मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ता हूँ और आनन्द लेता हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगा। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रहा हूँ। कई दिन से मैं लिखने की सोच रहा था। अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।
मेरा नाम श्रीकांत दुबे है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ। मैं अब 20 साल का जवान मर्द हो चूका हूँ और मेरी बोडी अब काफी सेक्सी हो गयी है। मेरी 2 गर्लफ्रेंड्स है शीना और मोनिका। दोनों की मैं चुदाई करता हूँ पर दोनों यही समझती है की मेरी सिर्फ एक गर्लफ्रेंड है। दोस्तों मैं नई नई चूत की तलाश में रहता हूँ और पडोस की भाभी लोगो को भी पटाकर चोद लेता हूँ। मैंने अपनी बहन तक को नही छोड़ा है। किसी भी जवान लड़की को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मेरे लंड की लम्बाई 8” की है।
इस लौड़े ने अनेक चूत में गोता लगाया है और कसके चुदाई की है। मैं अपने लंड को योगीबाबा के नाम से पुकारता हूँ। क्यूंकि इसने चोद चोदकर अच्छी अच्छी लड़कियों की चूत का धुंआ निकाल दिया है। मेरा योगीबाबा बहुत ताकतवर है और असली लौड़ा है। मेरा स्टैमिना 30 मिनट से जादा का है। मेरी चुदाई से हर लड़की काफी संतुस्ट दिखती है। कल की बात आपको बता रहा हूँ। मेरी सगी बहन का नाम वसुंधरा है। वो अब 19 साल की हो गयी है और मेरे साथ ही अभी तक सोती थी। मैं पहले वसुंधरा को गलत नजर से नही देखता था पर कुछ दिनों से उसका जिस्म एक सेक्सी औरत की तरह खिल गया था। वसुंधरा का नारी स्वभाव और नारीत्व अब दिखने लगा था और दूध कितने बड़े बड़े हो गये थे। मेरी बहन अब पूरी तरह से जवान हो गयी थी। अब उसे चोदने का दिल करता था। कल रात को सर्दी अचानक से जादा पड़ने लगी तो मैं अपनी बहन की तरफ खिसक गया। वो दूसरी तरफ मुंह करके सो रही थी टी शर्ट और लोवर पहने थी। मुझे सर्दी कुछ जादा ही लग रही थी तो मुझे मजबूर होकर वसुंधरा से चिपकना ही पड़ा। फिर वो करवट ले ली और मेरी ओर मुंह करके लेट गयी। मेरी नजरे उसकी चुस्त टी शर्ट पर पड़ी तो मैं सेक्सी फील करने लगा। जिन बड़े बड़े दूध को मैं दूर से तिरछी नजर से देखता था वो दूध मेरे बिलकुल पास थे। मेरी बहन के दूध 36” के बड़े बड़े गेंद जैसे थे और फिगर 36 32 36 था। रात के वक़्त कमरे में सिर्फ मैं और वसुंधरा ही थे।
मैंने जल्दी से अपना हाथ उसकी टी शर्ट पर रख दिया और चूची को सहलाने लगा। वसुंधरा सोती रही और कुछ न जान सकी। इसी बीच मुझपर सेक्स का भूत चढ़ गया और मैं तेज तेज दूध मसलने लगा। कुछ देर बाद उसकी चूत को छूने की इक्षा होने लगी। मैंने धीरे से उसके लोअर में हाथ घुसा दिया और पेंटी तक मेरी उंगलियाँ पहुच गयी। अब मैं अपनी सगी बहन की चूत पर ऊँगली से पेंटी के उपर सहलाने लगा। “ओह्ह कितनी गर्म चूत है इसकी!! बिलकुल भट्टी जैसी तप रही है” मैंने कहा। उसके बाद चूत को पेंटी के उपर से घिसने लगा। कुछ देर बाद वसुंधरा की आँख अचानक खुल गयी और उसने मुझे रंगे हाथो पकड़ लिया। “ये क्या भाई??? तुम ये क्या कर रहे हो??” वो परेशान होकर कहने लगी “मैं मैं वो वो….” बोलकर हकलाने लगा
“तुम मेरे साथ कुछ गलत काम कर रहे थे न। मैं कल मम्मी को सब बोल दूंगी” वसुंधरा बोली
“प्लीस बहन ऐसा मत करना प्लीस” मैंने हाथ जोडकर कहा
“पहले तुम बताओ की तुम मेरे साथ क्या कर रहे थे???” वसुंधरा बोली दोस्तों वो अभी चुदाई के बारे में कुछ नही जानती थी। उसे तो लंड और चूत की दोस्ती के बारे में भी कुछ नही जानती थी।
