा और उसका लंड मुंह में लेने का मन करने लगा | पर मैंने अपने आप पर काबू रखा क्यूंकि मेरे घर में सभी थे | उसके अगले दिन सन्डे था तो मैने उस दिन छुट्टी रखी और बस अमर को आने को कहा था क्यूंकि वो पढाई में कमजोर है | उस दिन मेरे मम्मी और पापा ने कहा कि बेटा हम थोडा रिश्तेदार के घर जा रहे हैं | तो हमे लौटने में देर हो जायगी | तो मैंने कहा ठीक है कोई बात नही | फिर वो चले गए और जैसे ही वो गए तुरंत ही अमर आ गया | फिर मैं उसे पढाना चालू कर दी | उससे मैंने कहा कि तुम जब तक पढाई करो मैं तब तक छत पर कपडे डाल कर आती हूँ | उसके बाद मैं कपडे छत पर डाल कर आई तो मैंने देखा कि अमर अपना लंड निकाल कर मुठ मार रहा था और मैं ये देख कर मेरी चूत भी गीली हो गयी तो मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका मुझे नही मिलेगा चुदवाने का |
तो मैं उसके पास गयी और उसे उठा कर कुर्सी में बेठा दी | अब मैं अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और उसके होंठ को चूसने लगी साथ में उसके लंड को भी हिलाने लगी | वो भी मेरा साथ देते हुए मुझे किस करने लगा और मेरे दूध को मसलने लगा | फिर मैंने मैंने उसकी जीन्स को उतार दी और अंडरवियर भी | अब मैं उसके लंड को चाटने लगी तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगा | फिर मैंने उसके लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी | वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को दबाने लगा लंड पर | फिर उसने मुझे नंगी कर दिया और मेरे दोनों दूध को अपने मुह में ले कर जोर जोर से मसलते हुए चूसने लगा | मेरे मुंह से भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया लेने लगी | फिर उसने मुझे वही पर लेटा दिया और मेरी टाँगे चौड़ी कर दिया और मेरे चूत में अपनी जीभ रख कर चाटने लगा | तो मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मचलने लगी |
फिर उसने मेरी चूत में अपना लंड टिकाया और एक ही झटके में घुसेड दिया और धीरे धीरे शॉट मारते हुए चोदने लगा तो मैंने भी उसका साथ देते हुए आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी और गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी | फिर उसने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मार मार कर चोदने लगा तो मैं भी जोर जोर से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया लेने लगी | वो मुझे काफ़ी अच्छे से चोद रहा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी | कुछ देर की चुदाई के बाद उसने मेरे मेरे मुंह के ऊपर ही अपना माल निकाल दिया |
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी ये कहानी जरुर पसंद आयगी | आप सभी का मेरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|