“वसुंधरा!! मैं तो तुमसे मजे लेने की सोच रहा था” मैंने धीरी आवाज में कहा “मजा?? किस तरह का मजा??” बहन बोली
मैंने उसी वक़्त अपना मोबाइल ओंन किया और अपनी सेक्सी बहन को कुछ ब्लू फिल्म दिखा दी। वसुंधरा की खूब मजा मिला चुदाई फिल्म देखकर। “बहन!! इसी मजे की बात तो मैं कर रहा था” मैंने कहा
“भाई!! तुम मेरे साथ चुदाई करो। अपना भी मजा लो और मुझे भी दे दो” वसुंधरा बोली फिर उसने खुद ही अपनी टी शर्ट और लोअर उतार दिया। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए। इस समय दिसम्बर का मौसम चल रहा था। काफी सर्दी हो रही थी। पर चुदाई से हम दोनों को काफी गर्मी मिलने वाली थी। जब मैं पूरी तरह से नंगा हो गया तो मैंने अपने फोन की फ़्लैश लाईट ऑन कर दी। और बेड के साइड रख दिया। अब मुझे अपनी जवान बहन के मस्त मस्त दूध दिख रहे थे। जैसे ही मैंने वसुधरा के मस्त मस्त आम पर हाथ रखा और छूने लगा तो वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा सी सी सी ओह्ह” करने लगी। अपने मोबाइल की रौशनी में उसके चुचे किसी औरत की तरह बड़े बड़े लग रहे थे। मैं तो जान ही न सका की बहन कब जवान हो गयी। अंदर से उसका जिस्म कितना गोरा और चिकना था। ये सब देखकर मैं और उत्तेजित हो गया और वसुंधरा के मम्मो को हाथ से हिला हिलाकर दबाने लगा। फिर चूची मुंह में लेकर चूसने लगा। और किसी प्यारे छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा। “ओह्ह भाई!! कितना अच्छा लग रहा है!! और चूसो भाई” वसुंधरा बोली ये सुनकर मैं मुंह चला चलाकर उसके मम्मे चूसने लगा और काफी देर सक चूसता रहा। फिर दूसरी चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा। वसुधरा के दूध तो किसी बड़ी उम्र की औरत की तरह अब बड़े बड़े हो गये थे। कितनी सेक्सी दिख रही थी। मैंने हाथ से बड़ी देर तक उसकी चूची को हाथ से मसला। वैसे ही 36” की चूचियां बड़ी रसीली होती है। वसुंधरा
“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करती रही। अब मैंने उसे बाहों में कर लिया और पुरे जिस्म पर खूब चुम्मा लिया। “आई लव लू भाई!!” वसुंधरा ऐसा बोलने लगी
“आई लव यू बहना!!” मैंने कहा
और उसके बाद तो मैंने उसको सीने से चिपका लिया। काफी गर्म बदन था उसका। अब मैं समझ गया था की लडकियों का बदन बहुत गर्म होता है। वसुंधरा की जवानी फूट पड़ी और उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड की तरह अपने सीने से चिपका लिया। दोनों लोग एक दुसरे को चुम्मा लेने लगे। फिर मैंने उसके उपर आ गया और उसके होठो पर अपने होठ लगा दिए। उसके बाद दोनों एक दुसरे के लब चूसने लगे। मैंने अपनी जवान 19 साल की बहन की जवानी का खूब रस पीया। उसके होठो को समझ लो खा गया। इस तरह से दोनों आनन्द में सराबोर हो गये। फिर से मेरे हाथ उसके बड़े बड़े हॉर्न पर पहुच गये और उसकी निपल्स को मसलने लगा। फिर रजाई के अंदर अंदर मैं नीचे सरक गया किसी चोर की तरह और वसुंधरा की चूत को हाथ से रगड़ने लगा। मैंने रजाई के अंदर उसकी चूत को ताड़ नही पा रहा था इसलिए मैंने अपने फोन को उठा लिया और अंदर ले गया।
मुझे अपनी सगी जवान मदमस्त बहन की चूत दिख गयी। बाल सफा और बिलकुल चिकनी। जब मैं चूत के लबो को हाथ से सहलाने लगा तो वसुंधरा “अई…..अई….अई…
अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। उसके बाद मैं लेट गया और मुंह लगाकर चूत को पीने लगा। मेरे ओंठ लगाते ही वसुंधरा कामुक सिसकारी लेने लगी और उन्नह उन्ह उन्ह सी सी आह आह करने लगी। मैं जल्दी जल्दी फोन की लाईट जलाकर अपनी बहन की जवान चूत को चाट रहा था और देख भी रहा था।
“ह्ह्ह्ह भाई!! बड़ा आनन्द आ रहा है!! चाटो!! और चाटो!!” बहन बोली तो मैंने उसकी हर ख्वाहिश पूरी कर दी और खूब चूसा और चाटा उसकी गुलाबी भोसड़ी को। दोस्तों उसके चूत अब पूरी तरह से परिपक्व हो गयी थी। मेरी बहन अब चुदने को हो गयी थी। मैं जीभ लगा लगाकर उसका रस चूस रहा था। “ओह्ह भाई! मजा आ रहा है!! करते रहो! रुकना मत!” वसुंधरा बोली उसकी गर्म गर्म जोशीली चींखे मुझे और पागल कर रही थी। मैं अपने मुंह से उसके चूत के लबो को चूसने लगा और बहन को जवानी का मजा दे दिया। उसके बाद मैंने रजाई ओढ़ कर ही अपना लंड उसकी भोसड़ी में लग़ा दिया और चोदने लगा। वसुंधरा “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी। मैं लम्बे लम्बे धक्के उसकी चूत में मारने लगा और फोन की लाईट से उसकी चूत की कंडीशन देख रहा था। मेरा लंड हच्च हच्च उसकी चूत का बैंड बाजा बजा रहा था। घच्च्च घच्च मैं अपनी सगी बहन को पेल रहा था। उसकी चिकनी चूत मारने का अपना अलग की मजा था। फिर तो उसकी भोसड़ी भी अपना माल छोड़ने लगी और चूत अच्छे से चिकनी हो गयी। अब तो दोस्तों मेरा लंड उसकी चूत की अच्छे से मरम्मत कर रहा था।
“यस यस यस भाई!! fuck me harder!!” ऐसा वसुंधरा कहने लगी
उसके बाद तो मैने लम्बे लम्बे धक्के देकर उसकी चूत खूब चोद डाली और अब मेरी सांसे भी तेज हो गयी। अब तो मैं भी झड़ने वाला हो गया। वसुंधरा “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम
अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” चिल्लाने लगी। मैंने अपना बैलेंस खो दिया और काफी उतावला हो गया। इस बीच मेरे लौड़े से अपना माल पिच पिच्च करके छोड़ दिया। मैं हाफकर वसुंधरा के उपर ही लेट गया और मेरे माथे से पसीना निकलने लगा। काफी गर्मी निकल गयी थी इस चुदाई में। मेरा 8” का लम्बा चौड़ा योगीबाबा अब भी बहन की भोसड़ी में घुसा हांफ रहा था। फिर से वसुंधरा ने मुझे बाहों में ले लिया और अपने सीने से लगा लिया।
“भाई!! मेरी तो सुहागरात मन गयी” वो बोली
“सच कहा बहन!! मैंने भी तुझे चोदकर शादी से पहले ही सुहागरात मना ली। हिंदी सेक्सी स्टोरी देख इस चुदाई के बारे में मम्मी पापा को पता न चले” मैंने कहा
“भाई!! तुम मेरे प्यारे चोदू भाई हो। मैं किसी से नही कहूंगी” वसुंधरा बोली उसके बाद उसकी चूत में लंड डाले डाले मैं सो गया अपनी जवान बहन को बाहों में भरके। अगले दिन वसुंधरा भी अलग सेक्सी नजरो से देख रही थी। वो सुबह नहा धोकर कॉलेज चली गयी। मैंने भी अपनी जॉब पर चला गया। आज शायद फिर से चुदाई हो जाए मैं सोच रहा था। रात में मम्मी पापा और मैं और वसुंधरा टेबल पर बैठकर खाना खाने लगे। तो वो कामिनी टेबल के नीचे से मेरे पेंट पर हाथ लगाकर मेरा लंड पकड़ने लगी। मैं तो डर ही गया।
“वसुंधरा बेटी!! ये अपना हाथ टेबल के नीचे क्यों किया है तुमने??” मम्मी ने पूछा मैं तो बहुत डर गया ये सोचकर की अगर मम्मी पापा को हमारे नाजायज रिश्ते के बारे में खबर हो गयी तो क्या हाल होगा। मैंने वसुंधरा को गुस्से में आँखे दिखाई तब जाकर उसने मेरा लंड छोड़ा। दोस्तों हमारा घर काफी छोटा था। सिर्फ 3 कमरे थे। एक तो स्टोर रूम था और एक में मम्मी पापा सोते थे और दुसरे में मैं और वसुंधरा। रात में हम दोनों फिर से एक ही बेड पर लेट गये। कुछ देर तक टीवी देखकर रात के 11 बज गये। मेरी चुदासी बहन ने टीवी बंद कर दी और दरवाजा पर अंदर से कुण्डी लगा ली। फिर किसी रंडी लौडिया की तरह मेरे सामने उसने अपना सलवार कमीज उतार दिया। फिर किसी छिनाल लड़की की तरह ब्रा और पेंटी उतार डाली।
“क्यों भाई!! आज क्या ख्याल है!!” वो मेरे पास नंगी होकर आ गयी और बोली “रंडी!! लगता है तेरी चूत में बहुत गर्मी है!! मम्मी के सामने ही मेरा लौड़ा पकड़ रही थी। आज साली तेरी गांड कसके चोदूंगा तो सब रंडीपना भूल जाएगी” मैंने गुस्से में कहा और अपनी चुदासी बहन का गला पकड़ लिया और दबाने लगा। मुझे गुस्सा भी आ रहा है। फिर मैंने भी खड़े खड़े ही उसकी चूत में ऊँगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। अब मेरी रंडी बहन “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”करने लगी।
“साली! बहुत गर्मी ही तेरे जिस्म में!! आज सब निकाल देता हूँ” मैंने गुस्से से आँख दिखाकर कहा और खड़े खड़े उसकी चूत में ऊँगली चलने लगा। वसुंधरा सी सी ई ई आ करने लगी। खूब जल्दी जल्दी बेरहमी से ऊँगली की मैंने और काफी बदतमीजी ने पेश आ रहा था। 10 मिनट तक मैंने खड़े खड़े उसकी चूत में ऊँगली कर दी जिससे उसका पानी चूत गया और मेरा हाथ उसके रस से भीग गया। मैंने एक चांटा उसके गाल पर जड दिया और नीचे बैठ गया और उसकी सांवली बुर को चाटने लगा।
“भाई!! आज मुझे किसी रंडी की तरह चोद डालो!!” वसुंधरा बोली
“साली रांड!! आज तेरी ख्वाहिश जरुर पूरी करूंगा” मैंने कहा “चल छिनाल!! घोड़ी बन!! आज तेरी गांड बिना तेल के चोदता हूँ” मैंने गुस्से से कहा फिर उनकी बुर में मैंने ऊँगली डालकर उसका सफ़ेद पानी लिया और अपने लंड के मोटे सुपारे पर अच्छे से मल दिया। अब झुक गया और अपनी सेक्सी जवान और आवारा बहन की गांड जीभ लगाकर चाटने लगा।
“भाई!! तू तो बड़ा चोदू मर्द है रे!!” बहन बोली
मैंने जीभ लगाकर उसकी गांड का कुवारा छेद चाट रहा था। आज तक मेरी बहन की गांड किसी ने नही चोदी थी। इसलिए मैं अच्छे से चाट रहा था। फिर अपने 8” योगीबाबा को हाथ से पकड़कर उसकी गांड में घुसाने लगा। दोस्तों अंदर ही नही जा रहा था। मुझे जरा गुस्सा आ गया। मैंने चट चट उसके पुट्ठे पर हाथ से अनेक चांटे जड़ दिए और पुट्ठो को लाल कर दिया। मेरी बहन के पुट्ठे कितने सुंदर और लाल लाल थे जैसे अमेरिका की रंडियों के चूतड़ होते है उसी तरह से थे। जब जब मैं हाथ से चांटे मारता था तो मेरी उँगलियाँ लाल लाल छप जाती थी। फिर मैंने फिर से उसकी गांड को मुंह लगाकर पीना शुरू कर दिया। उसमे उपर से थूक दिया और अपने लंड पर थूक मल दिया और किसी तरह जुगाड़ लगाकर मैंने लौड़ा उसकी गांड में घुसा दिया।
वसुंधरा दर्द से काऊं काऊ करने लगी। कल्ला गयी उसकी गांड। उसके वो दर्द भरी आवाज में “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। “भाई!! अपना लौड़ा निकाल लो ….वरना मैं मर जाउंगा!!” मेरी रंडी बहन कहने लगी
“रांड!! आज चोदूंगा तेरी गांड!!” मैंने कहा और उसकी गांड को fuck करना शुरू कर दिया।
वसुंधरा अजीब अजीब तरह का मुंह दर्द से कराहकर बनाये जा रही थी। मैं उसको घोड़ी बनाये था उसके दोनों हाथो और घुटनों पर। मैं उसकी गांड को अभी तो आराम आराम से चोद रहा था। उफ्फ्फ्फ़!! कितनी कसी गांड थी दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। मैंने काफी देर अपनी सगी बहन की गांड चोदी और उसी में झड़ गया। जब लौड़ा बाहर निकाला तो वसुंधरा भीगी बिल्ली बन गयी थी। उसके आँशु निकल रहे थे। उसकी सब हेकड़ी निकल गयी थी।
अब तो रोज की बहन के साथ सुहागरात मन जाती है।